Sunday, 28 November 2021

ईष्ट देवी देवताओं पर भद्दे कॉमेडीअन का कॉमेडी शो बैंगलोर पुलिस ने कैंसिल किया

 

मुन्नवर फारूकी का कॉमेडी शो पुलिस ने कैंसिल किया

इनकी नफ़रत का बहाना बन गया हूं ,
हंसा कर कितनों का सहारा बन गया हूं ।
टूटने पर इनकी ख़्वाहिश होगी पूरी ,
सही कहते हैं, मैं सितारा बन गया हूं ।

  ऊपर के ये शब्द मुन्नवर फारूकी का है, जिन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से ऐसी ही एक पोस्ट किया है, क्योंकि बैंगलुरू में आज होने वाला शो कैंसल हो गया है। इसका कारण सांप्रदायिक सद्भाव उल्लंघन और शांति भंग की संभावना के कारण किया गया है। 



  ये शो आज ही बैंगलुरु में होने थे , लेकिन इसका अनुमति पुलिस ने नहीं दी और होने वाले शो को रोक दिया ।


मुन्नवर फारूकी ने ट्विटर पर बहुत ही भावुक पोस्ट किया है, उन्होंने ने लिखा है की नफरत जीत गई, आर्टिस्ट हार गया।

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जी, मुन्नवर जी। बहुत सुंदर। वाकई में । अपने धर्म को छोड़कर दुसरो के धर्म के बारे मे नफरत फैलाने वाला अधर्म  हार गया और धर्म की जीत हुई। 


ऐसे में सोशल मीडिया में ही कुछ लोगो का कहना हैं कि  कट्टर व्यक्ति के साथ ऐसा ही होना चाहिए । कट्टर व्यक्ति इंसानियत का दुश्मन होता है दूसरे के धर्म के बारे में अपशब्द बोलोगे तो यही हश्र होगा। अभिव्यक्ति की आजादी की भी एक सीमा होती है, आप किसी धर्म को टारगेट करते है ये आजादी कैसे किसने दिया??


मुन्नवर फारूकी को हिन्दू विरोधी राज्यों में शो करने चाहिए,उनके हिंदुओं पर कमेंट बड़े हिट होंगे।वे बंगाल,तमिलनाडु,पंजाब, छत्तीसगढ़, झारखंड, महाराष्ट्र,केरल,आंध्रा में शो कर सकते हैं और हिंदुओं पर जितना तंज कस सकते हैं वह इसके लिए फ्री हैं,उन्हें रोकने वाला कोई नही होगा बल्कि ये राज्य सरकारें उनको करोड़ों का पुरस्कार भी देंगी और उसको अपना ब्रांड एम्बेसडर भी बना सकती हैं।


मुन्नवर को इस बारे में गम्भीरता से सोचना चाहिए।
आज अगर दुनिया भर में नफरत -आतंक और क्रूर कट्टरता को धर्म के नज़रिये से देखा जा रहा है तो इसमें उन सभी धर्मो के शिक्षित और बुद्धिजीवी लोगो की गलती है जिन्होंने सिर्फ धर्म के नाम पर कुछ लोगो द्वारा किये गए और किये जा रहे अनैतिक -अमानवीय- कुरीतियों व असंवैधानिक कार्यों का विरोध और वहिष्कार नहीं किया । चुप रहे! हर धर्म वास्तव में आध्यत्म् और साधना के जरिये आत्म शुद्धि कर वैश्विक जनकल्याण का पाठ ही पढ़ाता है पर जब कुछ मानसिक बीमार लोग धर्म के नाम पर लोगो को कट्टर और नफरती बनाने की कोशिश करें तो वहाँ विरोध बहुत जरुरी है!.. क्योंकि अगर आप देख सके तो आज एक कलाकार और एक पत्रकार एक ही जगह खड़े दिख रहे है।


तो भला उसमे क्या नया है। ईशनिंदा कानून नही यहां किसी के ईस्ट देवता पर जो वाकई निंदनीय है पूर्व नियोजित एक पूजा पद्धति संस्कार लोगो को बेवजह आप कॉमेडी के नाम अनाप शनाप एस्यूम कराए जा रहे और फिर दया की कामना भी करते हो।। कर्म डंड या उसका पुरस्कार निश्चित है दोनो की प्राप्ति एक ही कर्म के लिऐ नही हो सक्ति।। विचार बदलिए, ईशनिंदा किसी की भी उससे बचिए और कॉमेडी स्वरूप वाकई अपना टैलेंट दिखाकर करिए कुतर्क और अधर्म कर कर नही। फिर कही कोई अड़चन नहीं रहेगी। सभी में आप और आप में सभी दिखाई देंगे।


 ये मुन्नवर फारूकी ही है जो पहले हिंदू धर्म का अपमान किया था, उन्हें शांति और सौहार्द बनाए रखने के लिए किसी भी धर्म का अपमान नही करना चाहिए। जब आप अपने धर्म का अपमान नहीं सह सकते तो दूसरे धर्म का अपमान क्यों करते हो।
जिस तरह से हिंदू देवी देवता का उपहास उड़ाया था उस हिसाब से एक भी कॉमेडी नहीं आयोजित करने का अनुमति देनी चाहिए। यह न्यूज आप   www.operafast.com पर पढ़ रहे हैं। इसे facebook पर फॉलो कर सकते है ।


मुनव्वर फारूकी जी । अगर आप ईश्वर, अल्लाह के पाखंड को नहीं मानते हैं तो आपको सबसे अधिक अपने धर्म यानि इस्लाम का खंडन करना चाहिए.. । अगर आप अल्लाह के वजूद पर सवाल उठाते तो फिर आप किसी भी धर्म के खिलाफ बोलने के अधिकारी हो जाते और लोग आपकी आलोचना भी नहीं करते... क्योंकि सबसे पहले शुरुआत अपने मजहब से होनी चाहिए । 

इस लिहाज से आज आपको कोई भी डिफेंड नहीं कर सकता है । जबकि मेरे कई नास्तिक मुस्लिम मित्रों की कोई आलोचना नहीं करता है क्योंकि अगर वो ईश्वर को नहीं मानते हैं तो सबसे पहले अल्लाह का खंडन करते हैं ।
जो अपने धर्म को समझ नहीं रखता वह दूसरे धर्म के बारे में क्या जाने । नफरत फ़ैलाने वाले इन्सानियत और धर्म को कभी नहीं समझ सकता है ।
दिक्कत ये है कि इन जैसे लोगों ने कोंग्रेस राज में दूसरे धर्म के ऊपर हमेसा छींटे उड़ाये हैं (खास कर हिंदुओं के ऊपर) तब  कोई बोलेने वाला नही होता था इनकी आदत अभी भी वही बनी हुई है लेकिन अब पहले वाली बात तो है नही।


 अब बेचारे जेल जाने लगे हैं तो विक्टिम कार्ड खेल रहे , जो ऐसे लोगों का पुराना पेशा है ।
फारूकी जी जब अकेले में बैठोगे तो सोंचना की देश मे बहुत सारे मुस्लिम हास्य कलाकार हैं उनके साथ ऐसी  दिक्कतें क्यों नही आई??


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