Monday, 31 May 2021

Station master sending message to Rail minister

 


आज ऑल इंडिया स्टेशन मास्टर एसोसिएशन के तरफ से रेल मंत्रालय और रेलवे बोर्ड के चेयरमैन को उनके मोबाइल पर सेंट्रल ऑफिस बैरियर के द्वारा  मैसेज भेजा जा रहा है ! साथ ही सभी स्टेशन मास्टर के तरफ से रेल मंत्रालय, रेल मिनिस्टर,  रेलवे बोर्ड चेयरमैन को ट्वीट भी किया जा रहा है जिसमें लिखा गया है कि "सभी स्टेशन मास्टर को फ्रंटलाइनर स्टाफ के रूप में घोषित करें और सभी को दिलवाया जाए , अगर आप ऐसा नहीं कर सकते तो हमें भी जीने का अधिकार है ! हम सभी स्टेशन मास्टर को एक साथ एक जुलाई 2021 से छुट्टी दे या  ड्यूटी से दूर रखें !" 



आपको मालूम होगा कि कोरोना काल में भारतीय रेलवे के 149 स्टेशन मास्टर की मौत हो चुकी है और हजारों स्टेशन मास्टर और उनके परिवार के लोग कोरोना महामारी से संक्रमित है क्योंकि पिछली बार की तरह इस बार भी सभी स्टेशन मास्टर योद्धा समय पर पहले की तरह ही इस महामारी में अपने ड्यूटी जा रहे हैं जहां उनको पैसेंजर ट्रेन, स्टॉप स्पेशल, गुड्स ट्रेन, ऑक्सीजन स्पेशल ट्रेन को चलाना पड़ रहा है !क्योंकि यह आम लोगों के साथ साथ खास लोगों के लिए भी  यह जीवनदायिनी का काम कर रहा है फिर भी भारत सरकार और इंडियन रेलवे को स्टेशन मास्टर की चिंता नहीं है !


कल ही शाम सेंट्रल ऑफिस बैरियर, जोनल रेलवे बैरियर के द्वारा ऑनलाइन बैठक में यह निर्णय लिया गया के सभी स्टेशन मास्टर @MR @piyush goyal  @CRB को tweet करेंगे , जबकि जोनल ऑफिस बैरियर के द्वारा मिनिस्ट्री ऑफ रेलवे और सीआरबी को उनके मोबाइल पर मैसेज किया जाएगा उन दोनों का मोबाइल नंबर 97176 47003 और 99104 17493 है ! इसी तरह जोनल ऑफिस बैरियर और डिविजनल ऑफिस बैरिया के द्वारा अपने-अपने रेलवे जोन के तहत आने वाले सभी जनरल मैनेजर ऑफ रेलवे को उनके मोबाइल पर मैसेज करेंगे !  फिर डिविजन लेवल पर डिविजनल ऑफिस बैरियर के द्वारा अपने-अपने डिविजन में डीआरएम को मैसेज करेंगे ! 


इस तरह से अगर देखा जाए तो भारतीय रेलवे के स्टेशन मास्टर के द्वारा tweet एक की झड़ी लगा दी गई है !  देखना है कि इस पर रेल मिनिस्टर का क्या फैसला आता है क्या वह सभी रेलवे के स्टेशन मास्टर को फ्रंटलाइनर स्टॉप घोषित करके वैक्सीनेट करवाआते हैं या नहीं या फिर 1 जुलाई से सभी स्टेशन मास्टर को एक बार छुट्टी दी जा रही है या नहीं !

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Saturday, 29 May 2021

जांच में हजारों टीचर फर्जी

 

बिहार में प्राइमरी स्कूल से लेकर विश्वविद्यालयों तक में शिक्षक नियुक्ति का गोरखधंधा बहुत पहले से चल रहा है। ऐसे-ऐसे उदाहरण मिलेंगे कि दिन में ही तारे नज़र आने लगेंगे। औरतों की नियुक्ति के मामले में तो ऐसे कारनामे १९७० से ही चल रहे हैं, और समय के साथ ही इसका विस्तार होता गया। कालेजों और विश्वविद्यालयों में भी ऐसे-ऐसे लोगों की ऐसे-ऐसे तरीके से नियुक्ति हुई है कि आप दांतों तले उंगलियां दबा लेंगे। यह बिहार है, सभी मिलकर विहार करते रहे हैं।



यहां छुछुंदर के माथे पर चमेली का तेल सही चरितार्थ होता है। शिक्षक विद्वान होते हैं परन्तु शिक्षक की बहाली बिहार में हुआ कहाॅं है। अब आप हीं लोग बता सकते हैं कि शिक्षक की बहाली जिला संवर्ग से होता था और बहाली हुआ ग्राम पंचायत एवं नगर निकाय के स्तर पर। यही कारण है कि इतना गड़बड़ झाला हुआ है। सही से अगर जाॅंच किया जाय तो निश्चित रूप से पच्चास प्रतिशत फर्जी शिक्षक पाये जाएंगे।


बिहार जैसा गुणी राज्य जहां एक और प्रतिभाशाली युवाओं ( प्रशासनिक सेवाओं में अग्रणी) से भरी है।। तो दूसरी और भ्रष्ट शिक्षा व्यवस्था में भी अग्रणी है।। आखिर ऐसा विरोधाभास क्यों।। जाहिर सी बात है कि बिहार राज्य में दौगुली भ्रष्ट व स्वार्थ की राजनीति का बोलबाला हमेशा चरम पर रहा है।। फिर चाहे लालू काल हो या अब नीतीश काल।। हालांकि।। यही हाल देश के अन्य राज्यो में भी है।। मगर, बिहार की बात ही अलग है।



हाईकोर्ट के आदेश के बाद वर्ष शिक्षकों के दस्तावेजों की निगरानी जांच सात वर्षों से मुजफ्फरपुर सहित पूरे बिहार में चल रही है ! इस दौरान कई शिक्षक फर्जी सर्टिफिकेट पर नौकरी करते पाये जाने पर बर्खास्त भी हो चुके हैं तो कई पर एफआईआर भी हो चुका हैं ! हालांकि इस जांच में कई बार पेंच भी फंसा है ! निगरानी का कहना है कि शिक्षा विभाग से उसे पूरे फोल्डर नहीं मिले तो विभाग की दलील है कि उसने सारे दस्तावेज जमा कर दिये हैं !


सूची को एनआईसी पर अपलोड भी करना है ! एनआईसी हमें इसके लिए पासवर्ड और आईडी उपलब्ध करा देगा ! इसके बाद 31 मई तक शिक्षकों की पूरी डिटेल शिक्षा विभाग के पोर्टल पर अपलोड किया जाना है ! इसमें शिक्षकों के प्रखंड के नाम, नियोजन इकाई के नाम पिता या पति के नाम, नियुक्ति की तारीख औ ईपीएफ नंबर बताना है !


बिहार में जाली शिक्षकों की संख्या लगभग लाख से ऊपर है। इस समय जो बैलेंस जांच चल रही है,उससे यह स्पष्ट होता है कि, इसकी संख्या और भी बढ़ सकती है।जैसा कि विजिलेंस की जांच से प्रथम दृष्टया यह स्पष्ट हो गया है।कि जाली शिक्षकों की संख्या बहुत अधिक है। उदाहरण के तौर पर पूरे बिहार में 2005 से लेकर 2015 तक नियोजित किए गए शिक्षकों की संख्या जो विजिलेंस जांच से स्पष्ट होता है और जिसका आज तक कोई कागजात निगरानी को अर्थात फोल्डर उपलब्ध नहीं कराया गया है।


निगरानी जांच में वर्ष 2005 से 2015 तक नियोजित शिक्षकों के साथ नियमित शिक्षक भी जद में आयेंगे ! शिक्षकों की सूची में ऐसे शिक्षकों के भी नाम हैं ! कई शिक्षक ऐसे भी हैं जो वर्षों से बिना अनुपति और सूचना के ड्यूटी से गायब हैं ! इसके अलावा कुछ शिक्षक सेवाकाल में भी मृत हो चुके हैं,उनके दस्तावेज भी भेजे गये हैं! बिहार में ऐसे ऐसे शिक्षक तैनात हैं उसके बारे में सुनकर ही हंसी आती है ! कहीं-कहीं मां और बेटी दोनों शिक्षक है और मां से पहले बेटी रिटायरमेंट हो रही है , कहीं बाप की उम्र भी बेटे से कम है !



सवाल है इसके लिए जिम्मेदार कौन है? जबाब है.. हम, कम से कम पंचायत स्तर पर हुई बहाली में। क्योंकि, पंचायत नियोजन ईकाई में सिर्फ एक सदस्य छोड़कर, शेष सभी सदस्य हमारे ग्रामीण ही होते हैं। क्या मुखिया और ग्रामीणों से ज्यादा रुतवा,

औकाद और कानूनी अधिकार पंचायत सचिव को है। दरअसल हम सब मिल कर इस भ्रष्टाचार को पोषा है, पाला है।

फिर भी ये पनप नहीं पाता, यदि प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी द्वारा इसे खाद और पानी नहीं दिया गया होता !



सबसे बड़ा धोखा टीईटी पास छात्रों के साथ हुआ है! जिस नियम के साथ परीक्षा आयोजित की गई थी और रिजल्ट का प्रतिशत इतना कम था कि सारे टीईटी पास का नियोजन हो जाना था। परंतु शिक्षा विभाग में बैठे अशिक्षित या जानबूझकर संशोधन या अटकाने वाले शिक्षाविद ने योग्य छात्रों का भविष्य चौपट कर दिया और सरकार विरोधी लॉबी का ही अधिकांश नियोजन हुआ !

अब भी सरकार को चाहिए कि बिना हील हवाले के टीईटी पास छात्रों का उसी नियमावली पर नियोजन हो जिस नियमावली के अनुसार परीक्षा दिया गया था।



बिहार राज्य का सबसे बडा दुरभागय है।शिक्षक अपने बच्चे को भी सरकारी स्कूल पढाना नही चाहते है क्योकि इनको पता है कि हम सरकारी स्कूल मे कुछ नही करते हैं सिर्फ वेतन उठाते हैं और गरीबों के बच्चों को बर्बाद करते है।जिस राज्य मे भविष्य का निर्माण इस प्रकार हो रहा है उसका मालिक तो उपर वाला ही है।सरकार का इस तरफ एकदम ध्यान नहीं है।

खासतौर से जबसे डबल इन्जन की सरकार आई है शिक्षा पूरी तरह से बरबाद है।


# नए बदलाव की सबसे बुरी स्थिति

# नेशनल हाइवे पर बना 3 मंजिला मकान गिरा, जानमाल का नुकसान नहीं

# Cyclone yass

Friday, 28 May 2021

बदलाव का विरोध



किसी से भी पूछिए कि क्या भारतीय किसान बेहतर के हकदार हैं और लगभग सभी हां कहेंगे। भारत की 60% से ज्यादा आबादी खेती का काम करती है, लेकिन केवल 18% जीडीपी पैदा करती है, यानी हमारे किसान एक औसत भारतीय से औसतन ज्यादा गरीब हैं। ऐसा तब है, जब भारत खुद कम आय वाला देश है। उदाहरण के लिए चीन ($10,000) की प्रति व्यक्ति आय भारत ($2,000) से पांच गुना ज्यादा है। ये आंकड़े ही यह बताने के लिए काफी हैं कि भारतीय किसान गरीब हैं। बदलाव और सुधारों की जरूरत है। किसानों की आय बढ़ानी होगी। 




भारतीय कृषि को और अधिक उत्पादक, प्रतिस्पर्धी और लाभदायक बनना होगा। और ऐसा न कर पाने का कोई कारण नहीं है। दरअसल, भारतीय कृषि के प्रगति न कर पाने के पीछे वही कारण है, जो किसी की भी जिंदगी में होता है- बदलाव का प्रतिरोध। हम सभी में विरोधाभास है। हम बदलाव चाहते हैं, पर बदलने से डरते हैं। यथास्थिति में हम सहज रहते हैं। कईयों को नौकरी से नफरत है। वे बदलाव चाहते हैं। हालांकि, नौकरी वेतन देती है, जीवन में पूर्वानुमान देती है। कुछ अलग करने में अनिश्चितता और जोखिम है। इसीलिए लोग कुछ नहीं करते। यह बदलाव और यथास्थिति का विरोधाभास व्यक्ति, संस्थान, कंपनी और देश, सभी पर लागू होता है। इस लेख का मकसद किसानों या कृषि कानून के विरोधियों की भावनाओं का अपमान करना नहीं है। 


 कृषि कानून मकसद मुख्यत: खेती को आजाद करना है। अभी, किसान सरकारी मंडियों में फसल बेचते हैं। किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) मिलता है, जिससे उन्हें कुछ सुरक्षा मिलती है। बिचौलिए और दलाल अभी भी काफी हैं। यह परफेक्ट सिस्टम नहीं है, लेकिन ठीक-ठाक काम करता है। नए कानूनों के बदलावों में शामिल हैं- किसान कहीं भी निजी खरीदार को फसल बेच सकते हैं, लंबे समय के अनुबंध कर सकते हैं और कीमतें तय कर सकते हैं।




 दूसरे शब्दों में किसान मुक्त बाजार में बिक्री कर सकते हैं, जिससे लंबे समय में सर्वश्रेष्ठ रिटर्न मिलते हैं, जैसा कि हर उस सेक्टर में देखा गया है, जिसे स्वतंत्र किया गया। क्या यह बड़ा बदलाव डरावना है? हां, बेशक है। यह अपरीक्षित है। क्या इसमें बुरी स्थिति की आशंका है? हां। किसान को मुक्त बाजार मिले, लेकिन हो सकता है कि मोलभाव की शक्ति छिन जाए, जिससे निजी खरीदार शोषण करने लगें। इस आशंका से नए कानूनों को लेकर डर है। इसीलिए मांग हो रही है, कानून रद्द कर दो, हमारी यथास्थिति वापस ले आओ (भले ही वो दयनीय हो)। 


आंदोलनन सिर्फ नए कानूनों की खूबियों-खामियों को लेकर नहीं है। यह बदलाव का डर है, अनजान स्थिति का भयानक डर। गलत न समझें, यह डर वास्तविक है, बुरी स्थिति की आशंका वास्तविक है। हालांकि, यह फैसले लेने का तर्कसंगत तरीका नहीं है। हम कहते हैं कि हम सुधार चाहते हैं और फिर ऐसा करने के किसी भी प्रयास को डर के कारण विफल करने का कोई अर्थ नहीं है। जब बदलाव की बात आती है तो हम यह गलती करते हैं कि हम मौजूदा स्थिति के सबसे अच्छे परिदृश्य की तुलना नए बदलाव की सबसे बुरी स्थिति से करते हैं। हम कहते हैं कि मौजूदा सिस्टम किसान को एमएसपी देता है और उन्हें सुरक्षित रखता है (श्रेष्ठ स्थिति), लेकिन नया सिस्टम शोषण की ओर ले जा सकता है (सबसे बुरी स्थिति)। देखिए, हमने मौजूदा सिस्टम की सबसे अच्छी स्थिति की तुलना, नए सिस्टम की सबसे बुरी स्थिति से की। ऐसी तुलनाओं से, आप कभी नहीं बदलेंगे। बदलाव के मूल्यांकन का सही तरीका है सर्वश्रेष्ठ स्थिति की तुलना सर्वश्रेष्ठ से करना। नए कानून काम करते हैं तो सर्वश्रेष्ठ स्थिति यह होगी: भारतीय कृषि में तेजी से निजी पूंजी आएगी, जिससे बड़े सुधार होंगे। 


किसान श्रेष्ठ मूल्य पर बिक्री कर अमीर हो सकते हैं। बिचौलिए हट सकते हैं, जिससे कार्यक्षमता बढ़ेगी। आप बुरी स्थितियों की तुलना करना चाहते हैं तो मौजूदा सिस्टम की बुरी स्थिति भी देखें। अभी, एमएसपी बहुत कम हो सकती है, किसान के पास उसी पर बेचने के अलावा विकल्प नहीं है, जिससे लागत तक नहीं निकलती। वह कर्ज में डूब सकता है। अगर आप बढ़ना चाहते हैं, तो बदलाव अपनाना होगा। इसके लिए हमें डर को जीतना जरूरी है। साथ ही ज्यादा तर्कसंगत तुलना के लिए श्रेष्ठ स्थिति की तुलना श्रेष्ठ और बुरी की बुरी से होनी चाहिए। बदलाव लाने वाले कानून शायद परफेक्ट न हों, शायद उनमें सुधार की जरूरत हो, लेकिन हमें उन्हें प्रोत्साहित करना चाहिए। आइए, हम बदलाव उन्मुख और सुधार की मानसिकता बनाएं और देश को आगे ले जाएं।

Thursday, 27 May 2021

बिहारः जहानाबाद के मखदुमपुर में देखते-देखते धराशायी हुआ तीन मंजिला मकान !

 



बिहार के जहानाबाद जिले के मखदुमपुर बाजार में बुधवार को नेशनल हाईवे के किनारे खड़ा 3 मंजिला इमारत भरभरा कर गिर गया ! आप वीडियो नीचे देख सकते हैं !




सबसे बड़ी बात यह रही कि लॉकडाउन रहने के कारण रोड पर लोग नहीं थे और न ही गाड़ियां, नहीं तो एक बहुत बड़ी घटना घट सकती थी. सड़क पर मकान गिरने से एनएच-83 घंटों जाम हो गया. वही इस घटना में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है !  लेकिन बताने वाली बात यह भी है मकान के सामने से कुछ सेकंड पहले ही एक भारी भरकम और माल से भरा ट्रक गुजरा था ! इस ट्रक को जाते ही 3 मंजिला इमारत देखते-देखते धराशाई हो गया !


अचानक मकान से दरकने जैसे आवाज आने लगी, जिसके बाद स्थानीय लोगों ने सड़क के दोनों ओर आने-जाने वाले वाहनों को रोक दिया ! थोड़ी ही देर बाद तीन मंजिला इमारत धराशायी हो गई. वहीं मकान के मलबे से एनएच पूरी तरह जाम हो गया !

 इधर घटना की सूचना पाकर मौके पर मखदुमपुर थानाध्यक्ष, बीडीओ, सीओ दलबल के साथ पहुंच गए और मलबा को हटाने का काम शुरू कर दिया ! मामले में मखदुमपुर थानाध्यक्ष रंजय कुमार ने बताया कि यह मकान कपड़ा व्यवसायी आशुतोष कुमार है और इसके पिछले हिस्से में इसके परिवार लोग रहते हैं. अगले हिस्से में दुकान थी ! बताया जाता है कि दुकान चार साल पहले ही बनी थी ! प्रथमदृष्टया यह लग रहा है कि इसका बेस कमजोर होगा जिसकी वजह से मकान गिर गया. जांच के बाद ही सही सही कारणों का पता चल पाएगा !

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Tuesday, 25 May 2021

Cyclone Yaas : मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट, बिहार..

 मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट 

चक्रवात यास के 26 मई दोपहर के आसपास पारादीप और सागर द्वीप के बीच उत्तर ओडिशा-पश्चिम बंगाल के तटों को पार करने की संभावना है।



चक्रवात यास के 26 मई दोपहर के आसपास पारादीप और सागर द्वीप के बीच उत्तर ओडिशा-पश्चिम बंगाल के तटों को पार करने की संभावना है।

 चक्रवात यास के मद्देनजर पश्चिम बंगाल और ओडिशा के तटीय क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर लोगों को हटाने और निकासी की प्रक्रिया शुरू हो गई है, जो कि चक्रवात तौकता के रूप में तीव्र होने की उम्मीद है, जो पिछले सप्ताह पश्चिमी तट पर फिसल गया था।


मौसम विज्ञान केंद्र, पटना के अनुसार एक गहरा दबाव जो बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना था, वह "यास" नामक चक्रवाती तूफान में तीव्र हो गया है , और आज 24 मई 2021 को पूर्वी मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर 16.3° N और देशांतर 89.7° E तथा दीघा पश्चिम बंगाल से लगभग 630 किलोमीटर दक्षिण पूर्व में केंद्रित है ! संख्यात्मक मौसम मॉडल आउटपुट के अनुसार अगले 24 घंटे में चक्रवाती तूफान "यास" के बहुत गंभीर बनकर आगे बढ़ने की संभावना है ! चक्रवाती तूफान "यास" को लेकर बिहार के सभी 38 जिलों को अलर्ट जारी कर दिया गया है !



बिहार में चक्रवाती तूफान का प्रभाव से पूरे प्रदेश में 27.05. 2021 से 30.05.2021 के बीच गरज के साथ छींटे पड़ने की संभावना है ! साथ में बिजली, तेज हवा और मध्यम बारिश के साथ साथ अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश भी होने की संभावना है ! राज्य के दक्षिणी और मध्य भागों में जहां आसमान में बादल छाए रहेंगे और मध्यम से भारी तीव्रता की लगातार बारिश 24 से 48 घंटे तक के जारी रहेंगे ! राज भर में दिनांक 27.05.2021 एवं 28.05.2021 को तीव्र आकाशीय बिजली की भी संभावना है ! अतः जिला के सभी किसान भाइयों मछुआरों नागरिकों पशुपालकों एवं आम नागरिकों से अनुरोध है कि सभी अपने घरों में रहे, अनावश्यक घर से बाहर ना निकले !


ऐसी स्थिति में क्या करें :-

1. अपने घरों में ऊपरी तलों के अपेक्षा भूतल पर रहे !

2. रेडियो और टीवी पर मौसम के साफ होने का संदेश प्रसारित होने का इंतजार करें ! 

3.पुराने और क्षतिग्रस्त भवनों और किसी भी पेड़ के नजदीक आश्रय लेने से बचे ! 

4. बिजली और टेलीफोन के खंभों के नीचे ना खड़े हो, खंभों के गिरने से शारीरिक क्षति हो सकती है !

5. घर से बाहर होने पर किसी भी छत वाले मकान में आश्रय ले सकते हैं !यह समाचार आप Hindi news

पर पढ़ रहे हैं !


क्या ना करें !

1. ऊंची इमारत वाले क्षेत्रों में रुकने की कोशिश ना करें 

2. बिजली एवं सभी फोनों के खंभों के नीचे कदापि शरण नहीं ले, क्योंकि ऊंची इमारतें एवं टेलीफोन बिजली के खंभे आकाशीय बिजली को अपनी और आकर्षित करते हैं !

3. पैदल जा रहे हैं तो लोहे के धातु का लगा हुआ छतरी का प्रयोग ना करें !

4. खुले आकाश में रहने की नौबत आने पर नीचे के स्थलों को चुने ! 

5. एक साथ कई आदमी इकट्ठा ना हो !

6. दो लोगों के बीच की दूरी कम से कम 15 फीट हो ! 

7. यदि घर में हो तो पानी का नल, बिजली, फोन आदि को न छुए !


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Monday, 24 May 2021

संपूर्ण लॉकडाउन में जाने अपना अधिकार ! क्या खुला है, क्या है बंद

 

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने शनिवार को 24 मई से शुरू होने वाले एक सप्ताह के लिए राज्य में बिना किसी ढील के पूर्ण लॉकडाउन की घोषणा की। उन्होंने चिकित्सा विशेषज्ञों और विधायक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करने के बाद यह घोषणा की।



जैसा कि आप जानते हैं कि कुल लॉकडाउन को देखते हुए, सरकार ने सभी दुकानों को शनिवार (22 मई) को रात 9 बजे तक और रविवार (23 मई) को सुबह 6 बजे से रात 9 बजे के बीच खोलने की अनुमति दी थी ! शनिवार और रविवार को सभी सरकारी और निजी बसों को चलने की अनुमति दी थी ! पूर्ण रूप लॉकडाउन में भी सरकार ने फार्मेसियों, दूध की आपूर्ति, पेयजल और समाचार पत्रों की अनुमति दी है।


संपूर्ण लॉकडाउन के दौरान किसी भी तरह का शॉपिंग मॉल खोलने की अनुमति नहीं है जनता को साग सब्जी पहुंचाने के लिए हॉर्टिकल्चर डिपार्टमेंट स्थानीय विक्रेताओं के साथ मिलकर योजना तैयार करेंगे और लोगों को घर-घर तक सब्जी पहुंचाने में मदद करेंगे !


चेन्नई और अन्य जिलों में सचिवालय और अन्य कार्यालय जैसे आवश्यक विभाग कार्य करेंगे।

निजी प्रतिष्ठानों, बैंकों, बीमा कंपनियों, आईटी/आईटीईएस के कर्मचारियों को घर से काम करने के लिए कहा गया है।

सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे के बीच ई-कॉमर्स गतिविधियों की अनुमति होगी।

पार्सल होम डिलीवरी करने वाले सेवा की अनुमति रेस्तरां में सुबह 6 बजे से 10 बजे, दोपहर और 3 बजे और शाम 6 बजे से 9 बजे के बीच दी जाती है। फूड डिलीवरी ऐप, स्विगी, जोमैटो के माध्यम से आपूर्ति की अनुमति केवल निर्धारित समय में ही दी जाएगी।


लगातार उत्पादन करने वाले औद्योगिक इकाइयों को, आवश्यक वस्तुओं और चिकित्सा उपकरणों का निर्माण करने वाले उद्योगों को पिछले दिशानिर्देशों के अनुसार अनुमति दी जाएगी।


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Sunday, 23 May 2021

கொரோனா லாக் டவுனில் ரயில் தொழிலாளி திருமணம் செய்து கொண்டார்! வாழ்த்துக்களின் அலை!

 

இன்று ஞாயிற்றுக்கிழமை காலை 6:00 மணியளவில், பொன்மலை ரயில் நிலையத்தில் பணிபுரியும் போக்குவரத்து துறையின் ரயில்வே ஊழியர் திரு கே நடராஜன் திருமணம் செய்து கொண்டார்! தமிழ்நாட்டின் திருச்சிராப்பள்ளி மாவட்டத்தின் ஸ்ரீரங்கம் தாலுகாவின் கீழ் உள்ள மேல அம்மாபெட்டை கிராமத்தைச் சேர்ந்த K. நடராஜன், கிராமத்திலுள்ள ஸ்ரீ மணிவேல் முருகன் கோயிலின் முற்றத்தில் உள்ள புதுக்கோட்டை மாவட்டத்தின் விராலிமலலை தாலுகாவில் உள்ள பெரம்பூர் கிராமத்தைச் சேர்ந்த ஒரு ஷர்மிளா என்பவரை மணந்தார் !



आज रविवार को प्रातः 6:00 बजे पोनमलई रेलवे स्टेशन पर कार्यरत parichalan विभाग के रेलकर्मी श्री के नटराजन का विवाह संपन्न हो गया ! तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली जिला के श्रीरंगम तालुका अंतर्गत Mel Amamapettai ही गांव के रहने वाले के नटराजन का विवाह गांव के ही श्री मनीवेल मुरूगन मंदिर के प्रांगण में पुदुक्कोत्तई जिला के बिरालीमलई तालुका के पेरंबूर गांव के रहने वाले A.शर्मिला के साथ संपन्न हो गई !




தமிழ்நாட்டின் இந்து குடும்பத்தில் புனித நேரத்தில், வியாழன் மற்றும் சனிக்கிழமை தவிர எந்த நாளிலும் திருமணம் செய்ய முடியும் என்பதை நான் உங்களுக்குச் சொல்கிறேன், வழக்கமாக தமிழ்நாட்டில், திருமண நேரம் காலை 10:00 மணி வரை மட்டுமே !


தமிழ்நாட்டில், திருமண சீசன் சத்தமாக வருகிறது, ஆனால் கோவிட் -19 முன்பதிவு செய்யப்பட்ட திருமண மண்டபம் பூட்டப்பட்டதால் பலர் ஏமாற்றத்தை எதிர்கொள்கின்றனர் !


திருமண விழாவை ஏற்பாடு செய்வதற்கான முழு திட்டத்தையும் சிறுவர் சிறுமிகள் மாற்றி வருகின்றனர். எந்த திட்டத்தை உள்ளடக்குவது என்பதை தீர்மானிக்க திருமண வீடுகளில் ஆலோசனைகள் மேற்கொள்ளப்படுகின்றன !


திருமணங்களுக்கு ஞாயிற்றுக்கிழமை முழுமையான பூட்டுதலை செயல்படுத்த முடிவு பெரிய பின்னடைவாகும். முன்பே ஏற்பாடு செய்யப்பட்ட ஒரு ஏற்பாட்டைப் பற்றி அவர்கள் கவலைப்படுகிறார்கள் !


ஆனால் மகிழ்ச்சி என்னவென்றால், தமிழகத்தில் 2 வார முழு பூட்டைக் கீழே வைப்பதற்கு முன்பு ஞாயிற்றுக்கிழமை இரவு 9:00 மணி வரை பூட்டுதல் தளர்த்தப்பட்டுள்ளது !


இந்தி செய்தி நிறுவனர் கம் ஸ்டேஷன் கண்காணிப்பாளர் பி.கே.மிஸ்ரா மணமகனை ஆசீர்வதித்தபோது, ​​இந்த புதிய தோழர் உங்கள் வாழ்க்கையில் மகிழ்ச்சியைக் கொண்டுவந்தார், நீங்கள் இருவரும் எப்போதும் மகிழ்ச்சியாக இருங்கள், இது எங்கள் விருப்பமும் ஆசீர்வாதமும் !



இந்த சந்தர்ப்பத்தில், நிலைய மேலாளர் பி.செசுராஜு மணமகனும், மணமகளும் ஆசீர்வதித்தபோது, ​​திருமணத்திற்கும் எங்கள் ஆசீர்வாதங்களுக்கும் வாழ்த்துக்கள், கடவுள் உங்கள் இருவரையும் ஆசீர்வதிப்பாராக ! இந்தி செய்திகளில் இந்த செய்தியை இந்த செய்தியை நீங்கள் படிக்கிறீர்கள்


இந்த நிகழ்வை வாழ்த்தியவர்களில் நிலைய கண்காணிப்பாளர் ஆர்.ராஜப்பா, பிரசாந்த் பாண்டா, சுமித் சாட்டர்ஜி, அலோக் குமார், நரேஷ் குமார், A கல்லைவனன் !



ஜி.ஓ.சி நிலையத்தில் பணிபுரியும் நிலைய கண்காணிப்பாளர் கே மாரி முத்து, வாழ்த்து தெரிவிக்கையில் மணமக்களுக்கு இதயங்கனிந்த இனிய நல் வாழ்த்துக்கள்.

*வாழ்க வளமுடன்.*

*வளர்க நலமுடன்* 


வாழ்த்து தெரிவிக்க விரும்பியவர்களில் நடராஜனின் துணைப் பணியாளர்கள் ஜெய் சித்ரா உமா மகேஸ்வரி கார்த்திகேயன் மகேந்திரன் சிவகுமார், முருகேஷன், மருதுப்பன் போன்றவர்கள் அடங்குவர் !


लेकिन खुशी की बात यह है कि तमिलनाडु में 2 सप्ताह का पूर्ण लॉक डाउन लगाने से पहले रविवार को रात 9:00 बजे तक लॉकडाउन में छूट दे दी गई है !


लडक़े-लडक़ी वाले शादी समारोह के आयोजन को लेकर पूरा प्लान बदल रहे हैं। किस कार्यक्रम को शामिल करना है किसे शॉर्ट करना है इसके लिए शादी वाले घरों में सलाह-मशविरा किया जा रहा है।


हिंदी न्यूज़ के संस्थापक सह स्टेशन अधीक्षक पी के मिश्रा ने वर वधु को आशीर्वाद देते हुए कहा कि यह नया साथ आपके जीवन में खुशियां लेकर आये और आप दोनों हमेशा खुश रहो, यही हमारी कामना और आशीर्वाद है !

* आपके पैसा आप जहां लगाएं !

* इनकम टैक्स विभाग का अपना वेबसाइट सुधार के बाद लॉग इन करने का तरीका बदल..

* इन कारणों से हो रहा ब्लैक फंगस..

* कोरोना को हमें गंभीरता से लेना हैं।

Saturday, 22 May 2021

जहानाबाद के पूर्वी सरेन में चलाया गया जन जागरूकता, वैक्सीनेशन आज

 

जहानाबाद के पूर्वी सरेन में चलाया गया जन जागरूकता

कोरोना संक्रमण को रोकने और आम जन में जन-जागरूकता लाने के लिए मखदुमपुर प्रखंड के सभी पंचायतों में कोरोना वालेंटियर्स सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। प्रचार-प्रसार की विभिन्न गतिविधियों के साथ जनता तक यह संदेश पहुँचाया जा रहा है कि यदि मास्क नहीं पहनोगे और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करोगे, तो कोरोना हो सकता है।



 इस अभियान ग्राम पंचायत पूर्वी सरेन के सभी वार्डों में प्रभारी मुखिया कुमार रंजन के नेतृत्व में घर-घर जाकर सावधानियों का संदेश देना, वैक्सीनेशन के लिये प्रोत्साहित करना के माध्यम से जागरूकता का कार्य किया गया ! जिसमें वार्ड सदस्य जीविका दीदी सेविका सहायिका द्वारा लोगों को घूम घूम कर बाहर से आए हुए व्यक्तियों का स्किल मैपिंग किया गया एवं कोरोना का टीका लेने के लिए लोगों को जागरूक किया गया और कहा गया कि कोरोना को हमें गंभीरता से लेना हैं। वैक्सीन लगवाने से हम अपने परिवार, समाज और जिले को कोरोना से बचा सकते हैं। यदि किसी व्यक्ति में खाँसी, जुकाम, बुखार जैसे लक्षण होते हैं, तो वह तुरंत स्वास्थ्य केन्द्र पर जाकर जाँच करवाये। 


सभी राशन कार्ड धारियों को प्रत्येक यूनिट 10 किलो राशन फ्री में मिलने की जानकारी दिया गया ज्ञातव्य हो कि करोना संक्रमण के चलते पूरे देश में चल रहे आर्थिक संकट को देखते हुए बिहार में नीतीश सरकार के निर्देश के अनुसार गरीबों को 5 किलोग्राम अतिरिक्त अनाज देने का निर्णय किया है ! गरीबों को मई और जून महीनों के लिए 10 किलोग्राम अनाज फ्री में दिया जाएगा !



पिछले साल भी कोरोना काल में केंद्र सरकार की इस योजना को लागू किया गया था ! इसी प्रोग्राम के तहत टेहटा स्टेशन  के नजदीक पानी टंकी के पास चलाए जा रहे सामुदायिक रसोई में गरीब एवं लाचार व्यक्तियों को खाना खाने के लिए प्रेरित किया गया ! यह समाचार आप Hindi news पर पढ़ रहे हैं !


प्रभारी मुखिया संतोष कुमार रंजन ने Hindi news channel को बताया कि आज के जन जागरूकता कार्यक्रम में विशेष रूप से कार्य करने वाले सदस्यों को ग्राम पंचायत द्वारा सम्मानित किया जाएगा ! इस कार्य में किसान सलाहकार नंद किशोर कुमार,  जीविका सीसी शशि कला वार्ड सदस्य प्रेमचंद प्रसाद, संजय कुमार वार्ड सदस्य प्रतिनिधि सरवर अंसारी, भोला प्रसाद सेविका एवं सहायिका जीविका के सी एम सभी लोगों द्वारा महत्वपूर्ण भूमिका निभाया गया !

टेहटा स्टेशन के नजदीक प्राथमिक स्वास्थ्य उप केंद्र में आज कोरोना टीकाकरण 

प्रखंड विकास पदाधिकारी मखदुमपुर द्वारा सूचित किया गया है कि कल दिनांक 22/05/2021 को अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य उप केंद्र के टेहटा स्टेशन के नजदीक कोरोना टीकाकरण होगा ! 


ग्राम पंचायत पूर्वी सरेन के सभी वार्ड सदस्य सरपंच साहब , पंच सदस्य सभी आंगनवाड़ी सेविका एवं सहायिका सभी जीविका के दीदी, सीसी, सीएम एवं तमाम सामाजिक कार्यकर्ताओं से अनुरोध है कि कोरोना टीकाकरण का प्रचार प्रसार कर अधिक से अधिक लोगों को टीकाकरण कराने में योगदान दें !

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Friday, 21 May 2021

INCOME Tax Return फाइल करने का वेबसाइट और तरीका बदला

 

7 जून 2021 से इनकम टैक्स विभाग (IT Department) बड़ा बदलाव करने जा रहा है ! अगर आप भी टैक्स भरते हैं तो उससे पहले ये बात जरूर जान लें. बता दें ITR विभाग ने अपनी ऑफिशियल वेबसाइट को बदलने का फैसला लिया है. 1 जून 2021 से आप मौजूदा वेबसाइट पर लॉगइन नहीं कर पाएंगे. विभाग की ओर से नया ऑफिशियल पोर्टल बना दिया गया है, जिस पर आप अपने टैक्स से जुड़े कामकाज निपटा सकते हैं !

इनकम टैक्स भरने वालों  को 2 कैटेगरी

सरकार ने इनकम टैक्स भरने वालों  को 2 कैटेगरी में रखा है ! पहला वैसे केटेगरी में आएंगे जो सेविंग के रूप में एलआईसी   मैचुअल फंड , एनएससी इत्यादि में इन्वेस्ट कर रखा है ! उन्हें इनकम टैक्स में छूट दिया जाएगा लेकिन इनकम टैक्स के रूप में 5%,  20%, और 30% इनकम टैक्स वसूला जाएगा लेकिन दूसरी कैटेगरी में वे लोग आएंगे जो  जो इनकम टैक्स में  किसी तरह का  छूट नहीं चाहते हैं और ना ही 80CCD के तहत इन्वेस्ट कर रखा है , उन्हें इनकम टैक्स 5% 10% ऑफ 15% ही देना होगा ! ऐसी ही स्थिति को देखते हुए इनकम टैक्स विभाग ने अपने वेबसाइट में बदलाव करने का निश्चय किया है !

इनकम टैक्स विभाग का अपना वेबसाइट में सुधार करने के बाद लॉग इन करने का तरीका बदल जाएगा इसके लिए आयकर विभाग ने एक नोटिफिकेशन भी जारी कर दी है !



इस तरह से इनकम टैक्स फाइल करने वालों के लिए यह खबर बहुत बड़ी है एक बार आयकर विभाग का ऑफिशियल वेबसाइट चेंज हो जाएगा तो आप पुराने तरीके से लॉगइन नहीं कर पाएंगे !


इनकम टैक्स विभाग से मिली जानकारी के अनुसार नए वेबसाइट पर आप 1 जून 2021 लॉगइन कर पाएंगे ! 1 जून 2021 से टैक्सपेयर्स मौजूदा वेबसाइट incometaxindiaefilling.gov.in पर लॉगिन नहीं कर सकेंगे ! आपको बता दें नई वेबसाइट के लिए आप INCOMETAX.GOV.IN पर विजिट कर सकते हैं. विभाग ने कहा है कि 7 जून के बाद से सभी टैक्सपेयर्स इसी वेबसाइट पर अपने काम करें !


विभाग की ओर से ऑफिशियिल नोटिफिकेशन जारी कर इस बारे में बताया गया है. विभाग ने इसमें लिखा है कि पुरानी वेबसाइट को 1 जून से बंद कर दिया जाएगा. तो सभी लोग नई वेबसाइट का ही इस्तेमाल करें, जिससे उनको किसी भी तरह की परेशानी न हो !


30 September तक भर सकते हैं ITR

आपको बता दें विभाग ने हाल ही में असेसमेंट ईयर 2020-21 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करने की समयसीमा को बढ़ाया है ! अब टैक्सपेयर्स 30 September 2021 तक अपना रिटर्न फाइल कर सकते हैं ! CBDT की ओर से जारी किए गए नए सर्कुलर में इस बात की जानकारी दी गई हैं ! जिन लोगों ने पिछले फाइनेंशियल ईयर के लिए इनकम टैक्स रिटर्न नहीं भरी है, वे अब इसे 30 September तक भर सकते हैं !यह समाचार आप Hindi news पर पढ़ रहे हैं !


कैसे दाखिल करें रिवाइज्ड ITR

टैक्सपेयर को रिवाइज्ड ITR दाखिल करने के लिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के ई-फाइलिंग पोर्टल www.incometaxindiaefiling.gov.in पर जाकर रिवाइज्ड रिटर्न दाखिल करने का विकल्प चुनना होगा ! रिवाइज्ड टैक्स रिटर्न भरने की संख्या तय नहीं है लेकिन रिटर्न की स्क्रूटनी असेसमेंट होने के बाद रिवाइज्ड रिटर्न दाखिल नहीं की जा सकती !

* BDO ने सरकार द्वारा दिशानिर्देशों को पालन कराने का निर्देश दिए

* NPS आपका पैसा आप जहां लगाएं !

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* इन कारणों से हो रहा ब्लैक फंगस..

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* इजराइल का ब्रह्मास्त्र

Thursday, 20 May 2021

सरकार के दिशा निर्देश का पालन कराने के लिए BDO ने पंचायत में जाकर बैठक की

 

आज जहानाबाद जिले के ग्राम पंचायत पूर्वी सरेन के पंचायत भवन में प्रभारी मुखिया संतोष कुमार रंजन के अध्यक्षता में बैठक किया गया ! बैठक में प्रखंड विकास पदाधिकारी महोदय मखदुमपुर आकर बैठक में उपस्थित सभी सदस्यों को वैश्विक महामारी कोरोना में सरकार द्वारा दिशानिर्देशों को पालन कराने का निर्देश दिए ! 

 


पंचायत में बिना देरी किए हुए स्किल मैपिंग करना एवं सरकार द्वारा उपलब्ध कराए जा रहे फ्री राशन का लाभार्थियों तक जानकारी पहुंचाने का निर्देश दिया एवं टेहटा पानी टंकी के पास चल रहे समुदायिक रसोई का वार्ड एव टोला में दिनांक 21/05/2021 को प्रचार प्रसार करने का निर्देश प्राप्त हुआ ! 



 वार्ड क्रियान्वयन प्रबंधन समिति के अध्यक्ष सचिव आंगनवाड़ी सेविका सहायिक जीविका दीदी आशा सभी लोग सुबह 9:00 बजे से ग्रामीणों में प्रचार प्रसार करेंगे बैठक में जिन वार्डों में अभी तक मास्क का वितरण नहीं किया गया है अभिलंब कराने की बात कही गई एवं पंचायत को एक बार पुन सेनीटाइज कराने का निर्णय लिया गया ! 


कबीर अंत्येष्टि योजना का लाभ दिलाने के लिए वार्ड स्तर पर सभी लाभुक का सूची बनाकर ग्राम पंचायत को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया ! बैठक में बिना सूचना के भाग नहीं लेने वाले सदस्यों एवं कर्मचारी को वीडियो साहब द्वारा उचित कार्रवाई हेतु, सूची बनाकर देने का निर्देश दिया गया ! यह समाचार आप HINDI news पर पढ़ रहे हैं !


 यह बैठक समाप्त होने के तुरंत बाद पंचायत पूर्वी सरेन के किसान सलाहकार नंद किशोर कुमार ने अपने पंचायत के किसानों को उपयुक्त मीटिंग के बारे में जानकारी दें और कहा कि आप लोग जागरूक बने , एक अच्छे नागरिक का कर्तव्य का निर्वहन करें ! 


बैठक में उपस्थित प्रभारी मुखिया संतोष कुमार रंजन के साथ वार्ड सदस्य संजय कुमार रेखा देवी भोला प्रसाद सरवर अंसारी प्रेमचंद प्रसाद जीविका सीएम श्रीमती मंजू देवी, गीता देवी और ममता देवी आंगनवाड़ी सेविका कविता कुमारी, शशि कला समेत कई लोग उपस्थित थे !

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* आपके पैसा आप जहां लगाएं !

NPS - आपके पैसा आप जहां लगाएं !

 

NPS - आपके पैसा आप जहां  लगाएं !

पेंशन फंड नियामक व विकास प्राधिकरण (PFRDA) एनपीएस में शामिल होने के लिए अधिकतम आयु बढ़ाकर 70 वर्ष करने पर विचार कर रहा है, जबकि निकास आयु को भी संशोधित कर 75 वर्ष किया जा सकता है। 



अधिकतम प्रवेश और निकास आयु बढ़ाई जाएगी:-

वर्तमान में, 18 से 65 वर्ष की आयु के लोग NPS में शामिल हो सकते हैं। नियामक इसे बढ़ाकर 70 साल करने पर विचार कर रहा है। बाहर निकलने की उम्र भी मौजूदा 70 साल से बढ़ाकर 75 साल की जा सकती है।


रिटायर्ड लोगों को सरकार जल्द बड़ी राहत देने पर विचार कर रही है. पेंशन फंड नियामक व विकास प्राधिकरण (PFRDA) पेंशनभोगियों को अपने पेंशन फंड में से अधिकतम पांच लाख रुपये तक निकालने की सुविधा दे सकता है. मौजूदा समय में लाभार्थी सिर्फ 2 लाख रुपये तक निकाल सकते हैं, लेकिन सरकार इस लिमिट को बढ़ाने का प्लान बना रही है. इसका मतलब यह है कि अगर किसी के नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) फंड में पांच लाख रुपये तक हैं तो वह अपनी पूरी रकम निकाल सकेगा !


आपको बता दें पेंशन पर मिलने वाली वार्षिक intrest rate करीब 5 से 6% के बीच होती है लेकिन आपको मालूम होगा retirement के बाद जो एनपीएस से एकमुश्त राशि मिलती है यह राशि टैक्सेबल है ! कभी-कभी यह हो


ता है कि टैक्स अदा करने के बाद बची हुई राशि आपको पूरे सर्विस में जमा की गई राशि से भी कम मिलती है या सीधे शब्दों में बोले तो यह नेगेटिव रिटर्न मिलता है ! वर्तमान नियम के मुताबिक, पेंशन फंड में से अधिकतम 60 फीसदी राशि ही निकाली जा सकती है जो दो लाख रुपये से अधिक नहीं हो सकती है ! इसके अलावा शेष 40 फीसदी राशि एनपीएस में ही रखनी पड़ती है, जिसे सरकार अपने हिसाब से निवेश करती है और खाताधारक को पेंशन देती है !

एनपीएस सब्सक्राइबर रिटायरमेंट के बाद अपने निवेश का 60 फीसदी withdraw कर सकते हैं, जबकि 40 फीसदी को पेंशन पाने के लिए किसी एक बीमा कंपनी के पास रखना होगा। सब्सक्राइबर को अपने एनपीएस कोष का 40 प्रतिशत एनपीएस के पैनल में शामिल 12 बीमा कंपनियों में से एक के पास रखना होगा।


चूंकि एनपीएस एक बाजार से जुड़ा उत्पाद है जो इक्विटी, कॉरपोरेट बॉन्ड और सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश करता है, इसलिए कोई भी कुल रिटर्न की भविष्यवाणी नहीं कर सकता है कि कोई सेवानिवृत्ति से कमा सकता है।

बदलते वक्त में सरकार एनपीएस धारकों को पारिवारिक जरूरतें पूरी करने में मदद करना चाहती है. इसके साथ ही सरकार चाहती है कि अगर एनपीएस धारक को लगता है कि वह उस रकम को किसी और जगह लगाकर बेहतर रिटर्न हासिल कर सकता है तो यह फैसला उसी के ऊपर छोड़ दिया जाए !



निकाल सकेंगे पूरी रकम

सूत्रों के मुताबिक अगर पेंशन फंड में पूरे पांच लाख रुपये हैं तब भी उससे मिलने वाला मासिक पेंशन इतना कम होगा कि वह पेंशनभोगी की मासिक जरूरतों को पूरा करने में कतई सक्षम नहीं हो सकता है. ऐसे में बेहतर यही है कि उसे पूरी रकम निकाल लेने और किसी ऐसी जगह निवेश करने की आजादी दे दी जाए जहां से उसे एनपीएस के मुकाबले अच्छा रिटर्न मिल सकता है ! यह समाचार आप cominghindinews.blogspot.com पर पढ़ रहे हैं !


हालांकि, पीएफआरडीए नई योजना में भी एनपीएस फंड का एक हिस्सा अपने पास रखकर सरकारी निवेश उपकरणों में निवेश के माध्यम से 5.5 फीसद तक रिटर्न देने का पक्षधर है. इस वक्त तो महंगाई दर और पेंशन फंड से हासिल कमाई पर आयकर को जोड़ दें तो यह फंड नकारात्मक रिटर्न ही दे रहा है ! इसलिए भी सरकार यह फैसला पेंशनधारक पर छोड़ने के पक्ष में है कि वह रकम निकाल ले या रहने दे ! अधिक समाचार पढ़ने के लिए गूगल में cominghindinews.blogspot.com पर सर्च करें !

* सरकार को कर्मचारियों ने 75000 करोड़ रुपया दान में दिया !

* कोरोना के दूसरी लहर के बढ़ते प्रकोप को रोकने के लिए प्रशासन टीकाकरण और गाइड लाइन का पालन...

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Wednesday, 19 May 2021

75 हजार करोड़ का महादान

 

महँगाई बढ़ने का प्रमुख कारण है-माँग और पूर्ति के बीच असंतुलन होना। जब किसी वस्तु की आपूर्ति कम होती है और माँग बढ़ती है तो वस्तुओं का मूल्य स्वयमेय बढ़ जाता है क्योंकि अधिक क्रयशक्ति रखने वाले लोग उसे ऊँचे दाम पर खरीद लेते हैं। प्राकृतिक प्रकोप जैसे-बाढ़, सूखा, अतिवृष्टि भूकंप आदि महँगाई बढ़ाने में सहायक होते हैं।



महंगाई का अर्थ होता है- वस्तुओं की कीमत में वृद्धि होना। महंगाई एक ऐसा शब्द होता है जिसकी वजह से देश की अर्थव्यवस्था में उतार-चढ़ाव आते हैं। ... हमारी आवश्यकता की वस्तुएँ बहुत महंगी आती हैं और कभी-कभी तो वस्तुएँ बाजार से ही लुप्त हो जाती हैं। लोग अपनी तनखा में वृद्धि की मांग करते हैं लेकिन देश के पास धन नहीं है।


जिस प्रकार हवा सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड में मौजूद है, ठीक उसी प्रकार महंगाई चप्पे-चप्पे में व्याप्त है। जिस प्रकार हवा को सिर्फ महसूस किया जा सकता है, उसी प्रकार महंगाई का केवल अनुभव किया जा सकता है, जबकि कुछ विद्वानों के अनुसार महंगाई, रंगहीन, गंधहीन नहीं होती। महंगाई को देखा जा सकता है। इसके प्रभाव से मिर्ची लाल हो जाती है और हल्दी पीली पड़ने लगती है।


संघर्ष का दूसरा नाम ही जीवन है। मनुष्य को जीवन में अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इनमें से कुछ समस्याएँ अल्पकालिक होती हैं तो कुछ आजीवन चलती हैं। गरीब और मध्यम वर्ग के लिए ऐसी ही दीर्घकालिक परेशानी का नाम है-महँगाई।


महँगाई बढ़ने का प्रमुख कारण है-माँग और पूर्ति के बीच असंतुलन होना। जब किसी वस्तु की आपूर्ति कम होती है और माँग बढ़ती है तो वस्तुओं का मूल्य स्वयमेय बढ़ जाता है क्योंकि अधिक क्रयशक्ति रखने वाले लोग उसे ऊँचे दाम पर खरीद लेते हैं। प्राकृतिक प्रकोप जैसे-बाढ़, सूखा, अतिवृष्टि भूकंप आदि महँगाई बढ़ाने में सहायक होते हैं।


इसी तरह बढ़ रही महंगाई के कारण देश के जनता के सामने क्रय शक्ति का अभाव हो जाता है इसी तरह शक्ति को पूर्ति करने के लिए केंद्र सरकार अपने सूचकांक के आधार पर कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ता का निर्धारण करती है इसकी घोषणा प्रत्येक वर्ष जनवरी तथा जुलाई माह में किया जाता है !


जब सरकारी कर्मचारियों की महंगाई भत्ता में वृद्धि होती है तो कहा जाता है कि 

- सरकारी कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले 

- सरकारी कर्मचारियों की चांदी 

- सरकार पर महंगाई भत्ता बढ़ने से बड़ा बोझ 

- सरकारी कर्मचारियों को तोहफा 

- सरकारी कर्मचारियों के दिवाली पर होली  

- होली से पहले दिवाली 

- इससे राजस्व पर 35000 करोड़ का बोझ पड़ेगा 

......इत्यादि इत्यादि ना जाने क्या-क्या लिखा जाता है !


इस तरह के समाचार लिखे जाने से व्यापारी जगत में कर्मचारियों से ईर्ष्या होने लगती है , उन्हें लगता है कि सरकार बिना कमाए ही उन्हें मालामाल कर रही है ! जबकि हकीकत यह है कि जो कर्मचारियों की हक में होता है उससे भी कम सरकार द्वारा दिया जाता है !


लेकिन जनता को सरकार की कड़वी हकीकत अभी तक मालूम ही नहीं है की सरकार ने कर्मचारियों को अपने हक का ₹75000 करोड़ रुपए 18 महीनों से दिया ही नहीं, इतना पैसा कर्मचारी के खातों में कभी नहीं आएगा ! इतना ही नहीं कोरोना के नाम पर कर्मचारियों की मिलने वाले वेतन से भी 1 दिन का वेतन काट दिया गया ! जबकि लॉकडाउन हो या बंदी, कर्मचारियों को अपने जान जोखिम में डालकर Duty पर जाना ही होता है, बल्कि इसका असर उनके जान देकर या घर पर क्यों न हो ! यह समाचार आप cominghindinews.blogspot.com पर पढ़ रहे हैं !

जब सरकार ने ऐसा कर दिया तो कोई बोलने को तैयार नहीं कोई कर्मचारियों को हक में आवाज नहीं उठा रहा कोई यह नहीं कह रहा है कि कर्मचारी कोरोना काल में ₹75000 करोड़ रुपया सरकार को दान में दे दिया ! इस पर चौथे स्तंभ कहे जाने वाले न्यूज़ चैनलों का कलम बंद हो रही है ! हाथों से कुछ लिखा नहीं जा रहा है कि 

- सरकार द्वारा कर्मचारियों के 18 माह का महंगाई भत्ता नहीं दिए जाने से 75 हजार करोड़ रूपया का लाभ होगा !  

- इस कोरोना महामारी के चलते सरकार को कर्मचारियों ने 75000 करोड़ रुपया दान में दिया ! 

सारी जनता अपने घरों में बैठी बैठी है जबकि सरकारी कर्मचारी जान जोखिम में डालकर आवश्यक वस्तुओं, सेवाएं और चीजें जरूरतमंदों तक पहुंचाने में मदद कर रही है वह भी अपने परिवार की भविष्य और जिंदगी दांव पर लगाकर 18 महीने से ₹75000 करोड़ काटने के बावजूद उनका अगला किस्त कब मिलेगा कोई पता नहीं ! 

इससे उनके मनोबल का प्रभाव पड़ रहा है ! क्या इस वजह से मानसिक रूप से नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा ? उनके क्षमता निष्पादन का प्रभाव नहीं पड़ेगा ?अधिक समाचार पढ़ने के लिए गूगल में cominghindinews.blogspot.com पर सर्च करें !

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Monday, 17 May 2021

ब्लैक फंगस के लक्षण और उपचार यहां चेक करें !

 

कैंसर को जानलेवा प्रभाव पैदा करने में कुछ महीने लगते हैं जबकि ब्लैक फंगस से जान कुछ दिनों या घंटों में जा सकती है !

कोरोना मरीजों में फंगल इन्फेक्शन, जिसे 'ब्लैक फंगल इन्फेक्शन' कहा जा रहा है, के मामले बढ़ रहे हैं. इस इंफेक्शन से सबसे बड़ा डर ये है कि ये तेजी फैलता है और लोगों के आंखों की रोशनी चली जाती है या कुछ अंग काम करना बंद कर देते हैं. लेकिन यह 'ब्लैक फंगल इनफेक्शन' या Mucormycosis रहस्यमई नहीं है! यह केवल बहुत दुर्लभ था !



कोरोना मरीजों में दूसरी खतरनाक बीमारी म्यूकर मायकोसिस (ब्लैक फंगस) ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है। झारखंड में भी इसके मामले सामने आ रहे हैं। 


कोरोना से तबाही के बीच म्यूकरमाइकोसिस यानी ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों का पता लगाने की कोशिश की जा रही है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने लोगों को ब्लैक फंगस के शुरुआती लक्षणों की पहचान कर इससे बचने की सलाह दी है, जो कि मुख्यतौर पर महाराष्ट्र में कई मरीजों में देखे गए हैं. हर्षवर्धन ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक पोस्ट में बताया कि जागरूकता और शुरुआती लक्षणों की पहचान कर इसके खतरे से बचा जा सकता है !

क्या हैं लक्षण

ब्लैक फंगस में मुख्य रूप से कई तरह के लक्षण देखे जाते हैं ! 

- आंखों में लालपन या दर्द,

- बुखार, सिरदर्द, खांसी 

- सांस में तकलीफ

- उल्टी में खून 

या मानसिक स्थिति में बदलाव से इसकी पहचान की जा सकती है ! इसलिए इन लक्षणों पर बारीकी से गौर करना चाहिए !



फंगल एटियोलॉजी का पता लगाने के लिए KOH टेस्ट और माइक्रोस्कोपी की मदद लेने से न घबराएं. यदि डॉक्टर्स इसका तुरंत इलाज करने की सलाह दे रहे हैं तो उसे इग्नोर न करें. रिकवरी के बाद भी इसके बताए गए लक्षणों को अनदेखा न करें, क्योंकि कई मामलों में फंगल इंफेक्शन रिकवरी के एक सप्ताह या महीनेभर बाद भी उभरते देखा गया है !


इन कारणों से हो रहा ब्लैक फंगस

अनियंत्रित मधुमेह स्टेरॉयड लेने के कारण इम्यूनोसप्रेशन- कोरोना संक्रमण अधिक होने के कारण अधिक समय आइसीयू में रहना।



क्या कहते हैं एपिडेमियोलॉजिस्ट

मधुमेह से गंभीर रूप से पीड़ित मरीजों में ब्लैक फंगस का खतरा हो सकता है। हालांकि अभी गिने-चुने में ही यह समस्या आई है। इससे बचने के लिए शुगर नियंत्रण में रखने का प्रयास होना चाहिए। स्टेरॉयड के अलावा कोरोना की कुछ दवाओं का उपयोग मरीज की प्रतिरक्षा प्रणाली पर असर डालता है। जब इन दवाओं का उचित उपयोग नहीं किया जाता है तो यह ब्लैक फंगस के खतरे को बढ़ा देता है, क्योंकि मरीज की प्रतिरक्षा प्रणाली फंगल संक्रमण से लड़ने में विफल रहती है। कोरोना से उबरने के बाद लोगों को इसे लक्षण पर कड़ी निगरानी रखनी चाहिए। इससे से बचने के लिए डॉक्टर की सलाह के अनुसार स्टेरॉयड का विवेकपूर्ण उपयोग करना चाहिए। बीमारी का जल्द पता लगने से इसके संक्रमण के उपचार में आसानी हो सकती है !

कैसे बनाता है शिकार-

 एक्सपर्ट्स के मुताबिक, हवा में फैले रोगाणुओं के संपर्क में आने से कोई व्यक्ति फंगल इंफेक्शन का शिकार हो सकता है. ब्लैक फंगस मरीज की स्किन पर भी विकसित हो सकता है. स्किन पर चोट, रगड़ या जले हुए हिस्सों से ये शरीर में दाखिल हो सकता है !


Mucormycosis क्या है?



US सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन(CDS) के अनुसार Mucormycosis एक गंभीर लेकिन दुर्लभ फंगल इंफेक्शन है जो के Moulds के एक ग्रुप, जिसे micromycetes कहते हैं, के कारण होता है.


" यह फंगस हमारे चारों ओर मुक्त रूप में मौजूद होता है लेकिन किसी के शरीर के अंदर इन्फेक्शन को संभव बनाने के लिए इसे एक विशेष इन्वायरमेंट की जरूरत होती है. यह समान्यतः नाक ,साइनस ,आंखों में या दिमाग में पाया जाता है ! "


म्यूकरमाइकोसिस से कैसे बचें- 

ब्लैक फंगस से बचने के लिए धूल वाली जगहों पर मास्क पहनकर रहें. मिट्टी, काई या खाद जैसी चीजों के नजदीक जाते वक्त जूते, ग्लव्स, फु स्लीव्स शर्ट और ट्राउजर पहनें. साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें. डायबिटीज पर कंट्रोल, इम्यूनोमॉड्यूलेटिंग ड्रग या स्टेरॉयड का कम से कम इस्तेमाल कर इससे बचा जा सकता है ! यह समाचार आप cominghindinews.blogspot.com पर पढ़ रहे हैं !



ब्लैक फंगस से बचने के लिए क्या करें- हाइपरग्लीसीमिया (ब्लड शुगर) को कंट्रोल रखें! कोविड-19 से रिकवरी के बाद भी ब्लड ग्लूकोज का लेवल मॉनिटर करते रहें. स्टेरॉयड का इस्तेमाल सिर्फ डॉक्टर्स की सलाह पर ही करें. ऑक्सीजन थैरेपी के दौरान ह्यूमिडिटीफायर के लिए साफ पानी का ही इस्तेमाल करें. एंटीबायोटिक्स या एंटीफंगल दवाओं का इस्तेमाल जरूरत पड़ने पर ही करें !


क्या न करें

ब्लैक फंगस से बचने के लिए इसके लक्षणों को बिल्कुल नजरअंदाज न करें. बंद नाक वाले सभी मामलों को बैक्टीरियल साइनसाइटिस समझने की भूल न करें. खासतौर से कोविड-19 और इम्यूनोसप्रेशन के मामले में ऐसी गलती न करें ! अधिक समाचार पढ़ने के लिए गूगल में cominghindinews.blogspot.com पर सर्च करें !

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Sunday, 16 May 2021

जहानाबाद के पूर्वी सरेन पंचायत में किसान सलाहकार ने फेस मास्क वितरण किया


आप सभी यह जानते होंगे कि यह वायरस एक से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। इसी के साथ यह अपने शुरुआती चरम में सबसे ज्यादा खतरनाक रूप से फैलता है, जब खुद रोगी को भी नहीं पता होता कि वह वायरस से पीड़ित है। इसलिए इस समय पर यह वायरस सबसे ज्यादा फैलने का डर होता है। यह वायरस एक से दूसरे में न फैले, इसके लिए मास्क पहना जाता है। दुनिया भर में हुई कई रिसर्च में यह माना गया है कि मास्क के इस्तेमाल से इस वायरस के फैलने पर रोक लगाई जा सकती है।



कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में गिरावट और वैक्सीन की खोज के बाद लोग कोरोना संक्रमण को लेकर लापरवाह दिख रहे हैं !

कोरोना वायरस से बचने के लिए सरकार ने कई मानक तय किए हैं। साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखना, सोशल डिस्टेंसिंग आदि, लेकिन इन सब में फिलहाल अगर आप बाहर निकलते हैं तो मास्क पहनना सबसे जरूरी काम है। Covid 19 से बचने का पहला कदम है फेस मास्क पहन कर ही बाहर निकलना। रोग नियंत्रण एवं निवारण केंद्र और कई स्वास्थ्य केंद्र भी लोगों को इसी के लिए जागरुक कर रहे हैं। आप जब भी बाहर जाएं, तब फेस मास्क जरूर पहन कर जाएं।


आज के समय में इस कोरोना महामारी से बचाव हेतु सरकार के साथ-साथ कई संगठनों के द्वारा जागरूकता अभियान चलाने के साथ-साथ फेस मास्क और हैंड सैनिटाइजर का भी वितरण जोर शोर से किया जा रहा है ! इसी क्रम में कृषि विभाग के द्वारा किसानों के बचाव हेतु का मास्क वितरण किया जा रहा है आज जहानाबाद जिले के मखदुमपुर प्रखंड के पंचायत पूर्वी सरेन के ग्राम नंदनपुरा,सैदपुर के वार्ड नम्वर 7,8,


9 में किसान सलाहकार नंद किशोर कुमार द्वारा मास्क का वितरण किया गया और किसान को बताया गया कि कोरोना से बचाव के लिए मास्क हर समय लगाए एवं सेनेटाईज का प्रयोग करें बार बार साबुन से हाथ को धोते रहें हर संभव घर मे ही रहे !



पंचायत के मुखिया श्री संतोष कुमार रंजन जी ने बताया कि हमें इस महामारी में खुद को बचा के चलना है और मास्क सैनिटाइजर का प्रयोग करते रहना है।

जब जबकि वार्ड सदस्य संजय कुमार ने दो गज की दूरी को महत्व देते हुए कहा की कोरोना की बीमारी से बचने के लिए हमें आपस में दूरी बनाए रखना बहुत आवश्यक है।

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* सरल शब्दों में समझिए इजराइल फिलिस्तीन विवाद

* इजराइल का ब्रह्मास्त्र

* क्या है मूल झगड़े की जड़? दुनिया की निगाहें इस्राइल-फिलिस्तीन पर !

* बिहार का वो बाहुबली जो रॉबिन हुड बनने की कोशिश में पहुंच गया जेल

* जहानाबाद के पूर्वी सरेन में बंपर उपज से गदगद हुए किसान

सरल शब्दों में समझिए इजराइल फिलिस्तीन विवाद

 

इजरायल और फिलिस्तीन का यह विवाद कोई नया नहीं है यह विवाद इसराइल फिलिस्तीन के बंटवारे के बाद से ही यह चला आ रहा है !

आइए समझते हैं इजरायल फिलीस्तीन बिवाद को बिल्कुल सरल शब्दों में 



1948 में इजरायल देश बना , जिस हिस्से में इजरायल बना , इजरायल बनने से पुर्व वो 100 परसैंट एरिया फिलीस्तीन का था 

बंटवारे के हिसाब से 48 प्रतिशत हिस्सा इजरायल को मिला जबकि 44 प्रतिशत हिस्सा फिलीस्तीन को मिला !

बाकी का 8 प्रतिशत हिस्सा जो येरूशलम कहा जाता है ,जो कि ईसाई यहूदी और मुसलमान तीनों का पवित्र स्थल है इसे यू एन ओ ने अपने अधिपत्य में ले लिया , यानी ये हिस्सा न फिलीस्तीन का है और ना ही इजरायल का ,

इजरायल के स्थापना के साथ ही बिवाद बढ गया छह मुस्लिम देशों ने इजरायल पर आक्रमण कर दिया !

मुस्लिम देश जहां युद्ध जीतने के लिए लड़ रहे थे वहीं इजरायल अपना अस्तित्व बचाने के लिए लड़ रहा था !



इजरायल ने मात्र छह दिनों में ना सिर्फ युद्ध जीत लिया बल्कि फिलीस्तीन का एक बड़ा हिस्सा कब्जा कर लिया !


तीन बार मुस्लिम देशों ने इजरायल पर आक्रमण किया और तीनों बार हारे और फलिस्तीन को अपनी जमीनें गंवानी पड़ी !


आज की स्थिति में है कि फिलिस्तीन के पास मात्र 12 प्रतिशत हिस्सा बच्चा है , और वो भी एक पास नहीं है 

ऐसे समझिए कि एक हिस्सा यूपी में है तो दूसरा हिस्सा केरल में है !


एक हिस्सा जो बड़ा है यानी 8 प्रतिशत उसे वेस्टबैंक कहा जाता है वो अरब देशों से सटा है !

दूसरा हिस्सा जो 4 प्रतिशत है वो मिश्र से लगा है उसे गाजा पट्टी कहा जाता है !



फिलीस्तीन को ना सेना रखने का अधिकार है, ना ही हथियार ! उनके पास है मुसलमानों के पारम्परिक हथियार , यानी पत्थर !

वो वही चला के मारते हैं , बदले में इजरायल गोली मार देता है !


अब जो हिस्सा अरब से लगा है वो अपेक्षा कृत शांत रहता है ! वहां लोग प्रोटेस्ट करते हैं , धरना देते हैं , आंदोलन करते हैं !

दूसरा हिस्सा जो मिश्र से लगा है जिसे गाजा पट्टी कहा जाता है वो हमास नाम के एक आतंकी संगठन के कब्जे में है, वो राकेट से हमला करते हैं, इरान मिश्र के रास्ते उनको हथियार मुहैया कराता है !


अब हमास के पास जो राकेट लांचर है वो बहोत हल्के क्षमता वाले हैं, उन्हें कंधे और ऊंट खच्चर पर ढोया जा सकता है, खेत में खड़ा करके वो दागते हैं !


पहले वो दो चार राकेश दागते थे, इजरायल तकनीकी रूप से बहोत आगे है , वो उन राकेट को हवा में ही उड़ा देते थे !


इसको देखते हुए अब हमास एक साथ हजार पन्द्ररह सौ राकेट दाग देता है, इन राकेट का कोई फिक्स टार्गेट नहीं होता, मने कहीं भी गिर जाए !


अब इजरायल के पास एंटी मिसाइल क्षमता है, पर एक साथ हजार पन्द्ररह सौ राकेट की वजह से वो कन्फयूज हो जाता है और सबको खत्म नहीं कर पाता !


पर इन राकेटों की क्षमता कितनी होती है वो आप इस बात से समझिए कि पन्दरह सौ राकेट में से तीन राकेट इजरायल में गिरे और आदमी मरा एक !


जबकि इजरायल एक राकेट दागता है तो तीन चार सौ निपट जाते हैं !


अभी जो बिवाद शुरू हुआ वो इस बात से हुआ कि जमीन का एक हिस्सा जहां इस समय लगभग पांच सौ घर फिलीस्तीनी के हैं, और वो हिस्सा अल अक्सा मस्जिद से नजदीक है उसे यहूदियों ने डेढ़ सौ साल पहले चौगुना कीमत देकर अरब वालों से खरीदा था , जिसका मुकदमा चल रहा था !

कुछ दिन पहले इजराइली कोर्ट ने उस हिस्से को खाली कराके वो जमीन यहूदियों को सौंपने और फिलिस्तीनीयों को दूसरी जगह बसाने का आदेश दिया !


कोर्ट के आदेश पर उस जमीन को खाली कराया जा रहा था जिसका बिरोध फिलिस्तीन सहित सभी मुस्लिम देश कर रहे थे , खासकर तुर्की 

इनका कहना था कि डेढ सौ साल पुरानी बात को अब लागू नहीं किया जा सकता, यथा स्थिति बनी रहनी चाहिए !


ये वही तुर्की है जो सोफिया हयात चर्च को मस्जिद में बदल दी , ये तर्क देकर कि हमारे राजा ने चार सौ साल पहले अंग्रेजों से इसे खरीदा था !


खैर , जुम्मे के दिन काफी संख्या में मुसलमान अल अक्सा मस्जिद में इकट्ठा हुए और नमाज अदा करने के बाद अपने आदत के अनुसार इजरायली सेना पर पत्थरबाजी शुरू कर दिया !

जिसके जवाब में इजरायली सैनिक इनको पूरी ताकत के साथ मुकाबला किया और मस्जिद के अंदर घुस गई !

मस्जिद के अंदर घुस कर भी जो जिस कंडिशन में मिला उसे उसी कंडीशन में जमकर पीटा !


जिससे नाराज होकर हमास ने इजराय


ल पर राकेट से हमला कर दिया !

इस हमले में अब तक छह इजरायली नागरिक मारे जा चुके हैं और लगभग पन्द्रह घायल हैं !

जबकि जबाबी कार्यवाही में तीन सौ से ज्यादा फिलीस्तीनी मारे जा चुके हैं और आठ सौ से ज्यादा घायल हैं !


इजरायल ने कहा है कि अब वो तब तक नहीं रूकेगा जब तक हमास को पूरी तरह समाप्त नहीं कर देगा 


जबकि सच्चाई ये है कि इजरायल तब तक नहीं रूकेगा जबतक वो फिलीस्तीन का बाकी बचा 12 प्रतिशत हिस्सा भी कब्जा नहीं कर लैगा।।

*साभार

* इजराइल का ब्रह्मास्त्र

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* Railway GRS online test

Saturday, 15 May 2021

इजराइल का ब्रह्मास्त्र जो हवा में ही 1500 रॉकेट को हवा में मार गिराया

 

इजरायल और फिलिस्तीन के बीच जा रही युद्ध में फिलिस्तीन के द्वारा छोड़े गए करीब एक हजार से ज्यादा रॉकेट को इजरायल की सुरक्षा कवच आयरन डोम ने हवा में ही मार गिराया ! लेकिन हाल के कुछ सालों में हिंसा के बीच रह रहे इसराइली इस तकनीक के शुक्रग़ुज़ार हैं कि ये उनकी जान बचाती है !



कुछ जानकारों का मानना है कि ये तकनीक फिलहाल ग़जा की तरफ से आने वाले रॉकेट को नष्ट कर देती है लेकिन भविष्य में मुमकिन है कि किसी दूसरे दुश्मन के ख़िलाफ़ ये उतनी कारगर साबित न हों !

आयरन डोम ने दो सौ चालीस को इंटरसेप्ट किया, जिनमें से इजरायल रक्षा बल 86 प्रतिशत मार दर का दावा करते हैं, जिसमें पैंतीस रॉकेट आबादी वाले क्षेत्रों में उतरते हैं।

इस प्रणाली को पहली बार 2011 में तैनात किया गया था और इसने मानव रहित हवाई वाहनों और इजरायल को मिसाइल खतरों से सुरक्षा प्रदान की है। तामिर मिसाइल से लैस, आयरन डोम को नियमित रूप से अपग्रेड किया गया है। सिस्टम राफेल एडवांस्ड डिफेंस द्वारा बनाया गया है और कंपनी के अनुसार इसकी सफलता दर 90 प्रतिशत है।


सिस्टम को कम दूरी के रॉकेट और 155 मिमी तोपखाने के गोले का मुकाबला करने के लिए 70 किलोमीटर तक की सीमा के साथ बनाया गया है। इसके निर्माता के अनुसार, आयरन डोम प्रतिकूल मौसम की स्थिति में दिन-रात काम करेगा, और एक साथ कई खतरों का जवाब दे सकता है।



साल 2006 में इस्लामी समूह हिज़बुल्लाह से लड़ाई के बाद इसराइल ने इस तकनीक पर काम करना शुरू किया था !

इस प्रोजेक्ट के लिए इसराइल को 20 करोड़ डॉलर की मदद अमेरिका से मिली !


और कई सालों की रिसर्च के बाद साल 2011 में इस सिस्टम को टेस्ट किया गया ! टेस्ट के दौरान दक्षिणी शहर बीरसेबा से दागे गए मिसाइलों को ये सिस्टम मार गिराने में कामयाब रहा था !


टाइम्स ऑफ़ इसराइल अख़बार के मुताबिक़ हर इंटरसेप्टर की क़ीमत क़रीब 1.5 लाख डॉलर है ! आयरन डोम एक बड़े मिसाइल डिफेंस सिस्टम का हिस्सा है, जिसे इसराइल ने लाखों डॉलर खर्च कर बनाया है !

ये सिस्टम ख़ुद से पता लगा लेता है कि मिसाइल रिहायशी इलाकों में गिरने वाला है या नहीं और कौन-सा मिसाइल अपने निशाने से चूक रहा है ! लेकिन इनमें से ज़्यादातर रॉकेट इसराइल की सुरक्षा शील्ड के कारण ज़मीन तक पहुंचने से पहले ही नष्ट हो गए. इस सुरक्षा शील्ड को आयरन डोम एंटी मिसाइल डिफेन्स सिस्टम कहते हैं ! इसराइल और फलस्तीनियों के बीच जारी लड़ाई के बीच इसराइली सेना ने कहा कि हमास और दूसरे फ़लस्तीनी संगठनों ने 1,500 से अधिक रॉकेट इसराइल की ओर दाग़े हैं !

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Friday, 14 May 2021

क्या है मूल झगड़े की जड़? दुनिया की निगाहें इस्राइल-फिलिस्तीन पर !

क्या है मूल झगड़े की जड़? दुनिया की निगाहें इस्राइल-फिलिस्तीन पर !
येरुशलम को लेकर झगड़ा बड़ा विचित्र है। इस्राइल इसे अपना मानता है। वह कहता है इस क्षेत्र पर उसका अधिकार है। इसके समानांतर फिलिस्तीनियों ने इसे होने वाले नए स्वतंत्र देश की राजधानी घोषित कर रखा है। अभी फिलिस्तीनियों की इस घोषणा का अर्थ है कि भविष्य में उन्हें स्वतंत्र देश की मान्यता मिलने पर येरुशलम उनकी राजधानी होगी। 

भूमध्यय सागर और मृत सागर के बीच इसराइल की सीमा पर बसा यरुशलम एक शानदार शहर है। शहर की सीमा के पास दुनिया का सबसे ज्यादा नमक वाला डेड सी यानी मृत सागर है। कहते हैं यहां के पानी में इतना नमक है कि इसमें किसी भी प्रकार का जीवन नहीं पनप सकता और इसके पानी में मौजूद नमक के कारण इसमें कोई डूबता भी नहीं है।
इसराइल का एक हिस्सा है गाजा पट्टी और रामल्लाह, जहां फिलीस्तीनी मुस्लिम लोग रहते हैं और उन्होंने इसराइल से अलग होने के लिए विद्रोह छेड़ रखा है। ये लोग यरुशलम को इसराइल के कब्जे से मुक्त कराना चाहते हैं। 

अंतत: इस शहर के बारे में जितना लिखा जाए, कम है। काबा, काशी, मथुरा, अयोध्या, ग्रीस, बाली, श्रीनगर, जफना, रोम, कंधहार आदि प्राचीन शहरों की तरह ही इस शहर का इतिहास भी बहुत महत्व रखता है। यरुशलम यहूदी पन्थ, ईसाई पन्थ और इस्लाम पन्थ, तीनों की पवित्र नगरी है। ये शहर ईसाइयत, इस्लाम और यहूदी धर्म के लिए इतना महत्वपूर्ण क्यों है, ये तीनों ही धर्म अपने उद्गम को बाइबल के चरित्र अब्राहम से जोड़कर देखते हैं ! 

इतिहास गवाह है कि येरुशलम प्राचीन यहूदी राज्य का केन्द्र और राजधानी रहा है। यहीं यहूदियों का परमपवित्र सोलोमन मन्दिर हुआ करता था, जिसे रोमनों ने नष्ट कर दिया था। ये शहर ईसा मसीह की कर्मभूमि रहा है। यहीं से हज़रत मुहम्मद जन्नत गए थे। यहीं पवित्र गुंबदाकार 'डोम ऑफ़ रॉक' यानी क़ुब्बतुल सख़रह और अल-अक्सा मस्जिद है ! यह एक पठार पर स्थित है जिसे मुस्लिम हरम अल शरीफ़ या पवित्र स्थान कहते हैं !

 राजधानी होने के अलावा यह एक महत्‍वपूर्ण पर्यटन स्‍थल भी है। इस शहर में 158 गिरिजाघर तथा 73 मस्जिदें स्थित हैं। इन गिरिजाघरों और मस्जिदों के अलावा भी यहाँ देखने लायक बहुत कुछ है। द इजरायल म्‍यूजियम, याद भसीम, नोबेल अभ्‍यारण, अल अक्‍सा मस्जिद, कुव्‍वत अल सकारा, मुसाला मरवान, सोलोमन टेम्पल, वेस्‍टर्न वॉल, डेबिडस गुम्‍बद आदि। यहाँ के प्रमुख दर्शनीय स्‍थल हैं।

 यहूदियों का कहना है कि 640 ई. में येरुसलम पर मुस्लिमों का नियंत्रण था। इस दौरान मुस्लिमों ने 957 ई. पूर्व बने उनके पहले टेंपल (मंदिर) पर 691 ई. में गुंबद का निर्माण कराया। इसे ही डोम ऑफ राक्स कहते हैं। 702 ई. में मुसलमानों ने 352 ई.पूर्व बने उनके दूसरे मंदिर के ढांचे और स्थान पर अल-अक्सा मस्जिद का निर्माण कराया। इसलिए यह क्षेत्र मूल रूप से यहूदियों का पवित्र स्थल है और इस पर उनका अधिकार है। यहूदी इस मस्जिद की पश्चिमी दीवार को पूजते हैं। उनका दावा है कि यह 352 ई. पूर्व बनी थी। इस मस्जिद के नीचे की जमीन को यहूदी, ईसाई और मुसलमान तीनों पवित्र मानते हैं। इसके एक तरफ फिलिस्तीनी रहते हैं। 

फिलिस्तीनी हरम-अल-शरीफ में प्रवेश कर सकते हैं और अल अक्सा में नमाज अता कर सकते हैं। यह लंबे समय तक होता आया। लेकिन पिछले कई दशकों से करीब-करीब हर रमजान के समय में यहां टकराव की आशंका बनी रहती है। इस बार इस्राइल ने फिलिस्तीनियों से इस स्थान को खाली कराना शुरू कर दिया और इसने युद्ध जैसा रूप लेना शुरू कर दिया है। फिलिस्तीनियों के संगठन हमास ने इस्राइल पर पहले 1500 के करीब राकेट बरसाए। इस्राइल ने अपनी तकनीक और एयर डिफेंस के सहारे इस हमले को काफी हद तक बेअसर कर दिया। हमास के कमांडर को मार गिराया। जवाब में हमास ने हमला तेज कर दिया है।

Wednesday, 12 May 2021

रॉबिनहुड बनने के चक्कर में बिहार के बाहुबली को जेल

 

‘जंजीर बढ़ा कर साध मुझे,

हाँ, हाँ दुर्योधन! बाँध मुझे।

‘बाँधने मुझे तो आया है,

जंजीर बड़ी क्या लाया है?

‘हित-वचन नहीं तूने माना,

मैत्री का मूल्य न पहचाना,

तो ले, मैं भी अब जाता हूँ,

अन्तिम संकल्प सुनाता हूँ।

याचना नहीं, अब रण होगा,

जीवन-जय या कि मरण होगा।

आखिर तू भूशायी होगा,

हिंसा का पर, दायी होगा।’


 उपर्युक्त कविता का भावार्थ निकालना चाहेंगे सुनिश्चित है यह श्री कृष्ण भगवान का संवाद है जो श्री श्री कृष्ण भगवान ने दुर्योधन को समझाते हुए कहा था युद्ध को छोड़कर पांडवों से सुलह कर लो अन्यथा इसका परिणाम बहुत ही भयंकर होगा !



लेकिन मैं यहां पर श्री कृष्ण दुर्योधन और पांडवों की बात नहीं कर रहा हूं मैं बिहार के बाहुबली पूर्व सांसद पप्पू रंजन की बात कर रहा हूं जिन्होंने हाल ही में राजीव प्रताप रूडी के द्वारा दिए गए बेकार एंबुलेंस के फोटो लेकर मीडिया में देने के कारण विशेष रूप से चर्चित हुए उनके समर्थकों का कहना है कि बिहार सरकार पप्पू यादव को गिरफ्तार करके बहुत गलती कर रही है उन्हें छोड़ देना चाहिए क्योंकि अबे आप पुराना वाला बाहुबली नहीं है बल्कि एक समाजसेवी के रूप में अपने आप को पहचान बनाने में लगे हुए हैं !


उनके समर्थकों का कहना है कि अगर आप बिहार को बचाना चाहते हैं। बिहार में गौतम बुद्ध और महावीर के परोपकार की परंपरा को बचाना चाहते हैं। गरीबों और जरूरमंद लोगों की आवाज बुलंद रखना चाहते हैं। लोकतंत्र को बरकरार रखना चाहते हैं। तो प्रदेश भर में सरकार के इस रवैये के खिलाफ गिरफ्तारी को तैयार रहिए। आज मौका है, नहीं तो बाद में पछतावे के कुछ नहीं मिलेगा और सेवा व मदद को कोई नहीं आएगा।

पप्पू यादव जी गरीबों के मसीहा है जो गरीबों का सेवा करते थे ! बिहार सरकार को रास नहीं आया और अपना नाकामी छुपाने की की कोशिश में पप्पू यादव को गिरफ्तार किया और बता देना चाहता हूं ! जब पटना में बाढ़ आया था इतना भारी शरीर लेकर हर संभव मदद करता था और जो सरकार में था वह हाफ पैंट पहन कर भाग रहे थे इस वक्त हम लोगों को रोड पर उतरना चाहिए !

यह गिरफ्तारी पप्पू यादव जी का नहीं हुआ है बल्कि इंसानियत का गिरफ्तारी किया गया है बेबस लाचार असहाय परिवार का गिरफ्तारी हुआ है, उस उम्मीद की किरण का गिरफ्तार हुआ है जो आज भी नजर गड़ाए हुए हैं कि कोई मदद कर दे ना हमारा पेशेंट हमारा मरीज बच जाएगा यह गिरफ्तारी उन सभी लोगों का है जिनको पीड़ा में पप्पू यादव जी खड़े रहे हैं यह गिरफ्तारी पप्पू यादव जी का ही नहीं हुआ है बल्कि उस हर मन (दिल) का गिरफ्तारी किया गया है जिस मन का हीरो पप्पू यादव जी हैं !

चाहे चमकी बुखार हो या पटना का भीषण बाढ़ या फिर अब कोरोना महामारी की तबाही, सबसे आगे आकर लोगों की दुख की घड़ी में कोई आम लोगों को मदद कर रहा है तो वो 'पप्पू यादव' ही हैं, बिहार सरकार द्वारा पप्पू यादव को गिरफ्तार करना बेहद निंदनीय है, हर बिहारी को पप्पू यादव की रिहाई के लिए आवाज उठाना चाहिए।



गिरफ्तारी का कारण चाहे जो भी हो इतना तो साफ है कि यह व्यक्ति समाजिक सदभाव के नजरिये से शाहबुद्दीन से भी ज्यादा ख़तरनाक है, संवेदनशील मुद्दों पर समाज को भड़काने का काम और सस्ती राजनिती करके कोई समाज का नेता नहीं बन सकता, 1990 में पुलिस वाले की मूंछ उखाड़ी,डीएसपी को चलती कार के सामने धकेला, 1998 में अजीत सरकार की हत्या में उम्र कैद ,इंस्पेक्टर की हत्या का आरोप जैसे सैंकड़ों आपराधिक मामले, CAA ,NRC जैसे मामलों में मुस्लिम टोलों में जाकर मुसलमानों को भड़काना, समाज में जातिवाद का आग भड़काकर अपनी राजनीतिक रोटी सेंकना ।

चंद रुपये और कुछ दूध ब्रेड के पैकेट बांटकर एक दुर्दांत अपराधी समाज का मसीहा कैसे बन सकता है ?


कितने अपहरणों को अंजाम देने वाला पप्पू यादव, अभी वह फरार है अपहरण के इस मामले में भी। अपराधी पप्पू यादव की गिरफ्तारी स्वागतयोग्य है। जिस व्यक्ति के खिलाफ राज्य के विभिन्न पुलिस थानों में 30 से अधिक मुकदमे दर्ज हों, फिरौती के पैसे से समाज सेवा करने वाला समाजसेवी तो कतई नहीं हो सकता है। माननीय न्यायालय के इसी आदेश को देख लीजिये। माननीय न्यायालय ने इसी साल 22 मार्च को यह आदेश दिया है। इसमें अपहरण करने, फिरौती मांगने, भीड़ के साथ दंगा फैलाने जैसे संगीन आरोप हैं। इस मामले में भी पप्पू यादव को अदालत के समक्ष पेश करने को कहा गया है। आप लोग भी खुद देख लीजिये। यह मेरा आरोप नहीं है। स्वयं न्यायालय का आदेश है यह। ऐसे 30 से अधिक मामले जिस व्यक्ति के खिलाफ हों, उसका खुले घूमना समाज और सभ्य लोगों के लिये जोखिम है। मैं इस असामाजिक व्यक्ति को गिरफ्तार करने के लिये प्रशासन की प्रशंसा करता हूं।


कोरोना काल में लॉकडाउन के उल्लंघन मामले में पप्पू यादव को मंगलवार को पटना पुलिस ने गिरफ्तार किया और बाद में तीन दशक पुराने मामले में उन्हें मधेपुरा जेल भेज दिया. पप्पू यादव की गिरफ्तारी ने बिहार की राजनीतिक तपिश को बढ़ा दिया है !

बिहार का वो बाहुबली जो रॉबिन हुड बनने की कोशिश में पहुंच गया जेल !

पप्पू यादव ने राजनीति में कदम रखने से पहले ही बाहुबली के रूप में अपनी छवि बना ली थी. पप्पू यादव ने साल 1990 में सियासत में कदम रखा और वह सिंहेसरस्थान विधानसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में पहली बार विधायक बने और फिर पलटकर नहीं देखा. 90 के दशक की शुरुआत में पप्पू यादव और आनंद मोहन (राजपूत नेता जो अभी जेल में हैं) के बीच जातीय वर्चस्व की लड़ाई में जमकर खून खराबा हुआ !


जन अधिकार पार्टी सुप्रीमो और पूर्व सांसद पप्पू यादव की गिरफ्तारी 32 साल पुराने मामले में हुई है। पटना में पप्पू यादव की गिरफ्तारी के बाद अब उनको मधेपुरा ले जाया गया। मंगलवार सुबह में पटना स्थित आवास से पप्पू यादव की गिरफ्तारी हुई तो लॉकडाउन के उल्लंघन समेत अन्य मामलों में अरेस्टिंग के कयास लगाए जा रहे थे लेकिन शाम होते-होते मामला मधेपुरा से जुड़े एक केस का निकला।

 पप्पू यादव की पत्नी और सुपौल की पूर्व सांसद रंजीत रंजन ने मीडिया में बड़ा बयान दिया है। रंजीत रंजन ने पप्पू यादव की जान को खतरा बताया है। उधर पुलिस कस्टडी से पप्पू यादव ने भी इसी बात दोहराया है और कहा कि सरकार उन्हें मारना चाहती है। पप्पू यादव की गिरफ्तारी के बाद मीडिया से बातचीत में उनकी पत्नी रंजीत रंजन ने कहा कि 'पप्पू यादव लगातार अपने घर परिवार को छोड़कर जरूरतमंदों की मदद कर रहे थे। ये पूरी दुनिया देख रही थी। जो हालात देश में और खासकर बिहार में है, उसे देखते हुए जनप्रतिनिधि होने के नाते आमलोगों की मदद करते हैं।

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