Sunday, 9 March 2025

न्यायालय कर्मचारी संघ के पुनः अध्यक्ष चुने गए राजेश्वर तिवारी

न्यायालय कर्मचारी संघ के पुनः अध्यक्ष चुने गए राजेश्वर तिवारी

पटना 9 मार्च।  बिहार राज्य व्यवहार न्यायालय कर्मचारी संघ के चुनाव में अध्यक्ष के रूप में पुनः राजेश्वर तिवारी एवं महासचिव के रूप में सत्यार्थ सिंह आज पटना में चुन लिए गये है।



कर्मचारियों के संघ के अध्यक्ष पद दुबारा चुने जाने के बाद श्री राजेश्वर तिवारी ने कहा कि राज्य की अधीनस्थ अदालतों के हजारों कर्मचारियों को कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश सहित वरिष्ठ न्यायाधीशों के प्रोन्नति एवं अन्य मांगों पर अविलंब विचार करने के आश्वासन के एक माह बाद भी कोई प्रोन्नति आदि का लाभ नहीं मिल पाया है।



बिहार राज्य व्यवहार न्यायालय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष राजेश्वर तिवारी ने आज यहां बताया कि जनवरी में कर्मचारियों ने अपनी अनिश्चितकालीन हड़ताल पटना उच्च न्यायालय के कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आशुतोष कुमार के आश्वासन के बाद वापस ले लिया था लेकिन दुर्भाग्य है कि कर्मचारियों को आश्वासन के सिवाय कुछ नहीं मिल सका है।

कर्मचारी संघ के अध्यक्ष ने कहा कि 6 मार्च को कर्मचारियों की समस्या और मांगों को लेकर पटना उच्च न्यायालय के महानिबंधक के साथ वार्ता हुई हैं जिसमें सकारात्मक परिणाम का आश्वासन संघ को मिला है।

श्री तिवारी ने बताया कि अभी तक पटना उच्च न्यायालय एवं राज्य सरकार ने न्यायिक कर्मचारियों के बेहतर वेतनमान औऱ पदोन्नति के लिए पहल नहीं किया है। पूरे राज्य में अनुकम्पा नियुक्ति की प्रक्रिया या तो रोक लगा दिया गया है या कई मामलों को अस्वीकृत कर दिया गया है।

अतः न्यायिक कर्मचारियों ने स्नातक स्तर का वेतन , वेतन विसंगति एवं पदोन्नति के लिये स्पष्ट निर्देश के लिए मुख्य न्यायाधीश एवं महानिबंधक पटना उच्च न्यायालय से बार बार मांग पत्र सौंपा गया है। बिहार सरकार के विधि सचिव एवं वित्त सचिव से भी न्यायलीय कर्मचारियों की समस्याओं और मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार करने का अनुरोध किया गया है।

संघ के अध्यक्ष ने कहा कि मांगों के विपरीत राज्य सरकार द्वारा विभिन्न न्यायमण्डलों से किसी मुद्दे पर मांगे गए मार्गदर्शन के आलोक में हर बार अलग अलग पत्र जारी कर न्यायिक कर्मचारियों के मुद्दे को और जटिल बना दिया गया है।

उन्होंने बताया कि न्यायिक कर्मचारियों के वेतन और पदोन्नति के लिए गठित केंद्रीयकृत समिति भी अभी तक कोई ठोस निर्णय नहीं ले सकी है और उसे भी मार्गदर्शन की ही प्रतीक्षा है। उन्होंने बताया कि पटना उच्च न्यायालय के पास अधीनस्थ अदालतों के कर्मचारियों की प्रोन्नति या अन्य किसी समस्याओं के लिए कोई खाका या ब्लूप्रिंट आज तक नहीं है, नतीज़तन सभी न्यायिक कर्मचारियों का प्रोन्नति आदि दशकों से ठप है।

श्री तिवारी ने कहा कि राज्य भर के न्यायिक कर्मचारियों को दशकों से उचित वेतनमान और पदोन्नति से वंचित रखा गया है और अदालतों को न्यायिक कर्मचारियों के लिए यातनागृह बना दिया गया है।

उन्होंने बताया कि विभिन्न न्यायमण्डलों में उच्चतर पदों पर कर्मचारियों को प्रभारी बनाकर कार्य संपादित कराया जा रहा है और उच्चतर पद के अनुरूप वेतन से वंचित कर दिया गया है।

इससे कर्मचारियों में गहरा आक्रोश एवं अवसाद हैं।

Wednesday, 22 January 2025

प्रगति यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा विभिन्न विकास योजनाओं का उद्घाटन....

प्रगति यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा विभिन्न विकास योजनाओं का उद्घाटन....


आज ‘प्रगति यात्रा’ के क्रम में अररिया जिले में विभिन्न विकास योजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास किया। भ्रमण के दौरान रानीगंज प्रखंड के हांसा पंचायत के बलुआ गांव में जल-जीवन-हरियाली अभियान के अंतर्गत जीर्णोद्धार किए गए बलुआ तालाब का निरीक्षण किया। हांसा में राजकीयकृत रामानुग्रह उच्च विद्यालय में खेल मैदान, नेचर क्लासरूम तथा रोबोटिक्स लैब का निरीक्षण किया। इसके अतिरिक्त हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का भी उद्घाटन किया। साथ ही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के अंतर्गत लाभुकों को स्वीकृत राशि का चेक भी प्रदान किया।



आज ‘प्रगति यात्रा’ के क्रम में अररिया जिले में विभिन्न विकास योजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास किया। भ्रमण के दौरान रानीगंज प्रखंड के हांसा पंचायत के बलुआ गांव में जल-जीवन-हरियाली अभियान के अंतर्गत जीर्णोद्धार किए गए बलुआ तालाब का निरीक्षण किया। हांसा में राजकीयकृत रामानुग्रह उच्च विद्यालय में खेल मैदान, नेचर क्लासरूम तथा रोबोटिक्स लैब का निरीक्षण किया। इसके अतिरिक्त हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का भी उद्घाटन किया। साथ ही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के अंतर्गत लाभुकों को स्वीकृत राशि का चेक भी प्रदान किया।


आज ‘प्रगति यात्रा’ के क्रम में अररिया जिले में विभिन्न विकास योजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास किया। भ्रमण के दौरान रानीगंज प्रखंड के हांसा पंचायत के बलुआ गांव में जल-जीवन-हरियाली अभियान के अंतर्गत जीर्णोद्धार किए गए बलुआ तालाब का निरीक्षण किया। हांसा में राजकीयकृत रामानुग्रह उच्च विद्यालय में खेल मैदान, नेचर क्लासरूम तथा रोबोटिक्स लैब का निरीक्षण किया। इसके अतिरिक्त हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का भी उद्घाटन किया। साथ ही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के अंतर्गत लाभुकों को स्वीकृत राशि का चेक भी प्रदान किया।


Monday, 20 January 2025

न्यायालय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष को छपरा में स्वागत, किये आभार व्यक्त

व्यवहार न्यायालय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष को छपरा में स्वागत, किये आभार व्यक्त
बिहार राज्य व्यवहार न्यायालय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष श्री राजेश्वर तिवारी जी को छपरा पहुंचने पर छपरा न्यायमंडल के सभी कर्मचारी के द्वारा सम्मानित किया गया साथ साथ ही माननीय उच्च न्यायालय पटना सरकार के सम्मान जनक समझौता के लिए धन्यवाद दिया गया।

 श्री राजेश्वर तिवारी जी के द्वारा बिहार राज्य व्यवहार न्यायालय कर्मचारी संघ के आह्वान पर छपरा न्यायमंडल के सभी कर्मचारी के साथ साथ पूरे बिहार के जिला अदालत के सभी कर्मचारी को एकजुटता के साथ हड़ताल का पूर्ण समर्थन/सहयोग देकर सफल बनाने के आभार व्यक्त किया गया उनके द्वारा सभी जिला के नव नियुक्ति कोर्ट रीडर को भी पूर्ण रूप से समर्थन सहयोग देने के लिए आभार व्यक्त किया गया।


 श्री तिवारी जी के द्वारा छपरा न्यायमंडल के बार एसोसिएशन के अध्यक्ष/सचिव के साथ साथ सभी जिला बार एसोशिएशन के अध्यक्ष सचिव एवं सभी अधिवक्ता महोदय को नैतिक समर्थन देने के लिए आभार व्यक्त किया गया। अंत में श्री तिवारी से पूछने पर कि अगर सरकार आप की मांग निर्धारित समय के अंदर नहीं नहीं माने जाने पर तो उनके द्वारा कहा गया कि मार्च में पुनः इससे बेहतर आंदोलन/हड़ताल किया जाएगा।

Wednesday, 15 January 2025

व्यवहार न्यायालय कर्मचारी का आज से हड़ताल, गाइडलाइन जारी..

व्यवहार न्यायालय कर्मचारी का आज से हड़ताल, गाइडलाइन जारी..

बिहार राज्य व्यवहार न्यायलय कर्मचारी संघ के द्वारा आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल घोषित किए जाने के बाद जिला संरक्षक, सलाहकार, समन्यवक, राज्य, संघ के उपाध्यक्षक एवं अन्य पदाधिकारीगण सभी जिला अध्यक्ष, सचिव,सक्रिय सदस्य के लिए पत्र लिखकर एक गाइडलाइन जारी किया गया है। ऐसे हड़ताल तो पूरे बिहार में है लेकिन पहली तस्वीर सारण से आई है।




इस गाइडलाइन के द्वारा संघ के अध्यक्ष श्री राजेश्वर तिवारी के द्वारा बताया गया कि माननीय सर्वोच्च एवं उच्च न्यायालय के न्यायिक एवं प्रशासनिक आदेशो के बावजूद बिहार सरकार के द्वारा फिटमेंट अपील समिति की अनुशंसा के विरुद्ध द्वोष पूर्ण नीति से ज्ञापांक 8164/ जे0 दिनांक 20.12. 2024 द्वारा विधि विभाग द्वारा निर्गत सकारण आदेश के विरोध एवं चार सुत्री मांग के समर्थन में बिहार राज्य व्यवहार न्यायालय कर्मचारी संघ द्वारा दिनांक 16.01.2025 से किये जाने वाले अनिश्चितकालीन कलमबन्द हड़ताल का मानक संचालन प्रक्रिया तय किया गया है जिसे अक्षरशः पालन किया जाना चाहिए।

क्या करें :-

1. अनिश्चितकालीन कलमबन्द हड़ताल के संबन्ध में सभी जिला संघ को अपने प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश महोदय को सुचना देनी होगी।

2. सभी कोर्ट और कार्यालय कि चाभी एक साथ एक डब्बा में रख कर दिनांक 15.01.2025 के सन्ध्या 5:30 को प्रभारी न्यायाधीष या पीठासीन पदाधिकारी या प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश महोदय या इनके प्रभारी महोदय को प्रपत्र-क के साथ देना होगा।

3. विरोध प्रदर्शन स्थल कोर्ट परिसर के अन्दर या मुख्य द्वार पर होगा, जहाँ कर्मचारीगण एक साथ एकत्रित होकर शान्तिपूर्वक विरोध प्रदर्शन चार सुत्री मांग के समर्थन में पुरे न्यायालय अवधि के दौरान सुबह से शाम तक करेंगे। राज्य संघ द्वारा निश्चित चार मांगों को ही नारेबाजी के दौरान दोहराया जाना है। धिमे स्तर के ध्वनि यन्त्र का प्रयोग करना हैं। किसी भी परिस्थिति मे अपनी विनम्रता और सौम्य व्यवहार को नही छोड़ना हैं।

4. सभी कर्मचारी यह शान्तिपूर्वक सुनिश्चित करेंगे कि दिनांक 15.01.2025 तक योगदान दिए हुए सभी कर्मचारी (पुनः नियोजित कर्मचारी भी) इस अनिश्चितकालीन कलमबन्द हड़ताल में साथ में रहेंगे।

5. कर्मचारीगण कुछ व्यक्ति कि टोली बनाकर न्यायालय का भ्रमण करते रहेंगे ताकी पूर्णतः अनिश्चितकालीन कलमबन्द हड़ताल सुनिश्चित कि जा सकें।

6. न्यायालय एवं न्यायालिय कार्यालय समेत, फैक्स, ई-मेल, इंग्लिश ऑफिस, नाजारत, लेखाविभाग, केस फाइलिंग काउन्टर, रिलीज और रिमांड सभी पूर्णतः बन्द रहेंगे ।

7. किसी भी आपातकालीन परिस्थिति में राज्य एवं जिला संघ के पदाधिकारी से सम्पर्क किया जा सकता हैं, साथ हि विषम परिस्थिति में अपने व्यवहारिक विवेक का भी प्रयोग करना हैं।

8. राज्यसंघ द्वारा समय समय पर निर्देशित सुझावों के अनुसार ही अनिश्चितकालीन कलमबन्द हड़ताल की गतिविधि में परिवर्तन किया जा सकेगा।

9. यदि किसी जिला इकाई के द्वारा 15.01.2025. को कार्यालय अवधि के पश्चात अपने-अपने कार्यालय की चाभी सौंपने के बाद चाहे तो कैंडिल मार्च न्यायालय परिसर से निकटतम चैराहे तक जा सकते हैं लेकिन किसी तरह के नारेबाजी नहीं करेंगे और इसकी सूचना पूर्व में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीष महोदय, जिला अधिकारी महोदय एवं आरक्षी अधीक्षक महोदय एवं सम्बंधित थानाध्यक्ष को लिखित रूप से देना अनिवार्य होगा।

10. जो प्रोसेस सर्वर के पास बिना तामिला प्रोसेस होगा वह प्रभारी न्यायाधीश को 15.01.2025. को शाम में आवश्यक रूप से प्राप्त करा देंगे।

क्या नहीं करें :-

1. कोई भी कर्मचारी किसी भी परिस्थिति में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश समेत किसी भी पदाधिकारी महोदय के आवास पर नही जाएंगे।

2. कोई भी कर्मचारी किसी भी परिस्थिति मे दिनांक 15.01.2025 के बाद कि अवधि का किसी भी प्रकार का छुट्टी का आवेदन नहीं देंगे तथा मुख्यालय से बाहर नहीं रहेंगे ।

3. अनिश्चितकालीन कलमबन्द हड़ताल के दौरान किसी भी राजनीतिक, धार्मिक, असंसदिय तथा उन्मादी स्लोगन पुरी तरह से वर्जित होगा ।

4. न्यायिक प्रक्रिया से जुड़े किसी भी व्यक्ति पर कोई निजी टिप्पणी नहीं करेंगे तथा अनैतिक व्यवहार नहीं करेंगे। कोई रास्ता अवरुद्ध नहीं करेंगे ।

5. किसी भी राजनीतिक या वीआईपी व्यक्ति को अनिश्चितकालीन कलमबन्द हड़ताल के किसी भी स्तर पर शामिल नहीं करना हैं।

इस अवधि के दौरान अगर संबन्धित न्यायालय या कार्यालय के कर्मचारी के अलावा किसी अन्य कर्मचारी का सहयोग लिया जाता हैं तो उस दौरान हुई किसी भी प्रकार कि क्षति (जैसेः अभिलेख या अन्य किसी भी महत्वपूर्ण कागजात का भुल जाना / फट जाना / गायब हो जाना इत्यादी) के लिए श्रीमान स्वमं हि जिम्मेदार होंगे, इसके लिए उस न्यायालय या कार्यालय मे अनिश्चितकालीन कलमबन्द हड़ताल के पूर्व में काम कर रहे कर्मचारी पर जिम्मेदारी नहीं डाली जा सकती हैं।

उन्होंने अनिश्चितकालीन कलमबन्द हड़ताल मे सहयोग करने की आग्रह करते हुए अपनी मुख्य मांगों को दोहराया। जिसमें

1. वेतन विसंगति को जल्द से जल्द दूर किया जाय।

2. सभी संवर्ग के कर्मचारियों को शीघ्र प्रोन्नति दी जाय।

3. शत प्रतिशत अनुकंपा पर बहाली किया जाय।

4. विशेष न्यायिक कैडर लागू किया जाय।

Tuesday, 31 December 2024

व्यथित न्यायकर्मी सामूहिक अवकाश पर जाने को विवश

व्यथित न्यायकर्मी सामूहिक अवकाश पर जाने को विवश

बिहार व्यवहार न्यायालय कर्मचारी संघ पटना के अध्यक्ष श्री राजेश्वर तिवारी जी द्वारा आम जनता के नाम एक अपील जारी किया गया है। जिसमें उन्होंने सिविल कोर्ट में न्याय के लिए आनेवाले आम जनता को दिनांक 16/01/2025 से होने वाले असुविधा के लिए बिहार राज्य कोर्ट कर्मचारी संघ क्षमा प्रार्थी कहा है।


बिहार सरकार के विधि विभाग ने ज्ञापांक 8164 / दिनांक 20/12/2024 के माध्यम से , माननीय सर्वोच्च न्यायालय/माननीय उच्च न्यायालय,पटना द्वारा पारित कई अंतिम आदेशों को निरस्त करते हुए, एक ऐसा सकारण आदेश निर्गत किया है, जो सरकार की निरंकुशता का परिचायक है। बिहार सरकार के द्वारा इस तरह के कृत्य से संवैधानिक न्यायिक संस्था का गंभीर मजाक उड़ाया गया है।

फलस्वरूप अत्यंत व्यथित होकर हम न्यायिक कर्मी दिनांक 16/01/2025 से न्यायिक आदेशों की गरिमा बहाल होने तक सामूहिक अवकाश पर जाने को विवश हैं।

Sunday, 29 December 2024

किन किन ट्रेनों का बदला टाइम



दक्षिण पूर्व रेलवे में एक जनवरी से बड़ा बदलाव होने जा रहा है. इसके तहत करीब 20 ट्रेनों का समय बदलने वाला है. करीब 15 मिनट से लेकर आधे घंट तक का बदलाव किया गया है. वहीं ट्रेनों का नंबर भी बदला गया है। कुल 44 ट्रेनों का नंबर बदल दिया गया है. इसे एक जनवरी 2025 से लागू किया गया है. ट्रेनों का नंबर प्लेट बदला जा रहा है. कोल्हान के विभिन्न स्टेशन से होकर गुजरने वाली 44 ट्रेनों के नंबर एक जनवरी से बदल जाएंगे।


किन-किन ट्रेनों का बदला समय

टाटानगर एर्नाकुलम एक्सप्रेस सुबह 5.15 की जगह 5 बजे खुलेगी।

टाटानगर-विशाखापत्तनम सुबह 7.20 के बदले 7.25 बजे खुलेगी।

टाटानगर यशवंतपुर शाम 6.15 के बजाय शाम 5.45 बजे खुलेगी।

टाटानगर- बेंगलुरू एक्सप्रेस शाम 7.15 के बजाय शाम 5.45 बजे खुलेगी।

टाटा-बिलासपुर एक्सप्रेस शाम 7.45 बजे के बदले शाम 7 बजे खुलेगी।

टाटानगर-राउरकेला मेमू शाम 3.35 के बदले शाम 5.20 बजे खुलेगी।

टाटानगर-ब्रह्मपुर वंदे भारत दोपहर 2.50 बजे के बदले दोपहर 2.30 खुलेगी।

टाटानगर- बक्सर सुबह 8.15 के बदले सुबह 7.55 बजे खुलेगी।

टाटानगर- हटिया दोपहर 12.00 के बजाय सुबह 11.50 बजे खुलेगी।

टाटानगर- गोड्डा दोपहर 2.15 के बदले दोपहर 2.00 बजे खुलेगी।

टाटानगर- जम्मू शाम 5.05 के बदले शाम 4.55 बजे खुलेगी।

टाटानगर- अमृतसर जलियांवाला बाग एक्सप्रेस रात 8.55 के बदले रात 8.30 बजे खुलेगी।

टाटानगर- थावे छपरा रात 9.10 के बजाय रात 8.45 बजे खुलेगी।

टाटानगर-कटिहार रात 9.10 के बदले रात 8.45 बजे खुलेगी।

टाटा-पटना वंदे भारत ट्रे न सुबह 5.30 के बदले 5.25 बजे खुलेगी।

टाटानगर- बादामपहाड़ मेमू ट्रेन सुबह 4.00 के बदले शाम …4.15 बजे खुलेगी।

टाटानगर- बादामपहाड़ मेमू ट्रेन सुबह 9.50 के बदले 9.35 बजे खुलेगी।

टाटा- जयनगर शाम 6.50 बजे के बजाय शाम 6.40 बजे खुलेगी।

टाटा- पटना ट्रेन शाम 5.30 बजे के बजाय शाम 5.25 बजे खुलेगी।

टाटा- आरा ट्रेन सुबह 8.15 बजे के बजाय सुबह 7.55 बजे खुलेगी।





Saturday, 28 December 2024

सभी विभागों में मिली प्रोन्नति, तो न्याय विभाग में क्यों रुकी उन्नति, 16 जनवरी से हड़ताल का आवाह्न.....

सभी विभागों में मिली प्रोन्नति, तो न्याय विभाग में क्यों रुकी उन्नति, 16 जनवरी से हड़ताल का आवाह्न.....

बिहार राज्य व्यवहार न्यायालय कर्मचारी संघ के आह्वान पर बिहार के सभी न्यायालय के कर्मचारीयों द्वारा कलमबंद हड़ताल किए जाने का निर्णय लिया गया है। यह हड़ताल 16 जनवरी 2025 से किया जाना सुनिश्चित किया गया है।



संघ के अध्यक्ष श्री राजेश्वर तिवारी जी के द्वारा बताया गया कि बिहार सरकार के विधि, वित्त एवं कार्मिक विभाग ने कई वर्षों से माननीय सर्वोच्च एवं उच्च न्यायालय के अंतिम आदेशों का लगातार उल्लंघन कर अवमानना का कार्य किया है ऐसे में हमारी एक मात्र मांग है कि :-

1. दोषी अधिकारी के विरूद्ध न्यायालय के अवमानना की करवाई कर दंडित किया जाय,

2. माननीय न्यायालय के विभिन्न आदेशों के अनुरूप 16.01.2025 तक सचिवालय सहायक के समतुल्य वेतन उत्क्रमण, विभिन्न प्रोन्नति लाभ तथा उनके आर्थिक लाभ का भुगतान सुनिश्चित किया जाय,

3. सेवा कल के दौरान मृत कर्मी को उनकी योग्यता के आधार पर अनुकंपा पर लंबित नियुक्ति 16.01.2025 तक सुनिश्चित किया जाय।

न्यायपालिका के दैनिक गुणवत्तापूर्ण कार्यशैली कार्यपालिका के कार्यशैली से श्रेष्ठ होने के कारण अतुलनीय है। हमारा कार्य दैनिक वाद संचालन, वादों को भिन्न चरणों में कोर्ट डेयरी में अंकित कर, दैनिक आदेश फलक तैयार करना, निष्पादित वाद में Decree/ Probate/ Succession आदि प्रमाण पत्र निर्गत करने में भूमिका न्याय को अंतिमता प्रदान करने का कार्य हमलोग की कार्यशैली श्रेष्ठ घोषित करती हैं । जिला न्यायपालिका का स्थान उत्कृष्ट होने के कारण बिहार में न्यायिक पदाधिकारीगण जो राज्य स्तर के पदाधिकारी हैं के वेतनमान एवं अन्य भत्ता केंद्रीय स्तर के सर्वोच्च पद IAS/ IPS से भी अधिक प्रदान किया गया है । अतः जिला न्यायालय के स्थापना की तुलना मुफशिल या कलेक्ट्रेट आदि से कदापि नहीं की जा सकती।

Thursday, 26 December 2024

वेतन और प्रोन्नति के लिए न्यायिक कर्मचारियों ने की हड़ताल की घोषणा

वेतन और प्रोन्नति के लिए न्यायिक कर्मचारियों ने की हड़ताल की घोषणा 

पटना,26 दिसम्बर। बिहार भर के अदालतों के कर्मचारी अपने बेहतर वेतनमान औऱ पदोन्नति के लिए 16 जनवरी से हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है।
कर्मचारियों की आपातकालीन बैठक आज बांकीपुर स्थित व्यवहार न्यायालय स्थित संघ कार्यालय में हुई जिसमें सभी जिलों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया एवं सर्वसम्मति से अपनी चार सूत्री मांगों के समर्थन में हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है।



बिहार राज्य व्यवहार न्यायालय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष राजेश्वर तिवारी ने आज यहां कहा कि न्यायालय के कर्मचारी पटना उच्च न्यायालय की उदासीनता एवं राज्य सरकार की हठधर्मिता के कारण पूरे राज्य की अधीनस्थ अदालतों के कर्मचारी हड़ताल पर जाने को विवश हो गए है।

उन्होंने विधि सचिव की 20 दिसम्बर के सकारण आदेश की भर्त्सना की है,जिसमें न्यायिक कर्मियों की वेतन बढ़ोतरी की पटना उच्च न्यायालय की अनुशंसा अमान्य कर दी गई है । अभी तक पटना उच्च न्यायालय एवं राज्य सरकार ने न्यायिक कर्मचारियों के बेहतर वेतनमान औऱ पदोन्नति के लिए पहल नहीं किया है।

श्री तिवारी ने कहा कि पिछले 30 सालों से न्यायिक कर्मचारियों को प्रोन्नति एवं उनके योग्यता के अनुसार वेतन ही नहीं दिया गया है। उन्होंने ने बताया कि वर्ष 1985 के पूर्व सचिवालय, उच्च न्यायालय के सहायकों एवं न्यायालय के लिपिकों का योग्यता मैट्रिक थी एवं वेतनमान समान था, वर्ष 85 सभी की योग्यता स्नातक डिग्री कर दी गई और सचिवालय एवं उच्च न्यायालय के सहायकों का वेतनमान बढ़ाया गया और जिला अदालतों के कर्मचारियों को वेतनमान और निम्नतर कर दिया गया और प्रोन्नति के दरवाजे बंद कर दिया गया है।

उन्होंने कहा कि हर न्यायमण्डल के तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी जिस पद पर बहाल होते है उसी पद पर सेवानिवृत्त हो रहे है।

पटना उच्च न्यायालय ने न्यायालय के कर्मचारियों के वेतन और प्रोन्नति के मामलों को दशकों से लटका रखा है और अनुकंपा नियुक्ति पर भी रोक लगा दी है। उन्होंने स्नातक वेतनमान, प्रोन्नति, अनुकंपा नियुक्ति एवं प्रोन्नति के लिए सेवा शर्त नियमावली में संशोधन की अविलंब मांग की है जिससे न्यायालयों में कर्मचारी गरिमापूर्ण कार्य संपादित कर सके।

न्यायालय में अवसादपूर्ण कार्यप्रणाली ने सभी कर्मचारियों को रोगग्रस्त कर दिया है और उचित वेतन और प्रोन्नति के अभाव में कई कर्मचारी काल कलवित होते जा रहे है।

न्यायालय के कर्मचारियों को चौबीसों घंटे और सालों कार्य करना पड़ रहा है और छुट्टियों के दिन भी अभियुक्तों को रिमांड कराने, प्रोटोकॉल ड्यूटी सहित कई कार्य करना पड़ता है।

श्री तिवारी ने कहा कि प्रायः सभी न्यायमण्डल के चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को प्रोन्नति ही नहीं मिली है और न्यायालय के चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी अधिकांश स्नातक डिग्री हासिल कर नौकरी कर रहे है और कुछ विधि स्नातक भी हैं।

कर्मचारी नेता ने खेद व्यक्त किया कि आजतक पिछले 30 सालों से न्यायालय के कर्मचारियों की प्रोन्नति के लिए पटना उच्च न्यायालय में कोई सकारात्मक पत्र निर्गत किया हो या विधि विभाग ही कोई स्पष्ट दिशा निर्देश जारी किया हो।

उन्होंने कहा कि पटना उच्च न्यायालय हो चाहे विधि विभाग हो हर बार कर्मचारियों की प्रोन्नति की संचिका पर टांग ही अड़ाने के कारण सभी न्यायमण्डल के कर्मचारियों द्वारा प्रोन्नति या अनुकम्पा नियुक्ति के लिए उच्च न्यायालय में रिट याचिका दाखिल किया है जो वर्षों तक लंबित है।

अतः न्यायिक कर्मचारियों ने स्नातक स्तर का वेतन एवं वेतन विसंगति के मामले के निराकरण एवं शेट्टी कमीशन की अनुशंसा के आलोक में कालबद्ध पदोन्नति एवं मृत कर्मचारियों के आश्रितों को अनुकम्पा के आधार पर शीघ्र नौकरी को लेकर राज्यभर की अधीनस्थ अदालतों में अपना आंदोलन तेज करने का निर्णय लिया है।

कर्मचारी संघ के अध्यक्ष ने कहा कि वेतन विसंगति एवं पदोन्नति के लिये स्पष्ट निर्देश के लिए मुख्य न्यायाधीश एवं महानिबंधक पटना उच्च न्यायालय से बार बार मांग पत्र सौंपा गया है। बिहार सरकार के विधि सचिव एवं वित्त सचिव से भी स्पष्ट मार्गदर्शन देने का अनुरोध किया गया है।

संघ के अध्यक्ष ने कहा कि मांगों के विपरीत राज्य सरकार द्वारा विभिन्न न्यायमण्डलों से किसी मुद्दे पर मांगे गए मार्गदर्शन के आलोक में हर बार अलग अलग पत्र जारी कर न्यायिक कर्मचारियों के मुद्दे को और जटिल बना दिया गया है।

उन्होंने बताया कि न्यायिक कर्मचारियों के वेतन और पदोन्नति के लिए गठित केंद्रीयकृत समिति भी अभी तक कोई ठोस निर्णय नहीं ले सकी है और उसे भी मार्गदर्शन की ही प्रतीक्षा है।

श्री तिवारी ने कहा कि राज्य भर के न्यायिक कर्मचारियों को दशकों से उचित वेतनमान और पदोन्नति से वंचित रखा गया है और अदालतों को न्यायिक कर्मचारियों के लिए यातनागृह बना दिया गया है।

उन्होंने बताया कि विभिन्न न्यायमण्डलों में उच्चतर पदों पर कर्मचारियों को प्रभारी बनाकर कार्य संपादित कराया जा रहा है और उच्चतर पद के अनुरूप वेतन से वंचित कर दिया गया है। इससे कर्मचारियों में गहरा आक्रोश एवं अवसाद हैं।


Friday, 22 November 2024

AAPAR CARD क्या है और क्यों है जरूरी

 

AAPAR कार्ड (Automated Aadhaar-based Payroll and Attendance Recording) एक ऐसी प्रणाली है जिसे भारत सरकार द्वारा श्रमिकों के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसका उद्देश्य श्रमिकों की पहचान, उपस्थिति और वेतन भुगतान को पारदर्शी और डिजिटल रूप से रिकॉर्ड करना है। यह खासकर उन क्षेत्रों में उपयोगी है जहाँ श्रमिकों का रिकॉर्ड रखना चुनौतीपूर्ण होता है, जैसे निर्माण कार्य, मनरेगा (MGNREGA) आदि। यह समाचार COMING Hindi News पर पढ़ रहे हैं।




AAPAR कार्ड के मुख्य उद्देश्य:

1. डिजिटल उपस्थिति प्रणाली: श्रमिकों की वास्तविक उपस्थिति का रिकॉर्ड रखने के लिए।

2. आधार-आधारित सत्यापन: श्रमिकों की पहचान सुनिश्चित करने के लिए इसे आधार से जोड़ा जाता है।

3. पारदर्शिता: भ्रष्टाचार और नकली उपस्थिति रिकॉर्ड की समस्या को रोकने के लिए।


4. तेजी से भुगतान: श्रमिकों के बैंक खातों में सीधे वेतन स्थानांतरित करने की सुविधा।


5. सरकारी योजनाओं का लाभ: इससे श्रमिक विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ आसानी से उठा सकते हैं।

AAPAR कार्ड का उपयोग:

कार्य स्थल पर श्रमिक अपनी उपस्थिति दर्ज करने के लिए इस कार्ड का उपयोग करते हैं।


इसमें एक डिजिटल प्रणाली होती है जो आधार और बायोमेट्रिक डेटा का उपयोग करती है।


यह डेटा सीधे एक केंद्रीकृत सर्वर पर स्टोर किया जाता है, जिससे वास्तविक समय में रिकॉर्ड बनाए जाते हैं।


अगर आप किसी योजना से संबंधित हैं और AAPAR कार्ड के बारे में जानकारी या आवेदन करना चाहते हैं, तो अपने क्षेत्र की संबंधित सरकारी एजेंसी से संपर्क कर सकते हैं।

AAPAR CARD क्यों है जरूरी 

AAPAR कार्ड (Automated Aadhaar-based Payroll and Attendance Recording) जरूरी है क्योंकि यह श्रमिकों और सरकार दोनों के लिए कई समस्याओं का समाधान प्रदान करता है। इसके उपयोग के पीछे मुख्य कारण निम्नलिखित हैं:


1. पारदर्शिता और जवाबदेही

श्रमिकों की उपस्थिति और काम के घंटे सटीक रूप से रिकॉर्ड किए जाते हैं।


इससे नकली श्रमिकों या फर्जी उपस्थिति की समस्या खत्म होती है।


श्रमिकों का रिकॉर्ड एक डिजिटल प्लेटफॉर्म पर संग्रहीत होता है, जिससे डेटा में हेरफेर संभव नहीं है।

2. श्रमिकों के अधिकारों की सुरक्षा


यह सुनिश्चित करता है कि श्रमिकों को उनके किए गए काम का सही भुगतान मिले।

किसी भी प्रकार के बिचौलिए या भ्रष्टाचार की संभावना को कम करता है।

3. सरकारी योजनाओं का सही क्रियान्वयन


योजनाओं जैसे मनरेगा (MGNREGA) में श्रमिकों को सीधे उनके बैंक खाते में भुगतान किया जाता है।

AAPAR कार्ड के जरिए यह सुनिश्चित होता है कि केवल योग्य लाभार्थी ही योजनाओं का लाभ उठाएं।


4. डिजिटल और सटीक डेटा प्रबंधन


श्रमिकों की वेतन प्रक्रिया तेज और सटीक होती है।


श्रमिकों के काम का डेटा किसी भी समय ऑनलाइन ट्रैक किया जा सकता है।


5. श्रमिकों की पहचान सुनिश्चित करना

यह कार्ड आधार से लिंक होता है, जिससे हर श्रमिक की पहचान प्रमाणित होती है।

इससे सरकार को श्रमिकों के बारे में वास्तविक आंकड़े मिलते हैं।


6. भविष्य की योजनाओं में मदद


AAPAR कार्ड के माध्यम से प्राप्त डेटा का उपयोग श्रमिकों के लिए नई नीतियां और योजनाएं बनाने में किया जा सकता है।


इससे श्रमिकों की स्थिति का सही आकलन हो पाता है।

7. कार्यस्थल पर श्रमिकों का रिकॉर्ड


यह सुनिश्चित करता है कि कार्यस्थल पर सही संख्या में श्रमिक मौजूद हैं।


इससे परियोजनाओं की समय पर पूर्णता सुनिश्चित होती है।


निष्कर्ष:

AAPAR कार्ड न केवल श्रमिकों को उनके अधिकारों की गारंटी देता है, बल्कि सरकार और नियोक्ताओं को भी एक प्रभावी और पारदर्शी प्रणाली प्रदान करता है। यह श्रमिकों के शोषण को रोकने और डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण है।

Thursday, 21 November 2024

UP POLICE Constable Result 2024

UP POLICE Constable Result 2024

आरक्षी नागरिक पुलिस के पदों पर सीधी भर्ती-2023 की दिनांक 23, 24, 25 30 व 31 अगस्त 2024 को सम्पन्न लिखित परीक्षा के प्राप्तांकों की श्रेष्ठता, और आरक्षण के लम्बवत एवं क्षैतिज नियमों के अनुसार चयन प्रक्रिया के अगले चरण, अभिलेखों की संवीक्षा तथा शारीरिक मानक परीक्षण (DV / PST) हेतु अर्ह पाए गए अभ्यार्थियों की सूची एवं तत्संबंधी विज्ञप्ति बोर्ड की वेबसाईट uppbpb.gov.in पर जारी कर दी गई है। यह समाचार Coming Hindi News पर पढ़ रहे हैं।



अभ्यर्थी अपना परिणाम नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके देख सकते हैं।
UP Police constable exam result 2024

उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड द्वारा आरक्षी नागरिक पुलिस के पदों पर सीधी भर्ती-2023 की लिखित परीक्षा दिनाक 23, 24, 25 तथा 30, 31 अगस्त, 2024 तक कुल 10 पालियों में आयोजित की गयी थी।


उक्त भर्ती की लिखित परीक्षा के प्रश्न पत्रों तथा उत्तर कुंजी पर समस्त स्रोतों से प्राप्त समस्त आपत्तियों पर गहन विचार करने के बाद तथा आवश्यकतानुसार विषय विशेषज्ञों के एकाधिक पैनल से अभिमत प्राप्त करने के बाद उपरोक्त कार्यवाही के आलोक में सभी आवश्यक संशोधन बोर्ड की वेबसाइट "https://uppbpb.gov.in/ पर परिणाम के लिंक में उपलब्ध है। अभ्यर्थी बोर्ड की वेबसाइट पर उपलब्ध संशोधित कुंजी से अपने उत्तर पत्रक का मिलान कर सकते हैं।


आरक्षी नागरिक पुलिस के पदों पर सीधी भर्ती-2023 की लिखित परीक्षा 10 पालियों में आयोजित किये जाने के कारण नियमावली के प्रावधानों व विज्ञप्ति में उल्लिखित प्रक्रिया के कम में प्राप्तांकों का प्रसामान्यीकरण करते हुये अंकों की श्रेष्ठता एवं उ०प्र०राज्य के आरक्षण के सुसंगत प्रावधानों के आधार पर श्रेणीवार विज्ञापित पदों के लगभग 2.5 गुना, कुल 1,74,316 अभ्यर्थियों को अभिलेखों की सवीक्षा एवं शारीरिक मानक परीक्षण हेतु आहूत किया जा रहा है। इसमें समान कट आफ अंक पाने वाले सभी अभ्यर्थियों को सम्मिलित किया गया है। विभिन्न श्रेणी के अन्तर्गत अभिलेखों की संवीक्षा एवं शारीरिक मानक परीक्षण हेतु बुलाये जाने बाले अभ्यर्थियों के प्रसामान्यीकृत कटऑफ़ जारी कर दी गई है।


कुछ अभ्यर्थी का कहना है कि इस बार जारी रिजल्ट में सिर्फ पास या फिर फेल का रिजल्ट ही बता रहा। यानी जो कट ऑफ से कम नंबर पाए हैं उन्हें कितना नंबर मिला यह उन्हें नहीं पता चल रहा है।

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