Sunday 17 July 2022

बिहार में शिक्षकों को फार्मल पैंट एवं फुल या हाफ शर्ट पहने का फरमान, टीशर्ट पहनने पर ....

बिहार में  शिक्षकों को फार्मल पैंट एवं फुल या हाफ शर्ट पहने का फरमान, टीशर्ट पहनने पर ....

सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों के जींस पैंट और टी शर्ट पहनकर आने पर रोक लगा दी गई है । नए जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) वीरेंद्र नारायण ने आदेश जारी कर शिक्षकों को फार्मल पैंट एवं फुल या हाफ शर्ट में ही स्कूल में शिक्षण कार्य करने का निर्देश दिया है।
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यदि शिक्षक परम्परागत ड्रेस पहनते हैं तो समाज में सकारात्मक संदेश जायेगा।अपनी भाषा,संस्कृति,सभ्यता का सम्मान ही संस्कार देगा।



हाजीपुर के नए जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) वीरेंद्र नारायण ने आदेश जारी कर शिक्षकों को फार्मल पैंट एवं फुल या हाफ शर्ट में ही स्कूल में शिक्षण कार्य करने का निर्देश दिया है. आदेश में लिखा है कि आए दिन इंटरनेट मीडिया में विद्यालयों में पठन-पाठन की अवधि में शिक्षकों के कुर्ता-पायजामा, जींस-टी शर्ट पहन कर कक्षा संचालन करने से शिक्षकों की नकारात्मक छवि प्रदर्शित हो रही है।


ऐसा इसलिए जरूरी है कि शिक्षक न सिर्फ विद्यालय में बल्कि विद्यालय अवधि के बाद भी छात्र-छात्राओं के मार्गदर्शक की भूमिका में होते हैं। इसलिए विद्यालय अवधि में फार्मल पैंट, फुल या हाफ शर्ट में ही विद्यालय में पठन-पाठन का कार्य करें, ताकि उनकी सौम्यता एवं शिष्टता बच्चों के लिए भी अनुकरणीय बन सके।

पत्र में जिला शिक्षा पदाधिकारी ने लिखा है कि समाज निर्माण एवं छात्र-छात्राओं के चरित्र निर्माण में शिक्षकों की अहम भूमिका होती है।


शिक्षक, पहेलियां, गुरु यह समाज का मार्गदर्शक होता आ आ रहा है वर्तमान समय में अंग वस्त्र में तमाम सारे परिवर्तन हुए जिसके तरफ नए शिक्षक भी आकर्षित हो रहे हैं यह दुखद स्थिति है अब ऐसा समय आ गया शिक्षकों का कि वे दूसरों को शिक्षा देते थे और उन्हें स्वयं शिक्षा लेना पड़ रहा है ।


वही कुछ शिक्षकों का कहना है कि शिक्षकों को उचित परिधान में आना चाहिए और नए शिक्षा पदाधिकारी के आदेश का स्वागत होना चाहिए इस आदेश का पर शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्य में क्यों लगाया जाता है?? क्या इस विषय पर आपत्ति नहीं होनी चाहिए??


स्कूल स्टूडेंट्स के साथ-साथ टीचर्स के लिये भी ड्रेस कोड लागू होना ही चाहिए। ड्रेस कोड कर्तव्यपरायणता के साथ-साथ अनुशासन के पालन में भी सहायक है।

स्टूडेंट्स और टीचर्स दोनों को ही विद्या मंदिर के लिये समर्पित होना ही नहीं, दिखना भी चाहिए। क्वालिटी टीचिंग के लिये, सर्विस डिफिशिएंसी को जीरो टॉलरेंस से डील करने पर फोकस कीजिए। चलो, देर आये दुरुस्त आए।


एक स्टूडेंट के पिता का कहना है कि शिक्षालयों में जींस पैण्ट और टी शर्ट्स पर रोक तो बहुत पहले लग जाना चाहिए था । अच्छा होता ड्रेस कोड निर्धारित कर दिया जाता ।
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