पटना(17.08.2023):- एनएमओपीएस (पुरानी पेंशन प्रतिबद्ध संगठन) की बिहार इकाई द्वारा आज पुरानी पेंशन बहाली के मुद्दे पर एक बार फिर से माननीय मुख्यमंत्री से अनुरोध किया गया, अगर यह अनुरोध स्वीकार्य नहीं होता है तो बिहार में एनपीएस लागू होने के दिन 1 सितंबर को ब्लैक डे (काला दिवस) के रूप में मनाया जाएगा और उस दिन बिहार सरकार के सभी पदाधिकारी/कर्मचारी अपने कार्यस्थल पर काला बिल्ला लगाकर शांति पूर्वक अपने कार्यों का निष्पादन करते हुए सरकार के समक्ष एनपीएस का विरोध दर्ज करेंगे। यह समाचार www.operafast.com पर पढ़ रहे हैं।
इस अवसर पर बात करते हुए प्रदेश अध्यक्ष वरुण पांडेय द्वारा बताया गया कि हम लोग लगातार सरकार के समक्ष अपनी मांग रख रहे हैं, सरकार के तरफ से अब तक कोई सकारात्मक आश्वासन नहीं मिला है; ऐसी स्थिति में पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी 1 सितंबर को काला दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया है और उस दिन बिहार सरकार के सभी पदाधिकारी/ कर्मचारी काला बिल्ला लगाकर अपने कार्यों का निष्पादन करेंगे।
प्रदेश महासचिव शशि भूषण कुमार द्वारा बताया गया कि हम लोग बिहार सरकार के प्रति आशान्वित हैं,बिहार में गठबंधन की सरकार हैं और गठबंधन के घटक दलों द्वारा अपने चुनावी घोषणा पत्र में पुरानी पेंशन लागू करने का वादा किया गया था, इसलिए हम लोग लगातार सरकार के समक्ष अपनी मांग रख रहे हैं।
प्रदेश उपाध्यक्ष संजीव तिवारी द्वारा बताया गया कि 'एक ही मिशन, पुरानी पेंशन' के तर्ज पर हम लोग तब तक संघर्ष करते रहेंगे, जब तक की बिहार में पुरानी पेंशन लागू करने की घोषणा नहीं हो जाती।
प्रदेश मुख्य प्रवक्ता संतोष कुमार द्वारा बताया गया कि आज जब देश के पांच राज्यों में पुरानी पेंशन बहाली की घोषणा हो चुकी है, तो बिहार सरकार को भी इस दिशा में त्वरित कार्रवाई करते हुए अपने सरकारी सेवकों के हित में निर्णय लिया जाना चाहिए।
एनएमओपीएस के बिहार प्रदेश अध्यक्ष श्री पाण्डेय जी द्वारा बताया गया कि इस संबंध में मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार को ज्ञापन सौंप कर पुरानी पेंशन की मांग किया गया है जिसमें दिनांक 01.09.2005 एवं उसके बाद नियुक्त राज्य कर्मियों को भी पूर्व की भाँति पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिये जाने का जिक्र है, जो भारत सरकार द्वारा दिनांक 01:01 2004 या उसके बाद नियुक्त कर्मियों के लिये उस समय प्रचलित पुरानी पेंशन योजना के स्थान पर नई अशदायी पेंशन योजना लागू करने के उपरांत राज्य सरकार द्वारा भी उक्त योजना के अनुरूप दिनांक 01.09.2005 के प्रभाव से राज्यकर्मियों के लिये भी बिहार सरकारी कर्मचारी अंशदायी पेंशन योजना 2005 लागू कर दी गई है।
नई अंशदायी पेंशन योजना के लागू होने से राज्यकर्मियों को विभिन्न प्रकार की कठिनाई हो रही है एवं सेवानिवृत्ति अथवा उसके पूर्व मृत्यु के उपरांत मिलने वाली पेंशन की राशि बहुत ही कम होती है जो वृद्धावस्था में आवश्यक जीवन निर्वाह के लिये पर्याप्त नहीं है, जिससे राज्यकर्मी वृद्धावस्था में सामाजिक प्रतिष्ठा एवं सुरक्षा को लेकर आशंकित है।
उल्लेखनीय है कि नई पेंशन प्रणाली में शेयर बाजार पर आधारित पेंशन मिलेगा, जिसमें नुकसान की संभावना बनी रहती है बिहार सरकार द्वारा प्रति माह कर्मियों के पेंशन के नाम पर 14 प्रतिशत राशि अपने हिस्से का और 10 प्रतिशत राशि कर्मियों के वेतन से काटकर (अर्थात कुल वेतन का 24 प्रतिशत) एजेंसी के पास जमा किया जाता है, जिसका फायदा कर्मियों को मिलने की कोई गारंटी नहीं है, बल्कि राज्य सरकार को भी प्रतिमाह राजस्व का भारी नुकसान हो रहा है और कर्मियों में भी अंसतोष व्याप्त है। अगर यही पैसा भविष्य निधि में जमा रहता तो इस राशि का उपयोग राज्य सरकार राज्य के विकास के कई कार्यों में कर सकती थी। स्पष्ट है कि NPS से सरकार और कर्मियों दोनों को नुकसान हो रहा है। विदित हो कि भारत सरकार का उक्त आदेश राज्यों के लिए बाध्यकारी नहीं है। इसी आलोक में राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखण्ड, पंजाब एवं हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा अपने कर्मियों के लिए नई पेंशन योजना (NPS) को समाप्त करते हुए पुरानी पेंशन योजना लागू कर दिया गया है। पश्चिम बंगाल में अभी भी पुरानी पेंशन योजना लागू है इन तथ्यों के आलोक में स्पष्ट होता है कि पुरानी पेंशन योजना लागू करने के लिए राज्य सरकारें स्वतंत्र है।
एक संवेदशील मुख्यमंत्री होने के नाते बिहार का सरकारी सेवक वर्ग आपसे भी उम्मीद करता है कि आप उनकी पीड़ा को समझते हुए राज्य कर्मियों के लिए पुरानी पेंशन योजना बहाली के संबंध में न्यायोचित निर्णय लेंगे। वर्ष 2005 में पदभार ग्रहण करने के पश्चात् से लेकर आज तक महोदय द्वारा अनेक महत्वपूर्ण एवं कल्याणकारी निर्णय लिए गए जिसे धरातल पर मूर्तरूप देने का कार्य इन्हीं सरकारी सेवको द्वारा किया गया। कोविड काल में इन्हीं सरकारी सेवकों ने अपनी सुरक्षा की परवाह न करते हुए राज्य के नागरियों के सुरक्षा, जानमाल, आवागमन, चिकित्सा जैसे अनेकों कार्यों का निष्पादन किया।
आगे ज्ञापन में लिखा है कि भवदीय को इस संबंध में विभिन्न आवेदनों के द्वारा पूर्व में भी अवगत कराया जा चुका है. परन्तु अभी तक इस संबंध में कोई संज्ञान नहीं लिया गया है।
बिहार के राज्यकर्मियों की माँग के अनुरूप बिहार में दिनांक 01.09.2005 के प्रभाव से लागू नई अंशदायी पेंशन योजना (NPS) को निरस्त किया जाए और पुरानी पेंशन योजना (OPS) को पुनस्थापित किया जाए अन्यथा बाध्य होकर दिनांक 16.07 2023 को बिहार राज्य के अधिकांश सरकारी सेवक संघों की बैठक में लिए गए निर्णय के अनुरूप बिहार के सभी NPS कर्मियों द्वारा दिनांक 01.09.2023 (बिहार में NPS लागू होने के काला दिन) को विरोधस्वरूप कोला बिल्ला लगा कर शांतिपूर्वक अपने स्थान पर अपने सरकारी कार्यों का निष्पादन किया जाएंगा।
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