Friday 27 May 2022

31 MAY के स्टेशन मास्टरों की हड़ताल स्थगित, अब इस दिन करेंगे हड़ताल

 

31 May के स्टेशन मास्टरों की  हड़ताल स्थगित, अब इस दिन करेंगे हड़ताल


भारतीय रेलवे के स्टेशन मास्टर के द्वारा 31 मई 2022 को होने वाले प्रस्तावित हड़ताल को स्थगित कर दिया गया है।


जैसा कि आप जानते हैं कि ऑल इंडिया स्टेशन मास्टर एसोसिएशन के महासचिव के द्वारा रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष को एक नोटिस के द्वारा अपनी मांगों को रखते हुए 31 मई 2022 को संपूर्ण भारत में 35,000 स्टेशन मास्टर ने 1 दिन के आकस्मिक अवकाश की घोषणा की थी। आप यह समाचार www.operafast.com पर पढ़ रहे हैं।


The proposed strike to be held on 31 MAY 2022 by the Station Master of Indian Railways has been postponed. As you know, 35,000 station masters across India had declared one day casual leave on 31 May 2022 by the General Secretary of the All India Station Master Association, placing their demands through a notice to the Chairman, Railway Board.



स्टेशन मास्टरों के एसोसिएशन द्वारा प्रस्तावित हड़ताल और उससे होने वाले बाधित रेल सेवाओं को देखते हुए एसोशियन के प्रमुख मांगों पर सौहार्दपूर्ण समाधान निकलने हेतु मुख्य केंद्रीय श्रम आयुक्त , श्रम मंत्रालय , संसद मार्ग नई दिल्ली और उप सीएससी रेलवे प्रबंधन के साथ  श्रम मंत्रालय में एक संयुक्त बैठक हुई।


In view of the proposed strike by the Association of Station Masters and disrupted rail services due to it, the Chief Central Labor Commissioner, Labor Ministry, Sansad Marg New Delhi and Deputy CSC Railway Management along with the Ministry of Labor to work out an amicable solution to the major demands of the Association The meeting took place.


विदित हो कि औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 के अनुसार जब सुलह की कार्यवाही के लिए सुलह अधिकारी के समक्ष मामला लंबित हो तो ट्रेड यूनियनों के द्वारा हड़ताल पर जाने पर प्रतिबंध है । साथ ही इस औधोगिक अधिनियम के तहत भारतीय संविधान और उसके आदर्शों को सम्मान में अपनी हड़ताल को किसी दूसरी तारीख के लिए स्थगित करना पड़ रहा है।


It may be noted that according to the Industrial Disputes Act 1947, trade unions are prohibited from going on strike when the matter is pending before the Conciliation Officer for conciliation proceedings. At the same time, in respect of the Indian Constitution and its ideals, under this Industrial Act, their strike has to be postponed to another date.


ऑल इंडिया स्टेशन मास्टर एसोसिएशन के द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 की धारा 22 के अनुसार 16 के कार्रवाई के समापन के साथ दिन बाद किसी दूसरे तारीख को ही हड़ताल कर पाना संभव होगा।


इस प्रस्तावित हड़ताल के टलने के कारण आम लोगों को होने वाले असुविधा अब नही होगी। एक बार फिर स्टेशन मास्टर अपनी ड्यूटी पर मुस्तैदी के साथ ड्यूटी जारी रखेंगे।

According to the release issued by the All India Station Master's Association, according to Section 22 of the Industrial Disputes Act 1947, it will be possible to strike on a different date only after 16 days with the conclusion of the action. Due to the postponement of this proposed strike, the inconvenience caused to the common people will no longer be there. Once again the Station Master will continue his duty with promptness.


हालांकि इस बैठक में कोई निष्कर्ष नही निकला और ज्यादातर स्टेशन मास्टर असंतुष्टि जाहिर करते हुए कहा कि पिछले इतिहास ने साबित कर दिया है कि हमारा हर कार्य सफलता की ओर एक बढ़ते कदम है। हम डरने वाले नही है अगर रेलवे बोर्ड हमारी मांगे नही मानेगी तो 1997 जैसा एक बार फिर इतिहास को दोहराया जाएगा।


However, no conclusion was reached in this meeting and most of the station masters expressed dissatisfaction saying that although no conclusion was reached in this meeting and most of the station masters expressed dissatisfaction saying that past history has proved that our every work is towards success. A step forward. We are not going to be afraid, if the Railway Board does not accept our demands, then history will be repeated once again like 1997.


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Thursday 26 May 2022

35 Thousand Station masters will go on strike on this day

 

Station master will stop rail service on this day for fulfill his Demand

Rail services coming across India are likely to be disrupted on May 31, 2022 because 35000 station masters across the country are going to go on a one-day mass holiday to meet their demand and have sent their decision to the Railway Board. You are reading this news on www.operafast.com





According to Rajamanikam Palani, zonal president of All India Station Master Association of Southern Railway, the station master has been fighting for his demands for a long time. Their major demands include filling up of vacant posts of station master, re-introducing the closed night duty allowance, giving stress allowance, cadre restructuring etc.



He said that the stress of the station masters has been beyond tolerable levels. The demand for  payment of Security and Stress Allowance to Station Masters is justified and should be accepted at the earliest.


In a statement issued by the All India Station Master Association, it has been said that on 31 May 2022, about 35000 station masters can go on leave. All India Station Master is trying to get its demand accepted since October 2020 but till now these demands of Station Master have not been considered in the same way.




AISMA Divisional President, Tiruchirappalli Railway Division, K Marimuthu (Dy SMR/GOC) said that we have been demanding our demand in a peaceful manner. AISMA has already sent its list of demands to the Chairman of the Railway Board.


Let us tell you that the main reason for the station masters all over India to go on mass leave for one day is to get the Night Duty Allowance re-issued which has been discontinued for those with basic pay of 43600/-.


During the contact with the masters at all the stations in the station to man contact program, a senior leader of the Association cadre informed that a station master plays an important role at his station, which includes stopping the train, starting the train, setting the platform, From giving tickets to the passenger, doing the work of public dealing.

 

In case of any sudden failure in the course of his duty, it is the job of the station master to take the decision immediately and get the train dispatched in other ways. In which safe operation is done by issuing various types of paper memos with caution.


What does a Station Master do? 


The station master is in overall incharge of his station and includes the station superintendent, station manager. He is responsible for the general maintenance of his working station. He is responsible for maintaining and updating train movement, signalling procedures, accident registers and accident charts.

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Wednesday 25 May 2022

एक और सतालोलुप चूहे ने डूबती जहाज को छोड़कर भागा

 

कहते हैं ना कि पानी का जहाज जब डूबने लगता है तो चूहे भी जहाज से कूद कर अपनी जान बचाने की कोशिश करते हैं। ये न्यूज़ www.operafast.com पर पढ़ रहे हैं।


कांग्रेस पार्टी में सब कुछ ठीक ठाक नही चल रहा है। पार्टी के भीतर के बड़े नेता अपने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व विरोध कर रहे हैं। कोई खुलम खुल्ला तो कोई दवे मुंह। 

हाल ही पार्टी छोड़ने वाले कांग्रेस के दिग्गज नेता कपिल सिब्बल औपचारिक तौर पर कांग्रेस से नाता तोड यूपी के क्षेत्रीय पार्टी का सहयोग मांगा है। कपिल सिब्बल कांग्रेस से अलग होकर लखनऊ से राज्यसभा के लिए पर्चा भरा है। उन्होंने पर्चा भरने के बाद बताया कि वे कांग्रेस से 16 मई को ही इस्तीफा दे चुके है।


ऐसे देखा जाय तो सिब्बल पार्टी अलग होकर राजसभा के लिए पर्चा भी भर दिया है लेकिन निर्दलीय। लेकिन उनका साथ समाजवादी पार्टी का है। एक्चुअली समाजवादी पार्टी का अभी तक सदस्यता ग्रहण भी नही करने वाले सिब्बल को समाजवादी पार्टी का राज्यसभा के लिए समर्थन है।


कांग्रेस के उदयपुर चिंतन शिविर में नही गए थे कपिल सिब्बल

 कांग्रेस द्वारा आयोजित राजस्थान के उदयपुर के चिंतन शिविर में नेतृत्व की ओर से बुलावा आया था लेकिन वे नहीं जा सके। क्योंकि सिब्बल G-23 के भी बागी रहे हैं। तभी से अनुमान लगाया जा रहा था कि सिब्बल पार्टी छोड़ सकते हैं।


क्या है G-23 ?

G-23 कांग्रेस के पार्टी नेताओं का एक समूह है। इस समूह के नेताओं ने पिछले साल पार्टी नेतृत्व  की कार्यप्रणाली पर सन्देह व्यक्त करते हुए कांग्रेस के दिग्गज नेत्री सोनिया गांधी को पत्र लिखा था। साथ ही जल्द से जल्द पार्टी संगठन की चुनाव कराने के मांग की थी। इसमें कपिल सिब्बल, गुलाम नवी आजाद समेत कई दिग्गज नेता थे। 

कहते हैं ना कि पानी का जहाज जब डूबने लगता है तो चूहे भी जहाज से कूद कर अपनी जान बचाने की कोशिश करते हैं।


कांग्रेस पार्टी में सब कुछ ठीक ठाक नही चल रहा है। पार्टी के भीतर के बड़े नेता अपने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व विरोध कर रहे हैं। कोई खुलम खुल्ला तो कोई दवे मुंह। 




हाल ही पार्टी छोड़ने वाले कांग्रेस के दिग्गज नेता कपिल सिब्बल औपचारिक तौर पर कांग्रेस से नाता तोड यूपी के क्षेत्रीय पार्टी का सहयोग मांगा है। कपिल सिब्बल कांग्रेस से अलग होकर लखनऊ से राज्यसभा के लिए पर्चा भरा है। उन्होंने पर्चा भरने के बाद बताया कि वे कांग्रेस से 16 मई को ही इस्तीफा दे चुके है।


सिब्बल ने बताया कि वे विपक्ष में रहकर मोदी सरकार का गलत कामों का जमकर विरोध प्रदर्शन करेंगे। अगले 2 सालों में होने वाले सभी चुनावों से पहले मोदी सरकार की नाकामियों को जनता को अवगत कराएंगे। जनता विपक्ष की बात जरूर सुनेगी।


लेकिन कुछ कांग्रेस समर्थक कपिल सिब्बल के कांग्रेस छोड़ने से नाराज है उनका कहना है कि बिना चुनाव लडे कांग्रेस की सरकार में मंत्री बन कर मलाई खाने वाले आज उसी जहाज से कूद रहे हैं जिसमें इन्हीं मौका परस्तों ने छेद किया है इन्हीं मिर जाफर और जय चंदों ने देश को बरबाद किया है ये लोग विचार धारा से नहीं मौका परस्ती का खेल खेलते रहे कांग्रेस के साथ रह कर इनको देश से कोई मतलब नहीं था ये सारे दिमागी कैंसर के मरीज थे और इनके सहारे कांग्रेस पार्टी देश चला रही थी आधी बीजेपी तो कांग्रेस के डरपोकों के सहारे चल रही है । इस देश का क्या होगा इसकी चिंता  खाये जाती है इस देश को गरीब मजदूर ने बनाया और सता ने इसे ज्वालामुखी बना दिया और उसके मुहाने पर देश को बिठा दिया है ।


इनका कोई जनाधार नहीं है। इनके कांग्रेश छोड़ने से ना तो कांग्रेस को कोई फर्क पड़ता है और ना इनके सपा जॉइन करने से सपा को कोई फायदा होगा यह हमेशा बैक डोर एंट्री यानी राज्यसभा में ही आते रहे हैं इनके हर स्टेटमेंट से कांग्रेस को नुकसान ही हुआ है इनकी वकालत कभी भी कांग्रेश के काम नहीं आई ना तो यह कांग्रेस को राम मंदिर का मुकदमा जितवा पाए ना कोई दूसरा महत्वपूर्ण मुकदमा यह केवल राज्यसभा में जबान चला सकते हैं जमीनी स्तर पर इनसे कोई काम की उम्मीद नहीं की जा सकती सपा में यह केवल एक शो पीस की तरह ही काम कर सकेंगे।


गुस्से में एक कांग्रेस कार्यकर्ता ने कहा कि यह एक पद लोलुप व्यक्ति है एक अच्छे वकील होने के नाते विपक्षी दल अपने काली करतूतों से बचाव के लिए प्रयोग के लिए करते हैं, लेकिन आज तक देश के महत्वपूर्ण मुकदमों जिनकी पैरवी इनके द्वारा की गई है उन्हें सिर्फ विलम्बित करने के अतिरिक्त इन्हें कोई सफलता नहीं मिली है। कांग्रेस के लिये सौभाग्य की बात है कि मौकापरस्त एक एक कर भाग रहे हैं । आने वाले समय में कांग्रेस जनता की आवाज होगी।


लेकिन कुछ कांग्रेस समर्थक कपिल सिब्बल के कांग्रेस छोड़ने से नाराज है उनका कहना है कि बिना चुनाव लडे कांग्रेस की सरकार में मंत्री बन कर मलाई खाने वाले आज उसी जहाज से कूद रहे हैं जिसमें इन्हीं मौका परस्तों ने छेद किया है इन्हीं मिर जाफर और जय चंदों ने देश को बरबाद किया है ये लोग विचार धारा से नहीं मौका परस्ती का खेल खेलते रहे कांग्रेस के साथ रह कर इनको देश से कोई मतलब नहीं था ये सारे दिमागी कैंसर के मरीज थे और इनके सहारे कांग्रेस पार्टी देश चला रही थी आधी बीजेपी तो कांग्रेस के डरपोकों के सहारे चल रही है । इस देश का क्या होगा इसकी चिंता  खाये जाती है इस देश को गरीब मजदूर ने बनाया और सता ने इसे ज्वालामुखी बना दिया और उसके मुहाने पर देश को बिठा दिया है ।


इनका कोई जनाधार नहीं है। इनके कांग्रेश छोड़ने से ना तो कांग्रेस को कोई फर्क पड़ता है और ना इनके सपा जॉइन करने से सपा को कोई फायदा होगा यह हमेशा बैक डोर एंट्री यानी राज्यसभा में ही आते रहे हैं इनके हर स्टेटमेंट से कांग्रेस को नुकसान ही हुआ है इनकी वकालत कभी भी कांग्रेश के काम नहीं आई ना तो यह कांग्रेस को राम मंदिर का मुकदमा जितवा पाए ना कोई दूसरा महत्वपूर्ण मुकदमा यह केवल राज्यसभा में जबान चला सकते हैं जमीनी स्तर पर इनसे कोई काम की उम्मीद नहीं की जा सकती सपा में यह केवल एक शो पीस की तरह ही काम कर सकेंगे।


गुस्से में एक कांग्रेस कार्यकर्ता ने कहा कि यह एक पद लोलुप व्यक्ति है एक अच्छे वकील होने के नाते विपक्षी दल अपने काली करतूतों से बचाव के लिए प्रयोग के लिए करते हैं, लेकिन आज तक देश के महत्वपूर्ण मुकदमों जिनकी पैरवी इनके द्वारा की गई है उन्हें सिर्फ विलम्बित करने के अतिरिक्त इन्हें कोई सफलता नहीं मिली है। कांग्रेस के लिये सौभाग्य की बात है कि मौकापरस्त एक एक कर भाग रहे हैं । आने वाले समय में कांग्रेस जनता की आवाज होगी

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Tuesday 24 May 2022

रेलवे ने एक बार फिर इन 6 जोड़ी ट्रेन में भी चादर, कंबल, तकिया सर्विस की शुरुआत की

 

रेलवे ने एक बार फिर इन 6 जोड़ी ट्रेन में चादर, कंबल, तकिया सर्विस की शुरुआत की

भारतीय रेलवे ने अपने यात्रियों को नित नए नए सुविधा प्रदान कर रही है इसी के तहत कोरोना काल में बंद हुए चादर तकिए और कंबल की व्यवस्था फिर से शुरू कर दी गई है जैसा कि आपको मालूम है कि रेलवे ने मार्च में ही 8 जोड़ी ट्रेनों में चादर तकिया कंबल की व्यवस्था कर दी थी और फिर से एक बार दक्षिण रेलवे अपने यात्रियों को दिए 6 जोड़ी ट्रेनों में यह सुविधा मुहैया करा रही है । ये समाचार www.operafast.com पर पढ़ रहे हैं।


आपको मालूम होगा कि भारतीय रेलवे ने एसी में सफर करने वाले अपने यात्रियों के लिए कोरोना की संक्रमण के बढ़ते हुए दर को देखते हुए ए सी कोच में मिलने वाली बेड रोल और कंबल की व्यवस्था बंद कर दी थी इस कारण यात्रियों को भारी फजीहत का सामना करना पड़ रहा था ।



 ऐसी स्थिति में रेल यात्री अपने घर से बेड शीट लेकर यात्रा कर रहे थे लेकिन अब भारतीय रेलवे ए सी कोच में सफर करने वाले यात्रियों को इस परेशानी से राहत देने के लिए इन 6 जोड़ी ट्रेनों में भी चादर कंबल तकिए की व्यवस्था कर दी है ।


Sr DME मदुरै की ओर से जारी पत्र में लिखा है कि निम्न 6 जोड़ी ट्रेनों में बेड रोल चादर कंबल तकिए की व्यवस्था बहाल कर दिया गया है।


1. 12631/12632 Nellai super fast 


2. 12661/12662 POTHIGAI SUPERFAT


3. 16787/16788 TEN SVDK exp


4. 16729/16730 MADURAI PUU EXP


5. 1651/12652 MADURAI NiZAMUDDIN EXP


6. 22623/22624 MADURAI MAHAL EXP


जैसा की आप जानते हैं कि 1 अप्रैल 2022 से निम्न 8 जोड़ी ट्रेन में पहले ही शुरू किया जा चुका है।


1. 12615 Chennai to New Delhi Grand trunk exp


2.  16179 Chennai Egmore to Mannargudi exp


3.12685 Chennai Central to Manglaur exp


4. 12638 Madurai to Chennai Egmore Pandian express


5.12664 Tiruchirapalli to Howrah express


6. 16344 Madurai Tiruanantpuram Amritha Exp


7. 16317 Kanniya kumari to Sri Mata vaishno Devi Katra Himsagar Express


8. Kochuveli to Nilambur Road Rajya Rani Express

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Sunday 22 May 2022

रेलवे अधिकारी का कारनामा, विभागीय परीक्षा में पास अभ्यर्थी के जगह फेल को दिया ऑफिसर का पद


रेलवे अधिकारी का कारनामा, विभागीय परीक्षा में पास अभ्यर्थी के जगह फेल को दिया ऑफिसर का पद



पूर्वोत्तर रेलवे के भंडार विभाग में सहायक सामग्री प्रबंधक- 30 प्रतिशत ग्रुप बी के एक पद (अनारक्षित) के लिए आयोजित परीक्षा में संबंधित अधिकारियों की मनमानी उजागर हुई है। परीक्षा आयोजित कराने वाले संबंधित विभागों और अधिकारियों ने मुख्य लिखित परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले अभ्यर्थी को बुलाया ही नहीं। साक्षात्कार के लिए पहुंचे पांच अभ्यर्थियों में से सबसे कम अंक पाने वाले को सहायक मंडल सामग्री प्रबंधक (समसाप्र) डिपो इज्जतनगर के पद पर पदोन्नति दे दी। ये न्यूज www.operafast.com पर पढ़ रहे हैं।





23 अक्टूबर 2020 की अधिसूचना के आधार पर 23 मार्च 2021 को प्री क्वालीफाइंग लिखित परीक्षा का परिणाम घोषित हुआ था। परिणाम के आधार पर पांच अभ्यर्थियों को मुख्य लिखित परीक्षा के लिए बुलाया गया। लेकिन परीक्षा पास करने के बाद भी मुख्यालय गोरखपुर के अभ्यर्थी सराेज कुमार सिंह को मुख्य लिखित परीक्षा के लिए नहीं बुलाया गया। मूल्यांकन के समय कुल 91 से ऋणात्मक तीन अंक घटाकर 88 की जगह 81 अंक कर उन्हें अनुत्तीर्ण कर दिया गया।

मुख्य लिखित परीक्षा के उत्तीर्ण पांचों अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए बुलाकर सबसे कम अंक पाने वाले अख्तर रजा को 30 सितंबर 2021 को सहायक मंडल सामग्री प्रबंधक के पद पर पदोन्नति दे दी गई। अन्य अभ्यर्थियों में परीक्षा प्रणाली को लेकर आशंका उठने लगी। कुछ ने रेलवे प्रशासन के सामने शिकायत की तो कुछ सूचना के अधिकार को अपना हथियार बनाया। इसके बाद भी संबंधित अधिकारी महीनों परीक्षा को लेकर लीपापोती करते रहे।

मजाक बनती जा रही रेलवे की पदोन्नति परीक्षाएं

पूर्वोत्तर रेलवे की विभागीय पदोन्नति परीक्षाएं मजाक बनती जा रही हैं। वर्ष 2017-18 में सहायक वाणिज्य प्रबंधक पद पर आयोजित विभागीय परीक्षा में भी फेल अभ्यर्थी को पदोन्नति दे दी गई थी। मामला प्रकाश में आया तो वर्ष 2019 में उत्तीर्ण अभ्यर्थी जगतारा संगम को पदोन्नति दी गई। पिछले साल परिचालन विभाग में आयोजित पहली बार आनलाइन विभागीय पदोन्नति परीक्षा स्थगित हो गई। रेलवे विद्यालय में तैनात शिक्षकों की पदोन्नति परीक्षा में गलत सवाल पूछकर अभ्यर्थियों को फेल कर दिया गया था।

पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह बताते हैं कि सहायक सामग्री प्रबंधक- 30 प्रतिशत ग्रुप बी की परीक्षा अपरिहार्य कारणों से निरस्त कर दी गई है।




वहीं एक रेलवे कर्मचारी जो उपरोक्त परीक्षा में शामिल हुए थे, उसने अपना गुस्सा इजहार करते हुए कहा कि ये कोई नई बात नहीं है। रेलवे मे कोई भी selection हो,यानि ग्रूप डी से सी, within group C या ग्रूप सी से बी सभी मे धांधली आम बात है । रेलवे मे selection means collection होकर रह गया है। मजे की बात यह भी है कि बात प्रकाश मे आने पर चयन प्रक्रिया को रद्द कर दी जाती है पर दोषी अधिकारी पर कोई कारवाई नहीं होती ।

source Dg





Sunday 15 May 2022

जनशताब्दी एक्सप्रेस में टिकट मांगने पर बेटिकट यात्रियों ने TTE एस के सिंह को जमकर कुटा।


जनशताब्दी एक्सप्रेस में टिकट मांगने पर बेटिकट यात्रियों ने TTE एस के सिंह को जमकर कुटा।

बीते गुरुवार को पटना से रांची के लिए खुलने वाली 12365 जनशताब्दी एक्सप्रेस में टिकट चेक कर रहे TTE एस के सिंह कुछ बिना टिकट यात्रा कर रहे यात्रियों ने पीट दिया या यूं कहें कि कूट दिया। ये न्यूज़ www.operafast.com पर पढ़ रहे हैं ।

कुछ लोगों ने बताया कि एस के सिंह टीटीई की ड्यूटी पटना रांची जनशताब्दी एक्सप्रेस में लगी थी। ये ट्रेन जहानाबाद पहुंचते ही बहुत सारे पैसेंजर चढ़ गए। जब TTE टिकट चेक करते D 5 में पहुंचे और यात्रियों से टिकट की मांग की। टिकट की बात को लेकर कुछ यात्रियों से बकझक हो गया और यात्री उत्तेजित होकर एस के सिंह को पीट दिया। सभी बेटिकट यात्री गया आने से पहले ही गाड़ी रोक कर उतर गए। 

टीटीई को इस कुटाई में काफी चोट लगी है । i फिर उनका इलाज किया गया। आपको मालूम होगा की RANCHI JANSHATABDI 12365 exp 411 किलो मीटर दूरी तय कर रांची पहुंचती है ।

ऐसे बात करे बिहार की तो पटना गया रेलखंड , पटना मोकामा रेलखंड पर टिकट चेकिंग के दौरान अक्सर झगड़ा होते रहता है। इन रेलखंडों पर ज्यादातर यात्री बिना टिकट ही चलते है।

कुछ यात्रियों ने बताया कि इस रूट पर हर ट्रैन की यही स्थिति है। पटना से जमुई तक TTE चढ़ते नही और झारखंड में प्रवेश के साथ ही निरीह लोगों का दोहन शुरू कर देते हैं। इनका टिकट चेकिंग अभियान कम वसूली अभियान ज्यादा रहता है ।


एक यात्री गुस्से में बोला कि बिल्कुल सही कहा, आप लोगों को पता होना चाहिए, पूर्व रेलवे में, रेलवे के जितने नियम और क़ानून है, वो जसीडीह और चित्तरंजन(झारखण्ड)के बीच लागू होते हैं! क्योंकी जसीडीह के बाद झाझा (बिहार) और चित्तरंजन के बाद आसनसोल (पश्चिम बंगाल) है।

हमने देखा है कि, झाझा के बाद अगर किसी स्टेशन से कोई दूध वाला अपने दूध लेकर चढ़ता है, तो वो AC कोच में घुस जाता है, पूछने पर कहता है कि बाबू इतनी गर्मी है कि दूध ख़राब हो जायेगा, मजबूरी में चढ़ना पड़ता है, और बंगाल भी कुछ कुछ ऐसे ही प्यार से मैनेज करते हुए चलता है,

लेकिन अगर आप झारखण्ड में जेनरल टिकट लेकर AC तो छोड़िए, Sleeper कोच में पकड़ा गए, तो आपकी ख़ैर नहीं।

हां, दैनिक यात्रियों (MST) को थोड़ी बहुत राहत झारखण्ड में हावड़ा नई दिल्ली मैन लाईन पर, और हावड़ा नई दिल्ली कॉर्ड लाईन पर ज़रूर मिलती है, लेकिन आम यात्रियों को नहीं बख्शा जाता है।


सत्य यह भी हो सकता हैं कि TTE अपना पैकेट चार्ज बढ़ाने के फेर में पिटाया हो। इस महगाई मे घुसखोरी का दर बढ़ता जा रहा है।

बेरोजगार युवक ने सेना में अधिकारी बताकर की सगाई, पोल खुलते ही शादी से पहले लड़की को लेकर हुआ फरार


बेरोजगार युवक ने सेना में अधिकारी बताकर की सगाई, पोल खुलते ही शादी से पहले लड़की को लेकर हुआ फरार

आज के समय में कोई भी व्यक्ति अपनी बेटी का हाथ बेरोजगार के हाथों में देना नही चाहता। अपनी बेटी की शादी के लिए कहीं ना कहीं नौकरी वाला या अच्छा खासा कमाता लड़का ही खोजता है। अगर कही नौकरी वाला लड़का मिल गया तो उसकी सत्यता की जानकारी जुटाना भी मुश्किल है। कई बार लड़का झूठ बोलकर शादी कर लेता है । ये न्यूज www.operafast.com पर पढ़ रहे हैं ।




अब इसी तरह का एक खबर मध्यप्रदेश के ग्वालियर से आई है। यहां एक युवक अपने आपको सेना में लेफ्टिनेंट बताकर लड़की से सगाई तक कर ली । ये लड़का मध्यप्रदेश के मुरैना का रहने वाला था जो खुद को सेना में लेफ्टिनेंट बताकर लड़की से सगाई कर ली। सगाई होने के बाद वह लड़का तीन बार होने वाले ससुराल भी गया।





इसके बाद लड़की के पिता ने सेना में किसी संपर्क के आदमी से अपने दामाद के बारे में पता करवाया , तो जो बाद सामने आई ये जानकर उनके पैरों तले जमीन खिसक गया। वो हैरान परेशान हो गए क्योंकि उनका होने वाले दामाद सेना में किसी भी पद पर कार्यरत नही था।


अब लड़की वालों ने सगाई तोड़ दी लेकिन फर्जी लेफ्टिनेंट लड़की को बहला फुसलाकर भगा ले गया। आरोपी फर्जी लेफ्टिनेंट के खिलाफ लड़की के पिता ने बहोड़ापुर थाने में शिकायत दर्ज करवायी है। सेना के वर्दी में आरोपी का फोटो भी सामने आया है। पुलिस ने आरोपी की तलाश शुरू कर दी है।



कहते है ना की शादी ब्याह जांच परखकर करना चाहिए। इसमें लड़की वाले कोई कोताही नहीं बरती है। वास्तिविकता में मध्यप्रदेश के मुरैना निवासी गुड्डू राठौर ने ग्वालियर के कोटेश्वर मुहल्ले में रहने वाले सुरेंद्र सिंह राठौर को बातचीत में बताया था की उनका बेटा सुनील नौकरी करता है और सेना में लेफ्टिनेंट है। इसके बाद सुरेंद्र सिंह अपनी बिटिया की शादी फर्जी लेफ्टिनेंट के साथ तय कर दिया था। इसके बाद सगाई की रस्म तक हो गया । इस रस्म में अंगूठी की अदला बदली हो गई। फिर सुरेंद्र सिंह ने अपने भावी दामाद को अंगूठी के साथ सोने की चैन भी गिफ्ट कर दिया।

इसके बाद लड़का लड़की में फोन पर बात चीत भी शुरू हो गया। इसके बाद सुनील अपने होने वाले ससुराल तीन बार आ भी चुका।



फोन पर बात चीत के दौरान सुनील ने लड़की को अपने मीठे जाल में फांस चुका था। इतना होने के बाद लड़की लड़के के झांसे में आ गई और शादी के पहले ही सुनील लड़की को लेकर फरार हो गया। इसकी शिकायत भी सुरेंद्र सिंह बहोड़ापुर थाने में लिखवाई है। एफआईआर दर्ज होने के बाद पुलिस तलाश शुरू कर दी है।


Thursday 12 May 2022

चलती ट्रेन में बच्चे को जन्म देकर महिला ने शौचालय में छोड़ी



एक महिला ने नवजात बच्चे को ट्रेन मेंं जन्म देकर, शौचालय में छोड़कर भाग गई

आज सुबह करीब 8.25 बजे एक अज्ञात महिला ने ट्रेन में बच्चे को जन्म दिया और ट्रेन नंबर 13351 धनबाद-अलेप्पी एक्सप्रेस के शौचालय में छोड़ दिया। धनबाद-अलेप्पी बोकारो एक्सप्रेस में हुई एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना में, कुछ अज्ञात महिला ने बी -1 कोच में ट्रेन में एक बच्चे को जन्म दिया और टॉयलेट वॉश बेसिन में छोड़ दिया।
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यह असामान्य घटना तब सामने आई जब बोकारो एक्सप्रेस ट्रेन में यात्रियों ने ट्रेन के सिंहाचलम स्टेशन से निकलने के बाद लगभग 8.20 बजे बच्चे के बारे में ऑनबोर्ड-टीटीई श्री वी.ब्रह्माजी/सीटीआई वीएसकेपी को सूचित किया। 



शौचालय में बच्चे के चिल्लाने की आवाज सुनकर यात्री बच्चे को देखकर दंग रह गया। टीटीई ने ट्रेन के एस्कॉर्टिंग स्टाफ श्री एम. रामकी आरपीएफ पोस्ट विशाखापत्तनम को सूचना दी। यह सूचना मिलने पर आरपीएफ ने ट्रेन में सवार होकर बच्चे को मंडल रेलवे अस्पताल, विशाखापत्तनम पहुंचाया। 

बच्चे का स्वास्थ्य स्थिर है और उसे आगे के इलाज और देखभाल के लिए के जी एच में स्थानांतरित कर दिया गया है। बच्चे को चाइल्ड कैअर अधिकारियों को सौंप दिया जाएगा। 

मंडल रेल प्रबंधक, वाल्टेयर श्री अनूप सत्पथी ने टीटीई के लिए उपयुक्त पुरस्कार की घोषणा की है और बच्चे के पालन-पोषण के लिए पूरी लागत वहन करने की पेशकश की है। हम बच्चे के स्वास्थ्य की निगरानी कर रहे हैं और साथ ही मां/माता-पिता का पता लगाने के लिए जांच कर रहे हैं। अगर असली मां/माता-पिता स्वेच्छा से आगे आते हैं और बच्चे को अपनाते हैं तो उन्हें उसके पालन-पोषण के लिए पूरी वित्तीय सहायता दी जाएगी।

Wednesday 11 May 2022

All India Station masters Organised Annual General meeting


All India Station masters Organised Annual General meeting

The 51th Annual Divisional Meeting of the All India Station Master Association Tiruchirappalli Division was held in Villupuram city on Tuesday. In this meeting, the problems of station master and their authority were discussed in detail. you are reading this news on www.operafast.com






ऑल इंडिया स्टेशन मास्टर एसोसियेशन तिरुचिरापल्ली मंडल की वार्षिक बैठक मंगलवार को विल्लुपुरम शहर में आयोजित की गई। इस बैठक में स्टेशन मास्टर की समस्याओं और उनके अधिकार के संबंध में विस्तार पूर्वक चर्चा की गई।

In this meeting, there was a demand to fill up vacant posts in all the branches of Tiruchirappalli Railway Division without any delay by GDCE or LDCE exam.







इस बैठक में तिरुचिरापल्ली रेल मंडल के सभी ब्रांच में खाली पड़े पदों को GDCE या LDCE के द्वारा एग्जाम लेकर अविलंब भरने की मांग की ।

Senior leaders present on the occasion said that the role of station master is important in rail operation. From the point of view of security, the station master should work in co-ordination. Also, after taking information about all the problems of the station master, the senior officer should be informed. Along with teaching the rights and duties of the station master, their problems should be solved jointly. For the strength of the organization, the station master needs to come on one platform.








मौके पर उपस्थित वरीय नेताओं ने कहा कि रेल परिचालन में स्टेशन मास्टर की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। सुरक्षा की दृष्टि से स्टेशन मास्टर को को-ऑर्डिशन बनाकर काम करना चाहिए। साथ ही स्टेशन मास्टर की सभी समस्याओं की जानकारी लेकर सीनियर पदाधिकारी को बताना चाहिए । स्टेशन मास्टर के अधिकार व उनके कर्तव्यों को सिखाने के साथ साथ मिलजुल कर उनकी समस्याओं निदान करना चाहिए। संगठन की मजबूती के लिए स्टेशन मास्टर को एक मंच पर आने की जरूरत है।






Reflecting on the problems in this meeting, he said that due to the vacant posts of Station Master, it is impossible to do the work of supervisory along with the duty of train operation at major stations.

इस बैठक में समस्याओं पर विचार करते हुए कहा कि स्टेशन मास्टर के खाली पदों के कारण कई बड़े स्टेशनों पर ट्रेन संचालन की ड्यूटी के साथ सुपरवाइजरी का काम करना असंभव है।



The House demanded to restore the SS Supervisories at TP, SRGM, LLI, ICG, NCR, NGT, TTP, CDM, CUPJ, TDPR, TNM, VLR since the post were provided on basis of the importance of stations like, Loading/Unloding of parcels, Goods traffic, Tourist/Temple visits, Civic Head-Quarters, etc.

अपनी मांगों की लिस्ट में TPJ डिवीजन के तिरुचिरापल्ली फोर्ट, श्रीरंगम, लालगुड़ी, इचानगाडु , नागौर, नागपट्टनम , TTP, Chidambaram, कुडलोर, तिरुपदीपुलियोर, तिरुवन्नामल्लाई, वेल्लोर के सुपरवाइजरी एसएस की पोस्ट को अविलंब रिस्टोर किया जाय। क्योंकि ये पार्सलों के लोडिंग अनलोडिंग, गुड्स ट्रैफिक, टूरिस्ट या मंदिर के दर्शन के महता के आधार पर दिया गया था।

इस बैठक में ये निर्णय लिया गया की आने वाले 31 मई को होने वाले हड़ताल में सभी 100% स्टेशन मास्टर को शामिल हो चाहे उन्हें एक दिन का छूटी ही क्यों ना लेना पड़े।


In this meeting, it was decided that 100% of all station masters should be involved in the strike to be held on May 31, even if they have to take a day off.




The officers and members of the Association present there honored the retired station masters by garlanding them. He was honored with a bouquet and a shawl also.




वहां पर उपस्थित एसोसिएशन के प्राधिकारी और सदस्यों ने अवकाश प्राप्त स्टेशन मास्टरों को फूल माला पहनाकर सम्मानित किया। उन्हें पुष्पगुच्छ और शाल ओढ़ाकर सम्मान दिया।


In this annual meeting, Divisional President Shri K. Marimuthu SS Ponmalai, Divisional Secretary Venkatesan and Divisional Finance Secretary Thanjavur's SS Richard Wooleridge were elected.

इस वार्षिक बैठक में डिविजनल प्रेसिडेंट श्री के. मारिमुथु एसएस पोनमलाई, डिविजनल सचिव वेंकटेसन और डिविजनल वित सचिव तंजावुर के एसएस रिचर्ड वुलरिज को चुना गया।


Retired station superintendents present in the meeting said in their statement that it is a matter of greatest pride to retire after doing good work in government service. He said that the affection and love received by all the railway employees in the line of duty can never be forgotten. Retired station managers M. Ramani, R. Ravikumar, R. Balasubramian were present on the occasion.



बैठक में उपस्थित सेवानिवृत स्टेशन स्टेशन अधीक्षकों ने अपने वक्तव्य में कहा कि सरकारी सेवा में अच्छे काम करके सेवानिवृत होना सबसे बड़ी गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि ड्यूटी के दौरान सभी रेल कर्मचारियों का स्नेह प्यार मिला उसे कभी भुलाया नही जा सकता। मौके पर उपस्थित सेवानिवृत स्टेशन मैनेजर M. रमनी, R. रविकुमार, R. बालासुब्रमियन मौजूद थे।

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👉 40 मिनट तक BDO लेता रहा क्लास, लेकिन सो रहे शिक्षक की नींद नही टूटी

👉HDFC Manager loss both legs at PONMALAI Railway station during get down from Running..

Monday 9 May 2022

40 मिनट तक BDO लेता रहा क्लास, लेकिन सो रहे शिक्षक की नींद नही टूटी

40 मिनट तक BDO लेता रहा क्लास, लेकिन सो रहे शिक्षक की नींद नही टूटी

बिहार में शिक्षा व्यवस्था का क्या हाल है ये किसी को बताने की जरूरत नही है वो भी सरकारी स्कूल की। कोई भी अविभावक शायद ही अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में पढ़ता हो, लेकिन जब आपको मालूम चले की बिहार के गोपालगंज जिले में एक ऐसा भी स्कूल है जहां अधिकारी अपने जांच के दौरान शिक्षक को क्लास में सोता मिले। ये समाचार www.operafast.com पर पढ़ रहे हैं ।

जी हां। एक ऐसी ही तस्वीर बिहार के गोपालगंज जिले से सामने आई है, जो राज्य में बेहतर शिक्षा व्यवस्था के दावों की पोल खोलती नजर आती है। दरअसल मामला गोपालगंज जिले के बैकुंठपुर प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय दिघवा का है, जहां शुक्रवार को क्लास रूम में छात्रों को पढ़ाने की बजाय शिक्षक सो रहे थे । इसी दौरान शिक्षा विभाग के निर्देश पर बैकुंठपुर के बीडीओ अशोक कुमार जांच करने स्कूल पहुंच गये और उन्होंने शिक्षक को क्लास में सोते देखा तो उनके भी होश उड़ गये ।


शिक्षक की जब नींद खुली तो सामने बीडीओ अशोक कुमार को देख उक्त शिक्षक हैरान परेशान रह गए । ऐसी स्थिति में शिक्षक की दिमाग की बाती गुल हो गया था और समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या जवाब दें । हालांकि, बीडीओ ने शिक्षक को समझाकर बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ नहीं करने हिदायत दी है । वहीं निरीक्षण के दौरान स्कूल की दुर्दशा को गंभीरता से लेते हुए बीडीओ ने इस मामले में कार्रवाई की अनुसंशा करने की बात कही है। बीडीओ ने स्कूल की व्यवस्थाओं को और बेहतर बनाने की बात भी कही है।

इस संबंध में स्कूल के अन्य शिक्षक से बात करने पर पता चला की वो शिक्षक अल्माईजर जैसे बिमारी से गंभीर रुप से पिडित है , डाक्टर के अनुसार कम से कम दो माह का आराम साथ मे चिकित्सा चाहिए । ज्ञात हो कि वही साथ काम करने वाले नियमित शिक्षको कि छ: माह का चिकित्सा अवकाश मिलता है , महिला शिक्षको को छ: माह का मातृत्व अवकाश मिलता है लेकिन नियोजित शिक्षको को मात्र 20 दिन का चिकित्सा अवकाश है । 


संबंधित शिक्षक दवा खा कर कक्षा मे बैठा था जिसके असर से वह नींद से ज्यादा अचेता अवस्था मे थे ।


वहीं इस बारे में बीडीओ अशोक कुमार ने बताया कि आदेश आने के साथ ही स्कूल की जांच करने पहुंचे तो चौकाने वाला नजारा सामने आया। ऐसी गलती दोबारा न हो, इसके लिए शिक्षक को हिदायत दी गयी।



जैसा की आप जानते ही हैं कि कुछ दिन पहले शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव ने स्कूलों की जांच के लिए निर्देश दिया था, जिसके बाद जिला प्रशासन के अधिकारियों ने स्कूलों में जांच अभियान चलाया।

कुछ शिक्षक साथी इस तरह के जांच से गुस्से में थे उनका कहना था कि मिड्ल स्कूल को उच्चत्तर माध्यमिक स्कूल में उत्क्रमित कर मिड्ल के हेडमास्टर से जबर्दस्ती संचालन करवाया जा रहा है।मिड्ल का शिक्षक न बी एड है न योग्य, इस कारण से मिड्ल का स्तर भी गिरा है। हेडमास्टर मिड्ल का खीचड़ी और हाई स्कूल का सारे कार्य में दौड़ते दौड़ते पागल हो गया है। क्या ए संभव है कि क्लास में 40 मिनट कोई पढ़ाए और और शिक्षक की नींद न खुले ? इनका नाम है हुसैन सर ए बहुत दिन से डिप्रेशन की दवा खा रहे है।



जब दो वर्ष से लॉकडाउन था, स्कूल में पढ़ाई बंद था तो फिर मैट्रिक और इंटर का इतना अच्छा परीक्षा फल कैसे आया ? शिक्षक पढ़ाते नहीं हैं, बच्चे ट्यूशन से तैयारी करते हैं। जब से सर्व शिक्षा औऱ मध्याह्न भोजन आया प्रतिदिन निरीक्षण और प्रतिवेदन से शिक्षा का सर्वनाश हो गया। सरकारी स्कूलों के शिक्षक का बच्चा भी सरकारी स्कूलों में नहीं पढ़ता है, सरकार को चाहिए कि सभी सरकारी स्कूल का निजीकरण कर दें । निजीकरण से शिक्षक खुले बाजार में अपना मूल्य तय कर लेंगे अथवा स्वतः मूल्य तय हो जाएगा।

सरकार के गलत नीतियों की वजह से बीमार है शिक्षक। पत्रकार, सचिव, अध्यक्ष, लोकल विलेज पोलटिक्स ,कोचिंग , प्राइवेट, स्कूल,,आदि पोलटिक्स । ये तनावपूर्ण माहौल, मध्यान्ह भोजन ऑफिक्सरों का टॉर्चर । शिक्षक बहुत सपने लेकर जाता है पर धीरे धीरे इन सिस्टम से हार जाता और बीमार पड़ जाता है । 

देश समाज गुरु परम्परा को नष्ट किया है शिक्षक का मनोबल टूटा इस लिए वह भूल गया है कि वह एक गुरु है ।तो वह सोयेगा ही।