Wednesday, 26 January 2022

Students angry due to postponed of NTPC result, train caught fire

 RRB NTPC CBT Postponed, ANGRY STUDENTS  fire putted In Train 

जैसा कि आप जानते हैं की रेलवे भर्ती बोर्ड के द्वारा आयोजित एनटीपीसी नॉन टेक्निकल के cbt2 की होने वाली परीक्षा को छात्रों के विरोध के बाद स्थगित करके एक जांच कमेटी बैठाने का निर्णय लिया गया है इसके मद्देनजर गुस्साए छात्रों ने गया रेलवे स्टेशन पर सुपरफास्ट ट्रेन कि कुछ डब्बे में आग लगा दिया है इसका फोटो नीचे दिया जा रहा है। यह न्यूज आप www.operafast.com पर पढ़ रहे हैं।


रेलवे के छात्र जो 2020-2021 में सीबीटी 1 के एग्जाम दिया था उसको रिजल्ट जारी होने के बाद CBT 2 एग्जाम फरवरी मंथ में लेने के बाद की जा रही थी।

उनका कहना था कि इस एग्जाम में गड़बड़ी की गई है। देखते हुए बिहार और यूपी के छात्र रेलवे ट्रैक पर जाम करके अपना दोस्त चला रहे थे जिस पर उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में योगी सरकार की पुलिस लॉर्ड ऑफ धागों में घुस घुस कर सभी विद्यार्थियों को बहुत मारपीट की उठाकर जेल में डाल दिया था। छात्र के विरोध के बाद cbt-1 एग्जाम को स्थगित कर दिया गया है और कहां जा रहा है कि छात्रों और रेलवे अधिकारियों के बीच विचार विमर्श के बाद अगला रिजल्ट जारी किया जाएगा।



छात्रों का गुस्सा होने के कारण क्या है ।

जैसा की आप जानते है की रेलवे की परीक्षा गरीब और मध्यम वर्ग के छात्र ही देता है । इस वर्ग के छात्रों के पास इतना आय के साधन नही होते कि वे मेडिकल और इंजीनियरिंग कर सके ।



पहले रेलवे एग्जाम कैसे होता था ?

(1) साल 2000 ईस्वी के आसपास सभी रेलवे भर्ती बोर्ड से अलग अलग पद के लिए अलग अलग आवेदन मांगा जाता था।
(२) साल भर किसी ना किसी बोर्ड से रिक्तियां निकलते रहता था ।
(३)  उस समय के सभी 16 RRB से रिक्तियां निकलती थी जिसके लिए एक उम्मीदवार कम से कम 20 फार्म जमा करता था।
(४) प्रत्येक छात्र साल भर में करीब 15-20 बार परीक्षाएं देता था । अगर बोर्ड के रिजल्ट में पास नही करता तो दूसरे या तीसरे बोर्ड के रिजल्ट का इंतजार रहता ।
(५) साल के अंत तक लगभग सभी पास कर जाते थे। फेल होने वाले को उनकी कमी का पता चल जाता था। और फिर अगले एग्जाम की तैयारी में लग जाते थे ।
(६) फिर 2008 के आसपास एक पद का एग्जाम एक दिन होने लगा। जैसे स्टेशन मास्टर के पद के लिए सभी बोर्ड एक दिन एग्जाम लेते थे। गुड्स गार्ड, कमर्शियल, TC, CC, TA, CA का भी इसी तरह एक एक दिन एग्जाम होने लगा।
(७) इस तरह से फिर भी साल में 8-10 exam एक छात्र दे देते थे।
(8) 2014 से ग्रेजुएट लेवल , नॉन ग्रेजुएट लेवल, टेक्निकल और नॉन टेक्निकल का एग्जाम एक दिन होने लगा। फिर भी एक स्टूडेंट साल में 4-5 exam देता था।
(९) साल 2017 के बाद एक वेकेंसी निकलने के बाद छात्रों के प्रदर्शन के बाद ही 2-3 साल में exam होता है।
(10) इसी का परिणाम है की छात्र का धैर्य जवाब देता जा रहा है। एक फॉर्म भरने के बाद 3 साल तक कोई परीक्षा नही होती । सरकारी संस्थान प्राइवेट पूंजीपतियों के यहां 50-100 साल के लिए गिरवी रखा जा रहा है।

 क्या है छात्रों की प्रमुख मांगे 
हमारी प्रमुख मांगे निम्न है:- 

1. वर्तमान में जारी दोनों भर्तियां एनटीपीसी एवं ग्रुप डी की जॉइनिंग प्रक्रिया कब तक पूरी कर ली जाएगी

2. RRB NTPC CBT-1 1 में 20 गुना यूनिक विद्यार्थियों का रिवाइज्ड रिजल्ट जारी किया जाए।

3. रेलवे ग्रुप डी में cbt-2 को हटाया जाए।

4. रेलवे ग्रुप डी में DV के लिए शॉर्टलिस्ट विद्यार्थियों की संख्या को पहले के नियमानुसार 1.5X किया जाए।

5. रेलवे द्वारा जारी नए नोटिस के अनुसार मेडिकल स्टैंडर्ड्स को समाप्त किया जाए एवं पहले के नोटिफिकेशन के अनुसार ही मेडिकल स्टैंडर्ड की अनुमति दी जाए।

6. विद्यार्थियों पर दर्ज FIR अविलंब वापस हो ।

7. फाइनेंशियल ईयर के शुरुआत में रेलवे भर्ती बोर्ड का एग्जाम कैलेंडर हर वर्ष जारी हो जिसमें उस फाइनेंसियल ईयर में आने वाली नई भर्तियों का भी जिक्र हो ।

8. DV के समय वर्तमान तिथि का EWS सर्टिफिकेट accept किया जाए

9. Group D Exam का टेंडर  NSEIT  के बजाय TCS को दिया जाए


2 comments:

  1. Railway ki sampatti hamari sampatti hai

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    1. बिल्कुल, सरकारी सम्पति की सुरक्षा होनी चाहिए। इस देश का युवा भी इसी देश का है, पड़ोसी देश का नही, रोजगात भी मिलना चाहिए

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