Wednesday 26 January 2022

तोड़ फोड़ और ट्रैक जाम करने वाले छात्राओं को अयोग्य घोषित किया जाएगा

 

तोड़ फोड़ और ट्रैक जाम करने वाले छात्राओं को अयोग्य घोषित किया जाएगा

बिहार और उत्तर प्रदेश के कुछ शहरों में रेलवे भर्ती बोर्ड के परीक्षा में शामिल विद्यार्थी प्रदर्शन कर रहे हैं उनका आरोप है कि भारतीय रेलवे भर्ती बोर्ड ने गैर तकनीकी श्रेणी की जो एनटीपीसी परीक्षा दी थी उसे दो चरणों में करने का फैसला लिया है । यह भर्ती बोर्ड का फैसला मनमाना है। रेलवे भर्ती बोर्ड की ओर से जारी एनटीपीसी रिजल्ट में गड़बड़ी का आरोप लगाकर रेलवे के परीक्षार्थी धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शन में शामिल विद्यार्थियों का कहना है कि गैर तकनीकी परीक्षा पहले की तरह ही एक स्तरीय होना चाहिए। यह न्यूज आप www.operafast.com पर पढ़ रहे हैं ।

बिहार की राजधानी पटना में और उत्तर प्रदेश के प्रयागराज राज्य में हुई प्रदर्शन के दौरान विद्यार्थी और पुलिस बल के साथ झड़प भी हुई। वहां पर उपस्थित विद्यार्थी रेलवे भर्ती बोर्ड की गैर तकनीकी परीक्षा में हुई अनियमितता के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। इन प्रदर्शनकारी विद्यार्थियों पर पुलिस बल ने कारवाई भी की है।


रेलवे भर्ती बोर्ड ने प्रदर्शनकारियों को चेतावनी देते हुए कहा है कि जो अभ्यर्थी किसी तरह के भी हिंसा में शामिल होंगे उन्हें भविष्य में रेलवे में नौकरी नहीं मिलेगी रेलवे ने यह भी कहा है कि अपने सत्यनिष्ठा के उच्चतम मानकों को बनाए रखते हुए निष्पक्ष और पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया संचालित करने के लिए प्रतिबद्ध है। जो लोग रेलवे भर्ती बोर्ड के द्वारा आयोजित किए गए एनटीपीसी की लोकप्रिय परीक्षा को दो चरण में आयोजित करने का विरोध कर रहे हैं । उनके अनुसार ये गलत है । रेलवे जानबूझकर भर्ती में देरी करना चाह रहा है । रेलवे भर्ती बोर्ड ने स्पष्ट कर दिया है कि उनके द्वारा जारी नतीजों में किसी तरह की कोई भी गड़बड़ी नहीं की गई है।


अब जहां प्रदर्शन हो, पुलिस बल के द्वारा विद्यार्थियों पर कार्रवाई हो । ऐसे में नेता भला कहां पीछे रहने वाले हैं । ऐसे में राजनीतिक प्रतिक्रिया ना आए यह हो ही नहीं सकता । अब प्रदर्शन में प्रियंका गांधी का साथ छात्रों को मिलने वाला है। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में पुलिस की कथित कार्रवाई का एक वीडियो कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी के द्वारा ट्वीट करते हुए कहा है कि वह इस लड़ाई में छात्रों के साथ हैं।



छात्रों पर मंगलवार को शाम 5:00 से 6:00 के बीच स्थानीय पुलिस ने बल प्रयोग किया था रिपोर्ट के मुताबिक प्रयागराज में छात्रों की ओर से पुलिस पर पत्थरबाजी भी की गई है। झड़प के दौरान प्रदर्शनकारी छात्र और पुलिस के कुछ लोग को चोट भी आई है। जिससे वहां पर दुकानों और आसपास में कुछ अफरा-तफरी मच गए इसके बाद पुलिस अधिकारी वहां पर दुकानदारों से पूछताछ किया।

इस पर पुलिस वालों का कहना है कि छात्रों को इस तरह सार्वजनिक जगहों पर प्रदर्शन नही करना चाहिए।उन्हें एक प्रतिनिधि मण्डल बनाकर रेलवे भर्ती बोर्ड पटना के कार्यालयों में बातचीत करना चाहिए।




उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में पुलिस वालों ने तो हद कर दी। वहां पुलिस वालों ने प्रदर्शनकारी छात्रों पर लाठीचार्ज तो किया ही, बल्कि उनके घरों और हॉस्टलों में घुसकर तोड़फोड़ भी की , साथ ही कई छात्रों की हिरासत में भी ले लिया।

पुलिस वालों का कहना है कि प्रदर्शनकारी छात्र रेलवे ट्रैक पर प्रदर्शन कर रहे थे। पुलिस वाले उन्हें हटाने की बहुत कोशिश की लेकिन जब आंदोलनकारी छात्र वहां से नही हटे तब उन पर कार्यवाई की गई। कारवाई होने पर दर्जनों छात्र आसपास के हॉस्टल में छुप गए बाद में पुलिस ने छात्रों को हॉस्टल में छापा मारकर गिरफ्तार कर लिया। उनका कहना है कि गैर कानूनी तरीके से प्रदर्शन करने वाले छात्रों पर अभी कई दिनों तक कारवाई जारी रहेगी ।


इस मुद्दे पर उत्तर प्रदेश के कोई भी नेता छात्रों के साथ नहीं दिया शिवाय कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी के। वह कहती है कि मैं इस लड़ाई में पूरी तरह से छात्रों के साथ हूं। युवाओं को रोजगार के बात करने का पूरा हक है । उन्होंने घरों और हॉस्टलों ने जाकर तोड़फोड़ और मारपीट करने वाले पुलिसकर्मियों की निंदा की है ।


छात्रों के तमाम आरोपों को खारिज करते हुए रेलवे के उच्च अधिकारी कहते हैं कि कि रेलवे भर्ती को पारदर्शी बनाने के लिए परीक्षा दो चरणों में ली जा रही है । रेलवे के उच्च अधिकारियों ने बताया कि संज्ञान में यह बात आई है कि रेलवे की नौकरी के लिए आकांक्षी लोग गैर कानूनी गतिविधियों जैसे की रेल की पटरी पर विरोध प्रदर्शन, ट्रेन संचालन में व्यवधान उत्पन्न , रेलवे संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने जैसी गतिविधियां अनुशासनहीनता है। ऐसे में विशेष एजेंसियों की सहायता से उनकी गतिविधियों की जांच की जाएगी और गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल उम्मीदवारों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की जाएगी साथ ही उन्हें रेलवे की नौकरी प्राप्त करने के संबंध में आजीवन प्रतिबंधित भी किया जा सकता है।

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