Wednesday 25 May 2022

एक और सतालोलुप चूहे ने डूबती जहाज को छोड़कर भागा

 

कहते हैं ना कि पानी का जहाज जब डूबने लगता है तो चूहे भी जहाज से कूद कर अपनी जान बचाने की कोशिश करते हैं। ये न्यूज़ www.operafast.com पर पढ़ रहे हैं।


कांग्रेस पार्टी में सब कुछ ठीक ठाक नही चल रहा है। पार्टी के भीतर के बड़े नेता अपने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व विरोध कर रहे हैं। कोई खुलम खुल्ला तो कोई दवे मुंह। 

हाल ही पार्टी छोड़ने वाले कांग्रेस के दिग्गज नेता कपिल सिब्बल औपचारिक तौर पर कांग्रेस से नाता तोड यूपी के क्षेत्रीय पार्टी का सहयोग मांगा है। कपिल सिब्बल कांग्रेस से अलग होकर लखनऊ से राज्यसभा के लिए पर्चा भरा है। उन्होंने पर्चा भरने के बाद बताया कि वे कांग्रेस से 16 मई को ही इस्तीफा दे चुके है।


ऐसे देखा जाय तो सिब्बल पार्टी अलग होकर राजसभा के लिए पर्चा भी भर दिया है लेकिन निर्दलीय। लेकिन उनका साथ समाजवादी पार्टी का है। एक्चुअली समाजवादी पार्टी का अभी तक सदस्यता ग्रहण भी नही करने वाले सिब्बल को समाजवादी पार्टी का राज्यसभा के लिए समर्थन है।


कांग्रेस के उदयपुर चिंतन शिविर में नही गए थे कपिल सिब्बल

 कांग्रेस द्वारा आयोजित राजस्थान के उदयपुर के चिंतन शिविर में नेतृत्व की ओर से बुलावा आया था लेकिन वे नहीं जा सके। क्योंकि सिब्बल G-23 के भी बागी रहे हैं। तभी से अनुमान लगाया जा रहा था कि सिब्बल पार्टी छोड़ सकते हैं।


क्या है G-23 ?

G-23 कांग्रेस के पार्टी नेताओं का एक समूह है। इस समूह के नेताओं ने पिछले साल पार्टी नेतृत्व  की कार्यप्रणाली पर सन्देह व्यक्त करते हुए कांग्रेस के दिग्गज नेत्री सोनिया गांधी को पत्र लिखा था। साथ ही जल्द से जल्द पार्टी संगठन की चुनाव कराने के मांग की थी। इसमें कपिल सिब्बल, गुलाम नवी आजाद समेत कई दिग्गज नेता थे। 

कहते हैं ना कि पानी का जहाज जब डूबने लगता है तो चूहे भी जहाज से कूद कर अपनी जान बचाने की कोशिश करते हैं।


कांग्रेस पार्टी में सब कुछ ठीक ठाक नही चल रहा है। पार्टी के भीतर के बड़े नेता अपने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व विरोध कर रहे हैं। कोई खुलम खुल्ला तो कोई दवे मुंह। 




हाल ही पार्टी छोड़ने वाले कांग्रेस के दिग्गज नेता कपिल सिब्बल औपचारिक तौर पर कांग्रेस से नाता तोड यूपी के क्षेत्रीय पार्टी का सहयोग मांगा है। कपिल सिब्बल कांग्रेस से अलग होकर लखनऊ से राज्यसभा के लिए पर्चा भरा है। उन्होंने पर्चा भरने के बाद बताया कि वे कांग्रेस से 16 मई को ही इस्तीफा दे चुके है।


सिब्बल ने बताया कि वे विपक्ष में रहकर मोदी सरकार का गलत कामों का जमकर विरोध प्रदर्शन करेंगे। अगले 2 सालों में होने वाले सभी चुनावों से पहले मोदी सरकार की नाकामियों को जनता को अवगत कराएंगे। जनता विपक्ष की बात जरूर सुनेगी।


लेकिन कुछ कांग्रेस समर्थक कपिल सिब्बल के कांग्रेस छोड़ने से नाराज है उनका कहना है कि बिना चुनाव लडे कांग्रेस की सरकार में मंत्री बन कर मलाई खाने वाले आज उसी जहाज से कूद रहे हैं जिसमें इन्हीं मौका परस्तों ने छेद किया है इन्हीं मिर जाफर और जय चंदों ने देश को बरबाद किया है ये लोग विचार धारा से नहीं मौका परस्ती का खेल खेलते रहे कांग्रेस के साथ रह कर इनको देश से कोई मतलब नहीं था ये सारे दिमागी कैंसर के मरीज थे और इनके सहारे कांग्रेस पार्टी देश चला रही थी आधी बीजेपी तो कांग्रेस के डरपोकों के सहारे चल रही है । इस देश का क्या होगा इसकी चिंता  खाये जाती है इस देश को गरीब मजदूर ने बनाया और सता ने इसे ज्वालामुखी बना दिया और उसके मुहाने पर देश को बिठा दिया है ।


इनका कोई जनाधार नहीं है। इनके कांग्रेश छोड़ने से ना तो कांग्रेस को कोई फर्क पड़ता है और ना इनके सपा जॉइन करने से सपा को कोई फायदा होगा यह हमेशा बैक डोर एंट्री यानी राज्यसभा में ही आते रहे हैं इनके हर स्टेटमेंट से कांग्रेस को नुकसान ही हुआ है इनकी वकालत कभी भी कांग्रेश के काम नहीं आई ना तो यह कांग्रेस को राम मंदिर का मुकदमा जितवा पाए ना कोई दूसरा महत्वपूर्ण मुकदमा यह केवल राज्यसभा में जबान चला सकते हैं जमीनी स्तर पर इनसे कोई काम की उम्मीद नहीं की जा सकती सपा में यह केवल एक शो पीस की तरह ही काम कर सकेंगे।


गुस्से में एक कांग्रेस कार्यकर्ता ने कहा कि यह एक पद लोलुप व्यक्ति है एक अच्छे वकील होने के नाते विपक्षी दल अपने काली करतूतों से बचाव के लिए प्रयोग के लिए करते हैं, लेकिन आज तक देश के महत्वपूर्ण मुकदमों जिनकी पैरवी इनके द्वारा की गई है उन्हें सिर्फ विलम्बित करने के अतिरिक्त इन्हें कोई सफलता नहीं मिली है। कांग्रेस के लिये सौभाग्य की बात है कि मौकापरस्त एक एक कर भाग रहे हैं । आने वाले समय में कांग्रेस जनता की आवाज होगी।


लेकिन कुछ कांग्रेस समर्थक कपिल सिब्बल के कांग्रेस छोड़ने से नाराज है उनका कहना है कि बिना चुनाव लडे कांग्रेस की सरकार में मंत्री बन कर मलाई खाने वाले आज उसी जहाज से कूद रहे हैं जिसमें इन्हीं मौका परस्तों ने छेद किया है इन्हीं मिर जाफर और जय चंदों ने देश को बरबाद किया है ये लोग विचार धारा से नहीं मौका परस्ती का खेल खेलते रहे कांग्रेस के साथ रह कर इनको देश से कोई मतलब नहीं था ये सारे दिमागी कैंसर के मरीज थे और इनके सहारे कांग्रेस पार्टी देश चला रही थी आधी बीजेपी तो कांग्रेस के डरपोकों के सहारे चल रही है । इस देश का क्या होगा इसकी चिंता  खाये जाती है इस देश को गरीब मजदूर ने बनाया और सता ने इसे ज्वालामुखी बना दिया और उसके मुहाने पर देश को बिठा दिया है ।


इनका कोई जनाधार नहीं है। इनके कांग्रेश छोड़ने से ना तो कांग्रेस को कोई फर्क पड़ता है और ना इनके सपा जॉइन करने से सपा को कोई फायदा होगा यह हमेशा बैक डोर एंट्री यानी राज्यसभा में ही आते रहे हैं इनके हर स्टेटमेंट से कांग्रेस को नुकसान ही हुआ है इनकी वकालत कभी भी कांग्रेश के काम नहीं आई ना तो यह कांग्रेस को राम मंदिर का मुकदमा जितवा पाए ना कोई दूसरा महत्वपूर्ण मुकदमा यह केवल राज्यसभा में जबान चला सकते हैं जमीनी स्तर पर इनसे कोई काम की उम्मीद नहीं की जा सकती सपा में यह केवल एक शो पीस की तरह ही काम कर सकेंगे।


गुस्से में एक कांग्रेस कार्यकर्ता ने कहा कि यह एक पद लोलुप व्यक्ति है एक अच्छे वकील होने के नाते विपक्षी दल अपने काली करतूतों से बचाव के लिए प्रयोग के लिए करते हैं, लेकिन आज तक देश के महत्वपूर्ण मुकदमों जिनकी पैरवी इनके द्वारा की गई है उन्हें सिर्फ विलम्बित करने के अतिरिक्त इन्हें कोई सफलता नहीं मिली है। कांग्रेस के लिये सौभाग्य की बात है कि मौकापरस्त एक एक कर भाग रहे हैं । आने वाले समय में कांग्रेस जनता की आवाज होगी

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