आज दिनांक बुधवार को प्रखंड मखदुमपुर के पंचायत पूर्वी सरेन के पंचायत कृषि कार्यालय टेहटा में किसान खेत पाठशाला का आयोजन किया गया । यह समाचार www.operafast.com पर पढ़ रहे हैं।
इस पंचायत पाठशाला में केंद्रीय एवं कृषि कल्याण मंत्रालय द्वारा केंद्रीय टीम के नेतृत्व में किसानों को फसल में लगने वाले कीट से परिचित कराया गया एवं बताया गया कि कीटनाशक को प्रयोग ना करें बल्कि जैविक विधि द्वारा खेती करें इससे खेतों की मिट्टी में उर्वरता बरकरार रहता है। जैविक विधि से किए गए खेती में कीटो से बचाव के लिए उपाय बताए गए । किसान पाठशाला में उपस्थित किसानों को अपने खेतों में कीटनाशक के रूप में नीम के पत्ता , गोमूत्र, गोबर द्वारा एवं देसी मट्ठा द्वारा खेतों में छिड़काव का प्रयोग करना सिखाया गया। किसानों को रासायनिक कीटनाशक का प्रयोग नहीं कर जैविक विधि द्वारा अपने फसल को उपजाना चाहिए । किसानों को कीट से बचाव करने के कई तरीके बताए गए।
जैविक खेती (Organic farming) कृषि की वह विधि है जो संश्लेषित उर्वरकों एवं संश्लेषित कीटनाशकों के अप्रयोग या न्यूनतम प्रयोग पर आधारित है तथा जो भूमि की उर्वरा शक्ति को बनाए रखने के लिये फसल चक्र, हरी खाद, कम्पोस्ट आदि का प्रयोग करती है। सन् 1990 के बाद से विश्व में जैविक उत्पादों का बाजार काफ़ी बढ़ा है।
जैविक खेती के लिए सबसे जरुरी कंपोनेंट है गोबर। इसलिए जब जैविक खेती के लिए खेत तैयार करते हैं तो इसमें अधिक से अधिक गोबर मिलाया जाता है। फसल लगाने के लिए बाद खरपतवार और कीट पर ध्यान देना होता है. गाय के गोबर के घोल और प्राकृतिक तौर पर तैयार किये गये खाद को पानी के जरिये पौधों को दिया जाता है।
भारत सरकार द्वारा जैविक खेती पोर्टल लांच किया गया है। इस पोर्टल के माध्यम से विश्व स्तर पर जैविक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा। Jaivik Kheti Portal 2022 के माध्यम से जैविक किसानों को अपने उत्पाद बेचने की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी। इसके अलावा इस पोर्टल के माध्यम से जैविक खेती के लाभ से संबंधित जानकारी प्राप्त हो सकेगी।
जैविक खेती प्रोत्साहन योजना क्या है?
यह योजना वर्ष 2004-05 से लागू है। जैव उर्वरकों, जैव कीटनाशकों और फल एवं सब्जी बाजार अपशिष्ट खाद जैसे ऑर्गेनिक निविष्टियों को उपलब्ध कराके देश में जैविक खेती को बढ़ावा देना और इस तरह के उत्पाद के लिए बेहतर प्रतिफल सृजित करना। मृदा स्वास्थ्य और पर्यावरण सुरक्षा को बनाए रखते हुए कृषि उत्पादकता बढ़ाना।
क्या भारत में जैविक खेती के लिए कोई सब्सिडी प्रदान की जाती है?
जैविक खेती करने पर मिलती है सब्सिडी
कई राज्यों मे किसानों को जैविक खेती करने के लिए सब्सिडी भी दिया जाता है. वहीं, उत्कृष्ट तरीके से ऑर्गेनिक फार्मिंग करने वाले किसानों को पुरस्कार भी दिया जाता है। इसके अलावा सरकार की तरफ से किसानो के बीच जैविक खेती को लेकर कई तरह के ट्रेनिंग प्रोग्राम भी चलाए जाते हैं।
पटना से आए हुए सहायक वनस्पति रक्षा अधिकारी रविंद्र प्रसाद सिंह, किसान सलाहकार नंद किशोर कुमार, कार्यपालक सहायक रजिया परवीन, किसान कृष्ण प्रसाद, रामानंद संतोष कुमार, संजय कुमार एवं अन्य किसान मौजूद थे।
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जैविक खेती के लिए सबसे जरुरी कंपोनेंट है गोबर। इसलिए जब जैविक खेती के लिए खेत तैयार करते हैं तो इसमें अधिक से अधिक गोबर मिलाया जाता है। फसल लगाने के लिए बाद खरपतवार और कीट पर ध्यान देना होता है. गाय के गोबर के घोल और प्राकृतिक तौर पर तैयार किये गये खाद को पानी के जरिये पौधों को दिया जाता है।
भारत सरकार द्वारा जैविक खेती पोर्टल लांच किया गया है। इस पोर्टल के माध्यम से विश्व स्तर पर जैविक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा। Jaivik Kheti Portal 2022 के माध्यम से जैविक किसानों को अपने उत्पाद बेचने की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी। इसके अलावा इस पोर्टल के माध्यम से जैविक खेती के लाभ से संबंधित जानकारी प्राप्त हो सकेगी।
जैविक खेती प्रोत्साहन योजना क्या है?
यह योजना वर्ष 2004-05 से लागू है। जैव उर्वरकों, जैव कीटनाशकों और फल एवं सब्जी बाजार अपशिष्ट खाद जैसे ऑर्गेनिक निविष्टियों को उपलब्ध कराके देश में जैविक खेती को बढ़ावा देना और इस तरह के उत्पाद के लिए बेहतर प्रतिफल सृजित करना। मृदा स्वास्थ्य और पर्यावरण सुरक्षा को बनाए रखते हुए कृषि उत्पादकता बढ़ाना।
क्या भारत में जैविक खेती के लिए कोई सब्सिडी प्रदान की जाती है?
जैविक खेती करने पर मिलती है सब्सिडी
कई राज्यों मे किसानों को जैविक खेती करने के लिए सब्सिडी भी दिया जाता है. वहीं, उत्कृष्ट तरीके से ऑर्गेनिक फार्मिंग करने वाले किसानों को पुरस्कार भी दिया जाता है। इसके अलावा सरकार की तरफ से किसानो के बीच जैविक खेती को लेकर कई तरह के ट्रेनिंग प्रोग्राम भी चलाए जाते हैं।
पटना से आए हुए सहायक वनस्पति रक्षा अधिकारी रविंद्र प्रसाद सिंह, किसान सलाहकार नंद किशोर कुमार, कार्यपालक सहायक रजिया परवीन, किसान कृष्ण प्रसाद, रामानंद संतोष कुमार, संजय कुमार एवं अन्य किसान मौजूद थे।
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