Thursday 28 October 2021

सिर्फ आइएसआइ से पैसे पाने वाले और पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी ही लगायेंगे ?? या ...

 

पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे कितना उचित ?

पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने पर कोई भी मुश्किल में पड़ सकता है. यहां तक कि उसे जेल की हवा भी खानी पड़ सकती है. क्या पाकिस्तान जिंदाबाद नारे लगाने पर जेल हो सकती है?



24 अक्टूबर को खेले गए भारत-पाकिस्तान मैच में भारत 10 विकेट से पराजित हो गया। उसके बाद सोशल मीडिया पर कई ऐसे वीडियो और फोटो वायरल किया गया है। जिसमें भारत के मोहल्ले में पटाखा फोड़ने की आवाज आई है और हिंदुस्तान मुर्दाबाद और पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा लगाया गया है।

सिर्फ और सिर्फ इस बात को सोच लें कि आज तक पाकिस्तान नामक देश ने आपके देश के लिए एक भी भलाई का काम किया है ??


अपने घर में रह कर दूसरे के जय जय कार करना कितना उचित है ? 

तो भैया सौ बात की एक बात है अगर भारत में रह कर पकिस्तान ज़िंदाबाद के नारे लगाओगे तो जेल जाना ही पड़ेगा । और ज़मानत भी नहीं मिलेगी !


सभी देशों के नागरिक किसी दुश्मन देश या कोई और देश की जय किसी भी कारण से बोलता है यह राष्ट द्रोह की श्रेणी मे आता है, इसके लिए कड़ी सजा का प्रावधान है !


आप जिस देश में रहते हो, जिस देश का खाते हो, उस देश का बुरा चाहने वालों का आप जिंदाबाद के नारे लगाओ तो ये राजद्रोह की श्रेणी में आता है।


हालांकि यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी 20 फ़रवरी को 19 साल की छात्रा अमूल्या लियोना ने बेंगलुरु में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी की मौजूदगी में बेंगलुरु में पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे सीएए और एनआरसी के ख़िलाफ़ आयोजित विरोध-प्रदर्शन में पाकिस्तान ज़िंदाबाद का नारा लगाया था ! बाद में उन पर राजद्रोह (सेडिशन) यानी आईपीसी की धारा 124-A लगा दी गई और अभी पुलिस हिरासत में भेज दिया गया. बेंगलुरु पुलिस 90 दिन बाद भी चार्ज शीट फाइल नहीं कर पाई लेकिन अमूल्या 12 जून को ही जेल से बाहर आ सकी !

पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने पर कोई भी मुश्किल में पड़ सकता है. यहां तक कि उसे जेल की हवा भी खानी पड़ सकती है. क्या पाकिस्तान जिंदाबाद नारे लगाने पर जेल हो सकती है?


पाकिस्तान जिंदाबाद’ पर पुलिस का क्या एंगल है?


पुलिस को यह हक है कि वह किसी भी वक्त एहतियात के तौर पर किसी को हिरासत में ले सके. मतलब यह कि अगर पुलिस को किसी अनहोनी की आशंका महसूस हो तो वह किसी को भी रोक कर अपने साथ ले जा सकती है. इसे गिरफ्तार करना नहीं बल्कि हिरासत में लेना कहा जाता है. हिरासत में लेकर पूछताछ करने के बाद पुलिस अक्सर छोड़ देती है. इस दौरान पुलिस पूछताछ करती है !

पुलिस को अगर लगता है कि नारे लगाने के पीछे कोई सोची-समझी साजिश है तो पुलिस गिरफ्तार भी कर सकती है. दिल्ली पुलिस के ही एक सूत्र ने बताया कि पुलिस किसी इनपुट या आशंका के आधार पर ही किसी को गिरफ्तार करती है. सिर्फ नारे लगाने भर के लिए किसी को गिरफ्तार नहीं किया जाता !


पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा लगाने पर गिरफ्तारी का सबसे बड़ा कारण शांति भंग की आशंका हो सकता है. मतलब पुलिस इस आशंका में गिरफ्तार कर सकती है कि ऐसी नारेबाजी से इलाके में अशांति हो सकती है. हाई कोर्ट के वकील सुशांत सिन्हा का कहना है कि पुलिस आईपीसी की धारा 151 लगा कर लोगों को गिरफ्तार कर सकती है. हालांकि इसमें थाने से जमानत का प्रावधान है ! दूसरा और गंभीर आरोप सेडिशन या राजद्रोह का लग सकता है. इसको साबित करना काफी मुश्किल काम है, लेकिन इसमें गिरफ्तारी के बाद जमानत होना मुश्किल हो जाता है !


सिर्फ आइएसआइ से पैसे पाने वाले और पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी ही लगायेंगे ?? या नमक हराम,गद्दार ।


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भारतीय दंड संहिता की धारा 124 A में देशद्रोह की सजा का प्रावधान है !


ब्रिटिश राज के तहत भारतीय दंड संहिता 1860 में लागू की गई थी। धारा 124 A संहिता के अध्याय VI का हिस्सा है जो राज्य के खिलाफ अपराधों से संबंधित है।


अध्याय VI में 121 से 130 तक के खंड शामिल हैं, जिसमें धारा 121A और 124A को 1870 में पेश किया गया था। इस खंड ने स्वतंत्र भारत में स्वतंत्र भाषण के अधिकार मेंबाधा होने के साथ-साथ आलोचनाओं को भी खींचा


धारा 124 A।


राज - द्रोह


जो भी, शब्दों द्वारा, या तो लिखित या लिखित, या संकेतों द्वारा, या दृश्य प्रतिनिधित्व द्वारा, या अन्यथा, घृणा या अवमानना ​​में लाने के लिए या प्रयास करता है, या उत्तेजित करता है या उसके प्रति अप्रभाव को उत्तेजित करने का प्रयास करता है, भारत में कानून द्वारा स्थापित सरकार, आजीवन कारावास से दंडित किया जा सकता है, जिसमें जुर्माना जोड़ा जा सकता है, या कारावास के साथ जो तीन साल तक बढ़ सकता है, जिसमें जुर्माना जोड़ा जा सकता है, या जुर्माना हो सकता है।


स्पष्टीकरण 1। - अभिव्यक्ति "अप्रभाव" में अरुचि और शत्रुता की सभी भावनाएं शामिल हैं।

स्पष्टीकरण 2। - सरकार द्वारा कानून के माध्यम से उनके परिवर्तन को प्राप्त करने के दृष्टिकोण के साथ अस्वीकृति व्यक्त करते हुए टिप्पणियां, बिना रोमांचक या घृणा, अवमानना ​​या अप्रभाव को उत्तेजित करने के प्रयास के बिना, इस धारा के तहत अपराध का गठन नहीं करती हैं।

स्पष्टीकरण 3। — सरकार द्वारा प्रशासनिक या अन्य कार्रवाई की बिना किसी रोमांचक या अप्रसन्नता के घृणा व्यक्त करने या घृणा, अवमानना ​​या अप्रभाव को उत्तेजित करने का प्रयास करने वाली टिप्पणियां, इस धारा के तहत अपराध का गठन नहीं करती हैं।

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