Thursday 27 January 2022

खान सर पर एफआईआर, बिहार के छात्र गुस्से में लाल

  

खान सर पर एफआईआर, बिहार के छात्र गुस्से में लाल

पटना के शिक्षा सम्राट खान सर पर पटना पुलिस एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तार करने की कोशिश करने में लग गई है । पटना पुलिस का कहना है कि खान सर के बहकावे में आकर ही बिहार यूपी के लोग छात्र उग्र होकर तोड़फोड़ और हिंसा पर उतारू है । यह न्यूज आप www.operafast.com पर पढ़ रहे हैं ।

 जहां तक आप जानते है की  RRB NTPC CBT 2 और सीबीटी 1 के एग्जाम पैटर्न और रिजल्ट में गड़बड़ी को लेकर बिहार और यूपी के छात्र उग्र रूप धारण कर तीन दिन से उत्पात मचा रहा है । आखिर उग्र हो भी क्यों न । एक एग्जाम के लिए 3 साल तक छात्र इंतजार करता है और रिजल्ट भी आता है तो उसमे भी झोल दिखता है । कुछ चैनल पर खान कर का इंटरव्यू देखकर कोई भी। नही कहेगा की उनके इशारे पर ऐसा कुछ हुआ है ।


कोई और की बात को छोड़ दीजिए लेकिन खान सर अपने वीडियो में हमेशा फिजिकल प्रोटेस्ट के विरुद्ध थे। खान सर को राजनीति से भी मतलब नही है। उनके एक छात्र के मुताबिक वो अपने दम पे यहां तक पहुंचे है। जब खान सर से  प्लेटफार्म कोचिंग के बगल में 5-10 लडको को लेकर सेट का सॉल्यूशन  कराते थे तब मैं उन  में से था और उनका संघर्ष देखा है। 100 रुपया 200 रुपया में वो सारे नॉलेज प्रोवाइड कराते थे। जिसके लिए पटना में लोग 5-10 हजार से कम में बात नही बनती थी । इसलिए हो सकता है ये उनलोगों की भी चाल हो की खान सर को किसी तरह इस फील्ड से आउट कर दे ताकि फिर से लोगो का बिजनेस में लूटने का मौका मिलते ही चमक सके। उनके अन्य छात्र के अनुसार खान सर के साथ उनसभी को खड़े होना चाहिए।जो आज कही अच्छे पोस्ट पे है और कही न कही खान सर का योगदान रहा है।या जो तैयारी कर रहे है या करना चाहते है।


21 वी सदी के नायक एक का नाम है खान सर। ये अपनी काबिलियत का डंका पूरे विश्व में लगातार बजा रहे हैं । एक छात्र मनीष कुमार ने कहा कि इस हिटलर शाही सरकार को आखिर कोई कैसे कोई जगा सकता है इस सरकार को आखिर में नींद से जगाने के लिए और कौन सा प्रयास किया जाए यही एकमात्र है विरोध प्रदर्शन लेकिन दुर्भाग्य यह है कि जो भी विरोध प्रदर्शन करता है उसको यहां की सरकार राष्ट्रीय द्रोही जनविरोधी नीतियों का उल्लंघन करने के जुर्म में मुकदमे पर मुकदमा कर देती है ।


जिस प्रकार भगवान श्रीराम ने सागर देवता की 3 दिनों तक प्रार्थना की थी , लेकिन सागर देवता थे कि जो अपने बातों पर अड़े हुए थे ,, समुद्र में रास्ता नहीं दे रहे थे ,, तब मजबूरन विवश होकर भगवान श्रीराम को हथियार lउठाना पड़ा था , उसी तरह छात्र भी 10 दिनों से डिजिटल प्रोटेस्ट कर रहे थे ,, लेकिन रेलवे ठहरा जिद्दी , रेलवे पर इसका कोई  असर नही हुआ । और एनटीपीसी का एग्जाम डेट निकाल दिया, जिसने आग में घी डालने का काम किया । इसी वजह से छात्र मजबूरन इतने उग्र हो गए । अगर रेलवे अधिकारी और रेलवे के संपत्तियों के साथ कुछ बुरा हुआ तो  इसके जिम्मेदार रेलवे स्वयं है । भगवान श्रीराम की तरह ही छात्रों को मजबूरन उग्र आंदोलन के लिए रेलवे के द्वारा मजबूर किया गया । सरकार एक बार फिर से 80 के दशक वाला संपूर्ण क्रांति आंदोलन चाहती है ,छात्रो से । किसान आंदोलन से भले लोग एकमत नहीं थे , लेकिन रेलवे छात्र आंदोलन पर सभी एकमत है , चाहे भक्त हो या चमचा । सरकार को यह याद रखना चाहिए  और छात्र किसान से लगभग 10 गुना ज्यादा है । क्योंकि छात्र लगभग सभी परिवार में पाए जाते हैं , जबकि किसान नहीं । इसलिए सरकार को छात्रों से टक्कर नहीं लेना चाहिए । क्योंकि कहीं ऐसा ना हो कि जो सरकार के समर्थक है , वह विरोधी बन जाए


पटना के छात्र खान सर पर एफआईआर होने से भी नाराज है । उनका कहना है कि खान सर को कुछ हुआ तो पूरी दिल्ली कम पड़ जाएगी और हम किसान नहीं हैं जो 1 साल रहेंगे 1 दिन में पूरा हिसाब किताब हो जाएगा । ऐसे शिक्षकों के साथ सभी लोग पुरजोर समर्थन के साथ खड़े हैं ।


वर्तमान सरकार को पढ़े लिखे लोगों से एलर्जी है खासकर खान सर जैसे टीचर हकीकत को खुलकर बता देते हैं , तो भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारी और नेता को मिर्ची लगती है।अभी के सरकार सिर्फ यही चाहती है कि पढ़े लिखे लोग बस गुलामी करे अनपढ़ जाहिल नेताओं का,  सवाल मत करे।

शिक्षा को बचा लो देश बच जाएगा और विकास कि राह पर देश चलने लगेगा।शिक्षक है तो शिक्षा है, हमें दोनों को बचाना और क़ायम रखना है और शिक्षा उस अन्तिम पायदान पर खड़े आदमी तक पहुंचाना है ताकि देश फिर से किसी धर्म और पार्टी का मानसिक गुलाम न बने ।शिक्षा को ही अपना धर्म माने और विकास और भाईचारे को पार्टी ।


खान सर को गिरफ्तार करना मतलब खुद rrb अपने पैर पर कुल्हाड़ी मार रही है । किसान आंदोलन तो एक सीमित क्षेत्र में सिमट गया लेकिन बेरोजगारो का आंदोलन पूरे देश मे धधक उठेगा।


छात्र एकता बनी रहनी चाहिए, नही तो कुछ देश के दलाल है जो देश के सभी किसान नौजवान जो भी है, महिला बड़े बच्चे सभी रोटी कपड़ा मकान के लिय परेशान है और नेता क्या दे रहा है या सरकार क्या दे रही है। हिन्दू, मुस्लिम कोरोना । इन सब बातों में भ्रमित कर रही है सरकार। जागो देशवासियों वार्ना कही लेट ना हो जाये। मानसिक रूप से बेरोजगारी बनाने की तैयारी कर रही है सरकार क्योंकि आर्थिक रूप से तो कर दिया है ।


क्या कहते है खान सर ?

ऐसे खान का कहना है कि शिक्षक होने के नाते सभी विद्यार्थियों को कहना चाहता हूँ कि आप ही इस देश के भविष्य है।आप ही यदि सरकारी सम्पति को क्षतिग्रस्त करेंगे तो देश को आगे लेकर कौन जाएगा??आप ऐसा काम ना करें जिससे किसी खान या और दूसरे शिक्षक पर कोई उंगली उठाए।आप शांति से भी सरकार से रिपोर्ट मांग सकते है। कलम में भी जान होती है क्योंकि उसकी स्याही उसकी पहचान होती है ।


 कौन है खान सर ?

खान सर पटना में एक लोकप्रिय कोचिंग शिक्षक हैं जो खान जीएस रिसर्च सेंटर चलाते हैं और अपनी अनूठी शिक्षण शैली के लिए जाने जाते हैं। हिंसा भड़काने के आरोप सामने आने के बाद, उन्होंने कथित तौर पर एक वीडियो जारी किया जिसमें उन्होंने छात्रों से अपना आंदोलन शांतिपूर्ण रखने की अपील की।


खान सर की उम्र क्या है ?

खान सर पटना बिहार के 30 वर्षीय यूट्यूबर और  बिहार के शिक्षक हैं। वह खान जीएस रिसर्च सेंटर के नाम से जाने जाने वाले अपने यूट्यूब चैनल पर पढ़ाने के अपने तरीके के लिए प्रसिद्ध हैं, जिसके 10 मिलियन से अधिक ग्राहक हैं।


खान सर कौन से विषय पढ़ाते हैं? 

'खान सर', जैसा कि यूट्यूब पर उनके प्रशंसक उन्हें जानते हैं, इन दिनों सभी गलत कारणों से ट्रेंड कर रहा है। वह 'खान जीएस रिसर्च सेंटर' नाम के अपने यूट्यूब चैनल पर सामान्य अध्ययन पढ़ाते हैं और उनके ग्राहकों की एक बड़ी सूची है- लगभग 95 लाख ।  शिष्टाचार, उनकी शिक्षण की अनूठी शैली के लिए जाने जाते हैं।

2 comments:

  1. खान सर शांतिपूर्ण विरोध के समर्थक थे, जबकि तोड़फोड़ के विरोधी। फिर जाने क्यों और कौन सी धारा उनपर लगाई गई होगी। ये छात्र आन्दोलन बिना किसी नेतृत्व के स्वतःस्फूर्त था,आंदोलनकारियों के अनुसार इसके लिए RRB की गलत नीतियां जिम्मेदार है।

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