NPS - आपके पैसा आप जहां लगाएं !
पेंशन फंड नियामक व विकास प्राधिकरण (PFRDA) एनपीएस में शामिल होने के लिए अधिकतम आयु बढ़ाकर 70 वर्ष करने पर विचार कर रहा है, जबकि निकास आयु को भी संशोधित कर 75 वर्ष किया जा सकता है।
अधिकतम प्रवेश और निकास आयु बढ़ाई जाएगी:-
वर्तमान में, 18 से 65 वर्ष की आयु के लोग NPS में शामिल हो सकते हैं। नियामक इसे बढ़ाकर 70 साल करने पर विचार कर रहा है। बाहर निकलने की उम्र भी मौजूदा 70 साल से बढ़ाकर 75 साल की जा सकती है।
रिटायर्ड लोगों को सरकार जल्द बड़ी राहत देने पर विचार कर रही है. पेंशन फंड नियामक व विकास प्राधिकरण (PFRDA) पेंशनभोगियों को अपने पेंशन फंड में से अधिकतम पांच लाख रुपये तक निकालने की सुविधा दे सकता है. मौजूदा समय में लाभार्थी सिर्फ 2 लाख रुपये तक निकाल सकते हैं, लेकिन सरकार इस लिमिट को बढ़ाने का प्लान बना रही है. इसका मतलब यह है कि अगर किसी के नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) फंड में पांच लाख रुपये तक हैं तो वह अपनी पूरी रकम निकाल सकेगा !
आपको बता दें पेंशन पर मिलने वाली वार्षिक intrest rate करीब 5 से 6% के बीच होती है लेकिन आपको मालूम होगा retirement के बाद जो एनपीएस से एकमुश्त राशि मिलती है यह राशि टैक्सेबल है ! कभी-कभी यह हो
ता है कि टैक्स अदा करने के बाद बची हुई राशि आपको पूरे सर्विस में जमा की गई राशि से भी कम मिलती है या सीधे शब्दों में बोले तो यह नेगेटिव रिटर्न मिलता है ! वर्तमान नियम के मुताबिक, पेंशन फंड में से अधिकतम 60 फीसदी राशि ही निकाली जा सकती है जो दो लाख रुपये से अधिक नहीं हो सकती है ! इसके अलावा शेष 40 फीसदी राशि एनपीएस में ही रखनी पड़ती है, जिसे सरकार अपने हिसाब से निवेश करती है और खाताधारक को पेंशन देती है !
एनपीएस सब्सक्राइबर रिटायरमेंट के बाद अपने निवेश का 60 फीसदी withdraw कर सकते हैं, जबकि 40 फीसदी को पेंशन पाने के लिए किसी एक बीमा कंपनी के पास रखना होगा। सब्सक्राइबर को अपने एनपीएस कोष का 40 प्रतिशत एनपीएस के पैनल में शामिल 12 बीमा कंपनियों में से एक के पास रखना होगा।
चूंकि एनपीएस एक बाजार से जुड़ा उत्पाद है जो इक्विटी, कॉरपोरेट बॉन्ड और सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश करता है, इसलिए कोई भी कुल रिटर्न की भविष्यवाणी नहीं कर सकता है कि कोई सेवानिवृत्ति से कमा सकता है।
बदलते वक्त में सरकार एनपीएस धारकों को पारिवारिक जरूरतें पूरी करने में मदद करना चाहती है. इसके साथ ही सरकार चाहती है कि अगर एनपीएस धारक को लगता है कि वह उस रकम को किसी और जगह लगाकर बेहतर रिटर्न हासिल कर सकता है तो यह फैसला उसी के ऊपर छोड़ दिया जाए !
निकाल सकेंगे पूरी रकम
सूत्रों के मुताबिक अगर पेंशन फंड में पूरे पांच लाख रुपये हैं तब भी उससे मिलने वाला मासिक पेंशन इतना कम होगा कि वह पेंशनभोगी की मासिक जरूरतों को पूरा करने में कतई सक्षम नहीं हो सकता है. ऐसे में बेहतर यही है कि उसे पूरी रकम निकाल लेने और किसी ऐसी जगह निवेश करने की आजादी दे दी जाए जहां से उसे एनपीएस के मुकाबले अच्छा रिटर्न मिल सकता है ! यह समाचार आप cominghindinews.blogspot.com पर पढ़ रहे हैं !
हालांकि, पीएफआरडीए नई योजना में भी एनपीएस फंड का एक हिस्सा अपने पास रखकर सरकारी निवेश उपकरणों में निवेश के माध्यम से 5.5 फीसद तक रिटर्न देने का पक्षधर है. इस वक्त तो महंगाई दर और पेंशन फंड से हासिल कमाई पर आयकर को जोड़ दें तो यह फंड नकारात्मक रिटर्न ही दे रहा है ! इसलिए भी सरकार यह फैसला पेंशनधारक पर छोड़ने के पक्ष में है कि वह रकम निकाल ले या रहने दे ! अधिक समाचार पढ़ने के लिए गूगल में cominghindinews.blogspot.com पर सर्च करें !
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