वर्तमान समय में स्वच्छता हमारे लिए एक बड़ी चुनौती है। यह समय भारत वर्ष के लिए बदलाव का समय है, बदलाव के इस दौर में यदि हम स्वच्छता के क्षेत्र में पीछे रह गए तो आर्थिक उन्नति का कोई महत्व नहीं रह जाएगा। साथ ही हमें इसे एक बड़े स्तर पर भी देखने की जरूरत है ताकि हमारे पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाया जा सके ।
Monday, 31 January 2022
मखदुमपुर के पीरगंज महल्ले में सफाई अभियान कार्यक्रम चलाया गया ।
वर्तमान समय में स्वच्छता हमारे लिए एक बड़ी चुनौती है। यह समय भारत वर्ष के लिए बदलाव का समय है, बदलाव के इस दौर में यदि हम स्वच्छता के क्षेत्र में पीछे रह गए तो आर्थिक उन्नति का कोई महत्व नहीं रह जाएगा। साथ ही हमें इसे एक बड़े स्तर पर भी देखने की जरूरत है ताकि हमारे पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाया जा सके ।
Sunday, 30 January 2022
मोहन पैदा हुआ था, मोहन ही मरा हूँ। महात्मा तुम्हारे बापों और दादो ने जबरन बना दिया।
महात्मा गांधी पर विशेष
महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता किसने कहा
4 जून 1944 को सुभाष चन्द्र बोस ने सिंगापुर रेडियो से एक संदेश प्रसारित करते हुए महात्मा गांधी को 'देश का पिता' कहकर संबोधित किया था इसके बाद 6 जुलाई 1944 को सुभाष चन्द्र बोस ने एक बार फिर रेडियो सिंगापुर से एक संदेश प्रसारित कर गांधी जी को राष्ट्रपिता कहकर संबोधित किया । ये समाचार www.operafast.com पर पढ़ रहे हैं। मोहन पैदा हुआ था, मोहन ही मरा हूँ। महात्मा तुम्हारे बापों और दादो ने जबरन बना दिया। मुझे ना मुझे महात्मा बनना था, न राष्ट्रपिता, न राष्ट्रपति, न प्रधानमंत्री ..। हां, तुम्हारे बड़े बूढों ने जो प्यार दिया था। जब वो "बापू" कहते तो बड़ा भला लगता। लगता.. सब मेरे बच्चे हैं, मेरी जिम्मेदारी। हैं। जब सारा देश ही बापू कहने लगा, तो किसी ने उत्साह में राष्ट्रपिता कह डाला। मगर मैं तो मोहन था, मोहन ही रहा।
सुनो!! तुम्हारे बड़े बूढ़े मुझे नेता कहते थे। मगर मैने कोई चुनाव नही लड़ा, चुनावी तकरीर नही की। कोई वादा नही किया, कोई सब्सिडी नही बांटी। मैं तो घूमता था, दोनो हाथ पसारे.. मांगता था बस प्रेम, शांति और एकता।
बहुतों ने दिया, तो कुछ ने इन बढ़े हुए हाथों को झटक भी दिया। उन्हें इस फकीर से डर लगता था। प्रेम से डर लगता था, शांति से डर लगता था.. एकता से डर लगता था। उन्होंने लोगो को समझाया- नफरत करो.. तुम एक नही हो, ना कभी हो सकते हो। शांति झूठी है। लड़ो, आगे बढ़ो। मार डालो। जीत जाओ।
सुनो!! वो जीत गए। मुझे मार डाला। और टुकड़े कर दिए ...हिन्दुओ के, मुसलमानों के, देश के.. दिलो के। और वो जीतते गए है। साल दर साल, इंच इंच, कतरा कतरा.. धर्म का नाम लेकर, जाति की बात करके, गौरव का नशा पिलाकर वो तुम्हे मदहोश करते गए। वो जीत गए।
सुनो!! वो जीत गए.. मगर मैं नही हारा। मैं यहीं हूँ.. इस मिट्टी में घुला हुआ। वो रोज तुम्हे एक नया नशा देते है, और नशा फटते ही मैं याद आता हूँ। मैं तुम्हारी जागती आंखों का दुःस्वप्न हूँ। तुम हुंकार कर मुझे नकारते हो, उस नकार में ही स्वीकारते हो। तुम्हें यकीन ही नही होता कि मैं मर चुका हूँ, तो सहमकर फिर से गोलियां चलाते हो। आखिर हारकर .. मेरी समाधि पर सर झुकाए खड़े हो जाते हो।
सुनो ,कान खोलकर। न तो तुम्हारी इज्जत से महात्मा बना था, न तुम्हारी इज्जत से कोई महात्मा बन सकता है। असल तो ये है, जिसे तुम्हारी इज्जत हासिल हो.. वो महात्मा हो ही नही सकता।
तो कान खोल कर सुन लो। तुमको, और तुम्हारे बाप को पीले चावल भेजकर राजघाट नही बुलाता। श्रद्धा से भरी अंजुली न हो, तो श्रद्धांजली लेकर आना भी मत। मोहनदास करमचंद गांधी का नाम तुम्हारी इज्जत का मोहताज नही है।
गांधी जी को महात्मा किसने कहा था ।
महात्मा शब्द संस्कृत से लिया गया है। इस शब्द का मतलब होता है महान आत्मा। गांधी को महात्मा के नाम से सबसे पहले 1915 में राजवैद्य जीवराम कालिदास ने संबोधित किया था। एक अन्य मत के अनुसार स्वामी श्रद्धानन्द ने 1915 मे महात्मा की उपाधि दी थी, तीसरा मत ये है कि गुरु रविंद्रनाथ टैगोर ने महात्मा की उपाधि प्रदान की थी। 12 अप्रैल 1919 को अपने एक लेख मे ।
गांधी जी को बापू की उपाधि किसने दी ।
महात्मा गांधी के आध्यात्मिक एवम राजनीतिक गुरु कौन है?
नारायण गुरु को गांधीजी का आध्यात्मिक गुरु कहा गया । लेकिन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अग्रणी रहे गोपाल कृष्ण गोखले महान स्वतंत्रता सेनानी होने के साथ ही एक मंझे हुए राजनीतिज्ञ भी थे। उन्होंने गांधी जी को देश के लिए लड़ने की प्रेरणा दी। वो राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के राजनीतिक गुरु थे।
महात्मा गांधी ने कितने आंदोलन चलायें और कौन कौन ।
महात्मा गांधी के प्रमुख आंदोलन (Mahatma Gandhi Movements List In Hindi)
चम्पारण सत्याग्रह 1917 खेड़ा सत्याग्रह 1918 अहमदाबाद मिल मजदूर आंदोलन 1918
खिलाफत आन्दोलन 1919
असहयोग आंदोलन 1920
सविनय अवज्ञा आंदोलन 1930
भारत छोड़ो आंदोलन 1942
बिहार सरकार का शिक्षको का आदेश, इस बारे में सभी गुप्त सूचना दे सरकार को
स्कूल के शिक्षक और प्रिंसिपल शराब और शराब माफियों पर
बिहार के सरकारी स्कूल के शिक्षक शराब, शराबी और शराब माफिया पर नजर रखेंगे क्योंकि यह आदेश बिहार सरकार का है । बिहार सरकार कहना है कि शिक्षक शराबियों में पर नजर रखें, और इसकी सूचना हमें दें।। पहले भी शिक्षक शिक्षा के अलावे जनगणना ,वोटर लिस्ट जैसे अन्य काम करते थे लेकिन आप किसके साथ साथ शराब और शतावियों पर भी नजर रखने का काम करेंगे। ये समाचार www.operafast.com पर पढ़ रहे हैं ।
सरकारी आदेश में बताया गया है कि स्कूल के शिक्षक और उनके प्रिंसिपल यह सुनिश्चित करेंगे कि विद्यालय बंद होने के बाद कोई भी व्यक्ति स्कूल के चारदीवारी के अंदर या इसके आसपास शराब पीने के लिए उपयोग ना करता हो । अगर शिक्षक और प्रिंसिपल शराब और शराब माफिया के बारे में जानकारी सरकार को साझा करेंगे तो उनकी पहचान गुप्त रखी जाएगी।
बिहार में शराबबंदी कई सालों से लागू है फिर भी बिहार के लोग कहीं ना कहीं से शराब लाकर बेचते हैं इसका इस्तेमाल पीने में भी करते है । इस शराब बंदी वाले बिहार में कई लोग शराब पीने से मर चुके हैं, जिससे बिहार सरकार की किरकिरी हो चुकी है। पिछले दिनों बिहार के कई शहरों में जहरीली शराब पीने से अब तक 30 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। इसी के बाद यह खबर आई है कि बिहार के शिक्षक सख्ती से शराबबंदी की को कानून को लागू करवाने की जिम्मेदारी दी गई है । अब स्कूल के शिक्षक और प्रिंसिपल शराबी और शराब माफिया को चिन्हित करके उनके बारे में जानकारी प्रशासन को देंगे ।
जब से यह जिम्मेदारी शिक्षकों पर दी गई है तब से मीडिया में सरकार की किरकिरी हो रही है । अब बात को लेकर शिक्षा मंत्री विजय चौधरी को बयान देना पड़ा , उन्होंने इस विवाद को लेकर सरकारी आदेश के बारे में कहा कि सरकार ने पहले से ही सभी नागरिकों से आग्रह किया है कि उन्हें शराब माफियाओं या शराब के बारे में कोई भी जानकारी मिले तो प्रशासन को जरूर दें ।
ऐसे में शिक्षक भी बिहार के नागरिक हैं और बिहार के नागरिक होने के नाते उनकी भी जिम्मेदारी बनती है कि इसकी सूचना सरकार या प्रशासन से साझा करें। इससे सरकार के शराबबंदी को सफल बनाने में सहयोग मिल जायेगा । इसी लिए सभी स्कूल के शिक्षक और प्रिंसिपल पत्र लिखा गया है कि वे चोरी छिपे शराब पीने वाले या बेचने वाले लोगों की पहचान करके इसकी जानकारी बिहार सरकार के मद्य निषेध विभाग के साथ साझा करे । इसी कर्म में शिक्षा विभाग ने दो मोबाइल नंबर और दो हेल्प लाइन नंबर जारी कर दिया है । जहां पर कॉल करके शिक्षक और प्रिंसिपल शराब या इसकी आपूर्ति करने वाले माफिया के बारे में जानकारी दे सकते है ।
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Friday, 28 January 2022
Objective question and answers for Comptative student
Competative GS Vol 1
उत्तर : ब्रैंकियल धमनी
02. हास्य गैस का रासायनिक नाम है
उत्तर : नाइट्रस ऑक्साइड
03. कैल्कुलस के आविष्कारक है
उत्तर : आइजेक न्यूटन
04. एड्स के विषाणु किसे नष्ट कर देते है ?
उत्तर : लिम्फोसाइट
05. उंगली के नाखून में विद्यमान प्रोटीन है
उत्तर : ग्लोबिन
06. पक्षियों को उड़ने की प्रक्रिया कहलाती है
उत्तर : ब्रेलिंग
07. एन्जाइम के प्रोटीन भाग को क्या कहते है
उत्तर : एपोएन्जाइम
08. किस हार्मोन को ‘आपातकालिक हार्मोन’ कहते है
उत्तर : ऐड्रिनलीन
09. बुद्धि का केंद्र स्थित है
उत्तर : प्रमस्तिष्क मे
10. कौन-सा एंजाइम एक्त का थक्का बनने में सहायता करता है
उत्तर : रेनिन
11. हमारे शरीर में कार्बोहाइड्रेट के पाचन के लिए कौन-सा एन्जाइम उत्तरदायी है ?
उत्तर : एमाइलेज
12. केन्द्रक का विभाजन क्या कहलाता है
उत्तर : कैरियोकाइनेसिस
13. विज्ञान की वह शाखा जो ‘बुढ़ापे की प्रक्रिया’ का अध्ययन करती है, कहलाती है
उत्तर : जिरोन्टोलॅाजी
14. प्रोटीन की इकाई क्या है
उत्तर : अमीनो अम्ल
15. हमारे शरीर के किस अंग में एण्टीबॅाटी बनते है ?
उत्तर : टॅान्सिल
16. जीवाणुओं की कोशिकाभित्ति बनी होती है
उत्तर : वसा एवं सेल्यूलोज की
17. प्लाज्मा झिल्ली किसकी बनी होती है
उत्तर : लिपिड एवं प्रोटीन
18. कोशिका भित्ति का प्रमुख अवयव है
उत्तर : सेल्यूलोज
19. जीन को वहन करने वाली आनुवंशिक इकाइयाँ क्या कहलाती है
उत्तर : गुणसूत्र
20. नाइट्रोजन किसका अनिवार्य घटक होता है ?
उत्तर : प्रोटीन का
21. सिगरेट के धुँए का मुख्य प्रदुषक है
उत्तर : कार्बन मोनोआॅक्साइड और निकोटीन
22. तत्वों का सबसे पहले वर्गीकरण किसने किया था
उत्तर : न्यूलैण्ड ने
24. बेसेमर कन्वर्टर का उपयोग किसको प्राप्त करने में होता है ?
उत्तर : कास्ट आयरन से स्टील
25. सभी तेल किस कार्बनिक यौगिक के नाम से जाने जाते है
उत्तर : हाइड्रोकार्बन
ये संकलन कैसा लगा जरूर बताएं ।
Thursday, 27 January 2022
Video देखें। RRB, NTPC में छात्रों की बड़ी जीत, रेल मंत्री ने छात्रों की मांग मानी
RRB, NTPC में छात्रों की बड़ी जीत: एक छात्र-एक रिजल्ट पर राजी हुआ रेलवे, साढ़े 3 लाख औऱ छात्रों का रिजल्ट निकलेगा, ग्रुप डी के लिए सिर्फ एक परीक्षा होगी
RRB औऱ NTPC परीक्षा को लेकर आंदोलन कर रहे छात्रों को बड़ी जीत हासिल हुई है । रेलवे मंत्रालय ने छात्रों की सभी बड़ी मांगों को मान लिया है. रेलवे ने इन परीक्षाओं को लेकर कमेटी बनायी है. कमेटी की रिपोर्ट आते ही छात्रों की मांगों को मानने का औपचारिक एलान कर दिया जायेगा। उधर बीजेपी ने मांग कर दिया है कि आंदोलन करने वाले छात्रों पर कोई दमनात्मक कार्रवाई नहीं की जाये। यह न्यूज आप www.operafast.com पर पढ़ रहे हैं ।
रेल मंत्री ने सुशील मोदी को दी जानकारी
बीजेपी के सांसद औऱ बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी आज दिल्ली में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से मुलाकात की थी । सुशील मोदी रेलवे में बहाली को लेकर आंदोलन कर रहे छात्रों की मांगों पर बात करने के लिए रेल मंत्री से मिले थे. उनसे मुलाकात के बाद सुशील मोदी ने ये बडी जानकारी दी। सुशील मोदी ने कहा-
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“रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से मेरी लंबी बातचीत हुई है । उन्हें मुझसे कहा है कि NTPC परीक्षा के अंदर एक छात्र-एक रिजल्ट की जो मांग है, उसे मान लिया जायेगा. ऐसे में साढ़े तीन लाख औऱ छात्रों का रिजल्ट प्रकाशित किया जायेगा. रेल मंत्री ने ये भी कहा है कि ग्रुप डी की दो परीक्षा की जगह अब सिर्फ एक परीक्षा ही ली जायेगी।” सुशील मोदी ने कहा कि छात्रों के आंदोलन के बाद रेलवे मंत्रालय ने उनकी शिकायतों को सुनने के लिए कमेटी का गठन किया है. उस कमेटी की रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है. केंद्र सरकार ने तय कर लिया है कि छात्रों की प्रमुख मांगों को मान लिया जायेगा. कमेटी की रिपोर्ट आते ही इसका औपचारिक एलान कर दिया जायेगा ।
सुशील मोदी बोले-रेलवे की गलती है, छात्रों पर कार्रवाई न हो ।
सुशील मोदी ने कहा कि वे पटना जिला प्रशासन और पुलिस से ये अपील करेंगे कि छात्रों और शिक्षकों पर कोई दमनात्मक कार्रवाई नहीं की जाये. अगर रेलवे बोर्ड ने समय रहते स्पष्टीकरण दे दिया होता तो इस प्रकार की स्थिति पैदा नहीं होती । छात्र कोई अपराधी नहीं हैं. ये सब पढ़ने वाले छात्र हैं जो गलतफहमी में आकर सड़कों पर आ गये. इसके लिए रेलवे बोर्ड जिम्मेवार है जिसने समय पर स्पष्टीकरण नहीं दिया. ऐसे में कुछ दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई है. लेकिन छात्रों पर कोई कार्रवाई नहीं होनी चाहिये । सुशील मोदी ने छात्रों से कहा है कि नरेंद्र मोदी उनके साथ खड़ी है ।
खान सर पर एफआईआर, बिहार के छात्र गुस्से में लाल
खान सर पर एफआईआर, बिहार के छात्र गुस्से में लाल
पटना के शिक्षा सम्राट खान सर पर पटना पुलिस एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तार करने की कोशिश करने में लग गई है । पटना पुलिस का कहना है कि खान सर के बहकावे में आकर ही बिहार यूपी के लोग छात्र उग्र होकर तोड़फोड़ और हिंसा पर उतारू है । यह न्यूज आप www.operafast.com पर पढ़ रहे हैं ।
जहां तक आप जानते है की RRB NTPC CBT 2 और सीबीटी 1 के एग्जाम पैटर्न और रिजल्ट में गड़बड़ी को लेकर बिहार और यूपी के छात्र उग्र रूप धारण कर तीन दिन से उत्पात मचा रहा है । आखिर उग्र हो भी क्यों न । एक एग्जाम के लिए 3 साल तक छात्र इंतजार करता है और रिजल्ट भी आता है तो उसमे भी झोल दिखता है । कुछ चैनल पर खान कर का इंटरव्यू देखकर कोई भी। नही कहेगा की उनके इशारे पर ऐसा कुछ हुआ है ।
कोई और की बात को छोड़ दीजिए लेकिन खान सर अपने वीडियो में हमेशा फिजिकल प्रोटेस्ट के विरुद्ध थे। खान सर को राजनीति से भी मतलब नही है। उनके एक छात्र के मुताबिक वो अपने दम पे यहां तक पहुंचे है। जब खान सर से प्लेटफार्म कोचिंग के बगल में 5-10 लडको को लेकर सेट का सॉल्यूशन कराते थे तब मैं उन में से था और उनका संघर्ष देखा है। 100 रुपया 200 रुपया में वो सारे नॉलेज प्रोवाइड कराते थे। जिसके लिए पटना में लोग 5-10 हजार से कम में बात नही बनती थी । इसलिए हो सकता है ये उनलोगों की भी चाल हो की खान सर को किसी तरह इस फील्ड से आउट कर दे ताकि फिर से लोगो का बिजनेस में लूटने का मौका मिलते ही चमक सके। उनके अन्य छात्र के अनुसार खान सर के साथ उनसभी को खड़े होना चाहिए।जो आज कही अच्छे पोस्ट पे है और कही न कही खान सर का योगदान रहा है।या जो तैयारी कर रहे है या करना चाहते है।
21 वी सदी के नायक एक का नाम है खान सर। ये अपनी काबिलियत का डंका पूरे विश्व में लगातार बजा रहे हैं । एक छात्र मनीष कुमार ने कहा कि इस हिटलर शाही सरकार को आखिर कोई कैसे कोई जगा सकता है इस सरकार को आखिर में नींद से जगाने के लिए और कौन सा प्रयास किया जाए यही एकमात्र है विरोध प्रदर्शन लेकिन दुर्भाग्य यह है कि जो भी विरोध प्रदर्शन करता है उसको यहां की सरकार राष्ट्रीय द्रोही जनविरोधी नीतियों का उल्लंघन करने के जुर्म में मुकदमे पर मुकदमा कर देती है ।
जिस प्रकार भगवान श्रीराम ने सागर देवता की 3 दिनों तक प्रार्थना की थी , लेकिन सागर देवता थे कि जो अपने बातों पर अड़े हुए थे ,, समुद्र में रास्ता नहीं दे रहे थे ,, तब मजबूरन विवश होकर भगवान श्रीराम को हथियार lउठाना पड़ा था , उसी तरह छात्र भी 10 दिनों से डिजिटल प्रोटेस्ट कर रहे थे ,, लेकिन रेलवे ठहरा जिद्दी , रेलवे पर इसका कोई असर नही हुआ । और एनटीपीसी का एग्जाम डेट निकाल दिया, जिसने आग में घी डालने का काम किया । इसी वजह से छात्र मजबूरन इतने उग्र हो गए । अगर रेलवे अधिकारी और रेलवे के संपत्तियों के साथ कुछ बुरा हुआ तो इसके जिम्मेदार रेलवे स्वयं है । भगवान श्रीराम की तरह ही छात्रों को मजबूरन उग्र आंदोलन के लिए रेलवे के द्वारा मजबूर किया गया । सरकार एक बार फिर से 80 के दशक वाला संपूर्ण क्रांति आंदोलन चाहती है ,छात्रो से । किसान आंदोलन से भले लोग एकमत नहीं थे , लेकिन रेलवे छात्र आंदोलन पर सभी एकमत है , चाहे भक्त हो या चमचा । सरकार को यह याद रखना चाहिए और छात्र किसान से लगभग 10 गुना ज्यादा है । क्योंकि छात्र लगभग सभी परिवार में पाए जाते हैं , जबकि किसान नहीं । इसलिए सरकार को छात्रों से टक्कर नहीं लेना चाहिए । क्योंकि कहीं ऐसा ना हो कि जो सरकार के समर्थक है , वह विरोधी बन जाए ।
पटना के छात्र खान सर पर एफआईआर होने से भी नाराज है । उनका कहना है कि खान सर को कुछ हुआ तो पूरी दिल्ली कम पड़ जाएगी और हम किसान नहीं हैं जो 1 साल रहेंगे 1 दिन में पूरा हिसाब किताब हो जाएगा । ऐसे शिक्षकों के साथ सभी लोग पुरजोर समर्थन के साथ खड़े हैं ।
वर्तमान सरकार को पढ़े लिखे लोगों से एलर्जी है खासकर खान सर जैसे टीचर हकीकत को खुलकर बता देते हैं , तो भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारी और नेता को मिर्ची लगती है।अभी के सरकार सिर्फ यही चाहती है कि पढ़े लिखे लोग बस गुलामी करे अनपढ़ जाहिल नेताओं का, सवाल मत करे।
शिक्षा को बचा लो देश बच जाएगा और विकास कि राह पर देश चलने लगेगा।शिक्षक है तो शिक्षा है, हमें दोनों को बचाना और क़ायम रखना है और शिक्षा उस अन्तिम पायदान पर खड़े आदमी तक पहुंचाना है ताकि देश फिर से किसी धर्म और पार्टी का मानसिक गुलाम न बने ।शिक्षा को ही अपना धर्म माने और विकास और भाईचारे को पार्टी ।
खान सर को गिरफ्तार करना मतलब खुद rrb अपने पैर पर कुल्हाड़ी मार रही है । किसान आंदोलन तो एक सीमित क्षेत्र में सिमट गया लेकिन बेरोजगारो का आंदोलन पूरे देश मे धधक उठेगा।
छात्र एकता बनी रहनी चाहिए, नही तो कुछ देश के दलाल है जो देश के सभी किसान नौजवान जो भी है, महिला बड़े बच्चे सभी रोटी कपड़ा मकान के लिय परेशान है और नेता क्या दे रहा है या सरकार क्या दे रही है। हिन्दू, मुस्लिम कोरोना । इन सब बातों में भ्रमित कर रही है सरकार। जागो देशवासियों वार्ना कही लेट ना हो जाये। मानसिक रूप से बेरोजगारी बनाने की तैयारी कर रही है सरकार क्योंकि आर्थिक रूप से तो कर दिया है ।
क्या कहते है खान सर ?
ऐसे खान का कहना है कि शिक्षक होने के नाते सभी विद्यार्थियों को कहना चाहता हूँ कि आप ही इस देश के भविष्य है।आप ही यदि सरकारी सम्पति को क्षतिग्रस्त करेंगे तो देश को आगे लेकर कौन जाएगा??आप ऐसा काम ना करें जिससे किसी खान या और दूसरे शिक्षक पर कोई उंगली उठाए।आप शांति से भी सरकार से रिपोर्ट मांग सकते है। कलम में भी जान होती है क्योंकि उसकी स्याही उसकी पहचान होती है ।
कौन है खान सर ?
खान सर पटना में एक लोकप्रिय कोचिंग शिक्षक हैं जो खान जीएस रिसर्च सेंटर चलाते हैं और अपनी अनूठी शिक्षण शैली के लिए जाने जाते हैं। हिंसा भड़काने के आरोप सामने आने के बाद, उन्होंने कथित तौर पर एक वीडियो जारी किया जिसमें उन्होंने छात्रों से अपना आंदोलन शांतिपूर्ण रखने की अपील की।
खान सर की उम्र क्या है ?
खान सर पटना बिहार के 30 वर्षीय यूट्यूबर और बिहार के शिक्षक हैं। वह खान जीएस रिसर्च सेंटर के नाम से जाने जाने वाले अपने यूट्यूब चैनल पर पढ़ाने के अपने तरीके के लिए प्रसिद्ध हैं, जिसके 10 मिलियन से अधिक ग्राहक हैं।
खान सर कौन से विषय पढ़ाते हैं?
'खान सर', जैसा कि यूट्यूब पर उनके प्रशंसक उन्हें जानते हैं, इन दिनों सभी गलत कारणों से ट्रेंड कर रहा है। वह 'खान जीएस रिसर्च सेंटर' नाम के अपने यूट्यूब चैनल पर सामान्य अध्ययन पढ़ाते हैं और उनके ग्राहकों की एक बड़ी सूची है- लगभग 95 लाख । शिष्टाचार, उनकी शिक्षण की अनूठी शैली के लिए जाने जाते हैं।
गणतंत्र दिवस पर मखदुमपुर के पीरगंज में उत्साहपूर्वक मना
गणतंत्र दिवस पर मखदुमपुर के पीरगंज में उत्साहपूर्वक मना ।
गणतंत्र दिवस 26 जनवरी भारत में महत्वपूर्ण ऐतिहासिक दिनों में से एक है। भारतीय इतिहास में इस यादगार दिन की हर कोई सराहना करता है। प्रत्येक संघ में, हर स्कूल, हर संगठन और भारतीय नागरिक के द्वारा इस गणतंत्र दिवस को खुशी और संतुष्टि के साथ देखा जाता है, विशेष रूप से इस दिन देशभक्त और शहीदों को सराहना की जाती है। हर ऑफिस, संगठन में आगंतुक लोग अपनी अपनी बात रखते है। ये न्यूज़ आप www.operafast.comपर पढ़ रहे हैं।
यह समारोह देश भर में झण्डा फहराकर धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इसी कर्म में जहानाबाद के मखदुमपुर प्रखंड के पूर्वी सरेन के वार्ड 6 जो पीरगंज में पड़ता है । यहां भी हर साल की तरह इस बुधबार को भी गणतंत्र दिवस समारोह आयोजित किया गया। इस समारोह की अध्यक्षता पूर्व प्रभारी मुखिया संतोष कुमार रंजन ने किया । झंडोतोलन करते हुए वार्ड सदस्या रेहाना खातून ने अपने गांव और यथासंभव पंचायत की विकास करने की कही। गणतंत्र दिवस पर चर्चा करते हुए रेहाना खातून ने कही कि गणतन्त्र दिवस भारत का एक राष्ट्रीय पर्व है जो प्रति वर्ष 26 जनवरी को मनाया जाता है। इसी दिन सन् 1950 को भारत सरकार अधिनियम (1935) को हटाकर भारत का संविधान लागू किया गया था।
यह समारोह इस लिए भी खास है कि पीरगंज वार्ड सदस्या रेहाना खातून और उनके समाजसेवी पुत्र शरवर अंसारी का अनोखा अंदाज। बड़े बड़े कार्यक्रमों को छोड़कर टेहटा ओ पी पुलिस प्रशासन के साथ साथ अन्य जनप्रतिनिधि भी इस समारोह में शामिल जरूर होते है । रेहाना खातून और उनके पुत्र के द्वारा आगंतुकों का सम्मान इस कदर से की जाती है की चर्चा का विषय बन जाता है और चर्चा हो भी क्यों न, आखिर ये हर हर बार किसी न किसी को सम्मान जरूर करती है ।पिछली बार मैट्रिक और इंटर परीक्षा में उच्च अंक प्राप्त करने वाले छात्र छात्राओं का सम्मान करते हुए पुरस्कार वितरण जो की थी तो इस बार जनप्रतिनिधियों का ।
इस समारोह में प्रखंड प्रमुख प्रतिनिधि, प्रखंड उप प्रमुख, मुखिया प्रतिनिधि सह समाजसेवी विक्रम कुमार , सभी 13 वार्ड सदस्य, सरपंच प्रतिनिधि, सभी 13 सरपंच सदस्य, कृषि समन्वयक सत्येंद्र नारायण गौतम, किसान सलाहकार नंदकिशोर कुमार, पंचायत रोजगार सेवक मंडल जी, समाजसेवी अनुपम कुमार , पुलिस प्रशासन में टेहटा ओ पी के इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर को अपने अपने क्षेत्र में सराहनीय कार्य करने के लिए मेडल और अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया।
जिस तरह से एक छोटे से वार्ड में इतना बड़ा कार्यक्रम किया जाता है जिसमे एक प्रखंड से लेकर पंचायत तक के लोग समय निकालकर जरूर पहुंचते हैं, और कार्यक्रम इतना शानदार होता है की उपस्थित लोग प्रसंशा किए बिना नहीं रह पाते । एक तरह से देखा जाए तो यह झंडोतोलन कार्यकर्म मखदुमपुर पंचायत में प्रथम स्थान पर ही है, ऐसा कार्यक्रम अभी तक प्रखंड के अन्य क्षेत्रों से सामने नही आया है। इस कार्यक्रम में उपस्थित कुंडल कुमार वर्मा ने भी बाबा साहेब आंबेडकर और भारतीय संविधान की चर्चा करते हुए कहा कि यहां सभी जाति धर्म के लोग भेदभाव भुलाकर जरूर आते हैं ।
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Wednesday, 26 January 2022
Students angry due to postponed of NTPC result, train caught fire
RRB NTPC CBT Postponed, ANGRY STUDENTS fire putted In Train
जैसा कि आप जानते हैं की रेलवे भर्ती बोर्ड के द्वारा आयोजित एनटीपीसी नॉन टेक्निकल के cbt2 की होने वाली परीक्षा को छात्रों के विरोध के बाद स्थगित करके एक जांच कमेटी बैठाने का निर्णय लिया गया है इसके मद्देनजर गुस्साए छात्रों ने गया रेलवे स्टेशन पर सुपरफास्ट ट्रेन कि कुछ डब्बे में आग लगा दिया है इसका फोटो नीचे दिया जा रहा है। यह न्यूज आप www.operafast.com पर पढ़ रहे हैं।
रेलवे के छात्र जो 2020-2021 में सीबीटी 1 के एग्जाम दिया था उसको रिजल्ट जारी होने के बाद CBT 2 एग्जाम फरवरी मंथ में लेने के बाद की जा रही थी।
उनका कहना था कि इस एग्जाम में गड़बड़ी की गई है। देखते हुए बिहार और यूपी के छात्र रेलवे ट्रैक पर जाम करके अपना दोस्त चला रहे थे जिस पर उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में योगी सरकार की पुलिस लॉर्ड ऑफ धागों में घुस घुस कर सभी विद्यार्थियों को बहुत मारपीट की उठाकर जेल में डाल दिया था। छात्र के विरोध के बाद cbt-1 एग्जाम को स्थगित कर दिया गया है और कहां जा रहा है कि छात्रों और रेलवे अधिकारियों के बीच विचार विमर्श के बाद अगला रिजल्ट जारी किया जाएगा।
छात्रों का गुस्सा होने के कारण क्या है ।
छात्रों के विरोध के बाद RRB NTPC CBT2 एग्जाम स्थगित, जांच कमिटी बनी ।
छात्रों के विरोध के बाद RRB NTPC CBT2 एग्जाम स्थगित, जांच कमिटी बनी ।
यह बात तो आपने जरूर सुनी होगी "अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारना" ! छात्रों के प्रदर्शन अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मारना ही कहा जायेगा। अब जांच कमिटी का रिजल्ट कितने दिन बाद आएगी ये भगवान जाने । ये न्यूज आप www.operafast.com पर पढ़ रहे हैं ।
छात्रों के द्वारा आरआरबी एनटीपीसी द्वारा घोषित रिजल्ट के विरोध के बाद अब रेलवे ने इस रिजल्ट पर पुनर्विचार का फैसला किया है। जिससे जिससे छात्रों को किसी तरह की कोई भी आशंका न रह जाए की इस परीक्षा में कोई गड़बड़ी हुई है। रेलवे भर्ती बोर्ड ने NTPC CBT 2 और ग्रुप D CBT 1 की होने पर परीक्षाएं स्थगित कर दिया है। यह दोनों ही परीक्षाएं रिजल्ट में होने वाले गड़बड़ी की जांच पर पुनर्विचार के बाद ही आयोजित की जाएगी।
भारतीय रेलवे ने एक दोनों परीक्षाएं और रिजल्ट पर विचार के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है इसमें एग्जाम में सफल और असफल दोनों तरह के छात्रों को शामिल किया जाएगा। इस समिति में स्टूडेंट को यह अधिकार दिया जाएगा कि जारी हुए रिजल्ट पर आपस में विचार व्यक्त करें उसके बाद ही वह अपनी तरफ से अंतिम निर्णय देगा।
जैसा कि आप जानते हैं कि आरआरबी एनटीपीसी के द्वारा जारी रिजल्ट के बाद बहुत से छात्र विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे कई छात्रों ने ट्रेन भी रोक दिया था और कई छात्रों ने स्टेशन पर भी धरना दिए हुए था। बिहार के कई शहरों में प्रदर्शन किया गया था जिसमें पटना जमुई लखीसराय आरा बक्सर जहानाबाद जैसे छोटे बड़े शहर के छात्र शामिल थे । प्रयागराज में हिंसक छात्रों पर पुलिस जमकर मारपीट की थी। प्रयागराज के कई हॉस्टलों और घरों से छात्रों को पकड़कर गिरफ्तार कर लिया गया था। साथ ये करवाई आगे जारी रखने की भी बात की जा रही थी ।
जहां तक आप जानते हैं की इलाहाबाद में एनटीपीसी के रिजल्ट को लेकर प्रदर्शन कर रहे छात्रों को हटाने के लिए पुलिस द्वारा छोटा बघाड़ा लॉज में घुसकर निर्दोष विद्यार्थियों पर बर्बर लाठीचार्ज किया था।
छात्रों का कहना था कि युवा देश की ताकत होते हैं । छात्रों के आंदोलन का दमन बल प्रयोग करके किया जा रहा था । छात्र अपनी नौकरी ही तो मांग रहे थे, ज्यादातर छात्र गरीब और मध्यमवर्गीय परिवार से हैं । क्या ये सरकार से इतना उम्मीद भी न रखें, फार्म 2019 में निकला था 2022 आ गया बहुत तो ओवर एज हो जाएंगे । अगर सरकार एक स्तरीय परीक्षा आयोजित करके रिजल्ट दे देते तो क्या हो जाता ।
रेलवे भर्ती बोर्ड के एक प्रवक्ता के अनुसार रेलवे के द्वारा एक समिति बनाई गई है जो विभिन्न भर्ती बोर्ड की ओर से आयोजित परीक्षाओं में सफल और असफल होने वाले छात्रों की शिकायतों की जांच करेगी। दोनों पक्षों की शिकायतें और चर्चाएं सुनने के बाद समिति रेल मंत्रालय को एक्स रिपोर्ट सौंपी की और जो भी फैसला होगा उसकी आधार पर बोर्ड अपना अंतिम निर्णय लेगा।
RRB NTPC होने के बाद से ही लाखों छात्र विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं बिहार उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में 2 दिन से प्रदर्शन जारी है। छात्रों की मांग पर ही इसे पुनर्विचार करने के लिए कमेटी का गठन किया गया है।
हम आपको बता दें कि आरआरबी एनटीपीसी सीबीटी 1 की परीक्षाएं दिसंबर 2020 से लेकर जुलाई 2021 तक हुई थी और इस परीक्षा में करीब एक करोड़ 40 लाख के उम्मीदवार शामिल हुए थे।
तोड़ फोड़ और ट्रैक जाम करने वाले छात्राओं को अयोग्य घोषित किया जाएगा
तोड़ फोड़ और ट्रैक जाम करने वाले छात्राओं को अयोग्य घोषित किया जाएगा
बिहार और उत्तर प्रदेश के कुछ शहरों में रेलवे भर्ती बोर्ड के परीक्षा में शामिल विद्यार्थी प्रदर्शन कर रहे हैं उनका आरोप है कि भारतीय रेलवे भर्ती बोर्ड ने गैर तकनीकी श्रेणी की जो एनटीपीसी परीक्षा दी थी उसे दो चरणों में करने का फैसला लिया है । यह भर्ती बोर्ड का फैसला मनमाना है। रेलवे भर्ती बोर्ड की ओर से जारी एनटीपीसी रिजल्ट में गड़बड़ी का आरोप लगाकर रेलवे के परीक्षार्थी धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शन में शामिल विद्यार्थियों का कहना है कि गैर तकनीकी परीक्षा पहले की तरह ही एक स्तरीय होना चाहिए। यह न्यूज आप www.operafast.com पर पढ़ रहे हैं ।
बिहार की राजधानी पटना में और उत्तर प्रदेश के प्रयागराज राज्य में हुई प्रदर्शन के दौरान विद्यार्थी और पुलिस बल के साथ झड़प भी हुई। वहां पर उपस्थित विद्यार्थी रेलवे भर्ती बोर्ड की गैर तकनीकी परीक्षा में हुई अनियमितता के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। इन प्रदर्शनकारी विद्यार्थियों पर पुलिस बल ने कारवाई भी की है।
रेलवे भर्ती बोर्ड ने प्रदर्शनकारियों को चेतावनी देते हुए कहा है कि जो अभ्यर्थी किसी तरह के भी हिंसा में शामिल होंगे उन्हें भविष्य में रेलवे में नौकरी नहीं मिलेगी रेलवे ने यह भी कहा है कि अपने सत्यनिष्ठा के उच्चतम मानकों को बनाए रखते हुए निष्पक्ष और पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया संचालित करने के लिए प्रतिबद्ध है। जो लोग रेलवे भर्ती बोर्ड के द्वारा आयोजित किए गए एनटीपीसी की लोकप्रिय परीक्षा को दो चरण में आयोजित करने का विरोध कर रहे हैं । उनके अनुसार ये गलत है । रेलवे जानबूझकर भर्ती में देरी करना चाह रहा है । रेलवे भर्ती बोर्ड ने स्पष्ट कर दिया है कि उनके द्वारा जारी नतीजों में किसी तरह की कोई भी गड़बड़ी नहीं की गई है।
अब जहां प्रदर्शन हो, पुलिस बल के द्वारा विद्यार्थियों पर कार्रवाई हो । ऐसे में नेता भला कहां पीछे रहने वाले हैं । ऐसे में राजनीतिक प्रतिक्रिया ना आए यह हो ही नहीं सकता । अब प्रदर्शन में प्रियंका गांधी का साथ छात्रों को मिलने वाला है। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में पुलिस की कथित कार्रवाई का एक वीडियो कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी के द्वारा ट्वीट करते हुए कहा है कि वह इस लड़ाई में छात्रों के साथ हैं। छात्रों पर मंगलवार को शाम 5:00 से 6:00 के बीच स्थानीय पुलिस ने बल प्रयोग किया था रिपोर्ट के मुताबिक प्रयागराज में छात्रों की ओर से पुलिस पर पत्थरबाजी भी की गई है। झड़प के दौरान प्रदर्शनकारी छात्र और पुलिस के कुछ लोग को चोट भी आई है। जिससे वहां पर दुकानों और आसपास में कुछ अफरा-तफरी मच गए इसके बाद पुलिस अधिकारी वहां पर दुकानदारों से पूछताछ किया।
इस पर पुलिस वालों का कहना है कि छात्रों को इस तरह सार्वजनिक जगहों पर प्रदर्शन नही करना चाहिए।उन्हें एक प्रतिनिधि मण्डल बनाकर रेलवे भर्ती बोर्ड पटना के कार्यालयों में बातचीत करना चाहिए।
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में पुलिस वालों ने तो हद कर दी। वहां पुलिस वालों ने प्रदर्शनकारी छात्रों पर लाठीचार्ज तो किया ही, बल्कि उनके घरों और हॉस्टलों में घुसकर तोड़फोड़ भी की , साथ ही कई छात्रों की हिरासत में भी ले लिया।
पुलिस वालों का कहना है कि प्रदर्शनकारी छात्र रेलवे ट्रैक पर प्रदर्शन कर रहे थे। पुलिस वाले उन्हें हटाने की बहुत कोशिश की लेकिन जब आंदोलनकारी छात्र वहां से नही हटे तब उन पर कार्यवाई की गई। कारवाई होने पर दर्जनों छात्र आसपास के हॉस्टल में छुप गए बाद में पुलिस ने छात्रों को हॉस्टल में छापा मारकर गिरफ्तार कर लिया। उनका कहना है कि गैर कानूनी तरीके से प्रदर्शन करने वाले छात्रों पर अभी कई दिनों तक कारवाई जारी रहेगी ।
इस मुद्दे पर उत्तर प्रदेश के कोई भी नेता छात्रों के साथ नहीं दिया शिवाय कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी के। वह कहती है कि मैं इस लड़ाई में पूरी तरह से छात्रों के साथ हूं। युवाओं को रोजगार के बात करने का पूरा हक है । उन्होंने घरों और हॉस्टलों ने जाकर तोड़फोड़ और मारपीट करने वाले पुलिसकर्मियों की निंदा की है ।
छात्रों के तमाम आरोपों को खारिज करते हुए रेलवे के उच्च अधिकारी कहते हैं कि कि रेलवे भर्ती को पारदर्शी बनाने के लिए परीक्षा दो चरणों में ली जा रही है । रेलवे के उच्च अधिकारियों ने बताया कि संज्ञान में यह बात आई है कि रेलवे की नौकरी के लिए आकांक्षी लोग गैर कानूनी गतिविधियों जैसे की रेल की पटरी पर विरोध प्रदर्शन, ट्रेन संचालन में व्यवधान उत्पन्न , रेलवे संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने जैसी गतिविधियां अनुशासनहीनता है। ऐसे में विशेष एजेंसियों की सहायता से उनकी गतिविधियों की जांच की जाएगी और गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल उम्मीदवारों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की जाएगी साथ ही उन्हें रेलवे की नौकरी प्राप्त करने के संबंध में आजीवन प्रतिबंधित भी किया जा सकता है।
Sunday, 23 January 2022
बिहार सरकार ने निकाली करीब 300 पदों पर वेकेंसी, जल्द करें अप्लाई
बिहार लोक सेवा आयोग ने निकाली 286 पदों पर वेकेंसी, जल्द करें अप्लाई
बिहार सरकार ने बिहार लोक सेवा आयोग के माध्यम से युवाओं को भर्ती के लिए एक नोटिसफिकेशन जारी किया है। यह नोटिफिकेशन असिस्टेंट पब्लिक सेनेटरी ऐंड वेस्ट मैनेजमेंट ऑफिसर के लिए हैं। इसके लिए आवेदन की तिथि 17 जनवरी 2022 से शुरू हो चुका है। इसके लिए सिर्फ ऑनलाइन आवेदन फिल अप करने के बाद प्रिंट आउट निकालकर ऑफलाइन बीपीएससी के कार्यालय में जमा किया जाना है । ये न्यूज आप www.operafast.com पर पढ़ रहे हैं ।
ऑनलाइन आवेदन प्रोसेस की अंतिम तारीख 10 फरवरी 2022 तक है जबकि इसे प्रिंटआउट निकालकर 24 फरवरी 2022 तक ऑफलाइन आवेदन जमा किया जा सकता है। बीपीएससी के नोटिफिकेशन का विज्ञापन संख्या 01/2022 है । इस विज्ञापन संख्या के अंतर्गत कुल 286 खाली पद को भरा जाना है।
खाली पदों की संख्या - 286
नोटिफिकेशन की तारीख 17/02/2022
आवेदन की प्रारंभिक तारीख 10/02/ 2022
आवेदन करने की अंतिम तारीख 24/02/2022
एजुकेशनल क्वालिफिकेशन
केमेस्ट्री/ एनवायर्नमेंटल sceince में बीएससी या केमेस्ट्री/सिविल/एनवायर्नमेंटल साइंस या पब्लिक हेल्थ इंजीनियरिंग/ आर्टिटेक्चर में बी.टेक डिग्री या प्लानिंग/ आर्टिटेक्चर में डिग्री
उम्र सीमा
21 से 27 वर्ष
(एससी एसटी ओबीसी को आरक्षण प्रणाली के तहत क्रमशः 5 और 3 साल की छूट )
आवेदन करने का तरीका
उम्मीदवार 10 फरवरी से 24 फरवरी 2022 तक बीपीएससी के ऑफिशियल साइट पर आवेदन कर सकते है । ऑनलाइन करने का ऑफिशियल साइट www.bpsc.bih.nic.in है ।
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👉 इस मुस्लिम इंजीनियर से एयर ट्रैवल एजेंट ने रिफंड के बजाय ऑनलाइन ठगी की
Friday, 21 January 2022
एयर ट्रैवल एजेंट ने रिफंड के बजाय कस्टमर के अकाउंट से उड़ाए पैसे
ट्रैवल एजेंट ने फ्लाइट बुकिंग किया कैंसिल, फिर अकाउंट से उड़ाए पैसे
पटना में कार्यरत एक इंजीनियर को ठगी का सामना करना पड़ा । इंजीनियर एक प्राइवेट कंपनी की वेबसाइट से फ्लाइट का टिकट करवाया था लेकिन टिकट कराने के कुछ ही समय बाद फ्लाइट ऑनलाइन टिकट अचानक कैंसिल हो गया। इस इंजीनियर का नाम आरफीन सईद है । टिकट कैंसल होने पर सईद परेशान हो गया क्योंकि उसने टिकट बुक करते समय अपने खाते 5 हजार 615 रुपए कटा कर टिकट बुक किया था लेकिन टिकट स्वतः कैंसल हो गया लेकिन पैसा रिफंड नहीं आया। फिर इस इंजीनियर ने ट्रैवल एजेंट का नंबर इंटरनेट पर ढूंढना शुरू किया और उस एजेंट से रिलेटेड फोन नंबर मिलने पर एजेंट को फोन किया । रिसीव करने वाले ने पैसा रिफंड करने का आश्वासन देते हुए कहा कि आपका पैसा आपके खाते में जल्द ही वापस आ जायेगा। इसके लिए आपको अपने मोबाइल में एनी डेस्क नाम का एप डाउनलोड करना होगा फिर जिस खाते में रकम वापस चाहिए उसका डिटेल्स एनी डेस्क ऐप में डालकर समिट कर दें । इंजीनियर आरफीन ने ट्रैवल एजेंट के कहे अनुसार ऐप डाउनलोड किया और अपना पूरा अकाउंट डिटेल उस ऐप में भरकर समिट कर दिया । लेकिन पैसा वापस आना तो दूर, उल्टे account से ही 25 हजार 400 रुपए हवा हवाई हो गया । मतलब गायब हो गया। यह न्यूज आप www.operafast.com पर पढ़ रहे हैं।
इस संबंध में इंजीनियर ने इंसाफ तीर ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ पटना के बुद्धा कॉलोनी स्थित थाने में एक मामला दर्ज कराया है जिसमें एजेंटों के नाम अज्ञात लिखवाया है अब इस मामले की जांच कर रही है पीड़ित पटना में कार्यरत है लेकिन उसका मूल स्थान मुजफ्फरपुर जाने वाला है उन्होंने ट्रैवल कंपनी की वेबसाइट से कहीं जाने के लिए फ्लाइट का टिकट ऑनलाइन बुक करवाया था।
अब पुलिस ने खुद ही संबंधित बैंक के मैनेजर से पूरा डिटेल मांगा है कि यह रकम किस खाते में ट्रांसफर हुआ। अब पुलिस कब तक ये मामले सुलझा पायेगी, और कितने ऐसे शातिर ठग पकड़ा जाएगा, ये कहा नहीं जा सकता । इस तरह के मकड़जाल में हमेशा ही कोई ना कोई शिकार होते रहता है ।
Tuesday, 18 January 2022
AISMA Leader taken VRS after 35 years Completed Service in indian Railway
AISMA Leader taken VRS after 35 years Completed Service in indian Railway
Today senior AISMA leader and Station superintendent Sri Rajamanickam Ravikumar Taken Voluntary retirement from Indian Railways.
He is a person rich in efficient leadership and exceptional talent, under his leadership I have also got a chance to work for almost a year. When Ravi sir and I (P.K.Mishra) were on duty together while working at Tiruchirapalli Junction, I would have found my job very easy. He was very fearless, fair and simply used to solve every obstacle on duty with peacefully. you are reading this news on www.operafast.com .
वे कुशल नेतृत्व और विलक्षण प्रतिभा के धनी व्यक्ति है , इनके नेतृत्व में मुझे भी करीब साल भर काम करने का मौका मिला है। तिरुचिरापल्ली जंक्शन पर काम करते समय जब रवि सर और मैं एक साथ ड्यूटी पर रहते तो मुझे अपना काम बहुत ही आसान लगता। ये बहुत ही निर्भीक निष्पक्ष और सरलता के साथ ड्यूटी पर आने वाले हर बाधा को शांति के साथ हल कर देते थे ।
Let me now tell about them in their own words.......
On the final examination day of my PG, my roll number 5857 appeared in a corner of the newspaper under RRB examination results. Then it took six months to be called for interview and another six months to get appointment order. 8/7/86.
The journey that commenced on that day completes today 18/1/22 after 35 years and 6 months.
Still remember that misty winter January morning, Sikkal station and my first SM Mr C. Ramanathan.
Same January... bidding adieu...
MV to Thillaivilagam, NCR to Ammapet as LRSM daily hanging on control phone to get next day movement from OT cell ( TI MPP)..
Partially interlocking, APBQ key interlocking, Rudimentary interlocking, Route key - Home key interlocking.....
Steam engines.. double head locos, Tender foremost, Tender foremost running with headlight, left side/ right side injector wasting water, clinker formation, pulling out fire, vaccum brake system, tablet token, ball token, pouch, exchanging token to run through train, lighting torch at the right time for exchanging token in nights, token missing.... Token lost... Kerosene lit signals and point indicators, card tickets, dating machine, fixed value paper tickets, blank paper tickets... Local.. foreign..... All obsolete terms now.
Stood as witness in some developments... Direct reception facility to TVR yard scissors cross over points, phased out steam locos, raise and fall of YDM 2 locos, project Unigauge and disappearance of MG tracks, provision of separate block and panel operators at MV cabin, introduction of air brake system, intensive roster for VM and TPJ cabins, electrification, evolution of interlocking to EI/ VDU, digitalisation of train movements and timings....
Whatever be the section, whatever be the station, whatever be the technology one thing remained static and the bond between us continued till the last. That's AISMA.... where I learned everything that helped me to complete my service >with pride.. without bowing my head before anybody.
Finally it's time to vacate a mind filled with junk information collected through 35 years, leaving the space for a young fresh mind and body to handle the task effectively.
All the best young generation. Bye. Rajamanickam Ravikumar SS/TPJ