PATNA :- आज बिहार कोकिला लोक गायिका शारदा सिन्हा का दिल्ली के AIMS अस्पताल में निधन हो गया। वे 72 साल की थी। वे कैंसर से पीड़ित थी। उन्हें एम्स में वेंटिलेटर पर रखा गया था। वे आज रात 9 बजकर 20 मिनट पर अंतिम सांस ली। यह समाचार COMING Hindi News पर पढ़ रहे हैं।
शारदा सिन्हा एक प्रसिद्ध भारतीय गायिका थी , जो अपनी मधुर और भावनापूर्ण आवाज के लिए जानी जाती हैं। वह मुख्य रूप से भोजपुरी और मैथिली भाषाओं में गाती हैं, लेकिन उन्होंने हिंदी और अन्य भाषाओं में भी गाया है।
शारदा सिन्हा का जन्म 1 अक्टूबर 1952 को बिहार के दरभंगा जिले में हुआ था। उन्होंने अपने संगीत करियर की शुरुआत बहुत कम उम्र में की थी और जल्द ही उन्हें भोजपुरी और मैथिली संगीत जगत में एक प्रमुख गायिका के रूप में मान्यता मिली।
शारदा सिन्हा ने कई पुरस्कार और सम्मान प्राप्त किए हैं, जिनमें पद्म श्री, भारत का चौथा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान, शामिल है। उन्हें भोजपुरी और मैथिली संगीत में उनके योगदान के लिए कई अन्य पुरस्कार भी मिले हैं।
शारदा सिन्हा की गायन शैली में भावनात्मकता और गहराई है, जो उनके गीतों को बहुत ही भावपूर्ण और आकर्षक बनाती है। वह अपने गीतों में जीवन के विभिन्न पहलुओं को व्यक्त करती हैं, जैसे कि प्रेम, विरह, सुख और दुख।
शारदा सिन्हा के कुछ प्रसिद्ध गीत हैं:
- "चित्तोड़ की रानी"
- "मैं तो भोजपुरिया"
- "मैथिली गीत"
- "प्रेम की प्यास"
- "विरह की आग"
शारदा सिन्हा भारतीय संगीत जगत में एक महान गायिका के रूप में मानी जाती हैं और उनकी गायन शैली ने कई युवा गायिकाओं को प्रेरित किया है। (META AI)