Sunday, 31 July 2022

पुरानी पेंशन के लिए बिहार में बैठक, प्रदेश अध्यक्ष होंगे शामिल

पुरानी पेंशन के लिए बैठक, प्रदेश अध्यक्ष होंगे शामिल

नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन के आंदोलनकारी सरकारी सेवारत कर्मचारियों ने 1 अगस्त 2022 को ब्लैक डे मानने की घोषणा की है। पुरानी पेंशन बहाली की मांग जोर पकड़ता जा रहा है। यह समाचार आप www.operafast.com पर पढ़ रहे हैं।



देश के लगभग सभी यूनियनों ने पुरानी पेंशन बहाली के लिए अक्सर कहीं न कहीं अभियान चलाते ही रहते हैं। आखिर ये अभियान चले भी क्यों नहीं । आप सब ये जानते ही हैं कि पुरानी पेंशन 1 जनवरी 2004 से बंद कर न्यू पेंशन योजना को शेयर मार्केट के हवाले कर दिया गया है जिसमे सेवानिवृत कर्मचारियों को 1000-2000 रुपया मासिक पेंशन मिलती है जिससे उनका बीपी और शुगर की दवा भी नहीं आती। 

इसी सिलसिले में आज 31.07.2022 को बिहार के अरवल जिले और औरंगाबाद में अपने कार्य योजना को भली भांति मूर्त रुप देने से पहले बैठक में अपने साथी कर्मचारियों से विचार विमर्श करेंगे।

 इस बैठक में एनएमओपीएस के प्रदेश अध्यक्ष वरुण पाण्डेय भी उपस्थित होकर मनोबल को बढ़ाएंगे। यह बैठक आज रविवार को बिहार के अरवल ब्लॉक परिसर में 10 बजे और औरंगाबाद में सिविल कोर्ट के सामने, कर्पूरी सभागार में दोपहर 1 बजे होगा। इस बैठक में औरंगाबाद के एनएमओपीएस जिला अध्यक्ष हेमंत कुमार हिमांशु के देखरेख में होगा।

जैसा कि आप जानते है कि पुरानी पेंशन पहले से ही पश्चिम बंगाल और केरल में राज्य सरकार अपने कर्मचारियों को दे रही है। अब राजस्थान, छतीशगढ़ और झारखंड में भी राज्य सरकार अपने कर्मचारियों को पुरानी पेंशन देने की तैयारी कर चुकी है।

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Saturday, 30 July 2022

खरीफ फसलों के सिंचाई के लिए डीजल अनुदान आज से शुरू, ऐसे करें आवेदन

 

 
बिहार में सुखा को देखते हुए, किसानों को सिंचाई पर डीजल अनुदान

बिहार में कम बारिश होने के कारण किसानों को खरीफ फसल 2022 में सिंचाई के लिए बिहार सरकार के द्वारा डीजल चालित पंप सेट से पटवन करने के लिए किसानों को डीजल अनुदान देने की व्यवस्था की गई है। जहानाबाद के सरेन पंचायत के किसान सलाहकार नंदकिशोर कुमार और कृषि समन्वयक सत्येंद्र नारायण गौतम ने किसानों को पूरे विस्तार से बताया कि डीजल अनुदान लेने की प्रक्रिया क्या है और इसके लिए आवेदन कैसे करें।

जो भी किसान अपने खेत के सिंचाई करने हेतु डीजल अनुदान की प्राप्ति चाहते हैं उनको ऑनलाइन आवेदन करना होगा और यह ऑनलाइन आवेदन का प्रावधान 29 जुलाई 2022 से प्रारंभ हो गया है ।







डीजल अनुदान हेतु योजना का लाभ निम्नलिखित लोगों को दिया जाएगा।

खरीफ फसलों की डीजल पंप सेट से सिंचाई करने के लिए क्रय किए गए डीजल पर ₹60 प्रति लीटर की दर से प्रति एकड़ की सिंचाई डीजल अनुदान दिया जाएगा।

किसानों को धान का बिचड़ा एवं दो फसल की अधिकतम दो सिंचाई के लिए 1200 रुपया प्रति एकड़ दिया जाएगा।

खरीफ फसल में धान मक्का अन्य खरीफ फसलों के अंतर्गत दलहनी, तेलहनी, मौसमी सब्जी, औषधीय एवं सुगंधित पौधों की अधिकतम तीन सिंचाई के लिए ₹1800 प्रति एकड़ तक डीजल अनुदान दिया जाएगा।

प्रति किसान अधिकतम 8 एकड़ के लिए डीजल अनुदान दिया जाएगा।

वैसे किसान जो दूसरे की जमीन पर खेती करते हैं जिसे गैर रैयत कहा जाता है उन्हें प्रमाणित और सत्यापित करने के लिए संबंधित वार्ड सदस्य एवं कृषि समन्वयक के द्वारा पहचान की जाएगी।








ऐसे गैर रैयत किसानों को सत्यापित करते समय यह ध्यान रखा जाएगा कि वास्तविक खेती करने वाले जोतदार को ही अनुदान का लाभ मिले।






किसानों को सलाह दी जाती है कि वैसे किसान ही इस योजना के तहत आवेदन करें जो वास्तव में डीजल का उपयोग सिंचाई के लिए कर रहे हैं।

डीजल की खरीदारी का वास्तव में की गई है या नहीं इससे संबंधित जांच कृषि समन्वयक के द्वारा किया जाएगा।

अधिकृत पेट्रोल पंप से डीजल की खरीद के उपरांत पेट्रोल पंप से डिजिटल पावती रसीद जिसमें किसानों का 13 अंक का पंजीकरण संख्या का अंतिम 10 अंक अंकित हो उन्हीं डीजल रसीद को अनुदान के लिए मान्य होगा।




बैसे किसान जो 30/10/ 2022 तक अपने खेतों की सिंचाई के लिए जो डीजल की खरीददारी करेंगे , इसी अवधि तक मान्य होगा।

इस योजना का लाभ वैसे किसानों को दिया जाएगा जो ऑनलाइन पंजीकृत हों।


यहां करें ऑनलाइन आवेदन


आवेदन के लिए यहां क्लिक करे

सबसे पहले कृषि विभाग बिहार सरकार की वेबसाइट https://state.bihar.gov.in/krishi/citizenHome.html के दिए गए लिंक DBT in Agriculture पर या https://dbtagriculture.bihar.gov.in पर डीजल अनुदान के लिए आवेदन करें।

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Thursday, 28 July 2022

भीख मांग रहे छह बहुरूपिया को पीटा, FIR दर्ज, बोला- वो गला काटे और हम पीटे भी ना।



बजरंग दल के कार्यकर्ता ने छः भीख मांग रहे बहुरूपिया को पिटा, बोला- वो गला काटें और हम पीटे भी ना।

बिहार के वैशाली में बहुरूपिया बन कर भीख मांगने वाले 6 मुस्लिम को के एक युवक ने जम कर पीटा। पिटाई करने वाले युवक ने कि वह चैलेंज करके गला काट रहे हैं और हम क्या पीट भी नहीं सकते। और सबसे बड़ी बात यह है कि पिटाई करते समय किसी ने वीडियो बनाकर वायरल कर दिया। वीडियो वायरल होने के बाद वीडियो के आधार पर पुलिस ने एफ आई आर दर्ज की। आप एफ आई आर दर्ज होने पर इस पुलिस कार्रवाई को लेकर कई लोगों ने सवालिया निशान खड़ा किया है।


दर्ज एफ आई आर के अनुसार बिहार के वैशाली जिले में 6 मुस्लिम युवकों ने श्रावण मास के अवसर पर बसहा बैल के साथ भी भीख मांग रहा था। संदेह होने पर बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने पकड़ कर उन की बेरहमी से पिटाई कर दी। आरोपी युवक का कहना है कि यह पिटाई उनको असली नाम और पता उगलवाने के लिए की थी। जिसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर भी डाल दिया है। वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने इस मामले को दर्ज करते हुए पीटने वाले हिंदू संगठन के कार्यकर्ता आर्यन सिंह को आरोपी बना दिया है।

पुलिस का मानना था कि एफ आई आर दर्ज करने के बाद आरोपी का मनोबल कम होगा लेकिन इसका उल्टा असर दिख रहा है। बिकने वाले आरोपी का कहना है कि घी निकालने के लिए उंगली टेढ़ी करनी ही पड़ती है। हिंदू संगठन के कार्यकर्ता आर्यन सिंह का कहना है कि कि जो लोग चैलेंज देकर गला काट रहे हैं उनको हम क्या पिक भी नहीं सकते। बहुत जोश में बोलते हुए दिख रहे हैं कि जो भी करना होगा हम करेंगे। वे सरेआम गला काट रहे हैं उन्हें जब हम पिट दिए तो इसमें किसी को क्या आपत्ति हो सकती है । वह गलत था। हम लोग को संगठन में प्रशिक्षण दिया जाता है कि जहां सीधी उंगली से घी ना निकले वहां उंगली थोड़ा टेेढ़ी कीजिए।


दरअसल मुस्लिम युवक साधु के भेष बनाकर बसहा बैल लेकर सावन मास में भीख मांग रहे थे । कुछ लोगों को यह मामला संदिग्ध दिखने पर बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने पकड़ लिया जब इन्होंने अपना भेद नहीं खोला तो बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने कार्यकर्ताओं ने पीटना शुरू किया । इसके बाद उन्होंने अपने आप को बहुरूपीया होने की बात कबूली । इधर आर्यन सिंह के अनुसार सभी रोहिंग्या मुसलमान है जो किसी न किसी संगठन से जुड़े हैं और साजिश के तहत हर जिले में जाकर घूम रहे हैं और अपना वेशभूषा बदल कर रेकी कर रहे हैं। इन लोगों का इरादा सावन मास में कहीं ना कहीं गड़बड़ी करने का है। भीख मांग रहे सभी छह मुस्लिम युवकों का कहना है कि वे अपनी पेट पालने के लिए साधु का भेष धारण करके भीख मांग रहे थे ।



वैशाली जिले के सदर एसडीपीओ राघव दयाल के अनुसार कदम घाट से कुछ संदिग्ध लोगों को पूछताछ करने के लिए नगर थाना लाया गया था जिसके बाद उन लोगों की पिटाई का वीडियो वायरल हुआ है इसी आधार पर मामला दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है।

हिंदू संगठन के कई कार्यकर्ता बहुत गुस्से में है उनके अनुसार पुलिस ने उन सभी बहूरूपिए को एक बॉन्ड भरवा कर आरंभिक पूछताछ के बाद सभी को छोड़ दिया है ऐसे में पुलिस की कार्यशैली पर निशान उठ रहा है।

एक हिंदू युवक पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहता है कि पुलिस किसी को भी आरोपी बना सकती है, सिर्फ पीटा ही न है , इसमें गलती क्या है? कोई हमारे धर्म को बर्बाद करे और हम पिट भी नहीं सकते।


इस शहर के कई लोगों का एक साथ कहना है कि क्या जरूरत है किसी को भेष बदलकर नई जगह पर जाने का । हो सकता था कोई आतंकवादी रेकी कर रहा हो । हो सकता है कोई अन्य ग्रह किसी अन्य बड़ी घटना को अंजाम दे सकता था बल्कि सरकार को इन संगठन के कार्यकर्ताओं इनाम देना चाहिए था ।

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Wednesday, 27 July 2022

मजाक बनकर रह गया ये मूल्यांकन सिस्टम ।

  मजाक बनकर रह गया ये मूल्यांकन सिस्टम ।

तीन चार दिनों से कई न्यूज पोर्टलो पर स्टोरी पढ चुका हूँ ,कि फलाँ फलाँ छात्र के 500/500 अंक आये है, 600/600 यानि 100% स्कोर किया है । फिर भी छात्र/छात्रा संतुष्ट नही है । ये समाचार आप www.operafast.com पर पढ़ रहे हैं।


अगर सही तरीके से उत्तर पुस्तिकाओ का मूल्यांकन किया जाये , तो भी केवल मल्टीपल च्वाईस प्रश्नो के अलावा ये किसी भी सूरत संभव नही कि , 100% स्कोर कर लिया जाये ।





Descriptive प्रश्नो का उत्तर देते हुए, भले ही किसी छात्र के पास दुर्लभ "फोटोजेनिक मैमोरी" क्यों ना हो , फिर भी मैथ के अलावा किसी भी सबजेक्ट मे 100% अंक ले पाना संभव नही है ।


पता नही कैसे ,आज के examiner ,आखिर इन उत्तर पुस्तिकाओ का मूल्यांकन करते होंगे ???


इन 99% प्रतिशत, 100% वालो की पोल कुछ ही दिनो बाद खुल जाती है । प्रतियोगी परीक्षाओ मे कहाँ घुस जाती है ये काबिलियत ???

प्री- मेडिकल , इंजीनियरिंग या फिर सिविल सर्विसेज को ही देख लीजिए, प्रश्नो का उत्तर , चार विकल्पो मे से चुनना होता है , तब भी 100% तो छोडिये , 80% स्कोर के लाले पड जाते है । यहाँ तो वस्तुनिष्ठ प्रश्नो को तो छोड ही दिजिए । Descriptive यानि विस्तार पूर्वक उत्तर लिखकर भी पूरे अंक मिल रहे है , क्या लिखने वाले ने कोमा , फुल स्टाॅप , ग्रामर , स्पेलिंग मे एक भी गलती नही करी ????

आजकल तो उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड भी खुलेआम नंबर बाँट रहा है । एक वो वक्त भी था ,सन् 1993- 1994-1995 या बिहार परीक्षा समिति के द्वारा हाई कोर्ट के देख रेख में लिया जाने वाला 1996 , 1997 और 1998 का दसवीं में की परीक्षा । जब 60% प्रतिशत अंक लेकर "फर्स्ट डिवीजन" बनाने मे छक्के छूट जाते थे । और यकीन मानिये , पूरे स्कूल मे बामुश्किल एक या दो जियाले ही ऐसे होते थे , जो "फर्स्ट डिवीजन" ला पाते थे।

ये 98% और 99% प्रतिशत केवल पेरेंट्स को मूर्ख बनाने का सर्कस है । बाद मे जब यही बच्चे मेडिकल , इंजीनियरिंग की प्रतियोगिता मे बैठकर सीट नही निकाल पाते तो ,माता-पिता को लगता है , उनके जीनियस पुत्र अथवा पुत्री के साथ अन्याय हो गया ।


फिर शुरू होता है , रेजोनेंस, आकाश , बंसल से इंस्टीट्यूट्स मे बच्चो को घिसने और अपनी चमडी उतरवाने का गंदा खेल । मगर सीट फिर भी नही मिलती ।

फिर माँ-बाप खुद को बेच डालने के स्तर पर उतर आते है । गाँव की जमीन , मकान बेच डालते है । मोटा कर्जा उठाते है , भ्रष्टाचार की गंदी गटर मे कूदकर पैसा उलीचते है , कि येन केन प्रकारेण बच्चे को मेडिकल /इंजीनिरिंग करने यूक्रेन, रूस, चीन , बांग्लादेश भेजना है , क्योंकि उनका नौनिहाल दसवीं मे 99% और बारहवीं मे 98% लाया था । जबकि हकीकत ये है कि उनका 99% लाने वाले शूरमा , "कंबाईंड ग्रेजुएट लेवल" स्टाफ सलेक्शन कमीशन की प्रतियोगी परीक्षा मे 80 और 90% तो छोडिये , 60% भी नही ला पाता ।

माता -पिता से कहूंगा ,कि फालतू के सपने मत पालो , बच्चो की नंबर की दौड़ मे डालकर ,उनके सर्वांगीण विकास , शारिरिक क्षमता , स्पोर्ट्स , और एक्सट्रा कैरिकुलर्स पर ध्यान दो । जीवन मे उन्हें जो बनना होगा वो अपने आप बन जायेंगें । हर बच्चा सुंदर पिचाई नही होता , हर बच्चा अपने आप मे यूनिक है । केवल इंजीनियर और डाॅक्टर बनकर ही लोग सफल नही कहलाते , जीवन मे कुछ करने को हजारों फील्ड है , नाम और शोहरत के लिए 100% लाना जरूरी है । बल्कि सच तो ये है , पूरी दुनिया मे शायद ही आज तक कोई महान व्यक्ति ऐसा हुआ होगा, जिसने अपनी स्कूलिंग के दिनो मे 100% स्कोर किया हो ।

100% तो कभी "एल्बर्ट आइन्सटीन" को नही मिले, थाॅमस अल्वा ऐडीसन तो बेचारा स्कूल से ही निकाल दिया गया था।।

आज कल टॉपर छात्र छात्राओं भी उछल उछल कर मीडिया में अपना बखान करना नहीं भूलते। मीडिया उनका इंटरव्यू इस प्रकार होता है।

''मुझे जितनी उम्मीद थी उतने नंबर मुझे प्राप्त हुए हैं और में बहुत खुश हूं. इस सफलता का श्रेय मैं अपने अविभावक और शिक्षकों को देना चाहूंगी या चाहूंगा। जिन्होंने मुझे हर तरह से सपोर्ट किया. इसके साथ साथ में अपने स्कूल के टीचर को भी इसका श्रेय दूंगी जिन्होंने मुझे बराबर सहयोग किया। मुझे जब भी कुछ जानने की इच्छा हुई, मुझे स्कूल की टीचर द्वारा बताया गया। किसी तरह के डाउट्स क्लियर करने के लिए जब भी मैंने अपनी स्कूल टीचर से फोन पर भी बात की तो उन्होंने बराबर सपोर्ट किया। इस मुकाम तक पहुंचने के लिए मैंने हर दिन 8 से 10 घंटे तक पढ़ाई की है और आगे मैं साइकॉलोजी ऑनर्स करना चाहती हूं।" इत्यादि.......etc....... ।

अब देखिए आगे ये टॉपर्स जो 100% मार्क्स ले कर आए हैं वो अपना जलवा किस क्षेत्र
में बिखेरते हैं।




Sunday, 17 July 2022

बिहार में शिक्षकों को फार्मल पैंट एवं फुल या हाफ शर्ट पहने का फरमान, टीशर्ट पहनने पर ....

बिहार में  शिक्षकों को फार्मल पैंट एवं फुल या हाफ शर्ट पहने का फरमान, टीशर्ट पहनने पर ....

सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों के जींस पैंट और टी शर्ट पहनकर आने पर रोक लगा दी गई है । नए जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) वीरेंद्र नारायण ने आदेश जारी कर शिक्षकों को फार्मल पैंट एवं फुल या हाफ शर्ट में ही स्कूल में शिक्षण कार्य करने का निर्देश दिया है।
यह समाचार आप www.operafast.com पर पढ़ रहे हैं।

यदि शिक्षक परम्परागत ड्रेस पहनते हैं तो समाज में सकारात्मक संदेश जायेगा।अपनी भाषा,संस्कृति,सभ्यता का सम्मान ही संस्कार देगा।



हाजीपुर के नए जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) वीरेंद्र नारायण ने आदेश जारी कर शिक्षकों को फार्मल पैंट एवं फुल या हाफ शर्ट में ही स्कूल में शिक्षण कार्य करने का निर्देश दिया है. आदेश में लिखा है कि आए दिन इंटरनेट मीडिया में विद्यालयों में पठन-पाठन की अवधि में शिक्षकों के कुर्ता-पायजामा, जींस-टी शर्ट पहन कर कक्षा संचालन करने से शिक्षकों की नकारात्मक छवि प्रदर्शित हो रही है।


ऐसा इसलिए जरूरी है कि शिक्षक न सिर्फ विद्यालय में बल्कि विद्यालय अवधि के बाद भी छात्र-छात्राओं के मार्गदर्शक की भूमिका में होते हैं। इसलिए विद्यालय अवधि में फार्मल पैंट, फुल या हाफ शर्ट में ही विद्यालय में पठन-पाठन का कार्य करें, ताकि उनकी सौम्यता एवं शिष्टता बच्चों के लिए भी अनुकरणीय बन सके।

पत्र में जिला शिक्षा पदाधिकारी ने लिखा है कि समाज निर्माण एवं छात्र-छात्राओं के चरित्र निर्माण में शिक्षकों की अहम भूमिका होती है।


शिक्षक, पहेलियां, गुरु यह समाज का मार्गदर्शक होता आ आ रहा है वर्तमान समय में अंग वस्त्र में तमाम सारे परिवर्तन हुए जिसके तरफ नए शिक्षक भी आकर्षित हो रहे हैं यह दुखद स्थिति है अब ऐसा समय आ गया शिक्षकों का कि वे दूसरों को शिक्षा देते थे और उन्हें स्वयं शिक्षा लेना पड़ रहा है ।


वही कुछ शिक्षकों का कहना है कि शिक्षकों को उचित परिधान में आना चाहिए और नए शिक्षा पदाधिकारी के आदेश का स्वागत होना चाहिए इस आदेश का पर शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्य में क्यों लगाया जाता है?? क्या इस विषय पर आपत्ति नहीं होनी चाहिए??


स्कूल स्टूडेंट्स के साथ-साथ टीचर्स के लिये भी ड्रेस कोड लागू होना ही चाहिए। ड्रेस कोड कर्तव्यपरायणता के साथ-साथ अनुशासन के पालन में भी सहायक है।

स्टूडेंट्स और टीचर्स दोनों को ही विद्या मंदिर के लिये समर्पित होना ही नहीं, दिखना भी चाहिए। क्वालिटी टीचिंग के लिये, सर्विस डिफिशिएंसी को जीरो टॉलरेंस से डील करने पर फोकस कीजिए। चलो, देर आये दुरुस्त आए।


एक स्टूडेंट के पिता का कहना है कि शिक्षालयों में जींस पैण्ट और टी शर्ट्स पर रोक तो बहुत पहले लग जाना चाहिए था । अच्छा होता ड्रेस कोड निर्धारित कर दिया जाता ।
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Saturday, 16 July 2022

पड़ोसी राज में पुरानी पेंशन लागू होते ही बिहार में भी मांग हुई तेज


पड़ोसी राज में पुरानी पेंशन लागू होते ही बिहार में भी मांग हुई तेज



पूरे देश में पुरानी पेंशन योजना की बहाली हेतु संकल्पित संगठन एनएमओपीएस का संघर्ष अब सफलता की ओर अग्रसर है। कल झारखंड सरकार ने अपने कर्मियों के लिए पुरानी पेंशन बहाली की घोषणा कर दी और इस हेतु झारखंड कैबिनेट की बैठक में निर्णय लिया गया। इसके साथ ही झारखंड पुरानी पेंशन की घोषणा करने वाला तीसरा राज्य बन गया,यह सब एनएमओपीएस के बैनर तले संभव हो पाया है।  ये समाचार www.operafast.com पर पढ़ रहे हैं ।



पुरानी पेंशन स्कीम में रिटायर्ड कर्मचारियों को भी हर महीने में मिलने वाला महंगाई भत्ता भी मिलता था। लेकिन नई स्कीम में इसकी व्यवस्था नहीं है।


पुरानी पेंशन स्कीम में कर्मचारियों को रिटायरमेंट के समय 20 लाख रुपए तक की ग्रेच्युटी मिलती थी। लेकिन नई पेंशन योजना में ग्रेच्युटी का अस्थाई प्रावधान है।

क्या है पुरानी पेंशन



पुरानी योजना में कर्मचारियों की मौत पर उसके परिजनों को भी पेंशन मिलती थी। नई पेंशन योजना में भी कर्मचारियों की मौत पर परिजनों को पेंशन मिलती है, लेकिन योजना में जमा पैसा सरकार ले लेती है।
पुरानी पेंशन स्कीम एक स्वैच्छिक पेंशन योजना है जिसका भुगतान सरकार की ट्रेजरी के जरिए किया जाता है वही नई पेंशन योजना शेयर मार्केट के आधारित है बाजार के उतार-चढ़ाव के आधार पर ही भुगतान होता है पुरानी पेंशन में रिटायरमेंट के समय अंतिम बेसिक सैलरी के 50 प्रतिशत तक निश्चित पेंशन मिलती है ।





पुरानी पेंशन क्यों है जरूरी



नई पेंशन में 60 % कर्मचारी के रिटायरमेंट के समय कर्मचारी को मिल जाता है बाकी 40 होती है उसके आधार पर हर महीने के पेंशन मिलती है स्कीम के लागू होने से 3.35 लाख कर्मचारियों का फायदा मिलेगा।





इस अवसर पर एनएमओपीएस, बिहार के प्रदेश अध्यक्ष,वरुण पांडेय, प्रदेश महासचिव, शशि भूषण कुमार, वरिष्ठ उपाध्यक्ष,अनिरुद्ध प्रसाद, उपाध्यक्ष,संजीव तिवारी, मुख्य प्रवक्ता,संतोष कुमार समेत संगठन के सभी पदाधिकारियों के द्वारा इसे एनएमओपीएस,झारखंड के प्रदेश अध्यक्ष श्री विक्रांत सिंह जी की मेहनत और लगन का परिणाम बताया और पूरी झारखंड टीम को बहुत-बहुत बधाई व शुभकामनाएं दी।




झारखंड के समस्त शिक्षकों, कर्मचारियों एवं पदाधिकारियों के लिए यह ऐतिहासिक दिन है। एनएमओपीएस,बिहार टीम द्वारा झारखंड के माननीय मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन जी के प्रति विशेष आभार व्यक्त किया गया। उन्होंने जो एनएमओपीएस, झारखंड से वादा किया उसे कर दिखाया। इसके साथ ही एनएमओपीएस,बिहार टीम के द्वारा बिहार के संवेदनशील माननीय मुख्यमंत्री से भी अनुरोध किया गया कि बिहार सरकार के एनपीएस से आच्छादित कर्मियों के लिए जल्द ही पुरानी पेंशन बहाली के संदर्भ में निर्णय लिया जाए।



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Friday, 15 July 2022

सिमुलतल्ला आवासीय विद्यालय में 2023 में नामांकन के लिए आवेदन प्रारंभ, आवेदन यहां करें।

 

सिमुलतला आवासीय विद्यालय में 2023 में नामांकन के लिए आवेदन प्रारंभ, आवेदन यहां करें।

बिहार स्थित सिमुलतला आवासीय विद्यालय में नामांकन के लिए ऑनलाइन आवेदन की तिथि घोषित कर दी गई है। यह आवेदन वैसे छात्र छात्राओं के लिए है जो वर्ष 2022-2023 के लिए वर्ग 6 में नामांकन करवाना चाहते हैं। वे अपना नामांकन हेतु ऑनलाइन आवेदन दे सकते हैं। यह आवेदन की प्रक्रिया शुक्रवार से शुरू हो गई है। ये समाचार www.operafast.com  पर पढ़ रहे हैं।


आवेदन की अंतिम तिथि 6 अक्टूबर 2022 है। इसका नोटिफिकेशन बिहार बोर्ड के वेबसाइट पर देखा जा सकता है। छठी कक्षा में नामांकन के लिए पांचवी कक्षा में पढ़ रहे छात्र छात्राओं के लिए है ।



ऑनलाइन आवेदन देते समय छात्र छात्राओं को अपने जिला, प्रखंड , ग्राम, वर्तमान पत्राचार का पता के साथ साथ ओटीपी के लिए अपना वैलिड मोबाइल नंबर भी देना होगा। क्योंकि यहीं मोबाइल नंबर को यूजर आईडी के तौर पर उपयोग किया जा सकेगा। फॉर्म सबमिट करने के बाद मोबाइल पर एक पासवर्ड आएगा। जिसे भविष्य में उपयोग के लिए कही लिखकर रख लें। 


आवेदन पत्र में किसी प्रकार के त्रुटि होने पर इसी यूजर आईडी और पासवर्ड से लिंक खोलकर सुधार कर सकता है। फिर एडमिट कार्ड भी डाउनलोड करने के समय में इसी मोबाइल यूजर आईडी और पासवर्ड की जरूरत होगी।


Important Date


* Online application start from 15/07/2022

* Registration Last Date             04/08/2022

Fee Payment Last Date           04/08/2022

* Pre exam Date 20/08/2022

* Main exam Date 22/12/22


Apply Online        Click

Official website           Click


Application Fee


Genral/BC/EBC/EWS Candidates 200/-

SC/ST Candidates 50/-


Mode of Payment 

Credit card, Debit card, internet Banking



Total Seat     120


        MALE       Women

GEN    24          24

BC       07          07

EBC    11           11

SC      11           11

ST       01           01

EWS   06           06

Total  60           60


Age Limit in  01.04.2023

Min Age       10 Years

Max Age      12 Years


Educational Qualification

 कैंडिडेट को बिहार सरकार के किसी संबद्धता प्राप्त स्कूल से 5 वीं कक्षा पास होना चाहिए।

👉 अन्य समाचार के लिए यहां क्लिक करें

👉 Assistant professor की निकली वेकेंसी, अप्लाई यहां करें...

👉 बिहार के जहानाबाद में किसान चौपाल का आयोजन, अधिकारी भी रहे मौजूद

👉 स्टेशन प्रबंधक के रिटायरमेंट समारोह, अधिकारी ने संबोधित किया..


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Thursday, 14 July 2022

असिस्टेंट प्रोफेसर की निकली वेकेंसी, आवेदन यहां करें



UPHESC UP Assistant Professor Recruitment 2022


Short Information : U.P. Higher Education Services Commission (UPHESC) Are recently invited to Online Application Form for the post of Assistant Professor Recruitment 2022. The UPHESC has released 917 vacancies for the post of Assistant Professor for various subjects. All the interested candidates can apply for the UP Assistant professor recruitment from 9th July 2022 to 7 August 2022 through official website. All Eligibility & Interested Candidates Can Read Official Full Notification Before Apply Online. आप यह न्यूज www.operafast.com पर पढ़ रहे हैं।



Given Below Important Links


U.P. Higher Education Services Commission (UPHESC)

UP Assistant Professor Recruitment 2022

Advt.No. 51/2022




Important Dates

Online Apply Start On : 09 July 2022

Registration Last Date : 07 August 2022

Fee Payment Last Date : 08 August 2022

The date of the Complete Form : 10 July 2022

Date of Examination : Notify Soon

Admit Card Abailable On : Notify Soon

Application Fee

General /OBC/EWS Candidates : Rs. 2000/-

SC/ST Candidats : Rs. 1000/-

PH Candidates : Rs. 1000/–

Payment Mode : Pay the examination fee through Debit Card/Credit Card/Net Banking E-Challan Fee Mode.

Read Official Notification For More Details.

Age Limit as on 07/08/2022

Minimum Age : 23 Yrs.

Maximum Age : 62 Yrs.

Age Relaxation : Vacancy wise Age Relaxation. Read Official Notification For More Details.




UPHESC Recruitment 2022

Education Qualification

The minimum educational qualifications prescribed for the post of Assistant Professor contained in this advertisement are described below on the basis of subject.

Candidates have Master Degree in Related Subject with 55% Marks and NET/ SET/ SLET Passed.




For The Discipline of Arts, Commerce, Humanities, Education, Law, Social Sciences, Sciences, Languages, Library Science, Physical Education, and Journalism & Mass Communication, Music, Performing Arts, Visual Arts, Other Traditional Indian Art Forms like Sculpture, etc.,




(A)

1. Master’s Degree with 55% marks from recognised universities

2. NET Qualified or Ph.D (Prior to 2009)

(B)

Ph.D From Foreign University (Within top 500 ranking




Assistant Professor 917 Post-wise Vacancy 2022

In this, Assistant Professor 2022 recruitment has been taken for 917 posts, and these 917 Which is Advt No. Exposed through 51/2022 have been fixed only one post it is the Assistant Professor and job location will be Uttar Pradesh.

Total Vacancy : 917 Post

Vacancy Details




Subject Wise Vacancy




Hindi 80




English 62




Sociology 42




Geography 47




Political Science 44




Economics 60




B.Ed 75




Chemistry 70




Physics 47




Zoology 33




Commerce 49




Mathematics 24




Botany 48




Military Science 21







Psychology 17







Education 25




Sanskrit 43




Statistics 02




History 25




Ancient History 19




Agri. Economics 03




Law 08




Horticulture 03




Urdu 08




Animal Husbandry and Dairying 05




Music Sitar 04




Physical Education 03




Music Gayan 10




Home Science 10




Music Tabla 03




Philosophy 10




Drawing 09




Asian Culture 01




Anthropology 04




UPHESC Recruitment 2022

Selection Process

The candidates must appear for a written test and interview to be selected for the UPHESC Assistant Professor Recruitment Process. The UPHESC Assistant Professor Selection Process includes a written test of 200 marks and an interview of 30 marks. The candidates who will successfully complete the written test will be called for the interview. On the basis of the result of the written test and interview, the candidates will be selected for the post of UPHESC Assistant Professor.




UP Assistant Professor

Pay Scale

As per the last recruitment, selected candidates would get Rs. 15600- 39100/- (Grade Pay 6000/-)

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How to Apply

UPHESC Assistant Professor Recruitment 2022.

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All Interested Candidates can Apply Online from 09/07/2022 to 07/08/2022.

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Saturday, 2 July 2022

बिहार के इस प्रखंड में किसान चौपाल का आयोजन, अधिकारी भी रहे मौजूद

 



जहानाबाद जिले के मखदुमपुर प्रखंड में किसान चौपाल का आयोजन

जहानाबाद जिले के मखदुमपुर प्रखंड में किसान चौपाल का आयोजन 1 जुलाई को किया गया। यह किसान चौपाल का आयोजन हर साल वर्ष में दो बार बिहार सरकार के निर्देश के अनुसार किया जाता रहा है । ये समाचार आप www.operafast.com पर पढ़ रहे हैं।







इस चौपाल का आयोजन 1 जुलाई से 20 जुलाई तक प्रत्येक पंचायत में किया जाना है। इसी आलोक में मखदुमपुर प्रखंड के 3 पंचायतों में जुलाई माह के प्रथम दिन ही किसान चौपाल का आयोजन किया गया जिसमे प्रखंड के पूर्वी सरेन, पश्चिमी सरेन और कचनावां शामिल है। यह आयोजन खरीफ फसल के उत्पादन के हेतु किया गया। इन सभी पंचायतों में किसान चौपाल में उपस्थित किसानों के बीच नुक्कड़ नाटक के माध्यम किया गया।







इस चौपाल में सहायक कृषि अभियंत्रण स्नेहा कुमारी सहायक भूमि संरक्षण निदेशक राम लखन ठाकुर , प्रखंड तकनीकी प्रबंधक राम विवेक मिश्रा, पूजा कुमारी, लेखापाल धीरेंद्र कुमार पाठक, कृषि समन्वयक सत्येंद्र नारायण गौतम, पूर्वी और पश्चिमी सरेन प्रखंड के किसान सलाहकार नंदकिशोर कुमार, मुखिया प्रतिनिधि विक्रम कुमार, प्रेमचंद कुमार, कुंडल कुमार वर्मा, राजू कुमार, बिंदेश्वर प्रसाद, कृष्णा प्रसाद, हरिनंदन प्रसाद समेत अन्य अधिकारी और किसान उपस्थित थे।








किसानों को जैविक खेती, स्प्रिंकल सिंचाई प्रणाली, पराली नही जलाने के साथ तकनीकी खेती इत्यादि के तरीके को नुक्कड़ नाटक के माध्यम से बताकर जागरूक किया गया। वहां उपात्स्थिक लोगों को कृषि के साथ पशुपालन और उसके फायदे के बारे में भी विस्तार से बताया गया।

बिहार सरकार के कृषि विभाग की ओर से राज्य के ग्राम पंचायत के अंतर्गत चयनित गांव में राज्य के किसानों को कृषि संबंधित योजनाओं की जानकारी उपलब्ध कराने और किसानों की समस्याओं के समाधान हेतु किसान चौपाल का आयोजन किया जाता है ।