भूमि संरक्षण के तत्वाधान में मखदुमपुर के किसानों को कृषि वैज्ञानिक ने ऑयस्टर मशरूम की खेती करना सिखाया
भूमि संरक्षण जहानाबाद के द्वारा प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना जल छाजन विकास 2.0 के अंतर्गत दो दिवसीय ओयस्टर मशरूम तकनीकी प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन मखदुमपुर प्रखंड के ई किसान भवन में किया गया। यह समाचार www.operafast.com पर पढ़ रहे हैं।
प्रशिक्षण के दूसरे दिन आज डॉ शोभा रानी वरीय वैज्ञानिक सह प्रधान कृषि विज्ञान केंद्र जहानाबाद के द्वारा मखदुमपुर और घोसी प्रखंड से चयनित किसानों को ओयस्टर मशरूम की खेती की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मशरूम काफी पौष्टिक और औषधीय गुणों से भरपूर है यह प्रोटीन का सबसे बड़ा स्रोत है यह सुपाच्य और स्वादिष्ट व्यंजनों में से एक है। व्यवसायिक तौर पर भी किसान इससे काफी आमदनी कर सकते हैं मशरूम का उत्पाद मूल्य बाजार में काफी अच्छा है इसलिए इसकी खेती आर्थिक आमदनी का अच्छा जरिया बन सकता है।एक जिला एक उत्पाद के तहत जहानाबाद जिले को चयनित किया गया है इसी को ध्यान में रखकर यह प्रशिक्षण कराया गया है।
सहायक निदेशक (शस्य)भूमि संरक्षण श्री राम लखन ठाकुर ने सभी उपस्थित महिला एवं सभी पुरुष किसानों को ओयस्टर मशरूम तकनीक का विस्तृत प्रशिक्षण दिया। प्रशिक्षण में उपस्थित सभी महिला एवं पुरुष किसानों को बताया कि मशरूम की खेती बड़ी आसानी से छोटे से कमरे में भी की जा सकती है इसे अपने घर में किसान खुद खाने के लिए भी कर सकते हैं और बड़े पैमाने पर व्यवस्थाएं के रूप में भी इसे ले सकते हैं।
खासकर घरेलू महिलाओं के लिए यह एक आमदनी का अच्छा जरिया बन सकता है बड़ी आसानी से इसकी खेती कुछ आवश्यक तकनीकों की जानकारी प्राप्त करने बाद सुगमता से की जा सकती है। गेहूं के भूसे, फॉर्मलीन,और प्लास्टिक के बैग के सहारे बहुत कम लागत में इसकी खेती की शुरुआत की जा सकती है। भूसे का शुद्धिकरण एवं बैग भराई से लेकर रूम में स्थापित कर इसकी हार्वेस्टइंग तक किसानों को जानकारी दी।
घोसी और मखदुमपुर स्थित जल छाजन क्षेत्रों के किसानों को मशरूम उत्पादन के लिए खासकर हर संभव मदद के साथ किसानों को आगे आने के लिए प्रेरित किया एवम मशरूम उत्पादन करने की सलाह दी। सभी प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण पत्र भी दिया गया। जिससे किसानों को सरकारी स्तर पर मिलने वाले सुविधाओं का लाभ भी मिलेगा।
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