Tuesday, 30 November 2021

7 साल के स्टूडेंट का संन्यासी बनने का क्या है मायने ।

 

7 साल के स्टूडेंट का संन्यासी बनने का क्या है मायने ।


सन्यास क्या है ? इसका अर्थ होता है सांसारिक बन्धनों से मुक्त होकर निष्काम भाव से प्रभु का निरन्तर स्मरण करते रहना। हमारे शास्त्रों में संन्यास को जीवन की सर्वोच्च अवस्था कहा गया है। संन्यास का व्रत धारण करने वाला संन्यासी कहलाता है। लेकिन 7 साल का लड़का सन्यास जीवन अपना ले , ये सोचने वाली बात है।
गुजरात के सूरत में जैन समाज के द्वारा आयोजित किए गए धार्मिक समारोह में 7 साल से लेकर 70 साल के वृद्ध तक सन्यास जीवन अपना लिया । अब उनका धन दौलत और परिवार से मोह भंग हो गया है। सन्यास लेने वाले में 15 करोड़पति है। सन्यास लेने वाले में स्टूडेंट से लेकर डॉक्टर और इंजीनियर तक शामिल है अब तो भगवत भजन और भगवान की तपस्या में लीन हो जायेंगे । ये लोग काफी सुखी संपन्न है ।


इन लोगों ने शांति-कनक श्रमणोपसाक ट्रस्ट-आध्यात्म परिवार द्वारा पांच दिनों तक चलने वाले दीक्षा महोत्सव में के समापन होने पर संन्यास जीवन अपनाया । अब संन्यास लेने के बाद ये जैन भिक्षु बन गए ।


इस धार्मिक संगठन ने इस दिन को ऐतिहासिक दिन बताते हुए कहा कि जब 40 हजार से अधिक भक्तों के साथ एक सामूहिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया , इसमें 75 लोगों ने संन्यास ग्रहण किया जिसमे सूरत, अहमदाबाद और मुंबई के लोग जैन भिक्षु और नन बने गए। इनमें सभी की आयु 7 से 70 वर्ष के बीच है । यह न्यूज विश्लेषण आप www.operafast.com पर पढ़ रहे हैं।


अब आते है असली बात पर । संन्यासी बनने की खबरें तो बहुत दिनों से मिलती रही हैं लेकिन इन संन्यासियों में से कितने निर्वाण को, मोक्ष को, आत्मज्ञान को उपलब्ध हुए ऐसी कोई ख़बर नहीं मिलती..! 


 सन्यास जीवन अपनाने की खबर मीडिया में बढ़ा चढ़ा कर बताया जाता है , उनकी फोटो दिया जाता है । 4-5 दिवसीय धार्मिक आयोजन किया जाता है तो देश के साथ साथ विदेश में भी यह खबर चली जाती है की सूरत में 75 जैनों ने संन्यास जीवन अपनाया । लेकिन उसके बाद क्या हुआ, कितने को मोक्ष मिला , कितने निर्वाण प्राप्त किया , इसकी भी जानकारी जरूर देना चाहिए ।
जीवन ही ख़राब करना है तो देश- समाज के लिए बरबाद करो..!


भगवान श्री कृष्ण ने गीता उपदेश में अर्जुन को सन्यास योग से अच्छा नैष्कर्म्य अर्थात निष्काम कर्मयोग को अच्छा बताया है,आप  गृहस्थ जीवन भी जिये ओर परमात्मा का नाम सुमिरन भी करे।लेकिन ये जो तीक्ष्ण व्रत ऒर कठोर तप को तपते है जैसे मुँह पर पट्टी बांधना, भूखे रहना ,सर के बाल तोड़कर दर्द सहन करना सब तप में शामिल है,ओर भगवान कहते है कि हे अर्जुन जो घोर तप को तपते है वो शरीर मे बैठे मुझ अंतर्यामी को भी क्रश करने वाले है।





Monday, 29 November 2021

एयरटेल, वोडाफोन आइडिया के बाद jio ने भी अब दिया धोखा

 

मुफ्त की लत लगाकर, jio ने बढ़ाई प्लान की कीमत

मुफ्त की लत लगाकर टेलीकॉम कंपनियां अब लूट मचाने पर आपदा हो गई है। जिसे देखो वो सिर्फ लूटने को तैयार है। पहले आइडिया वोडा फोन, फिर एयरटेल । अब रह गई जियो टेलीकॉम। ... तो ये किसी से पीछे क्यों रहे। इसने भी 1 दिसंबर 2021 से अपने प्लान में 20 % बढ़ोतरी कर दी। 


अगर आप जियो, एयरटेल, आइडिया वोडा प्रीपेड कस्टमर हैं तो देखिए अब आपको कितना पैसा चुकाना होगा इन कंपनियों को ।


जो लोग अपने Jio Phone को 75 रुपये से रिचार्ज करते हैं, उन्हें ध्यान देना चाहिए कि इस पैक की कीमत  91 रुपये हो गया है। Jio के नवीनतम प्रीपेड रिचार्ज प्लान में 50 एसएमएस, असीमित वॉयस कॉल और कुल डेटा का 3GB शामिल है।


jio का सबसे सस्ते 129 रुपया वाला 28 दिन का प्रीपेड प्लान की कीमत अब 155 रुपये होगी।



 24 दिनों की वैधता के साथ एक दिन का लोकप्रिय 1GB प्लान अब 179 रुपये से शुरू होगा। पहले इस प्लान की कीमत 149 रुपये थी। 
199 रुपये का रिचार्ज प्लान अब 28 दिनों के लिए 239 रुपये का खर्च आएगा और प्रति दिन 1.5GB डेटा मिलेगा ।


Jio ने 249 रुपये के प्रीपेड रिचार्ज प्लान की कीमत भी 299 रुपये तक बढ़ा दी है, और यह कस्टमर को प्रतिदिन 2GB डेटा मिलेगा। इस प्लान में अनलिमिटेड वॉयस कॉल और 100 एसएमएस भी शामिल हैं। यह न्यूज आप www.operafast.com पर पढ़ रहे हैं।इसे फेसबुक पर भी folllow और लाइक कर सकते हैं ।


अगर हम 84 दिन की वैलिडिटी वाला प्लान की बात करें तो 599 रुपया वाला प्लान जिसमे 2GB दैनिक डेटा मिलता है वो अब   719 रुपये का आएगा। 


इसी तरह अगर आप 1.5 GB डेली डेटा वाला प्लान 555 रुपए का रिचार्ज करवाते हैं तो यह भी 111/- बढ़कर 666/- रुपया का हो गया है ।


 1,299 रुपये के प्रीपेड रिचार्ज Jio प्लान की कीमत अब 1,559 रुपये होगी। इस प्लान में कुल 24GB डेटा, अनलिमिटेड वॉयस कॉल और साथ ही 3,600 एसएमएस शामिल हैं।


2,399 रुपये का Jio पैक 2,879 रुपये में उपलब्ध होगा और इसमें प्रतिदिन 2GB डेटा, अनलिमिटेड वॉयस और 100 एसएमएस प्रतिदिन मिलेंगे। 


 कंपनी ने डेटा ऐड-ऑन प्लान की कीमतों में भी बढ़ोतरी की है। 51 रुपये के डेटा प्लान की कीमत जल्द ही 61 रुपये होगी, जबकि 101 रुपये के पैक की कीमत 121 रुपये होगी। 251 रुपये का डेटा ऐड-ऑन पैक भी दिखाई देगा, जो उपयोगकर्ताओं को 50GB डेटा देगा, जो 30 के लिए वैध रहेगा।


आपको मालूम होगा की एयरटेल और वोडाफोन आइडिया, भारत के दो सबसे बड़े दूरसंचार कंपनियों ने भी अपने प्रीपेड प्लान में बढ़ोतरी की दी है।  एयरटेल वोडाफोन आइडिया का अभी नया प्लान ही मिल रहा है और किसी को भी अपने नंबरों को रिचार्ज करने के लिए अब नई बढ़ी हुई कीमतों का भुगतान करना होगा।


 जरा एक नजर एयरटेल और वोडा फोन के रिचार्ज पर डाल लीजिए -


 एयरटेल और वोडाफोन आइडिया पर 149 रुपये के प्लान की कीमत अब 179 यह प्लान 28 दिनों के लिए वैध है।


एयरटेल और वोडाफोन आइडिया पर 219 का प्लान  अब बढ़कर  265 रुपये और 269 रुपये हो गया है, जिसकी वैलिडिटी 28 दिन है । इसमें अनलिमिटेड कॉलिंग और 1GB डेटा प्रतिदिन मिलता है।


एयरटेल और वोडाफोन आइडिया दोनों 249 वाला पर 299 रुपये है। इस प्लान में 28 दिनों के लिए प्रतिदिन 1.5GB डेटा के साथ अनलिमिटेड कॉलिंग की सुविधा है। 


एयरटेल पर 298 रुपये और वोडाफोन आइडिया पर 299 रुपये के प्लान की कीमत अब 359 रुपये में मिल रहा है जिसकी वैलिडिटी 28 दिनों की है और डेली 2GB डेटा के साथ अनलिमिटेड कॉलिंग की सुविधा है।


 एयरटेल और वोडाफोन आइडिया दोनों पर 399 रुपये के प्लान की कीमत अब 479 रुपये है और इसमें 56 दिनों के लिए अनलिमिटेड वॉयस कॉलिंग के साथ प्रतिदिन 1.5GB डेटा मिलता है।


 449 प्लान की कीमत अब एयरटेल पर 549 रुपये और वोडाफोन आइडिया पर 539 रुपये की है । यह प्लान 56 दिनों के लिए प्रतिदिन 2GB डेटा और समान अवधि के लिए अनलिमिटेड वॉयस कॉलिंग की सुविधा देती हैं।
379 रुपये के प्लान की कीमत अब एयरटेल के लिए 455 रुपये और वोडाफोन आइडिया यूजर्स के लिए 459 रुपये है।  6GB डेटा और अनलिमिटेड वाइस कॉलिंग की सुविधा है जिसकी वैलिडिटी 84 दिन है।


एयरटेल पर 598 रुपये और वोडा आइडिया पर 599 रुपये के प्लान की कीमत अब 719 रुपये है। इस प्लान में 84 दिनों के लिए अनलिमिटेड वॉयस कॉलिंग और प्रतिदिन 1.5GB डेटा मिल रहा है। 

 एयरटेल पर 698 रुपये और वोडाफोन आइडिया पर 699 रुपये के प्लान की कीमत अब 839 रुपये है और यह 84 दिनों के लिए अनलिमिटेड वॉयस कॉलिंग और प्रतिदिन 2GB डेटा के साथ आता है।

इसी तरह से 1498 वाला 1799 रुपया हो गया है इसमें 365 दिन वैलिडिटी के साथ 24 GB डेटा मिलता है।


2498 वाला एयरटेल प्लान 2999 और वोडाफोन आइडिया का 2399 वाला प्लान 2899 रुपया हो गया है । इसमें डेली 2GB डेटा के साथ 365 दिन की वैलिडिटी मिलता है।





Sunday, 28 November 2021

ईष्ट देवी देवताओं पर भद्दे कॉमेडीअन का कॉमेडी शो बैंगलोर पुलिस ने कैंसिल किया

 

मुन्नवर फारूकी का कॉमेडी शो पुलिस ने कैंसिल किया

इनकी नफ़रत का बहाना बन गया हूं ,
हंसा कर कितनों का सहारा बन गया हूं ।
टूटने पर इनकी ख़्वाहिश होगी पूरी ,
सही कहते हैं, मैं सितारा बन गया हूं ।

  ऊपर के ये शब्द मुन्नवर फारूकी का है, जिन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से ऐसी ही एक पोस्ट किया है, क्योंकि बैंगलुरू में आज होने वाला शो कैंसल हो गया है। इसका कारण सांप्रदायिक सद्भाव उल्लंघन और शांति भंग की संभावना के कारण किया गया है। 



  ये शो आज ही बैंगलुरु में होने थे , लेकिन इसका अनुमति पुलिस ने नहीं दी और होने वाले शो को रोक दिया ।


मुन्नवर फारूकी ने ट्विटर पर बहुत ही भावुक पोस्ट किया है, उन्होंने ने लिखा है की नफरत जीत गई, आर्टिस्ट हार गया।

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जी, मुन्नवर जी। बहुत सुंदर। वाकई में । अपने धर्म को छोड़कर दुसरो के धर्म के बारे मे नफरत फैलाने वाला अधर्म  हार गया और धर्म की जीत हुई। 


ऐसे में सोशल मीडिया में ही कुछ लोगो का कहना हैं कि  कट्टर व्यक्ति के साथ ऐसा ही होना चाहिए । कट्टर व्यक्ति इंसानियत का दुश्मन होता है दूसरे के धर्म के बारे में अपशब्द बोलोगे तो यही हश्र होगा। अभिव्यक्ति की आजादी की भी एक सीमा होती है, आप किसी धर्म को टारगेट करते है ये आजादी कैसे किसने दिया??


मुन्नवर फारूकी को हिन्दू विरोधी राज्यों में शो करने चाहिए,उनके हिंदुओं पर कमेंट बड़े हिट होंगे।वे बंगाल,तमिलनाडु,पंजाब, छत्तीसगढ़, झारखंड, महाराष्ट्र,केरल,आंध्रा में शो कर सकते हैं और हिंदुओं पर जितना तंज कस सकते हैं वह इसके लिए फ्री हैं,उन्हें रोकने वाला कोई नही होगा बल्कि ये राज्य सरकारें उनको करोड़ों का पुरस्कार भी देंगी और उसको अपना ब्रांड एम्बेसडर भी बना सकती हैं।


मुन्नवर को इस बारे में गम्भीरता से सोचना चाहिए।
आज अगर दुनिया भर में नफरत -आतंक और क्रूर कट्टरता को धर्म के नज़रिये से देखा जा रहा है तो इसमें उन सभी धर्मो के शिक्षित और बुद्धिजीवी लोगो की गलती है जिन्होंने सिर्फ धर्म के नाम पर कुछ लोगो द्वारा किये गए और किये जा रहे अनैतिक -अमानवीय- कुरीतियों व असंवैधानिक कार्यों का विरोध और वहिष्कार नहीं किया । चुप रहे! हर धर्म वास्तव में आध्यत्म् और साधना के जरिये आत्म शुद्धि कर वैश्विक जनकल्याण का पाठ ही पढ़ाता है पर जब कुछ मानसिक बीमार लोग धर्म के नाम पर लोगो को कट्टर और नफरती बनाने की कोशिश करें तो वहाँ विरोध बहुत जरुरी है!.. क्योंकि अगर आप देख सके तो आज एक कलाकार और एक पत्रकार एक ही जगह खड़े दिख रहे है।


तो भला उसमे क्या नया है। ईशनिंदा कानून नही यहां किसी के ईस्ट देवता पर जो वाकई निंदनीय है पूर्व नियोजित एक पूजा पद्धति संस्कार लोगो को बेवजह आप कॉमेडी के नाम अनाप शनाप एस्यूम कराए जा रहे और फिर दया की कामना भी करते हो।। कर्म डंड या उसका पुरस्कार निश्चित है दोनो की प्राप्ति एक ही कर्म के लिऐ नही हो सक्ति।। विचार बदलिए, ईशनिंदा किसी की भी उससे बचिए और कॉमेडी स्वरूप वाकई अपना टैलेंट दिखाकर करिए कुतर्क और अधर्म कर कर नही। फिर कही कोई अड़चन नहीं रहेगी। सभी में आप और आप में सभी दिखाई देंगे।


 ये मुन्नवर फारूकी ही है जो पहले हिंदू धर्म का अपमान किया था, उन्हें शांति और सौहार्द बनाए रखने के लिए किसी भी धर्म का अपमान नही करना चाहिए। जब आप अपने धर्म का अपमान नहीं सह सकते तो दूसरे धर्म का अपमान क्यों करते हो।
जिस तरह से हिंदू देवी देवता का उपहास उड़ाया था उस हिसाब से एक भी कॉमेडी नहीं आयोजित करने का अनुमति देनी चाहिए। यह न्यूज आप   www.operafast.com पर पढ़ रहे हैं। इसे facebook पर फॉलो कर सकते है ।


मुनव्वर फारूकी जी । अगर आप ईश्वर, अल्लाह के पाखंड को नहीं मानते हैं तो आपको सबसे अधिक अपने धर्म यानि इस्लाम का खंडन करना चाहिए.. । अगर आप अल्लाह के वजूद पर सवाल उठाते तो फिर आप किसी भी धर्म के खिलाफ बोलने के अधिकारी हो जाते और लोग आपकी आलोचना भी नहीं करते... क्योंकि सबसे पहले शुरुआत अपने मजहब से होनी चाहिए । 

इस लिहाज से आज आपको कोई भी डिफेंड नहीं कर सकता है । जबकि मेरे कई नास्तिक मुस्लिम मित्रों की कोई आलोचना नहीं करता है क्योंकि अगर वो ईश्वर को नहीं मानते हैं तो सबसे पहले अल्लाह का खंडन करते हैं ।
जो अपने धर्म को समझ नहीं रखता वह दूसरे धर्म के बारे में क्या जाने । नफरत फ़ैलाने वाले इन्सानियत और धर्म को कभी नहीं समझ सकता है ।
दिक्कत ये है कि इन जैसे लोगों ने कोंग्रेस राज में दूसरे धर्म के ऊपर हमेसा छींटे उड़ाये हैं (खास कर हिंदुओं के ऊपर) तब  कोई बोलेने वाला नही होता था इनकी आदत अभी भी वही बनी हुई है लेकिन अब पहले वाली बात तो है नही।


 अब बेचारे जेल जाने लगे हैं तो विक्टिम कार्ड खेल रहे , जो ऐसे लोगों का पुराना पेशा है ।
फारूकी जी जब अकेले में बैठोगे तो सोंचना की देश मे बहुत सारे मुस्लिम हास्य कलाकार हैं उनके साथ ऐसी  दिक्कतें क्यों नही आई??


* क्या है जेवर एयरपोर्ट की खासियत




Friday, 26 November 2021

संविधान किसने बनाया, ये हम बताएंगे ।

 

संविधान सभा और उसका गठन

आज 26 नवंबर है। संविधान दिवस, जिसे "राष्ट्रीय कानून दिवस" ​​​​भी कहा जाता है ।


संविधान ( 'सम्' + 'विधान' ), मूल सिद्धान्तों का एक समुच्चय है, जिससे कोई राज्य या अन्य संगठन को शासित किया जाता हैं। वह किसी संस्था को चलाने के लिये बनाया हुआ एक दस्तावेज है। यह प्रायः लिखित रूप में होता है।
किसी भी देश का संविधान उस देश की राजनीतिक व्यवस्था, न्याय व्यवस्था तथा नागरिकों के हितों की रक्षा करने का एक मूल माध्यम होता है| इस माध्यम से उस देश के विकास की दिशा निर्धारित होता है |



 संविधान, किसी भी देश का मौलिक कानून है, जो सरकार के विभिन्न अंगों की रूपरेखा और मुख्य कार्य का निर्धारण और कार्यवन करने में मुख्य भूमिका निभाता है।

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 भारत में हर साल 26 नवंबर को भारत के संविधान को अपनाने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। 26 नवंबर 1949 को, भारत की संविधान सभा ने भारत के संविधान को अपनाया, और यह 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ। संविधान सभा में कुल सदस्यों की संख्या 389 था। संविधान के बनाने में इन 389 सदस्यों के साथ 15 महिला सदस्यों का भी हाथ था। सरोजनी नायडू संविधान सभा के उन सदस्यों में शामिल थी। जिन्होंने संविधान का निर्माण किया था।

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इस भारतीय संविधान निर्माण में सभी 389 सदस्यों ने अपनी भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण तरीके से निभाई ।


प्रारूप समिति 29 अगस्त 1947 को गठित की गई और संविधान सभा की अंतिम बैठक संविधान निर्माण के लिए 24 नवम्बर 1949 को आयोजित की गई। इस दिन 284 लोगों ने संविधान पर हस्ताक्षर किए।


संविधान का निर्माण प्रारूप समिति (ड्राफ्टिंग कमिटी) द्वारा किया गया था , जिसके अध्यक्ष डा. भीमराव अंबेडकर थे ! डा. भीमराव अंबेडकर के अलावा इस समिति में 6 सदस्य और थे , मतलब कि प्रारुप समिति के कुल सदस्यों की संख्या 7 थी ।समिति के अन्य 6 सदस्य थे - 
 के.एम.मुंशी,
 मोहम्मद सादुला, 
अल्लादी कृष्णस्वामी अय्यर,
 गोपाल स्वामी अय्यंगार, 
एन. माधव राव (उन्होंने बी.एल. मित्तर की जगह ली, जिन्होंने अस्वस्थता के कारण इस्तीफा दे दिया) ।

संविधान बनाने में 63,96,729 रुपये खर्च हुआ। संविधान सभा का गठन कैबिनेट मिशन की सिफारिश पर किया गया था जिसका दौरा 1946 मे किया था । संविधान सभा की पहली बैठक 9 दिसम्बर 1946 को नई दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन हाल में हुई थी। संविधान निर्माण की प्रक्रिया में कुल 2 वर्ष, 11 महीना और 18 दिन लगे।



कैबिनेट मिशन योजना के अनुसार संविधान सभा का चुनाव जुलाई, 1946 ई०  हुआ. कुल 389 सदस्यों में से प्रांतों के लिए निर्धारित 296 सदस्यों के लिय चुनाव हुए ! इसमें कांग्रेस को 208, मुस्लिम लीग को 73 स्थान एवं 15 अन्य दलों के तथा स्वतंत्र उम्‍मीदवार निर्वाचित हुए ।
संविधान सभा के निर्वाचित सदस्य भारत के राज्यों से चुन कर आए थे ।


जिसमें डॉ राजेन्द्र प्रसाद, भीमराव अम्बेडकर, सरदार वल्लभ भाई पटेल, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, जवाहरलाल नेहरू, मौलाना अबुल कलाम आजाद आदि इस सभा के प्रमुख सदस्य थे।
सर्वप्रथम वर्ष 1934 में वामपंथी आंदोलन के प्रखर नेता M. N. Roy ने भारत में संविधान सभा के गठन का विचार रखा। वर्ष 1935 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (Indian National Congress) ने पहली बार आधिकारिक रूप से भारत में संविधान सभा के गठन की मांग की।


इस मिशन योजना के तहत  जुलाई, 1946 ई० में संविधान सभा का हुए चुनाव  में  कुल 389 सदस्यों में से प्रांतों के लिए 296 सदस्यों चयनित हुए । इसमें कांग्रेस को 208, मुस्लिम लीग को 73 स्थान एवं  अन्य तथा स्वतंत्र उम्‍मीदवार से कुल 15 निर्वाचित हुए ।


संविधान सभा के गठन के समय इसके सदस्यों की संख्या 389 थी, लेकिन 1947 के भारत-पाकिस्तान के बंटवारे के बाद इसके सदस्यों की संख्या 299 रह गई थी।


संविधान सभा में ब्रिटिश प्रांतों के 296 प्रतिनिधियों का विभाजन संप्रदाय के आधार पर हुआ। जिसमे 213 सामान्य, 79 मुसलमान और 4 सिख सदस्य थे।


ऐसे तो संविधान बनाने में 2 वर्ष 11 महीने और 18 दिन लग गए और  संविधान बनाने 6396729 रूपये भी खर्च हुए लेकिन भारतीय संविधान में 10 देशों के प्रावधान को कॉपी करके अपने संविधान में समावेश किया है साथ ही अंग्रेजों के द्वारा 1935 बनाए गए भारत शासन अधिनियम के अधिकांश भाग को शामिल कर लिया गया है।



Thursday, 25 November 2021

कब तक तैयार होगा जेवर एयरपोर्ट , जानें क्या है इसकी खासियत

 

कब तक तैयार होगा जेवर एयरपोर्ट , जानें क्या है इसकी खासियत



उत्तर प्रदेश में नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, जिसे जेवर हवाई अड्डे और आधिकारिक तौर पर नोएडा अंतर्राष्ट्रीय ग्रीनफ़ील्ड हवाई अड्डे के रूप में भी जाना जाता है, उत्तर प्रदेश के गौतम बौद्ध नगर में जेवर शहर के पास एक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा का निर्माण किया जा रहा है इसका शिलान्यास हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के हाथों हो रहा है ।

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केंद्रीय नागरिक उड्डयन सचिव के अनुसार उत्तर प्रदेश के जेवर में नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पहले चरण और अंतिम चरण के बीच हर साल 12 मिलियन यात्रियों के यातायात की उम्मीद है, जो 2024 तक उड़ान संचालन के लिए तैयार होने की उम्मीद है।



जेवर में बन रहे इस इंटरनैशनल एयरपोर्ट का निर्माण 3 चरणों में होगा ।

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यह एयरपोर्ट दिल्ली-एनसीआर के शहरों से इसकी दूरी अधिकतम 75 किमी होगी ।
केंद्रीय उड्डयन सचिव के अनुसार 29 सितंबर 2024 से पहले नोएडा इंटरनैशनल एयरपोर्ट से उड़ान प्रारंभ हो जाएगी । इस एयरपोर्ट का नरेंद्र मोदी जी के द्वारा भूमिपूजन किया जायेगा। इस में भूमिपूजन में उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी जेवर पहुंच रहे है। तीन साल के अंदर इस एयरपोर्ट का निर्माण हो जायेगा। ये पूरी तरह से हाईटेक होगा । कहा जा रहा है कि एयरपोर्ट दुनिया की चौथी बड़ी एयरपोर्ट होगा ।


देश में आज भी 85 % विमान रिपेयरऔर मरम्मत के लिए विदेश भेजना पड़ता था । जिस के पीछे हर साल करीब 15 हजार करोड़ रुपये खर्च होते थे । जो पैसे विदेशों में चले जाते थे ।
लेकिन अब जेवर एक ऐसा एयरपोर्ट बनने जा रहा है जहाँ एयरपोर्ट के साथ साथ एक ऐसा वर्कशॉप भी होगा जो देश के विमानों को रिपेयर करने की उचित सेवा प्रदान करेगा ।


जेवर, उत्तर प्रदेश में नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को भविष्य में प्रति वर्ष 60 मिलियन यात्रियों को संभालने के लिए 3 चरण मास्टर प्लान के साथ ग्रेटर नोएडा के दक्षिण में फ्लुघफेन ज्यूरिख एजी (ज़्यूरिख एयरपोर्ट) द्वारा विकसित किया जा रहा है। एक बार निर्माण हो जाने के बाद इस हवाई अड्डे से नई दिल्ली में इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का यात्री भार कम करने में मदद मिलेगा ।


यह एयरपोर्ट दिल्ली, आगरा, अलीगढ़, उन्नाव, बुलंदशहर, गाजियाबाद, नोएडा और उसके आस पास के क्षेत्रों में आने जाने वाले के लिए फायदेमंद होगा। 


यह एयरपोर्ट नॉर्थ इंडिया के लिए लॉजिस्टिक गेटवे की तरह काम करेगा। यह उत्तर प्रदेश के इंडस्ट्रियल एरिया के लिए भी फायदेमंद होगा । इसका मुख्य उद्देश्य मॉडल कार्गो हब बनाने के रूप में किया गया है।


जेवर एयरपोर्ट से आस पास शहरों की दूरी


नोएडा से         60 Km
गुडगांव से        80 km
गाजियाबाद से 75 km
आगरा से        130 km
इंदिरा गांधी एयरपोर्ट से 72 km


जेवर एयरपोर्ट की खास विशेषताएं 

* इस एयरपोर्ट से यमुना एक्सप्रेस वे और प्रमुख राजमार्गों को जोड़ा जायेगा।
* इस एयरपोर्ट को सबसे बड़ा एयर हब बनाया जायेगा ।
* कार्गो टर्मिनल की क्षमता 20 लाख मीट्रिक टन होगा ।
* जहाजों को मरम्मत के लिए वर्क शॉप होगा ।
* इस एयरपोर्ट के पास मेट्रो स्टेशन बनाया जायेगा।
* मेट्रो स्टेशन के पास एयरपोर्ट के यात्री को बैठने के लिए एक टर्मिनल बनाया जाएगा ।
* एयरपोर्ट पर सबसे बड़ा सेंट्रल किचन तैयार होगा ।
* साउथ रनवे के पास बारिश का पानी जमा करने के लिए एक बड़ा तालाब भी होगा ।
* पहले चरण में 2 रनवे होगा जिसे बढ़ा कर 5 कर दिया जाएगा।
* रनवे के दोनो तरफ 186 जहाज को पार्क किया जा सकेगा ।



Tuesday, 23 November 2021

Walk in interview ! Start a Tech job in HCL after 12 class. walk in interview .

 

Start a Tech job in HCL after 12 class. walk in interview .

Are you 12th class pass that too with 60% marks. If yes So HCL has given a golden opportunity for you. Apply online today. Yes. HCL is going to conduct the interview for technical job with internship on 29th and 30th November. You should have passed 12th with only 60% marks.



क्या आप 12th क्लास पास है वो भी 60% मार्क्स से । अगर हां । तो आपके के लिए HCL ने सुनहरा मौका दिया है । आज ही ऑनलाइन अप्लाई कर दीजिए । 


जी हां। HCL के तरफ से टेक्निकल जॉब विथ इंटर्नशिप के लिए इंटरव्यू 29 और 30 नवंबर को लेने जा रहा है। आपको सिर्फ 60% मार्क्स के साथ 12th पास होना चाहिए।

HCl is  looking to hire proficient talent in areas of network engineering, product testing, software engineering (Java Full Stack, .Net Full Stack, AWS Developers etc.) and more! Join us, to be part of the team leading digital for the world.


walk in details

 
Date & Venue - 


29th -30th November 2021  at MADURAI


Registration Time 


08:30 AM - 01:00 Hrs PM


Madurai Venue - 

HCL Traning Staffing service Pvt Ltd. SPA Towers. Survey no 155/1 and 155/2, 120 feet road. opposite Mattuthavani bus stand Madurai, Tamilnadu.


Eligibility-

 For Passing year 2020.

For IT Role - 75% in over Marks and 60% in Mathematics/ Business Mathematics  (state board) or 80% and 60% for CBSE or ICSE board.


For Passing year 2021.

For IT Role - 60% in over Marks and 60% in Mathematics/ Business Mathematics. ( All board)


Program/Training synopsis.


* Techbee is an early carrier program for 12 th class student who wish to pursue in carrier in IT sector.


* Student enrolled in Techbee program will be Placed in HCL company for a full time job Post there training.


* Class room traing and internship (6-12 month training.


* Candidates will be paid a stipend 10000/- during internship.


* on successful completion of training and internship salary will strart nearly ₹1.7-2.2 lakh per annum depending their job role.

Document:-

* During interview you should  be bring following document.
* Online filled application.
* Adhar card
* All educational document.
* mob  number for OTP
For more Details Call
Vignesh - 9994449983.


(Comment and Give Suggestions in box )

Monday, 22 November 2021

हिंदू लड़की ने मानी संत की बात, तोड़ी मुस्लिम से शादी

 

कर्नाटक में संत ने लड़की को मुस्लिम से शादी नहीं करने के लिए मनाया.. 

अभी दो दिन पहले ही कर्नाटक के मेंगलुरु में हिंदू लड़की जो पेशे डॉक्टर थी और साथ में काम करने वाले एक दूसरे डॉक्टर जो मुस्लिम धर्म से था । दोनो साथ में काम करने के कारण कम समय में ही प्यार के चक्कर में पड़ गया। दोनों के बीच प्यार इस कदर हावी हुआ कि वो डाक्टर लड़की अपने मां बाप की भी बात नहीं मानी। उसके जिद्द के आगे घर वाले झुक गए थे और मैं मुस्लिम लड़के के साथ शादी करने की अनुमति दे दी। यहां तक कि शादी कार्ड भी छप गया था।



इस बात की खबर जब एक स्थानीय हिंदू संत वज्रदेही महाराज जी को लगी तब वह
लड़की के घर गए और उस को हिंदू धर्म के बारे में समझाया,उसने अपना निर्णय त्याग दिया। संत महोदय ने अपने साथ लाए पवित्र जल से उस लड़की को आचमन कराया।

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अब समय आ गया है कि हमारे धर्म गुरु समाज के धर्म के लिए आगे आये। धर्म रहेगा तभी गुरु या पुजारी रहेंगे।

हिन्दु धर्म की महत्ता और समावेशी विषेशता

संत समाज का मुख्य कार्य समाज को जागृत करना ही है जिससे, हमारी संस्कृती बनी रहे। राष्ट्र निर्माण में अच्छे नेताओं के साथ साथ इन  संतो की अहम भूमिका होती हैं।

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ऐसे ही वज्रदेही महाराज जी जैसे संतों की
भारत के हर शहर ओर गांवों में जरुरत हैं ।
ऐसे संत को बारंबार प्रणाम जिन्होंने एक हिंदू परिवार को उजड़ने से बचाया है उनको  दिल से धन्यवाद प्रकट करने की जरूरत है और लड़कियों से विनती करते हैं कि मुस्लिम लड़कों से दूर रहें वरना तुम्हारा आने वाला कल अंधेरे में और तुम्हारे जीने की वह चाहत खत्म ही हो जाएगी । 

इस्लाम में नारी का स्थान सिर्फ भोगविलास की वस्तु के रूप में है, कुरान में लिखा है कि एक मर्द चार औरतों के बराबर होता है, मरने के बाद एक मर्द को संभोग के लिए 72 औरतें मिलती हैं, जबकि हिंदू धर्म में नारी को ईश्वर का रूप माना गया है ।

ये होते हैं सच्चे संत समाज को समाज के लोगों को गलती करने से रोकने वाले सही दिशा और मार्गदर्शन देने वाले महपुरूषों की सानिध्य की आवश्यकता है। लेकिन यहां तो कुछ संत व्यास अपने प्रवचन के दौरान  अली मोला अली मौला और वेदों की तुलना आसमानी किताबों से करने से फुर्सत ही नहीं मिलती।

आप जानते है कि विवाह, जिसे शादी भी कहा जाता है, दो लोगों के बीच एक सामाजिक या धार्मिक मान्यता प्राप्त मिलन है जो उन लोगों के बीच, साथ ही उनके और किसी भी परिणामी जैविक या दत्तक बच्चों तथा समधियों के बीच अधिकारों और दायित्वों को स्थापित करता है।
 लड़कियां या लड़के कितने भी पढ़ लिख जाए , कितने भी बड़े ओहदे पर चला जाए । अगर मां बाप ने बचपन में अच्छे संस्कार नही दिए है तो निश्चित ही आगे चलकर ये बच्चे नासमझ और उद्दंड हो जायेगा। और बाद में उन्हें ही पछताना पड़ेगा।



आज कल की लड़के और लड़कियों को मालूम ही नहीं है शादी एक संस्कृति के अंदर अच्छे से फलते फूलते है। अगर शादी दूसरे धर्म या संस्कृति में कर दी जाए तो एक समय के बाद ऊब पैदा करता है ।और परेशानी का सबब बन जाता हैं। 

केवल हिंदू धर्म में ही ईश्वर की परिकल्पना नारी के रूप में की गई है बाकी किसी धर्म में नहीं,

दुर्गा लक्ष्मी सरस्वती सभी ईश्वर का रूप मानी जाती है। लेकिन यह बात अलग है कि आज के सिनेमा, इंटरनेट के भौतिकतावादी युग में नारी अपना स्थान खो बैठी है ।

हमारे बीच की लडकियो को इतने सारे उदाहरण देख कर भी नहीं समझ आ रहा है ये सबसे बड़ी चिंता का विषय है टीना डाबी IAS है जिन्होंने भी बाद में ये बात समझी ।


मुझे लगता है  लव जिहाद मामलों में लड़कियों की गलती तो है ही साथ ही साथ उनके परिवार की भी भूमिका कम नहीं है बच्चे को डॉक्टर ,इंजिनियर बना सकते हैं लेकिन अपने धर्म और कर्म के बारे में नहीं बता रहे है ।


परिवार, ग्राम,समाज,राष्ट्रऔर भारत वर्ष के धर्म,संस्कृति के उत्थान में महात्माओं की अग्रणी भूमिका है ।


संत न होते तो जल मरता संसार, तभी तो कहा जाता है कि जो कार्य एक संत कर सकता है वो कोई दूसरा नही कर सकता, ऐसे संतो की जरूरत हर जगह है जो अपने संस्कृति और सभ्यता के बारे में जानकारी दे सके ।


आप लव जिहाद के बारे में जानते होंगे जिसे रोमियो जिहाद के रूप में भी जाना जाता है। कुछ धार्मिक संगठनों के अनुसार यह एक इस्लामोफोबिक षड्यंत्र सिद्धांत है । षड्यंत्र सिद्धांत में मुस्लिम पुरुष हिंदू महिलाओं को इस्लाम में धर्मांतरण के लिए प्रलोभन,  प्रेम का दिखावा, धोखे, अपहरण और विवाह, के माध्यम से लक्षित करते हैं। भारत के खिलाफ मुसलमानों द्वारा "युद्ध", और एक संगठित अंतरराष्ट्रीय साजिश, जनसांख्यिकीय विकास और प्रतिस्थापन के माध्यम से वर्चस्व के लिए अपनाया गया है।  इसका मामला अपने भारत ने बहुत जगह देखा गया है। इसपर सरकार और कोर्ट के द्वारा भी कानून बनाकर नियंत्रित करने की भी कोशिश किया गया है। 


पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट की बेंच एक 18 साल की मुस्लिम लड़की और 25 साल के हिंदू लड़के की याचिका पर सुनवाई कर रही थी । दोनों ने हाल ही में एक हिंदू मंदिर में शादी की है । कोर्ट ने कहा कि लड़की के हिंदू धर्म अपनाने तक शादी अमान्य होगी। हालांकि दोनों वयस्क हैं तो आपसी सहमति से दोनों साथ रह सकते हैं !


कई राज्य सरकारें भी इस संबंध में कानून बना चुकी है । यूपी-एमपी और हरियाणा के बाद गुजरात में भी लव जिहाद रोकने का कानून बन चुका है। पहले युवा जोश में युवक और युवती शादी तो कर लेते हैं लेकिन बाद में उनके घर और परिवार के दबाव भी झेलने पड़ते है। खान पान भी बदल जाता है। ऐसे में लड़का और लड़की प्रताड़ित होकर तलाक लेने को बाध्य होना पड़ता हैं और खासकर लड़की की जिंदगी बर्बाद हो जाता हैं।

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Sunday, 21 November 2021

Bihar board 12th Class Exam 2022 Tips for Exam Prepration

 

Bihar board 12th Class EXAM 2022

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Date                                 Subject

1 Feb, 2022                Mathematics                                           (Sc, Arts),                                                 Hindi (Arts,                                             Voc) 


02 Feb, 2022              Physics (Sc),                                             Eng,                                                             (Arts, Voc) 


03 Feb, 2022             Chemistry ( Sc)                                        Geography                                                 (Arts),                                                         Agriculture                                               (Sc) 


04 Feb, 2022               English (Sc,                                              Com), History                                           (Arts),                                                      Trade Paper  I                                          (Voc) 


07 Feb, 2022                 Biology (Sc),                                            Political                                                    Science (Arts)                                          Business                                                    Studies (Com) 


08 Feb, 2022               Hindi (Sc,com)                                        Economics                                               (Arts, com)                                           


09 Feb, 2022               Language                                                  Subject (All                                              Streams),                                                  Psychology                                                (Arts),                                                       Entrepren-                                               eurship (Com) 


10 Feb, 2022             Music (Arts),                                                  Foundation                                                   Course (Voc),                                                 Home Sci.(Arts),                                           Trade Paper – II                                           (Voc) 


11 Feb, 2022           Sociology (Arts),                                     Trade Paper -3                                         (Voc), N.R.B                                               (Arts, Sc, Com) 

12 Feb, 2022             Accountancy 

                                   (Com),Philosoph                                     (Arts), M.B (Sc,                                         Com, Arts) | 


14 Feb, 2022                अतिरिक्त विषय Computer Science (Sc, Arts, Com), Multi-Media and Web Technology (Sc, Arts, Com), Yoga and Physical Education (Arts, Voc), Physics, Chemistry, Biology, Mathematics, Agriculture, Business Study, Accountancy (Voc) की  परीक्षा आयोजित होगा । इसका भी exam Mode: Offline ही रहेगा ।

official website - http://biharboardonline.bihar.gov.in/

 

1. वैसे छात्र जो बीएसईबी से संबद्धता प्राप्त स्कूल की कक्षा 12 में नामांकित छात्र हो।


2. वर्तमान शैक्षणिक वर्ष के दौरान उपस्थिति का आवश्यक प्रतिशत रखने वाले, बिहार बोर्ड 12 वीं परीक्षा 2022 के लिए आवेदन करने के पात्र हैं।


3. स्कूल की सभी बकाया का भुगतान कर दिया गया हो और  बोर्ड की परीक्षा के लिए फॉर्म भर दिया हो । 
4. परीक्षा शुल्क का भुगतान कर दिया हैं और जिनके फॉर्म बिहार एग्जामिनेशन  बोर्ड ने स्वीकार कर लिया हो।



एग्जाम में शामिल होने की प्रक्रिया

Mode of Application:-
offline
Mode of Payment :  other
1.  12th कक्षा की एग्जाम देने के लिए स्टूडेंट को अपने स्कूल के कार्यालय से फॉर्म लेकर इसे अच्छी तरह से भर लें।
2. परीक्षा fee के साथ भरा हुआ फॉर्म को अपने स्कूल के कार्यालय में जमा कर दें ।
3. ऐसे बिहार एग्जामिन बोर्ड ने ऑनलाइन आवेदन करने के लिए अपने ऑफिशियल वेबसाइट भी जारी किया है। 
4. प्राइवेट स्कूल के स्टूडेंट बोर्ड ऑफिस से अपना एप्लीकेशन फॉर्म प्राप्त करके निश्चित राशि के साथ फॉर्म भर सकते हैं।

एग्जाम की तैयारी कैसे करें।
हम आपको यहां 12th क्लास के एग्जाम की तैयारी की कुछ टिप्स दे रहे हैं -
* बिहार बोर्ड 12वीं 2022 के तैयारी के लिए बिहार बोर्ड 12वीं परीक्षा 2022 के दिए गए syllubus में सभी विषयों को शामिल करें।
2.  कठिन विषयों के लिए शिक्षकों और दोस्तों से मदद लें। 
3.एक समय सारिणी ( Time table) बनाएं जिसमें सभी विषयों, स्व-मूल्यांकन के लिए समय और बीच में पर्याप्त ब्रेक हो।
4. गति और सटीकता (Speed and accuracy) में सुधार के लिए पिछले वर्षों के बिहार बोर्ड के 12वीं के 5. प्रश्न पत्र और आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध Model Paper का अभ्यास करें। 
6. बिहार बोर्ड 12वीं मॉडल पेपर 2022 का उत्तर देने का अभ्यास करें। 
7. पढ़ते समय छोटे नोट्स बनाएं और बाद में रिवीजन करते समय उनका उपयोग करें।
8. समूह अध्ययन (Group study) बहुत प्रभावी है,  क्योंकि यह आपको अपने तैयारी स्तर का विश्लेषण करने में मदद करेगा।


Saturday, 20 November 2021

Video Karthikai Deepam : celebrated in Tiruvananalai



दक्षिण का शिव भगवान अरुणाचलेश्वर का अग्निलिंग का दर्शन करें ।

हर साल की भांति इस साल भी 2021 में तमिलनाडु के तिरुवन्नामलाई शहर के भगवान अरुणाचलेश्वरम मंदिर में भगवान के शिव भक्तों के द्वारा पूजा अर्चना की गई कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि को करीब तीन लाख शिव भक्तों ने कार्तिक दीपम का दर्शन किया ।


( Close up live video taken by priest )

इस मंदिर में सुबह 5:30 बजे से अलग-अलग समय पर छह दैनिक अनुष्ठान होते हैं। रात 10 बजे तक, और हर महीने के पूर्णिमा तिथि पर बारह वार्षिक उत्सव मनाया जाता है। कार्तिगई दीपम त्योहार नवंबर और दिसंबर के बीच पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है, और पहाड़ी के ऊपर एक विशाल प्रकाश स्तंभ जलाया जाता है। इस प्रकाश स्तंभ को मीलों दूर से देखा जा सकता है, और यह आकाश में शामिल होने वाली अग्नि के शिवलिंग का प्रतीक है।  इस आयोजन को तीन मिलियन तीर्थयात्रियों ने देखा । प्रत्येक पूर्णिमा से पहले के दिन, तीर्थयात्री गिरिवलम नामक पूजा में मंदिर के आधार और अरुणाचल की पहाड़ियों की परिक्रमा करते हैं, जो सालाना दस लाख तीर्थयात्रियों द्वारा की जाने वाली एक प्रथा है।


( Karthikai deepam video taken by devotee)

यह मंदिर चारों तरफ अरुणाचल की पहाड़ियों से गिरा है। यहां हर कार्तिक मास के पूर्णिमा तिथि को लाखों शिव भक्त मंदिर पहाड़ी के बाहर बाहर चारों तरफ 14 KM परिक्रमा करते हैं। शिव भक्त इतनी ज्यादा आते है की पूरा शहर शिव भक्तों से भर जाता है। मंदिर में दर्शन मुश्किल से होता है।
मंदिर का रखरखाव और प्रशासन तमिलनाडु सरकार के हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती विभाग द्वारा किया जाता है ।



Geographical status of Temple

यह मंदिर अरुणाचल की पहाड़ियों के तल पर स्थित है, और पूर्व की ओर 25 एकड़ में फैला हुआ है। पूर्व और पश्चिम की दीवारें 700 फीट (210 मीटर), दक्षिण में 1,479 फीट (451 मीटर) और उत्तर में 1,590 फीट (480 मीटर) तक फैला हुआ हैं।

 वर्तमान में मंदिर की स्तंभ  और मीनारें 9वीं शताब्दी ईस्वी पूर्व की हैं, जो उस वक्त चोल शासकों द्वारा बनवाया गया था। तिरुवनामल्लाई मंदिर में भगवान अरुणाचलेश्वर या अन्नामलाईयार के रूप में पूजा जाता है जो अग्निलिंगम भी कहा जाता है। 


मंदिर परिसर 10 हेक्टेयर में फैला है, और भारत में सबसे बड़ा है। इसमें चार गेटवे टावर हैं जिन्हें गोपुरम के नाम से जाना जाता है। सबसे ऊंचा पूर्वी मीनार है, जिसमें 11 मंजिलें और 66 मीटर (217 फीट) की ऊंचाई है, जो इसे सेवाप्पा नायकर (नायक राजवंश) द्वारा निर्मित भारत के सबसे ऊंचे मंदिर टावरों में से एक है । इस बड़े मंदिर के अंदर भी  कई मंदिर हैं, जिनके साथ अरुणाचलेश्वर और उन्नामलाई अम्मान (देवी) सबसे प्रमुख हैं। मंदिर परिसर में कई हॉल हैं। इस हॉल में दस हजार खंभों वाला स्तंभ है जो उल्लेखनीय विजयनगर काल के दौरान निर्माण किया गया था ।

History about Temple


यहां लगाए गए शिलालेखों से संकेत मिलता है कि 9वीं शताब्दी से पहले, तिरुवन्नामलाई पल्लव राजाओं के अधीन था, जिन्होंने कांचीपुरम से शासन किया था। इसके चारों ओर चार प्रवेश द्वार हैं, गोपुरम। पूर्वी मीनार, राजगोपुरम, मंदिर की सबसे ऊँची मीनार है। राजगोपुरम का आधार ग्रेनाइट से बना है, जिसकी माप 135 फीट (41 मीटर) गुणा 98 फीट (30 मीटर) है। [13] यह विजयनगर राजवंश के राजा कृष्णदेवराय (1509-29 सीई) द्वारा शुरू किया गया था, और सेवाप्पा नायक (1532-80 CE) द्वारा पूरा किया गया था।  शिलालेखों से संकेत मिलता है कि 1572 ई. में शिवनेसा और उनके भाई लोकनाथ के कहने पर मीनार का निर्माण किया गया था।


As Like every year, this year too, in 2021, about three lakh Shiva devotees visited the Kartik Deepam on the full moon day of Kartik month, worshiped by the Lord Shiva devotees at the Lord Arunachaleswaram temple in Tiruvannamalai city of Tamil Nadu. Six daily rituals take place in this temple at different times from 5:30 am. Twelve annual festivals till 10 pm, and on the full moon date of every month. The Karthigai Deepam festival is celebrated on a full moon day between November and December, and a huge lighthouse is lit atop the hill.

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Thursday, 18 November 2021

दक्षिण रेलवे सलाहकार समिति की बैठक; कई परियोजनाओं को मिली मंजूरी

 

दक्षिण रेलवे सलाहकार समिति की बैठक; कई परियोजनाओं को मिली मंजूरी


दक्षिण रेलवे के मदुरै मंडल के अंतर्गत संसद सदस्यों की एक परामर्शदात्री बैठक आज मदुरै में आयोजित की गई। संभागीय उप महाप्रबंधक गोपीनाथ माल्या उपस्थित थे। इस बैठक में नई ट्रेनों, रेल ट्रैक विकास, रेलवे स्टेशनों के सुधार, यात्रियों की समस्याओं पर चर्चा किया गया । अच्छी खबर यह है कि इनमें से कई अनुरोधों को स्वीकार कर लिया गया है।


सांसद सदस्यों ने जोर देकर कहा कि तेजस ट्रेन को चेन्नई से आने-जाने के रास्ते में तांबरम रेलवे स्टेशन पर रुकना चाहिए। अनुरोध स्वीकार कर लिया गया है । और अनुमोदन के लिए रेलवे बोर्ड को भेज दिया गया है।

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मदुरै-तिरुवनंतपुरम अमृता एक्सप्रेस ट्रेन ओट्टंसथराम से गुजरती है और सब्जी और फल किसानों के उपयोग के लिए ओट्टानसाथम में रुकने का अनुरोध किया गया है। अनुरोध स्वीकार कर लिया गया है और दक्षिण रेलवे द्वारा सिफारिश की गई है। यह सबसे महत्वपूर्ण जीत है।


हमने मांग की कि रेलवे ट्रैक को मदुरै-बोडी-थेनी के रास्ते चेन्नई तक बढ़ाया जाए। उस मांग में सबसे महत्वपूर्ण सफलता हासिल की गई है। संख्या 20601/20602 के साथ सप्ताह में तीन बार ट्रेन चलाने का अनुरोध स्वीकार कर लिया गया है और अनुमोदन के लिए रेलवे बोर्ड को भेज दिया गया है।



हमने मदुरै रेलवे जंक्शन के पहले प्लेटफॉर्म से अंडरपास के निर्माण की मांग की ताकि मदुरै रेलवे जंक्शन और मदुरै स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत बनाए जा रहे नए पेरियार बस स्टैंड से पेरियार बस स्टैंड तक लोगों की पहुंच आसान हो सके । इसकी संभावना का अध्ययन किया गया है।

उन्होंने कहा कि शुरुआती प्रयास के तौर पर मदुरै निगम प्रशासन के साथ बैठक की गई ।


हमने मदुरै रेलवे स्टेशन जंक्शन पर मछली का चिन्ह लोगो लगाने पर जोर दिया और कार्रवाई की। इसकी आधिकारिक घोषणा आज हुई रेलवे समीक्षा बैठक में की गई।


हमने छात्रों और श्रमिकों के लिए भी एक मासिक पास प्रदान करने के लिए मांग की है और बैठक में सीजन टिकट फिर से जारी किए जाने पर सहमति बन गई है।


उन्होंने कहा कि हमने मदुरै-मेलूर-कराइकुडी रूट पर नई ट्रेन परियोजना की घोषणा करने की मांग की। जवाब में, रेलवे ने परियोजना के लिए 85.7 किमी के नए मार्ग का सर्वेक्षण किया और इसे 27/11/2014 को 649.5 करोड़ रुपये की लागत से रेलवे बोर्ड को भेजा। लेकिन रेलवे बोर्ड अभी भी परियोजना पर कोई कार्य प्रगति किए बिना लंबित है।

इसी प्रकार, नए कराईकुडी-डिंडीगुल-नाथम मार्ग का सर्वेक्षण कर 1314.29 करोड़ रुपये का अनुमान लगाया गया है और 06/07/2015 को रेलवे बोर्ड को भेजा गया है और इसे भी रोक दिया गया है। ये मदुरै के लोगों के लिए सबसे जरूरी प्रोजेक्ट हैं।

इस बैठक में उस्पस्थित संसद सदस्यों ने परियोजनाओं को फिर से शुरू करने का आग्रह किया । इसी तरह रेलवे की और भी कई मांगों और मदुरै पर केन्द्रित कई परियोजनाओं को लागू करने के लिए हम लगातार दबाव बना रहे हैं ।


* टिकट एजेंट कैसे कन्फर्म टिकट देता है, वीडियो देखिए



Wednesday, 17 November 2021

SC ST Association honoured to DRM

 

ALL INDIA SC ST ASSOCIATION HONOURED TO Trichy DRM

A felicitation ceremony was organized on behalf of the All India SC ST Association at the DRM office premises located in Tiruchchirappalli city on Wednesday.




The Honor was presented by A. Irusappan, Assistant Secretary, Southern Zone of the Association, to wearing a shawl and garland.


A.Irusappan said that all the SC ST employees of Southern Zone are very hardworking and playing an important role in the development of Railways.


He further said that the main goal of us is to promote cooperation and unity among our members.
To work for the educational, social, religious and economic betterment of the Railway employees belonging to Scheduled Castes and Scheduled Tribes and their dependents.


In order to promote the welfare and prosperity of Scheduled Castes and Scheduled Tribes railway employees, we will be ahead in all activities except political calculations.



In this time total 30 members presented there including Shanmug Raja Working in TNM section, Senthamiz, Pandian Nishant. All are from differentplace from Tiruchchirappalli, Villupuram and other cities in this honor ceremony. After honoring the DRM, the DPO and DEN were also honored by wearing a shawl.



திருச்சிராப்பள்ளி நகரில் அமைந்துள்ள டிஆர்எம் அலுவலக வளாகத்தில் அகில இந்திய எஸ்சி எஸ்டி சங்கம் சார்பில் பாராட்டு விழா புதன்கிழமை நடைபெற்றது.


 சங்கத்தின் தெற்கு மண்டல துவிருதைணைச் செயலர் ஏ.இருசப்பன் சால்வை, மாலை அணிவித்து வழங்கினார்.


ஏ.இருசப்பன் பேசுகையில், தெற்கு மண்டல எஸ்சி எஸ்டி ஊழியர்கள் அனைவரும் மிகவும் கடின உழைப்பாளிகள் மற்றும் ரயில்வேயின் வளர்ச்சியில் முக்கியப் பங்காற்றுகின்றனர்.
உறுப்பினர்களிடையே ஒத்துழைப்பையும் ஒற்றுமையையும் மேம்படுத்துவதே எங்களின் முக்கிய நோக்கமாகும் என்று அவர் மேலும் தெரிவித்தார்.


பட்டியலிடப்பட்ட சாதிகள் மற்றும் பழங்குடியினர் மற்றும் அவர்களைச் சார்ந்துள்ள ரயில்வே ஊழியர்களின் கல்வி, சமூக, மத மற்றும் பொருளாதார மேம்பாட்டிற்காக பணியாற்றுதல்.

பட்டியல் சாதியினர் மற்றும் பழங்குடியினர் ரயில்வே ஊழியர்களின் நலன் மற்றும் செழிப்பை மேம்படுத்தும் வகையில், அரசியல் கணக்கீடுகளைத் தவிர அனைத்து நடவடிக்கைகளிலும் நாங்கள் முன்னோக்கிச் செல்வோம்.


இந்த நேரத்தில், தமிழ் தேசியக் கூட்டமைப்பு பிரிவில் பணிபுரியும் சண்முகராஜா, செந்தமிழ், பாண்டியன் நிஷாந்த் உட்பட மொத்தம் 30 உறுப்பினர்கள் ஆஜராகினர். இந்த கௌரவிப்பு விழாவில் அனைவரும் திருச்சிராப்பள்ளி, விழுப்புரம் மற்றும் பிற நகரங்களில் இருந்து வெவ்வேறு இடங்களைச் சேர்ந்தவர்கள்.

DRM ஐ கெளரவித்த பிறகு, DPO மற்றும் DEN அவர்களும் சால்வை அணிவித்து கௌரவிக்கப்பட்டனர்.


All india SC ST association की ओर से आज बुधवार को तिरुचिरापल्ली शहर स्थित डीआरएम कार्यालय परिसर में अभिनंदन समारोह आयोजित किया गया। समारोह में तिरुचिरापल्ली डिवीजन के डीआरएम को रेलवे इंप्लाई एसोसिएशन के द्वारा  सम्मानित किया गया।


यह सम्मान एसोसिएशन के दक्षिणी जोन के असिस्टेंट सेक्रेटरी A. Irusappan के द्वारा चादर ओढ़ा कर किया गया।  A.Irusappan ने बताया कि दक्षिणी जोन के सभी SC ST कर्मचारी बहुत ही मेहनती है और रेलवे के विकाश में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहें है।

 उन्होंने आगे कहा कि अपने सदस्यों के बीच सहयोग और एकता को बढ़ावा देना ही हमलोगो का मुख्य लक्ष्य है। अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के रेलवे कर्मचारियों और उनके आश्रितों की शिक्षा, सामाजिक, धार्मिक और आर्थिक भलाई के लिए काम करना है।

 अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति रेल कर्मचारियों के कल्याण एवं समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए राजनीतिक गणना को छोड़कर सभी प्रकार की गतिविधियों में हमलोग आगे रहेंगे। 


विल्लुपुरम DEN ऑफिस के अधीन तिरुवनमलाई सेक्शन में कार्यरत शनमुग राजा समेत इस सम्मान समारोह में तिरुचिरापल्ली, विल्लुपुरम एवम अन्य शहरों से करुणाकरण , निशांत,  सेंटामिज पांडियन समेत 30 कर्मचारी पहुंचे थे । डीआरएम को सम्मान के बाद DPO और DEN को भी शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया।

* Are you ready to go to Pakistam



पहला जत्था दरबार साहिब पाकिस्तान पहुंचा


गुरुद्वारा करतारपुर साहिब श्रद्धालुओं के लिए फिर खुला

पाकिस्तान में स्थित सिखों के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल करतारपुर गुरुद्वारा में भारत के सिख समुदाय अब मत्था टेक सकेंगे ।  सरकार ने 17 नवंबर से करतारपुर साहिब कॉरिडोर को फिर से खोलने का फैसला किया है। पहले जत्थे में भारत से 250 यात्री पाकिस्तान जा सकेंगे। 



भारत सरकार के गृह मंत्रालय की ओर से कहा गया है  कि वह भारत और पाकिस्तान में सिख धर्मस्थलों को जोड़ने वाले करतारपुर कॉरिडोर को फिर से खोल रही है, जिसे देखते हुए कोविड-19 मामलों में गिरावट आई है।

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19 नवंबर को श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाश उत्सव को पर्व है और इस अवसर पर करतारपुर साहिब कॉरिडोर को फिर से खोलने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के फैसले से पूरे देश में खुशी सिख समुदाय के साथ साथ हिंदू समुदाय में भी है ।

दो साल पहले, भारत और पाकिस्तान ने करतारपुर कॉरिडोर खोला था, जो एक वीजा-मुक्त सीमा पार है जो पाकिस्तान में गुरुद्वारा दरबार साहिब को भारत से जोड़ता है।


where is Kartarpur ?

करतारपुर कॉरिडोर एक वीजा-मुक्त सीमा पार और गलियारा है, जो पाकिस्तान में गुरुद्वारा दरबार साहिब को भारत की सीमा से जोड़ता है। करतारपुर का गलियारा पाकिस्तान के बॉर्डर पार करके भारत के भक्तों को करतारपुर में गुरुद्वारे की यात्रा करने की अनुमति देता है, जो भारत-पाकिस्तान सीमा से 4.7 किलोमीटर की दूरी पर बिना वीजा के पाकिस्तानी सीमा पर स्थित है।

भारतीय बिना वीजा के बॉर्डर कहा पार करते हैं ?

बॉर्डर पर बना क्रॉसिंग भारत के भक्तों को बिना वीजा के पाकिस्तानी सीमा पर भारत-पाकिस्तान सीमा से 4.7 किलोमीटर (2.9 मील) दूर करतारपुर में गुरुद्वारे की यात्रा करने की अनुमति देता है।

What is the Kartarpur Corridor project?


करतारपुर कॉरिडोर भारत के पंजाब में डेरा बाबा नानक तीर्थस्थल को करतारपुर में दरबार साहिब से जोड़ेगा, जो पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के नरोवाल जिले में स्थित अंतर्राष्ट्रीय सीमा से सिर्फ 4 किलोमीटर दूर है।


Can a Hindu visit Kartarpur?

हां । करतारपुर हिंदू भी जा सकता हैं। हिन्दू को भी सिख श्रद्धालु जैसे ही अनुमति लेना होगा और सभी प्रक्रिया का पालन करना होगा ।


करतारपुर साहिब जाने वाले भारतीय सिख तीर्थयात्रियों को करतारपुर कॉरिडोर का उपयोग करने के लिए पासपोर्ट की आवश्यकता होगी, जिसका उद्घाटन इस सप्ताह किया जाएगा, पाकिस्तान सेना ने गुरुवार को एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, प्रधान मंत्री इमरान खान की घोषणा के कुछ दिनों बाद कहा कि भारतीय श्रद्धालु केवल करतारपुर जाने के लिए एक वैध आईडी चाहिए ।


How can I go to Kartarpur corridor from Amritsar?

करतारपुर दरबार साहिब जाने के इच्छुक भारतीय नागरिक और ओसीआई कार्ड धारक prakashpurb550.mha.gov.in पर जाकर ऑनलाइन पंजीकरण करना होगा। भारत और पाकिस्तान द्वारा ऐतिहासिक करतारपुर कॉरिडोर के संचालन के लिए 24 अक्टूबर, 2019 को एक ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किया गया था। और इसके तुरंत बाद ऑनलाइन पंजीकरण पोर्टल लाइव किया गया।

What is the procedure to visit Kartarpur?


एक बार कोड आधारित पर्ची (ETA-इलेक्ट्रॉनिक यात्रा प्राधिकरण) है जिसमें गुरुद्वारा दरबार साहिब, करतारपुर की यात्रा की तारीख के लिए आवेदक के नाम, पंजीकरण की पुष्टि, यात्रा की तारीख आदि का विवरण होता है। यात्रा के लिए तीर्थयात्री को ETA लेकर जाना चाहिए।

Are Sikhs Hindu?

भारतीय उपमहाद्वीप में उत्पन्न दो धर्म सिख और हिंदू अपने तरीके से भगवान की उपासना करते हैं यद्यपि दोनो का काफी सामान विचार , व्यहवार मिलते जुलते हैं  फिर भी सिख धर्म के अनुयायी, और हिंदू सनातन धर्म के अनुयाई है। सिख हिंदू नहीं हैं, उनके शास्त्रों, सामाजिक स्थिति, पूजा, धार्मिक उपस्थिति आदि में अंतर है।

Do Sikhs believe in Jesus?


सिख यह नहीं मानते कि यीशु ईश्वर है क्योंकि सिख धर्म सिखाता है कि ईश्वर न तो पैदा होता है और न ही मृत। यीशु ने जन्म लिया और एक मानव जीवन जिया, इसलिए, वह परमेश्वर नहीं हो सकता। हालाँकि, सिख अभी भी सभी मान्यताओं का सम्मान करते हैं। ... बिना शर्त भगवान से प्यार करना और उनका पालन करना उनकी संस्कार में शामिल है।


Why is Kartarpur famous?


गुरु नानक ने 1515 में रावी नदी के किनारे करतारपुर शहर की स्थापना की ।खेतों की जुताई की और सामुदायिक रसोई या लंगर की स्थापना की।  इसलिए यह गुरुद्वारा जन्म स्थान के बाद सिख धर्म का दूसरा सबसे पवित्र स्थल है  । जबकि ननकाना साहिब, पाकिस्तान में स्थित गुरु नानक का जन्मस्थान है।


What is the secret place of Sikhism in Pakistan?


सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक साहिब जी की जन्मस्थली ननकाना साहिब पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित है। इसके अलावा, जिस स्थान पर गुरु नानक की मृत्यु मानी जाती है, उसी प्रांत में गुरुद्वारा करतारपुर साहिब भी स्थित है।

Who founded the city of Kartarpur?

करतारपुर जालंधर शहर के पास एक शहर है और राज्य के दोआबा क्षेत्र में स्थित है। इसकी स्थापना सिखों के पांचवें गुरु श्री गुरु अर्जन देव जी ने की थी।


How Much Will Pakistan earn from Kartarpur?


पाकिस्तान के अधिकारियों के अनुसार, पाकिस्तान को सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव के अंतिम विश्राम स्थल करतारपुर में पवित्र दरबार साहिब जाने वाले तीर्थयात्रियों से $ 365,00,000 तक की कमाई की उम्मीद है।


How many Gurudwaras are in Pakistan?


 पाकिस्तान में करीब 250 गुरुद्वारे हैं । लेकिन पाकिस्तान के कई आलाधिकारी अलग अलग संख्या बताते रहे हैं। एक बार फिर गुरुद्वारे की गिनती करके उन्हें चिन्हित करने की आवश्यकता है। 

Who started Sikhism?


वर्तमान में दुनिया भर में लगभग 24 मिलियन सिख हैं।  भारतीय के पंजाब राज्य  में बहुत अधिक संख्या में सिख रहते हैं। वे गुरु नानक (1469-1539) को अपने सिख धर्म के संस्थापक के रूप में और गुरु गोबिंद सिंह (1666-1708), दसवें गुरु के रूप में मानते हैं, जिन्होंने उनके धर्म को औपचारिक रूप दिया।


How can I go to Kartarpur in Lahore?

करतारपुर पहुंचने के लिए आपको सियालकोट-लाहौर हाईवे पर जाना होगा। वहां से न्यू नरोवाल-लाहौर रोड पर उतरें। उसके बाद, शकरगढ़ रोड लें जो आपको करतारपुर की ओर ले जाएगी ।

यात्री अपने साथ क्या ले जा सकते हैं ?

1.  पासपोर्ट या एक वैध्य आइडेंटी कार्ड
2. ETA पर्ची
3. एक बैग
4. 7 Kg तक का वजन
5. अधिकतम 1100/- तक रूपये।
6. यात्रा सिर्फ करतारपुर साहिब तक ही करना होगा। एक दिन में जाकर लौट आना होगा। करतार पर साहिब के अलावे कही और जाने की मनाही होगी ।


क्या नही ले जा सकते ?

1. वाई-फाई ब्रॉडबैंड उपकरण
2. शराब और अन्य कई वस्तुएं अपने साथ नहीं ले जा सकेंगे। 
3.यहां आग्नेयास्त्र और गोला बारूद, विस्फोटक पदार्थ ! 4. मादक पदार्थ, सभी प्रकार की कृपाणों को छोड़कर चाकू और ब्लेड, जाली नोट, मोहर और सिक्के, भारत और पाकिस्तान का गलत मैप और साहित्य ले जाने पर मनाही है। 
5. भारत और पाकिस्तान की क्षेत्रीय अखंडता को चुनौती देने वाले या संभावित रूप से दोनों देशों में सांप्रदायिक सद्भाव के लिए हानिकारक झंडे, बैनर, मीडिया सामग्री और साहित्य ले जाने पर भी रोक है।





Monday, 15 November 2021

रेलवे रिजर्वेशन सिस्टम लगातार इतने दिनो तक 6-6 घंटे बंद रहेगा

 


रेल मंत्रालय ने रेलवे यात्रियों को सूचना देते हुए बताया है कि रिजर्वेशन सिस्टम में कुछ जरूरी बदलाव करने के लिए लगातार 7 दिनों तक रेलवे का पैसेंजर रिजर्वेशन सिस्टम बंद रहेगा। क्योंकि कोरोना के कारण रेलवे को सभी यात्री ट्रेन बंद करना पड़ा था। और कुछ दिनों बाद कुछ शर्तों के साथ ट्रेन चलने की अनुमति रेल मंत्रालय ने दिया था लेकिन कुछ लिमिट सीट के साथ। जिसके कारण रेलवे किराया में 30% तक की वृद्धि करनी पड़ी थी। जिससे वही यात्री यात्रा कर सके जिसे बहुत ही जरूरी हो ।

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रिजर्वेशन सिस्टम में बदलाव के बाद यह पहले के तरह काम करने लगेगा।



रेलवे अपनी सूचना में बताया है कि अगले सात दिन तक रेलवे की कई सेवाएं बंद रहेगा जिसमे पैसेंजर रिजर्वेशन सिस्टम , टिकट रिजर्वेशन, करेंट बुकिंग , टिकट कैंसिलेशन जैसे सुविधाएं बंद रहेगी । सूचना आप आईआरसीटी के वेबसाइट पर भी देख सकते हैं । रेलवे के सूचना के मुताबिक 14-15 नवम्बर की रात 23.30 बजे से 20-21 नवम्बर की रात 05:30 तक ये सुविधा बाधित रहेगा।



 आपको जहां तक पता है कि कोरोना के कारण सभी रेगुलर ट्रेन को स्पेशल बना कर चलाया जा रहा था।और किराया भी ज्यादा लिया जा रहा था। लेकिन कोरोना के मामले कम होते ही रेलवे स्पेशल ट्रेन की कैटेगरी से हटाकर सामान्य रूप में चलाने का निर्णय लिया है जिसके लिए एक नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है। अब ट्रेन की किराया पहले की तरह ही सामान्य होगा। 

 कोरोना के बाद चलने वाली सभी ट्रेन को रेलवे स्पेशल कैटेगरी के तहत 0 लगाकर चला रहा था लेकिन आज की रात से सभी ट्रेन 1 से शुरू होने वाले नंबर के साथ चलेगी।

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Sunday, 14 November 2021

भगत सिंह को गांधी ने मरने क्यों दिया

 

कंगना रनौत का बॉलीवुड से पंगा

ऐसे देखा जाए तो सोशल मीडिया पर हर तरफ इस शेरनी को कोशा जा रहा है और कहा जा रहा है कि देश की आजादी के लिए स्वतंत्रता सेनानियों ओर शहीदों ने जो बलिदान दिया उन सभी का अपमान किया है कंगना ने । देश को आजादी माफी मांगने से नही मिली थी। कंगना को माफी मांगे हुए ये पद्म श्री पुरस्कार लौटा देना चाहिए। 



चाहे जो भी हो  ऐसे बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना राणावत दो दिन पहले एक चैनल पर आजादी को लेकर एक वक्तव्य दिया था की आजादी भीख में मिली है।  ये बात हर बार की तरह फिर से विवादों में घिर गई ! सभी राजनैतिक लोग हर मुद्दों को पीछे छोड़ते हुए इस बात पर टूट पड़ा और पद्म श्री राणावत के खिलाफ भूचाल ला दिया। इस अभिनेत्री पर कई मुकदमे भी दर्ज हो गए। टीका टिप्पणी निरंतर जारी है। किसी ने यहां तक कह दिया कि  'आजादी महान देशों को अनगिनत शहादतों से मिलती है। हमें-आपको मिली है तो इसका आदर करिए और इसे अक्षुण्ण रखने की सोचिए। जिनकी स्वयं की प्रासंगिकता, तात्कालिक-सत्ताओं की गुलामी के कारण बरकरार है। उनकी टीका-टिप्पणियों से हमारे महान और गौरवशाली शहीदों के सम्मान पर कोई फर्क नहीं पड़ता। 

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कंगना ने कांग्रेस वालों से ये भी पूछी है कि भगत सिंह को गांधी ने मरने क्यों दिया ।

 अगर इस बात का जवाब मिल जाता हैं तो मैं ये पद्मश्री सम्मान लौटा दूंगी ।

जवाब दें कँगना का विरोध करने वाले भगत सिंह जी को क्यों नही बचाया गांधी ने ? कंगना का बयान उस कड़वे सच की तरह ही है जिसे कांग्रेस, वामपंथी पचा नहीं पा रहे हैं। उन्हें यह भी भय सता रहा है, कंगना ने भारत एवं हिंदुओं ,उनकी सभ्यता, संस्कृति और संस्कार के खिलाफ उनके द्वारा किए गए सारे मेहनत पर पानी फेर दिया, और उनकी असलियत को देश के सामने ला दिया।


भारत के कुछ पुरुष प्रधान सत्ताधारी बाॅलिवुड के कुछ नशेड़ियों को जो अपने चहेते धर्म के समुदाय विशेष को खुश करने के लिए इतिहास से छेड़छाड़ करके मुगलों की गुणगाथा का बखान करने वाली फिल्मों सिरियलो को बनाते है हमारे वीर राजा महाराजा रानियों का अपमान करने में जरा भी नहीं चूकते आये दिन इतिहास के साथ छेड़छाड़ करके लोगों की आस्था भावनाओं को भड़काने उकसाने में कोई कसर नहीं छोड़ते उनके पेट में दर्द होना तो स्वाभाविक है कंगना रनौत को पद्मश्री पुरुस्कार मिलने में पेट दर्द तो होगा ही बड़ी बिंदी गैंग देश तोड़ू को पुरस्कार नहीं मिला।


इस बाॅलिवुड में कैसी कैसी अभिनेत्रियों का आना हुआ किसी ने अश्लीलता परोसी तो किसी ने इतिहास के साथ छेड़छाड़ करके पैंसे बटोरे ।


जया बच्चन रेखा आशा माधुरी दीक्षित करीना कपूर करिश्मा कपूर रानी मुखर्जी काजोल अनुष्का एश्वर्या दीपिका पादुकोण आदि नई पुरानी हजारों अभिनेत्री है किसी ने अपने बलबूते फिल्म को निर्देशित किया जिसमें खुद अभिनेत्री हो फिल्म हमारे देश की उन वीर रानियों पर बनी हो जिन्होंने अपनी बुद्धि युद्ध कौशल का लोहा मनवाया हो दुश्मन को लोहे के चने चबुवा दिये हो ऐसा वर्णन ऐसा किरदार किस अभिनेत्री ने निभाया किस अभिनेत्री ने पुरुष प्रधान बाॅलिवुड को ललकारते हुए खुद फिल्म निर्देशित की निर्माता निर्देशक अभिनेत्री खुद बनी सच्चाई दुनिया के सामने लाई बता दीजिए 

कंगना रनौत बेबाक अभिनेत्री है वह बाॅलिवुड से भी पंगा ले चुकी है आज उसी कंगना को टारगेट कर रहे हैं कंगना ने आजादी के बारे में बोला क्या कंगना ने किसी का नाम लिया कंगना के कहने का तात्पर्य क्या था उसे क्या बना दिया 


इतने सालों से आये दिन तुम लोग बोलते रहते हो आजादी गांधी जी ने दिलाई वह भी बिना मार खाये शहीद हुए चरखे से क्या यह अपमान नहीं है कैसे एक चरखे ने आजादी दे दी सोचने वाली बात है तो रानी लक्ष्मीबाई भगत सिंह जैसे हजारों लाखों की संख्या में वीर जवान शहीद हुए वह क्या था आये दिन बड़े बड़े नेता कांग्रेस तो हमेशा बोलती हैं चरखे से आजादी मिली तब सब चुपचाप सुनते हैं। आप लोग तो खुद बोलते हो आजादी दे दो आजादी दे दो बिना हिंसा के आजादी मिली तो इसे क्या कहेंगे।


आये दिन ये बाते करते देखा गया है कि हमें आजादी नहीं मिली । हमें आजादी नहीं मिली । हम गुलाम है । यहाँ तक कन्हैया कुमार ने भी कहाँ जो आज कांग्रेस में शामिल हो गया है।


2014 में एक विशेष पार्टी विशेष परिवार से आजादी मिली इसमें कंगना ने  क्या गलत कहाँ ।

कंगना रनौत के बयान पर हो हल्ला मचाने वालों को अब समझ में आ गया होगा कि

आज़ादी जब 1947 में मिल गयी थी...

तो फिर पिछले दिनों JNU से कौन सी आज़ादी मांगी जा रही थी ।


कंगना ने जो भी कहा उस पर हो हल्ला की जरूरत नही। आजादी मतलब विभाजन, देश मे दंगे , भगत, सुभाष जैसे के साथ ना इंसाफी ,संस्कृति के साथ भेदभाव विश्वासघात उसका मतलब था। ये किसी विशेष सत्तादल के परिपेक्ष्य में है । मैं कंगना को गलत न कहूंगा । उसने कड़वी बात कहने की हिम्मत दिखाई। आप किसी की भावना को दबा नही सकते। उसने आजादी के समय के कड़वे सत्य को बोला। न कि आजादी को गाली दी।


अगर सही मायने में देखा जाए तो अंग्रेजों से हमें आजादी 2014 में मिली जब सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास वाली सरकार बनी । पहले के प्रधानमंत्री तक सार्वजनिक तौर पर मीडिया में बोले थे की देश के संसाधनों पर पहला हक मुस्लिमो का है।


कंगना अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में फिर एक बार लिखकर बताई है कि ब्रिटेन के उपनिवेशवाद से आजादी के बाद ब्रिटेन से कभी भी भारत की ओर से किसी नुक़सान की भरपाई के लिए नहीं कहा गया. आज के दिन और इस युग में गोरे उपनिवेशवादी या उनसे सहानुभूति रखने वाले इस बकवास से कैसे और क्यों भाग सकते हैं?"


ऐसे देखा जाए तो सोशल मीडिया पर हर तरफ इस शेरनी को कोशा जा रहा है और कहा जा रहा है कि देश की आजादी के लिए स्वतंत्रता सेनानियों ओर शहीदों ने जो बलिदान दिया उन सभी का अपमान किया है कंगना ने । देश को आजादी माफी मांगने से नही मिली थी। कंगना को माफी मांगे हुए ये पद्म श्री पुरस्कार लौटा देना चाहिए। चाहे जो भी हो  ऐसे बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना राणावत दो दिन पहले एक चैनल पर आजादी को लेकर एक वक्तव्य दिया था की आजादी भीख में मिली है।  ये बात हर बार की तरह फिर से विवादों में घिर गई ! सभी राजनैतिक लोग हर मुद्दों को पीछे छोड़ते हुए इस बात पर टूट पड़ा और पद्म श्री राणावत के खिलाफ भूचाल ला दिया। इस अभिनेत्री पर कई मुकदमे भी दर्ज हो गए। टीका टिप्पणी निरंतर जारी है। किसी ने यहां तक कह दिया कि  'आजादी महान देशों को अनगिनत शहादतों से मिलती है। हमें-आपको मिली है तो इसका आदर करिए और इसे अक्षुण्ण रखने की सोचिए। जिनकी स्वयं की प्रासंगिकता, तात्कालिक-सत्ताओं की गुलामी के कारण बरकरार है। उनकी टीका-टिप्पणियों से हमारे महान और गौरवशाली शहीदों के सम्मान पर कोई फर्क नहीं पड़ता। 


कंगना ने कांग्रेस वालों से ये भी पूछी है कि भगत सिंह को गांधी ने मरने क्यों दिया

 अगर इस बात का जवाब मिल जाता हैं तो मैं ये पद्मश्री सम्मान लौटा दूंगी ।

जवाब दें कँगना का विरोध करने वाले भगत सिंह जी को क्यों नही बचाया गांधी ने ? कंगना का बयान उस कड़वे सच की तरह ही है जिसे कांग्रेस, वामपंथी पचा नहीं पा रहे हैं। उन्हें यह भी भय सता रहा है, कंगना ने भारत एवं हिंदुओं ,उनकी सभ्यता, संस्कृति और संस्कार के खिलाफ उनके द्वारा किए गए सारे मेहनत पर पानी फेर दिया, और उनकी असलियत को देश के सामने ला दिया।


भारत के कुछ पुरुष प्रधान सत्ताधारी बाॅलिवुड के कुछ नशेड़ियों को जो अपने चहेते धर्म के समुदाय विशेष को खुश करने के लिए इतिहास से छेड़छाड़ करके मुगलों की गुणगाथा का बखान करने वाली फिल्मों सिरियलो को बनाते है हमारे वीर राजा महाराजा रानियों का अपमान करने में जरा भी नहीं चूकते आये दिन इतिहास के साथ छेड़छाड़ करके लोगों की आस्था भावनाओं को भड़काने उकसाने में कोई कसर नहीं छोड़ते उनके पेट में दर्द होना तो स्वाभाविक है कंगना रनौत को पद्मश्री पुरुस्कार मिलने में पेट दर्द तो होगा ही बड़ी बिंदी गैंग देश तोड़ू को पुरस्कार नहीं मिला।


इस बाॅलिवुड में कैसी कैसी अभिनेत्रियों का आना हुआ किसी ने अश्लीलता परोसी तो किसी ने इतिहास के साथ छेड़छाड़ करके पैंसे बटोरे 


जया बच्चन रेखा आशा माधुरी दीक्षित करीना कपूर करिश्मा कपूर रानी मुखर्जी काजोल अनुष्का एश्वर्या दीपिका पादुकोण आदि नई पुरानी हजारों अभिनेत्री है किसी ने अपने बलबूते फिल्म को निर्देशित किया जिसमें खुद अभिनेत्री हो फिल्म हमारे देश की उन वीर रानियों पर बनी हो जिन्होंने अपनी बुद्धि युद्ध कौशल का लोहा मनवाया हो दुश्मन को लोहे के चने चबुवा दिये हो ऐसा वर्णन ऐसा किरदार किस अभिनेत्री ने निभाया किस अभिनेत्री ने पुरुष प्रधान बाॅलिवुड को ललकारते हुए खुद फिल्म निर्देशित की निर्माता निर्देशक अभिनेत्री खुद बनी सच्चाई दुनिया के सामने लाई बता दीजिए 


कंगना रनौत बेबाक अभिनेत्री है वह बाॅलिवुड से भी पंगा ले चुकी है आज उसी कंगना को तारगेट कर रहे हैं कंगना ने आजादी के बारे में बोला क्या कंगना ने किसी का नाम लिया कंगना के कहने का तात्पर्य क्या था उसे क्या बना दिया 


इतने सालों से आये दिन तुम लोग बोलते रहते हो आजादी गांधी जी ने दिलाई वह भी बिना मार खाये शहीद हुए चरखे से क्या यह अपमान नहीं है कैसे एक चरखे ने आजादी दे दी सोचने वाली बात है तो रानी लक्ष्मीबाई भगद सिंह जैसे हजारों लाखों की संख्या में वीर जवान शहीद हुए वह क्या था आये दिन बड़े बड़े नेता कांग्रेस तो हमेशा बोलती हैं चरखे से आजादी मिली तब सब चुपचाप सुनते हैं। आप लोग तो खुद बोलते हो आजादी दे दो आजादी दे दो बिना हिंसा के आजादी मिली तो इसे क्या कहेंगे।


आये दिन ये बाते करते देखा गया है कि हमें आजादी नहीं मिली । हमें आजादी नहीं मिली । हम गुलाम है । यहाँ तक कन्हैया कुमार ने भी कहाँ जो आज कांग्रेस में शामिल हो गया है।


2014 में एक विशेष पार्टी विशेष परिवार से आजादी मिली इसमें कंगना ने  क्या गलत कहाँ ।

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