Wednesday, 21 May 2025

कश्यप एक पाकिस्तानी एजेंट ... जाने गुप्तेश्वर पाण्डेय नहीं क्यों ऐसा कहां



यूँ ही कोई गुप्तेश्वर पांडेय नहीं हो जाते.........!!

बिहार पुलिस कैडर के डीजीपी पद से स्वैच्छिक सेवानिवृत IPS अधिकारी श्री गुप्तेश्वर पाण्डेय जी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखकर बिहार के चर्चित चेहरे के बारे में बताए हैं।

बिहार में मनीष कश्यप नाम के एक पत्रकार हैं । अभी एक डॉक्टर साहेब ने बताया कि पाकिस्तानी सेना के जनरल मौलाना मुनीर से मनीष के निजी संबंध है ।




 पाकिस्तानी जनरल ने भारत सरकार के ऑपरेशन सिंदूर का बदला लेने के लिए पटना के मनीष कश्यप को सेट कर गोला ,बम ,बारूद ,मिसाइल और एटम बम के साथ अकेले पटना PMCH (patna medical college and hospital ) को उड़ाने के लिए भेज दिया । मनीष को पीएमसीएच पर हमला कर उसको उड़ाना था । सैकड़ों डॉक्टर और हजारों मरीज की जिंदगी खतरे में थी।इसी बीच पीएमसीएच के डॉक्टरों को जनरल मुनीर की साजिश का पता चल गया । सैकड़ों देश भक्त डॉक्टरों ने अपनी जान को जोखिम को डाल कर देश के लिए शहादत देने का संकल्प लेते हुए बम गोली मिसाइल की परवाह किए बिना मनीष कश्यप पर हमला कर दिया जो अकेले थे । उनको घायल किया लेकिन चूँकि वो हिंसा में विश्वास नहीं करते इसलिए मनीष की हत्या नहीं की । अपने इस शौर्य पराक्रम से बहादुर डॉक्टर लोगों ने पीएमसीएच के सैकड़ों डॉक्टरों और हज़ारों मरीजों की जान बचा ली । पता चला है कि मनीष कश्यप के पास से Ak 47 सहित भारी संख्या में गोली बम और मिसाइलें बरामद की गई हैं । वही बहादुर डॉक्टर लोग अब एटम बम की खोज कर रहे हैं जो मनीष कश्यप लेकर गए थे । 

आशा है जल्दी उसकी भी बरामदगी हो ही जाएगी । मैं भारत सरकार से अपील करता हूँ कि पाकिस्तानी एजेंट आतंकवादी मनीष की पीएमसीएच को उड़ाने की योजना को अपनी जान जोखिम में डाल कर ध्वस्त करने के लिए उन डॉक्टरों को चिन्हित कर जीते जी उनको परमवीर चक्र देकर सम्मानित किया जाए । हमे ऐसे राष्ट्र भक्त ओजस्वी तेजस्वी पराक्रमी डॉक्टरों पर गर्व है । उन्होंने बिहार ही नहीं पूरे देश में अपने समुदाय का और देश का भी नाम रौशन किया है । बिहार या देश के चिकित्सकों के संघ ने भी अभी तक इन महापुरुषों को सम्मानित नहीं किया ,ये चिंता की बात है । इससे इन वीरों का मनोबल गिरेगा ।
 इस अभियान में भाग लेने वाले सभी डॉक्टर बंधुओं के पुरुषार्थ को मेरा विनम्र प्रणाम !जब तक ऐसे भारत माँ के सपूत हैं तब तक देश की आन बान शान को कोई खतरा नहीं ।

Saturday, 17 May 2025

गया शहर का नाम बदला, सरकार ने दी मंजूरी

गया शहर का नाम बदला, सरकार ने दी मंजूरी


 बिहार के कई शहर पौराणिक , ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टिकोण से अति महत्वपूर्ण है। बिहार सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने इसी उद्देश्य से बिहार के एक महत्वपूर्ण शहर का नाम बदल दिया है।





    ये शहर पहले गया नाम से जाना जाता था लेकिन अब इसका नामकरण ' गया जी ' कर दिया गया है। इसका कारण भी ऐतिहासिक, पौराणिक और धार्मिक है।


    गया शहर नामकरण के मद्देनजर बिहार सरकार के सचिव मोहम्मद सोहेल के द्वारा प्रेस नोट जारी कर इसकी सूचना दी गई है।

आम लोग इसे हमेशा से 'गया जी' ही कहते आ रहे थे। लेकिन सरकार ने लेटर जारी कर इस पर अपनी मुहर लगा दी है।

  गया शहर प्रमुख रूप से तीर्थस्थल के रूप में प्रसिद्ध है । प्रमुखतः हिंदू धर्म के लिए। यहां फल्गु नदी के किनारे विष्णु पद मंदिर है । जहां हिंदू लोग अपने पूर्वजों का पिंडदान करते है। यहां भगवान विष्णु का प्रसिद्ध मंदिर है जहां उनका चरण है। ऐसे गया शहर का नाम आज गया सुर नामक राक्षस के नाम पर पड़ा था। ऐसे आज भी कहा जाता है कि यह शहर गया सुर के पीठ पर बसा है।

   गया में विष्णु पद मंदिर, पितृ योनि पर्वत, अक्षयवट, मार्कण्डेय महादेव मंदिर है।

Sunday, 27 April 2025

व्यवहार न्यायालय कर्मचारी संघ की बैठक, मांगों की पूर्ति नहीं होने पर दिखे आक्रोशित

पटना।  दिनांक 27 अप्रैल 25 दिन रविवार को बिहार राज्य व्यवहार न्यायालय कर्मचारी संघ की बैठक श्री राजेश्वर तिवारी की अध्यक्षता में बिहार माध्यमिक शिक्षा संघ भवन, जमाल रोड पटना में संपन्न हुआ ।



  इस बैठक में जिला के प्रतिनिधि के साथ संघ के महासचिव श्री सत्यार्थ सिंह, कोषाध्यक्ष श्री संजीव कुमार चौधरी, श्री अवधेश कुमार तिवारी, श्री श्रीकांत जी संरक्षक श्री अश्विनी कुमार संयोजक, श्री सुशील कुमार राय सलाहकार, श्री नवेंदु कुमार उपाध्यक्ष, श्रीमति जया प्रभा उपाध्यक्ष (महिला प्रकोष्ठ), श्री पवन कुमार संघर्ष मंत्री, श्री अजीत कुमार संगठन सचिव, श्री मंजेश जी उपाध्यक्ष, श्री रंजीत कुमार सिन्हा, श्री सौरभ कुमार संयुक्त सचिव, श्री ओंकार पांडे, श्री शशि भूषण सिंहा कार्यकारणी सदस्य, जिला प्रतिनिधि के रूप में राज प्रकाश, श्री लाल साहब, अजीत जी, मोतिहारी, श्री रंजीत कुमार बेतिया, श्री अभिषेक कुमार दरभंगा, श्री दिनेश जी सासाराम, श्री मनोज कुमार, तारकेश्वर प्रसाद, समस्तीपुर, श्री राहुल कुमार खगड़िया, श्री सुभाष चंद्र शर्मा नवादा, श्री वीरेंद्र झा जहानाबाद, श्रीमान दीपक कुमार, बासवान जी, दीपक कुमार दीपू आरा भोजपुर, बासुकिनाथ सिंह कैमूर भभुआ, श्री दिनेश कुमार गया एवं अन्य जिला के प्रतिनिधि उपस्थित होकर अपना अपना विचार/परामर्श से अवगत कराया।
  उपस्थित सभी पदाधिकारियों के द्वारा अपनी मांगो की पूर्ति नहीं किए जाने पर कर्मचारियों में निराशा की भावना जागृत होने के साथ आक्रोशित दिखें, जबकि महासचिव श्री सत्यार्थ सिंह जी के माननीय उच्च न्यायालय पटना के द्वारा अभी तक किए गए कार्यवाही से अवगत कराया कि माननीय उच्च न्यायालय पटना के द्वारा अनुकंपा पर नियुक्ति के मामले में सभी प्रधान जिला न्यायाधीश महोदय से प्रतिवेदन की मांग किया गया और चतुर्थ वर्गीय को तृतीय वर्ग में पदोन्नति हेतु संयोजक पटना को पत्र भेजा गया है । माननीय उच्च न्यायालय पटना के द्वारा व्यवहार न्यायालय कर्मचारियों की समस्याओं के निराकरण हेतु एक समिति का गठन किया गया है।

 सभी उपस्थित सदस्यों के द्वारा बारी-बारी से अपनी अपनी बात रखने का अवसर दिया गया जिस पर सभी जिला प्रतिनिधि एवं उपस्थित संघ के पदाधिकारी के द्वारा सुझाव एवं परामर्श दिया गया संघ के संरक्षक श्री अवधेश तिवारी जी के द्वारा कई सुझाव दिया गया। अंत में संयोजक महोदय ने सदन में लिए गए निर्णय से सभी की सहमति प्रदान कराई गई। माननीय उच्च न्यायालय के द्वारा गठित समिति की बैठक जल्द करके सभी मांगों की पूर्ति करने का अनुरोध हेतु संघ के अधिकारियों को अधिकृत किया गया। जून तक मांगों की पूर्ति नहीं होने पर आंदोलनात्मक कार्यवाही करने का निर्णय लिया गया। सभी कर्मचारियों के द्वारा माननीय उच्च न्यायालय पटना के पत्रांक 60953-60989 दिनांक 23.12.2021 के आलोक में कार्य करते हुए समय पर न्यायालय आने और समय पर जाने और पीठ सहायक के द्वारा तिथि का निर्धारण नहीं करने का निर्णय लिया लिया गया (काम करने का ठीकेदारी नहीं करेंगे)। अवकाश के दिनों में काम के बदले  क्षतिपूर्ति नहीं होने पर काम नहीं किया जाएगा। 
 बैठक में सभी सदस्यों को वार्षिक ₹200 सदस्यता शुल्क निर्धारित किया गया है। जिसमें ₹100 जिला इकाई तथा ₹100 राज्य संघ के खाते में जमा किया जाएगा। राज्य संघ का वार्षिक सम्मेलन भी जुलाई अगस्त में किया जाएगा। अंत में सभी सदस्यों को धन्यवाद आभार व्यक्त करते हुए सभा की कार्रवाई समाप्त की गयी।

Sunday, 9 March 2025

न्यायालय कर्मचारी संघ के पुनः अध्यक्ष चुने गए राजेश्वर तिवारी

न्यायालय कर्मचारी संघ के पुनः अध्यक्ष चुने गए राजेश्वर तिवारी

पटना 9 मार्च।  बिहार राज्य व्यवहार न्यायालय कर्मचारी संघ के चुनाव में अध्यक्ष के रूप में पुनः राजेश्वर तिवारी एवं महासचिव के रूप में सत्यार्थ सिंह आज पटना में चुन लिए गये है।



कर्मचारियों के संघ के अध्यक्ष पद दुबारा चुने जाने के बाद श्री राजेश्वर तिवारी ने कहा कि राज्य की अधीनस्थ अदालतों के हजारों कर्मचारियों को कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश सहित वरिष्ठ न्यायाधीशों के प्रोन्नति एवं अन्य मांगों पर अविलंब विचार करने के आश्वासन के एक माह बाद भी कोई प्रोन्नति आदि का लाभ नहीं मिल पाया है।



बिहार राज्य व्यवहार न्यायालय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष राजेश्वर तिवारी ने आज यहां बताया कि जनवरी में कर्मचारियों ने अपनी अनिश्चितकालीन हड़ताल पटना उच्च न्यायालय के कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आशुतोष कुमार के आश्वासन के बाद वापस ले लिया था लेकिन दुर्भाग्य है कि कर्मचारियों को आश्वासन के सिवाय कुछ नहीं मिल सका है।

कर्मचारी संघ के अध्यक्ष ने कहा कि 6 मार्च को कर्मचारियों की समस्या और मांगों को लेकर पटना उच्च न्यायालय के महानिबंधक के साथ वार्ता हुई हैं जिसमें सकारात्मक परिणाम का आश्वासन संघ को मिला है।

श्री तिवारी ने बताया कि अभी तक पटना उच्च न्यायालय एवं राज्य सरकार ने न्यायिक कर्मचारियों के बेहतर वेतनमान औऱ पदोन्नति के लिए पहल नहीं किया है। पूरे राज्य में अनुकम्पा नियुक्ति की प्रक्रिया या तो रोक लगा दिया गया है या कई मामलों को अस्वीकृत कर दिया गया है।

अतः न्यायिक कर्मचारियों ने स्नातक स्तर का वेतन , वेतन विसंगति एवं पदोन्नति के लिये स्पष्ट निर्देश के लिए मुख्य न्यायाधीश एवं महानिबंधक पटना उच्च न्यायालय से बार बार मांग पत्र सौंपा गया है। बिहार सरकार के विधि सचिव एवं वित्त सचिव से भी न्यायलीय कर्मचारियों की समस्याओं और मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार करने का अनुरोध किया गया है।

संघ के अध्यक्ष ने कहा कि मांगों के विपरीत राज्य सरकार द्वारा विभिन्न न्यायमण्डलों से किसी मुद्दे पर मांगे गए मार्गदर्शन के आलोक में हर बार अलग अलग पत्र जारी कर न्यायिक कर्मचारियों के मुद्दे को और जटिल बना दिया गया है।

उन्होंने बताया कि न्यायिक कर्मचारियों के वेतन और पदोन्नति के लिए गठित केंद्रीयकृत समिति भी अभी तक कोई ठोस निर्णय नहीं ले सकी है और उसे भी मार्गदर्शन की ही प्रतीक्षा है। उन्होंने बताया कि पटना उच्च न्यायालय के पास अधीनस्थ अदालतों के कर्मचारियों की प्रोन्नति या अन्य किसी समस्याओं के लिए कोई खाका या ब्लूप्रिंट आज तक नहीं है, नतीज़तन सभी न्यायिक कर्मचारियों का प्रोन्नति आदि दशकों से ठप है।

श्री तिवारी ने कहा कि राज्य भर के न्यायिक कर्मचारियों को दशकों से उचित वेतनमान और पदोन्नति से वंचित रखा गया है और अदालतों को न्यायिक कर्मचारियों के लिए यातनागृह बना दिया गया है।

उन्होंने बताया कि विभिन्न न्यायमण्डलों में उच्चतर पदों पर कर्मचारियों को प्रभारी बनाकर कार्य संपादित कराया जा रहा है और उच्चतर पद के अनुरूप वेतन से वंचित कर दिया गया है।

इससे कर्मचारियों में गहरा आक्रोश एवं अवसाद हैं।

Wednesday, 22 January 2025

प्रगति यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा विभिन्न विकास योजनाओं का उद्घाटन....

प्रगति यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा विभिन्न विकास योजनाओं का उद्घाटन....


आज ‘प्रगति यात्रा’ के क्रम में अररिया जिले में विभिन्न विकास योजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास किया। भ्रमण के दौरान रानीगंज प्रखंड के हांसा पंचायत के बलुआ गांव में जल-जीवन-हरियाली अभियान के अंतर्गत जीर्णोद्धार किए गए बलुआ तालाब का निरीक्षण किया। हांसा में राजकीयकृत रामानुग्रह उच्च विद्यालय में खेल मैदान, नेचर क्लासरूम तथा रोबोटिक्स लैब का निरीक्षण किया। इसके अतिरिक्त हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का भी उद्घाटन किया। साथ ही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के अंतर्गत लाभुकों को स्वीकृत राशि का चेक भी प्रदान किया।



आज ‘प्रगति यात्रा’ के क्रम में अररिया जिले में विभिन्न विकास योजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास किया। भ्रमण के दौरान रानीगंज प्रखंड के हांसा पंचायत के बलुआ गांव में जल-जीवन-हरियाली अभियान के अंतर्गत जीर्णोद्धार किए गए बलुआ तालाब का निरीक्षण किया। हांसा में राजकीयकृत रामानुग्रह उच्च विद्यालय में खेल मैदान, नेचर क्लासरूम तथा रोबोटिक्स लैब का निरीक्षण किया। इसके अतिरिक्त हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का भी उद्घाटन किया। साथ ही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के अंतर्गत लाभुकों को स्वीकृत राशि का चेक भी प्रदान किया।


आज ‘प्रगति यात्रा’ के क्रम में अररिया जिले में विभिन्न विकास योजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास किया। भ्रमण के दौरान रानीगंज प्रखंड के हांसा पंचायत के बलुआ गांव में जल-जीवन-हरियाली अभियान के अंतर्गत जीर्णोद्धार किए गए बलुआ तालाब का निरीक्षण किया। हांसा में राजकीयकृत रामानुग्रह उच्च विद्यालय में खेल मैदान, नेचर क्लासरूम तथा रोबोटिक्स लैब का निरीक्षण किया। इसके अतिरिक्त हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का भी उद्घाटन किया। साथ ही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के अंतर्गत लाभुकों को स्वीकृत राशि का चेक भी प्रदान किया।


Monday, 20 January 2025

न्यायालय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष को छपरा में स्वागत, किये आभार व्यक्त

व्यवहार न्यायालय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष को छपरा में स्वागत, किये आभार व्यक्त
बिहार राज्य व्यवहार न्यायालय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष श्री राजेश्वर तिवारी जी को छपरा पहुंचने पर छपरा न्यायमंडल के सभी कर्मचारी के द्वारा सम्मानित किया गया साथ साथ ही माननीय उच्च न्यायालय पटना सरकार के सम्मान जनक समझौता के लिए धन्यवाद दिया गया।

 श्री राजेश्वर तिवारी जी के द्वारा बिहार राज्य व्यवहार न्यायालय कर्मचारी संघ के आह्वान पर छपरा न्यायमंडल के सभी कर्मचारी के साथ साथ पूरे बिहार के जिला अदालत के सभी कर्मचारी को एकजुटता के साथ हड़ताल का पूर्ण समर्थन/सहयोग देकर सफल बनाने के आभार व्यक्त किया गया उनके द्वारा सभी जिला के नव नियुक्ति कोर्ट रीडर को भी पूर्ण रूप से समर्थन सहयोग देने के लिए आभार व्यक्त किया गया।


 श्री तिवारी जी के द्वारा छपरा न्यायमंडल के बार एसोसिएशन के अध्यक्ष/सचिव के साथ साथ सभी जिला बार एसोशिएशन के अध्यक्ष सचिव एवं सभी अधिवक्ता महोदय को नैतिक समर्थन देने के लिए आभार व्यक्त किया गया। अंत में श्री तिवारी से पूछने पर कि अगर सरकार आप की मांग निर्धारित समय के अंदर नहीं नहीं माने जाने पर तो उनके द्वारा कहा गया कि मार्च में पुनः इससे बेहतर आंदोलन/हड़ताल किया जाएगा।

Wednesday, 15 January 2025

व्यवहार न्यायालय कर्मचारी का आज से हड़ताल, गाइडलाइन जारी..

व्यवहार न्यायालय कर्मचारी का आज से हड़ताल, गाइडलाइन जारी..

बिहार राज्य व्यवहार न्यायलय कर्मचारी संघ के द्वारा आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल घोषित किए जाने के बाद जिला संरक्षक, सलाहकार, समन्यवक, राज्य, संघ के उपाध्यक्षक एवं अन्य पदाधिकारीगण सभी जिला अध्यक्ष, सचिव,सक्रिय सदस्य के लिए पत्र लिखकर एक गाइडलाइन जारी किया गया है। ऐसे हड़ताल तो पूरे बिहार में है लेकिन पहली तस्वीर सारण से आई है।




इस गाइडलाइन के द्वारा संघ के अध्यक्ष श्री राजेश्वर तिवारी के द्वारा बताया गया कि माननीय सर्वोच्च एवं उच्च न्यायालय के न्यायिक एवं प्रशासनिक आदेशो के बावजूद बिहार सरकार के द्वारा फिटमेंट अपील समिति की अनुशंसा के विरुद्ध द्वोष पूर्ण नीति से ज्ञापांक 8164/ जे0 दिनांक 20.12. 2024 द्वारा विधि विभाग द्वारा निर्गत सकारण आदेश के विरोध एवं चार सुत्री मांग के समर्थन में बिहार राज्य व्यवहार न्यायालय कर्मचारी संघ द्वारा दिनांक 16.01.2025 से किये जाने वाले अनिश्चितकालीन कलमबन्द हड़ताल का मानक संचालन प्रक्रिया तय किया गया है जिसे अक्षरशः पालन किया जाना चाहिए।

क्या करें :-

1. अनिश्चितकालीन कलमबन्द हड़ताल के संबन्ध में सभी जिला संघ को अपने प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश महोदय को सुचना देनी होगी।

2. सभी कोर्ट और कार्यालय कि चाभी एक साथ एक डब्बा में रख कर दिनांक 15.01.2025 के सन्ध्या 5:30 को प्रभारी न्यायाधीष या पीठासीन पदाधिकारी या प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश महोदय या इनके प्रभारी महोदय को प्रपत्र-क के साथ देना होगा।

3. विरोध प्रदर्शन स्थल कोर्ट परिसर के अन्दर या मुख्य द्वार पर होगा, जहाँ कर्मचारीगण एक साथ एकत्रित होकर शान्तिपूर्वक विरोध प्रदर्शन चार सुत्री मांग के समर्थन में पुरे न्यायालय अवधि के दौरान सुबह से शाम तक करेंगे। राज्य संघ द्वारा निश्चित चार मांगों को ही नारेबाजी के दौरान दोहराया जाना है। धिमे स्तर के ध्वनि यन्त्र का प्रयोग करना हैं। किसी भी परिस्थिति मे अपनी विनम्रता और सौम्य व्यवहार को नही छोड़ना हैं।

4. सभी कर्मचारी यह शान्तिपूर्वक सुनिश्चित करेंगे कि दिनांक 15.01.2025 तक योगदान दिए हुए सभी कर्मचारी (पुनः नियोजित कर्मचारी भी) इस अनिश्चितकालीन कलमबन्द हड़ताल में साथ में रहेंगे।

5. कर्मचारीगण कुछ व्यक्ति कि टोली बनाकर न्यायालय का भ्रमण करते रहेंगे ताकी पूर्णतः अनिश्चितकालीन कलमबन्द हड़ताल सुनिश्चित कि जा सकें।

6. न्यायालय एवं न्यायालिय कार्यालय समेत, फैक्स, ई-मेल, इंग्लिश ऑफिस, नाजारत, लेखाविभाग, केस फाइलिंग काउन्टर, रिलीज और रिमांड सभी पूर्णतः बन्द रहेंगे ।

7. किसी भी आपातकालीन परिस्थिति में राज्य एवं जिला संघ के पदाधिकारी से सम्पर्क किया जा सकता हैं, साथ हि विषम परिस्थिति में अपने व्यवहारिक विवेक का भी प्रयोग करना हैं।

8. राज्यसंघ द्वारा समय समय पर निर्देशित सुझावों के अनुसार ही अनिश्चितकालीन कलमबन्द हड़ताल की गतिविधि में परिवर्तन किया जा सकेगा।

9. यदि किसी जिला इकाई के द्वारा 15.01.2025. को कार्यालय अवधि के पश्चात अपने-अपने कार्यालय की चाभी सौंपने के बाद चाहे तो कैंडिल मार्च न्यायालय परिसर से निकटतम चैराहे तक जा सकते हैं लेकिन किसी तरह के नारेबाजी नहीं करेंगे और इसकी सूचना पूर्व में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीष महोदय, जिला अधिकारी महोदय एवं आरक्षी अधीक्षक महोदय एवं सम्बंधित थानाध्यक्ष को लिखित रूप से देना अनिवार्य होगा।

10. जो प्रोसेस सर्वर के पास बिना तामिला प्रोसेस होगा वह प्रभारी न्यायाधीश को 15.01.2025. को शाम में आवश्यक रूप से प्राप्त करा देंगे।

क्या नहीं करें :-

1. कोई भी कर्मचारी किसी भी परिस्थिति में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश समेत किसी भी पदाधिकारी महोदय के आवास पर नही जाएंगे।

2. कोई भी कर्मचारी किसी भी परिस्थिति मे दिनांक 15.01.2025 के बाद कि अवधि का किसी भी प्रकार का छुट्टी का आवेदन नहीं देंगे तथा मुख्यालय से बाहर नहीं रहेंगे ।

3. अनिश्चितकालीन कलमबन्द हड़ताल के दौरान किसी भी राजनीतिक, धार्मिक, असंसदिय तथा उन्मादी स्लोगन पुरी तरह से वर्जित होगा ।

4. न्यायिक प्रक्रिया से जुड़े किसी भी व्यक्ति पर कोई निजी टिप्पणी नहीं करेंगे तथा अनैतिक व्यवहार नहीं करेंगे। कोई रास्ता अवरुद्ध नहीं करेंगे ।

5. किसी भी राजनीतिक या वीआईपी व्यक्ति को अनिश्चितकालीन कलमबन्द हड़ताल के किसी भी स्तर पर शामिल नहीं करना हैं।

इस अवधि के दौरान अगर संबन्धित न्यायालय या कार्यालय के कर्मचारी के अलावा किसी अन्य कर्मचारी का सहयोग लिया जाता हैं तो उस दौरान हुई किसी भी प्रकार कि क्षति (जैसेः अभिलेख या अन्य किसी भी महत्वपूर्ण कागजात का भुल जाना / फट जाना / गायब हो जाना इत्यादी) के लिए श्रीमान स्वमं हि जिम्मेदार होंगे, इसके लिए उस न्यायालय या कार्यालय मे अनिश्चितकालीन कलमबन्द हड़ताल के पूर्व में काम कर रहे कर्मचारी पर जिम्मेदारी नहीं डाली जा सकती हैं।

उन्होंने अनिश्चितकालीन कलमबन्द हड़ताल मे सहयोग करने की आग्रह करते हुए अपनी मुख्य मांगों को दोहराया। जिसमें

1. वेतन विसंगति को जल्द से जल्द दूर किया जाय।

2. सभी संवर्ग के कर्मचारियों को शीघ्र प्रोन्नति दी जाय।

3. शत प्रतिशत अनुकंपा पर बहाली किया जाय।

4. विशेष न्यायिक कैडर लागू किया जाय।

Tuesday, 31 December 2024

व्यथित न्यायकर्मी सामूहिक अवकाश पर जाने को विवश

व्यथित न्यायकर्मी सामूहिक अवकाश पर जाने को विवश

बिहार व्यवहार न्यायालय कर्मचारी संघ पटना के अध्यक्ष श्री राजेश्वर तिवारी जी द्वारा आम जनता के नाम एक अपील जारी किया गया है। जिसमें उन्होंने सिविल कोर्ट में न्याय के लिए आनेवाले आम जनता को दिनांक 16/01/2025 से होने वाले असुविधा के लिए बिहार राज्य कोर्ट कर्मचारी संघ क्षमा प्रार्थी कहा है।


बिहार सरकार के विधि विभाग ने ज्ञापांक 8164 / दिनांक 20/12/2024 के माध्यम से , माननीय सर्वोच्च न्यायालय/माननीय उच्च न्यायालय,पटना द्वारा पारित कई अंतिम आदेशों को निरस्त करते हुए, एक ऐसा सकारण आदेश निर्गत किया है, जो सरकार की निरंकुशता का परिचायक है। बिहार सरकार के द्वारा इस तरह के कृत्य से संवैधानिक न्यायिक संस्था का गंभीर मजाक उड़ाया गया है।

फलस्वरूप अत्यंत व्यथित होकर हम न्यायिक कर्मी दिनांक 16/01/2025 से न्यायिक आदेशों की गरिमा बहाल होने तक सामूहिक अवकाश पर जाने को विवश हैं।

Sunday, 29 December 2024

किन किन ट्रेनों का बदला टाइम



दक्षिण पूर्व रेलवे में एक जनवरी से बड़ा बदलाव होने जा रहा है. इसके तहत करीब 20 ट्रेनों का समय बदलने वाला है. करीब 15 मिनट से लेकर आधे घंट तक का बदलाव किया गया है. वहीं ट्रेनों का नंबर भी बदला गया है। कुल 44 ट्रेनों का नंबर बदल दिया गया है. इसे एक जनवरी 2025 से लागू किया गया है. ट्रेनों का नंबर प्लेट बदला जा रहा है. कोल्हान के विभिन्न स्टेशन से होकर गुजरने वाली 44 ट्रेनों के नंबर एक जनवरी से बदल जाएंगे।


किन-किन ट्रेनों का बदला समय

टाटानगर एर्नाकुलम एक्सप्रेस सुबह 5.15 की जगह 5 बजे खुलेगी।

टाटानगर-विशाखापत्तनम सुबह 7.20 के बदले 7.25 बजे खुलेगी।

टाटानगर यशवंतपुर शाम 6.15 के बजाय शाम 5.45 बजे खुलेगी।

टाटानगर- बेंगलुरू एक्सप्रेस शाम 7.15 के बजाय शाम 5.45 बजे खुलेगी।

टाटा-बिलासपुर एक्सप्रेस शाम 7.45 बजे के बदले शाम 7 बजे खुलेगी।

टाटानगर-राउरकेला मेमू शाम 3.35 के बदले शाम 5.20 बजे खुलेगी।

टाटानगर-ब्रह्मपुर वंदे भारत दोपहर 2.50 बजे के बदले दोपहर 2.30 खुलेगी।

टाटानगर- बक्सर सुबह 8.15 के बदले सुबह 7.55 बजे खुलेगी।

टाटानगर- हटिया दोपहर 12.00 के बजाय सुबह 11.50 बजे खुलेगी।

टाटानगर- गोड्डा दोपहर 2.15 के बदले दोपहर 2.00 बजे खुलेगी।

टाटानगर- जम्मू शाम 5.05 के बदले शाम 4.55 बजे खुलेगी।

टाटानगर- अमृतसर जलियांवाला बाग एक्सप्रेस रात 8.55 के बदले रात 8.30 बजे खुलेगी।

टाटानगर- थावे छपरा रात 9.10 के बजाय रात 8.45 बजे खुलेगी।

टाटानगर-कटिहार रात 9.10 के बदले रात 8.45 बजे खुलेगी।

टाटा-पटना वंदे भारत ट्रे न सुबह 5.30 के बदले 5.25 बजे खुलेगी।

टाटानगर- बादामपहाड़ मेमू ट्रेन सुबह 4.00 के बदले शाम …4.15 बजे खुलेगी।

टाटानगर- बादामपहाड़ मेमू ट्रेन सुबह 9.50 के बदले 9.35 बजे खुलेगी।

टाटा- जयनगर शाम 6.50 बजे के बजाय शाम 6.40 बजे खुलेगी।

टाटा- पटना ट्रेन शाम 5.30 बजे के बजाय शाम 5.25 बजे खुलेगी।

टाटा- आरा ट्रेन सुबह 8.15 बजे के बजाय सुबह 7.55 बजे खुलेगी।





Saturday, 28 December 2024

सभी विभागों में मिली प्रोन्नति, तो न्याय विभाग में क्यों रुकी उन्नति, 16 जनवरी से हड़ताल का आवाह्न.....

सभी विभागों में मिली प्रोन्नति, तो न्याय विभाग में क्यों रुकी उन्नति, 16 जनवरी से हड़ताल का आवाह्न.....

बिहार राज्य व्यवहार न्यायालय कर्मचारी संघ के आह्वान पर बिहार के सभी न्यायालय के कर्मचारीयों द्वारा कलमबंद हड़ताल किए जाने का निर्णय लिया गया है। यह हड़ताल 16 जनवरी 2025 से किया जाना सुनिश्चित किया गया है।



संघ के अध्यक्ष श्री राजेश्वर तिवारी जी के द्वारा बताया गया कि बिहार सरकार के विधि, वित्त एवं कार्मिक विभाग ने कई वर्षों से माननीय सर्वोच्च एवं उच्च न्यायालय के अंतिम आदेशों का लगातार उल्लंघन कर अवमानना का कार्य किया है ऐसे में हमारी एक मात्र मांग है कि :-

1. दोषी अधिकारी के विरूद्ध न्यायालय के अवमानना की करवाई कर दंडित किया जाय,

2. माननीय न्यायालय के विभिन्न आदेशों के अनुरूप 16.01.2025 तक सचिवालय सहायक के समतुल्य वेतन उत्क्रमण, विभिन्न प्रोन्नति लाभ तथा उनके आर्थिक लाभ का भुगतान सुनिश्चित किया जाय,

3. सेवा कल के दौरान मृत कर्मी को उनकी योग्यता के आधार पर अनुकंपा पर लंबित नियुक्ति 16.01.2025 तक सुनिश्चित किया जाय।

न्यायपालिका के दैनिक गुणवत्तापूर्ण कार्यशैली कार्यपालिका के कार्यशैली से श्रेष्ठ होने के कारण अतुलनीय है। हमारा कार्य दैनिक वाद संचालन, वादों को भिन्न चरणों में कोर्ट डेयरी में अंकित कर, दैनिक आदेश फलक तैयार करना, निष्पादित वाद में Decree/ Probate/ Succession आदि प्रमाण पत्र निर्गत करने में भूमिका न्याय को अंतिमता प्रदान करने का कार्य हमलोग की कार्यशैली श्रेष्ठ घोषित करती हैं । जिला न्यायपालिका का स्थान उत्कृष्ट होने के कारण बिहार में न्यायिक पदाधिकारीगण जो राज्य स्तर के पदाधिकारी हैं के वेतनमान एवं अन्य भत्ता केंद्रीय स्तर के सर्वोच्च पद IAS/ IPS से भी अधिक प्रदान किया गया है । अतः जिला न्यायालय के स्थापना की तुलना मुफशिल या कलेक्ट्रेट आदि से कदापि नहीं की जा सकती।