पूरे देश में पुरानी पेंशन योजना की बहाली हेतु संकल्पित संगठन एनएमओपीएस का संघर्ष अब सफलता की ओर अग्रसर है। कल झारखंड सरकार ने अपने कर्मियों के लिए पुरानी पेंशन बहाली की घोषणा कर दी और इस हेतु झारखंड कैबिनेट की बैठक में निर्णय लिया गया। इसके साथ ही झारखंड पुरानी पेंशन की घोषणा करने वाला तीसरा राज्य बन गया,यह सब एनएमओपीएस के बैनर तले संभव हो पाया है। ये समाचार www.operafast.com पर पढ़ रहे हैं ।
पुरानी पेंशन स्कीम में रिटायर्ड कर्मचारियों को भी हर महीने में मिलने वाला महंगाई भत्ता भी मिलता था। लेकिन नई स्कीम में इसकी व्यवस्था नहीं है।
पुरानी पेंशन स्कीम में कर्मचारियों को रिटायरमेंट के समय 20 लाख रुपए तक की ग्रेच्युटी मिलती थी। लेकिन नई पेंशन योजना में ग्रेच्युटी का अस्थाई प्रावधान है।
क्या है पुरानी पेंशन
पुरानी योजना में कर्मचारियों की मौत पर उसके परिजनों को भी पेंशन मिलती थी। नई पेंशन योजना में भी कर्मचारियों की मौत पर परिजनों को पेंशन मिलती है, लेकिन योजना में जमा पैसा सरकार ले लेती है।
पुरानी पेंशन स्कीम एक स्वैच्छिक पेंशन योजना है जिसका भुगतान सरकार की ट्रेजरी के जरिए किया जाता है वही नई पेंशन योजना शेयर मार्केट के आधारित है बाजार के उतार-चढ़ाव के आधार पर ही भुगतान होता है पुरानी पेंशन में रिटायरमेंट के समय अंतिम बेसिक सैलरी के 50 प्रतिशत तक निश्चित पेंशन मिलती है ।
पुरानी पेंशन क्यों है जरूरी
नई पेंशन में 60 % कर्मचारी के रिटायरमेंट के समय कर्मचारी को मिल जाता है बाकी 40 होती है उसके आधार पर हर महीने के पेंशन मिलती है स्कीम के लागू होने से 3.35 लाख कर्मचारियों का फायदा मिलेगा।
इस अवसर पर एनएमओपीएस, बिहार के प्रदेश अध्यक्ष,वरुण पांडेय, प्रदेश महासचिव, शशि भूषण कुमार, वरिष्ठ उपाध्यक्ष,अनिरुद्ध प्रसाद, उपाध्यक्ष,संजीव तिवारी, मुख्य प्रवक्ता,संतोष कुमार समेत संगठन के सभी पदाधिकारियों के द्वारा इसे एनएमओपीएस,झारखंड के प्रदेश अध्यक्ष श्री विक्रांत सिंह जी की मेहनत और लगन का परिणाम बताया और पूरी झारखंड टीम को बहुत-बहुत बधाई व शुभकामनाएं दी।
झारखंड के समस्त शिक्षकों, कर्मचारियों एवं पदाधिकारियों के लिए यह ऐतिहासिक दिन है। एनएमओपीएस,बिहार टीम द्वारा झारखंड के माननीय मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन जी के प्रति विशेष आभार व्यक्त किया गया। उन्होंने जो एनएमओपीएस, झारखंड से वादा किया उसे कर दिखाया। इसके साथ ही एनएमओपीएस,बिहार टीम के द्वारा बिहार के संवेदनशील माननीय मुख्यमंत्री से भी अनुरोध किया गया कि बिहार सरकार के एनपीएस से आच्छादित कर्मियों के लिए जल्द ही पुरानी पेंशन बहाली के संदर्भ में निर्णय लिया जाए।
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