Wednesday 17 November 2021

पहला जत्था दरबार साहिब पाकिस्तान पहुंचा


गुरुद्वारा करतारपुर साहिब श्रद्धालुओं के लिए फिर खुला

पाकिस्तान में स्थित सिखों के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल करतारपुर गुरुद्वारा में भारत के सिख समुदाय अब मत्था टेक सकेंगे ।  सरकार ने 17 नवंबर से करतारपुर साहिब कॉरिडोर को फिर से खोलने का फैसला किया है। पहले जत्थे में भारत से 250 यात्री पाकिस्तान जा सकेंगे। 



भारत सरकार के गृह मंत्रालय की ओर से कहा गया है  कि वह भारत और पाकिस्तान में सिख धर्मस्थलों को जोड़ने वाले करतारपुर कॉरिडोर को फिर से खोल रही है, जिसे देखते हुए कोविड-19 मामलों में गिरावट आई है।

👉 अन्य समाचार के लिए यहां click करें।

19 नवंबर को श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाश उत्सव को पर्व है और इस अवसर पर करतारपुर साहिब कॉरिडोर को फिर से खोलने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के फैसले से पूरे देश में खुशी सिख समुदाय के साथ साथ हिंदू समुदाय में भी है ।

दो साल पहले, भारत और पाकिस्तान ने करतारपुर कॉरिडोर खोला था, जो एक वीजा-मुक्त सीमा पार है जो पाकिस्तान में गुरुद्वारा दरबार साहिब को भारत से जोड़ता है।


where is Kartarpur ?

करतारपुर कॉरिडोर एक वीजा-मुक्त सीमा पार और गलियारा है, जो पाकिस्तान में गुरुद्वारा दरबार साहिब को भारत की सीमा से जोड़ता है। करतारपुर का गलियारा पाकिस्तान के बॉर्डर पार करके भारत के भक्तों को करतारपुर में गुरुद्वारे की यात्रा करने की अनुमति देता है, जो भारत-पाकिस्तान सीमा से 4.7 किलोमीटर की दूरी पर बिना वीजा के पाकिस्तानी सीमा पर स्थित है।

भारतीय बिना वीजा के बॉर्डर कहा पार करते हैं ?

बॉर्डर पर बना क्रॉसिंग भारत के भक्तों को बिना वीजा के पाकिस्तानी सीमा पर भारत-पाकिस्तान सीमा से 4.7 किलोमीटर (2.9 मील) दूर करतारपुर में गुरुद्वारे की यात्रा करने की अनुमति देता है।

What is the Kartarpur Corridor project?


करतारपुर कॉरिडोर भारत के पंजाब में डेरा बाबा नानक तीर्थस्थल को करतारपुर में दरबार साहिब से जोड़ेगा, जो पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के नरोवाल जिले में स्थित अंतर्राष्ट्रीय सीमा से सिर्फ 4 किलोमीटर दूर है।


Can a Hindu visit Kartarpur?

हां । करतारपुर हिंदू भी जा सकता हैं। हिन्दू को भी सिख श्रद्धालु जैसे ही अनुमति लेना होगा और सभी प्रक्रिया का पालन करना होगा ।


करतारपुर साहिब जाने वाले भारतीय सिख तीर्थयात्रियों को करतारपुर कॉरिडोर का उपयोग करने के लिए पासपोर्ट की आवश्यकता होगी, जिसका उद्घाटन इस सप्ताह किया जाएगा, पाकिस्तान सेना ने गुरुवार को एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, प्रधान मंत्री इमरान खान की घोषणा के कुछ दिनों बाद कहा कि भारतीय श्रद्धालु केवल करतारपुर जाने के लिए एक वैध आईडी चाहिए ।


How can I go to Kartarpur corridor from Amritsar?

करतारपुर दरबार साहिब जाने के इच्छुक भारतीय नागरिक और ओसीआई कार्ड धारक prakashpurb550.mha.gov.in पर जाकर ऑनलाइन पंजीकरण करना होगा। भारत और पाकिस्तान द्वारा ऐतिहासिक करतारपुर कॉरिडोर के संचालन के लिए 24 अक्टूबर, 2019 को एक ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किया गया था। और इसके तुरंत बाद ऑनलाइन पंजीकरण पोर्टल लाइव किया गया।

What is the procedure to visit Kartarpur?


एक बार कोड आधारित पर्ची (ETA-इलेक्ट्रॉनिक यात्रा प्राधिकरण) है जिसमें गुरुद्वारा दरबार साहिब, करतारपुर की यात्रा की तारीख के लिए आवेदक के नाम, पंजीकरण की पुष्टि, यात्रा की तारीख आदि का विवरण होता है। यात्रा के लिए तीर्थयात्री को ETA लेकर जाना चाहिए।

Are Sikhs Hindu?

भारतीय उपमहाद्वीप में उत्पन्न दो धर्म सिख और हिंदू अपने तरीके से भगवान की उपासना करते हैं यद्यपि दोनो का काफी सामान विचार , व्यहवार मिलते जुलते हैं  फिर भी सिख धर्म के अनुयायी, और हिंदू सनातन धर्म के अनुयाई है। सिख हिंदू नहीं हैं, उनके शास्त्रों, सामाजिक स्थिति, पूजा, धार्मिक उपस्थिति आदि में अंतर है।

Do Sikhs believe in Jesus?


सिख यह नहीं मानते कि यीशु ईश्वर है क्योंकि सिख धर्म सिखाता है कि ईश्वर न तो पैदा होता है और न ही मृत। यीशु ने जन्म लिया और एक मानव जीवन जिया, इसलिए, वह परमेश्वर नहीं हो सकता। हालाँकि, सिख अभी भी सभी मान्यताओं का सम्मान करते हैं। ... बिना शर्त भगवान से प्यार करना और उनका पालन करना उनकी संस्कार में शामिल है।


Why is Kartarpur famous?


गुरु नानक ने 1515 में रावी नदी के किनारे करतारपुर शहर की स्थापना की ।खेतों की जुताई की और सामुदायिक रसोई या लंगर की स्थापना की।  इसलिए यह गुरुद्वारा जन्म स्थान के बाद सिख धर्म का दूसरा सबसे पवित्र स्थल है  । जबकि ननकाना साहिब, पाकिस्तान में स्थित गुरु नानक का जन्मस्थान है।


What is the secret place of Sikhism in Pakistan?


सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक साहिब जी की जन्मस्थली ननकाना साहिब पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित है। इसके अलावा, जिस स्थान पर गुरु नानक की मृत्यु मानी जाती है, उसी प्रांत में गुरुद्वारा करतारपुर साहिब भी स्थित है।

Who founded the city of Kartarpur?

करतारपुर जालंधर शहर के पास एक शहर है और राज्य के दोआबा क्षेत्र में स्थित है। इसकी स्थापना सिखों के पांचवें गुरु श्री गुरु अर्जन देव जी ने की थी।


How Much Will Pakistan earn from Kartarpur?


पाकिस्तान के अधिकारियों के अनुसार, पाकिस्तान को सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव के अंतिम विश्राम स्थल करतारपुर में पवित्र दरबार साहिब जाने वाले तीर्थयात्रियों से $ 365,00,000 तक की कमाई की उम्मीद है।


How many Gurudwaras are in Pakistan?


 पाकिस्तान में करीब 250 गुरुद्वारे हैं । लेकिन पाकिस्तान के कई आलाधिकारी अलग अलग संख्या बताते रहे हैं। एक बार फिर गुरुद्वारे की गिनती करके उन्हें चिन्हित करने की आवश्यकता है। 

Who started Sikhism?


वर्तमान में दुनिया भर में लगभग 24 मिलियन सिख हैं।  भारतीय के पंजाब राज्य  में बहुत अधिक संख्या में सिख रहते हैं। वे गुरु नानक (1469-1539) को अपने सिख धर्म के संस्थापक के रूप में और गुरु गोबिंद सिंह (1666-1708), दसवें गुरु के रूप में मानते हैं, जिन्होंने उनके धर्म को औपचारिक रूप दिया।


How can I go to Kartarpur in Lahore?

करतारपुर पहुंचने के लिए आपको सियालकोट-लाहौर हाईवे पर जाना होगा। वहां से न्यू नरोवाल-लाहौर रोड पर उतरें। उसके बाद, शकरगढ़ रोड लें जो आपको करतारपुर की ओर ले जाएगी ।

यात्री अपने साथ क्या ले जा सकते हैं ?

1.  पासपोर्ट या एक वैध्य आइडेंटी कार्ड
2. ETA पर्ची
3. एक बैग
4. 7 Kg तक का वजन
5. अधिकतम 1100/- तक रूपये।
6. यात्रा सिर्फ करतारपुर साहिब तक ही करना होगा। एक दिन में जाकर लौट आना होगा। करतार पर साहिब के अलावे कही और जाने की मनाही होगी ।


क्या नही ले जा सकते ?

1. वाई-फाई ब्रॉडबैंड उपकरण
2. शराब और अन्य कई वस्तुएं अपने साथ नहीं ले जा सकेंगे। 
3.यहां आग्नेयास्त्र और गोला बारूद, विस्फोटक पदार्थ ! 4. मादक पदार्थ, सभी प्रकार की कृपाणों को छोड़कर चाकू और ब्लेड, जाली नोट, मोहर और सिक्के, भारत और पाकिस्तान का गलत मैप और साहित्य ले जाने पर मनाही है। 
5. भारत और पाकिस्तान की क्षेत्रीय अखंडता को चुनौती देने वाले या संभावित रूप से दोनों देशों में सांप्रदायिक सद्भाव के लिए हानिकारक झंडे, बैनर, मीडिया सामग्री और साहित्य ले जाने पर भी रोक है।





1 comment: