बिहार राज्य व्यवहार न्यायलय कर्मचारी संघ के द्वारा आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल घोषित किए जाने के बाद जिला संरक्षक, सलाहकार, समन्यवक, राज्य, संघ के उपाध्यक्षक एवं अन्य पदाधिकारीगण सभी जिला अध्यक्ष, सचिव,सक्रिय सदस्य के लिए पत्र लिखकर एक गाइडलाइन जारी किया गया है। ऐसे हड़ताल तो पूरे बिहार में है लेकिन पहली तस्वीर सारण से आई है।
इस गाइडलाइन के द्वारा संघ के अध्यक्ष श्री राजेश्वर तिवारी के द्वारा बताया गया कि माननीय सर्वोच्च एवं उच्च न्यायालय के न्यायिक एवं प्रशासनिक आदेशो के बावजूद बिहार सरकार के द्वारा फिटमेंट अपील समिति की अनुशंसा के विरुद्ध द्वोष पूर्ण नीति से ज्ञापांक 8164/ जे0 दिनांक 20.12. 2024 द्वारा विधि विभाग द्वारा निर्गत सकारण आदेश के विरोध एवं चार सुत्री मांग के समर्थन में बिहार राज्य व्यवहार न्यायालय कर्मचारी संघ द्वारा दिनांक 16.01.2025 से किये जाने वाले अनिश्चितकालीन कलमबन्द हड़ताल का मानक संचालन प्रक्रिया तय किया गया है जिसे अक्षरशः पालन किया जाना चाहिए।
क्या करें :-
1. अनिश्चितकालीन कलमबन्द हड़ताल के संबन्ध में सभी जिला संघ को अपने प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश महोदय को सुचना देनी होगी।
2. सभी कोर्ट और कार्यालय कि चाभी एक साथ एक डब्बा में रख कर दिनांक 15.01.2025 के सन्ध्या 5:30 को प्रभारी न्यायाधीष या पीठासीन पदाधिकारी या प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश महोदय या इनके प्रभारी महोदय को प्रपत्र-क के साथ देना होगा।
3. विरोध प्रदर्शन स्थल कोर्ट परिसर के अन्दर या मुख्य द्वार पर होगा, जहाँ कर्मचारीगण एक साथ एकत्रित होकर शान्तिपूर्वक विरोध प्रदर्शन चार सुत्री मांग के समर्थन में पुरे न्यायालय अवधि के दौरान सुबह से शाम तक करेंगे। राज्य संघ द्वारा निश्चित चार मांगों को ही नारेबाजी के दौरान दोहराया जाना है। धिमे स्तर के ध्वनि यन्त्र का प्रयोग करना हैं। किसी भी परिस्थिति मे अपनी विनम्रता और सौम्य व्यवहार को नही छोड़ना हैं।
4. सभी कर्मचारी यह शान्तिपूर्वक सुनिश्चित करेंगे कि दिनांक 15.01.2025 तक योगदान दिए हुए सभी कर्मचारी (पुनः नियोजित कर्मचारी भी) इस अनिश्चितकालीन कलमबन्द हड़ताल में साथ में रहेंगे।
5. कर्मचारीगण कुछ व्यक्ति कि टोली बनाकर न्यायालय का भ्रमण करते रहेंगे ताकी पूर्णतः अनिश्चितकालीन कलमबन्द हड़ताल सुनिश्चित कि जा सकें।
6. न्यायालय एवं न्यायालिय कार्यालय समेत, फैक्स, ई-मेल, इंग्लिश ऑफिस, नाजारत, लेखाविभाग, केस फाइलिंग काउन्टर, रिलीज और रिमांड सभी पूर्णतः बन्द रहेंगे ।
7. किसी भी आपातकालीन परिस्थिति में राज्य एवं जिला संघ के पदाधिकारी से सम्पर्क किया जा सकता हैं, साथ हि विषम परिस्थिति में अपने व्यवहारिक विवेक का भी प्रयोग करना हैं।
8. राज्यसंघ द्वारा समय समय पर निर्देशित सुझावों के अनुसार ही अनिश्चितकालीन कलमबन्द हड़ताल की गतिविधि में परिवर्तन किया जा सकेगा।
9. यदि किसी जिला इकाई के द्वारा 15.01.2025. को कार्यालय अवधि के पश्चात अपने-अपने कार्यालय की चाभी सौंपने के बाद चाहे तो कैंडिल मार्च न्यायालय परिसर से निकटतम चैराहे तक जा सकते हैं लेकिन किसी तरह के नारेबाजी नहीं करेंगे और इसकी सूचना पूर्व में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीष महोदय, जिला अधिकारी महोदय एवं आरक्षी अधीक्षक महोदय एवं सम्बंधित थानाध्यक्ष को लिखित रूप से देना अनिवार्य होगा।
10. जो प्रोसेस सर्वर के पास बिना तामिला प्रोसेस होगा वह प्रभारी न्यायाधीश को 15.01.2025. को शाम में आवश्यक रूप से प्राप्त करा देंगे।
क्या नहीं करें :-
1. कोई भी कर्मचारी किसी भी परिस्थिति में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश समेत किसी भी पदाधिकारी महोदय के आवास पर नही जाएंगे।
2. कोई भी कर्मचारी किसी भी परिस्थिति मे दिनांक 15.01.2025 के बाद कि अवधि का किसी भी प्रकार का छुट्टी का आवेदन नहीं देंगे तथा मुख्यालय से बाहर नहीं रहेंगे ।
3. अनिश्चितकालीन कलमबन्द हड़ताल के दौरान किसी भी राजनीतिक, धार्मिक, असंसदिय तथा उन्मादी स्लोगन पुरी तरह से वर्जित होगा ।
4. न्यायिक प्रक्रिया से जुड़े किसी भी व्यक्ति पर कोई निजी टिप्पणी नहीं करेंगे तथा अनैतिक व्यवहार नहीं करेंगे। कोई रास्ता अवरुद्ध नहीं करेंगे ।
5. किसी भी राजनीतिक या वीआईपी व्यक्ति को अनिश्चितकालीन कलमबन्द हड़ताल के किसी भी स्तर पर शामिल नहीं करना हैं।
इस अवधि के दौरान अगर संबन्धित न्यायालय या कार्यालय के कर्मचारी के अलावा किसी अन्य कर्मचारी का सहयोग लिया जाता हैं तो उस दौरान हुई किसी भी प्रकार कि क्षति (जैसेः अभिलेख या अन्य किसी भी महत्वपूर्ण कागजात का भुल जाना / फट जाना / गायब हो जाना इत्यादी) के लिए श्रीमान स्वमं हि जिम्मेदार होंगे, इसके लिए उस न्यायालय या कार्यालय मे अनिश्चितकालीन कलमबन्द हड़ताल के पूर्व में काम कर रहे कर्मचारी पर जिम्मेदारी नहीं डाली जा सकती हैं।
उन्होंने अनिश्चितकालीन कलमबन्द हड़ताल मे सहयोग करने की आग्रह करते हुए अपनी मुख्य मांगों को दोहराया। जिसमें
1. वेतन विसंगति को जल्द से जल्द दूर किया जाय।
2. सभी संवर्ग के कर्मचारियों को शीघ्र प्रोन्नति दी जाय।
3. शत प्रतिशत अनुकंपा पर बहाली किया जाय।
4. विशेष न्यायिक कैडर लागू किया जाय।
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