Friday 24 March 2023

व्यवहार न्यायालय कर्मचारी संघ ने विभागीय पदोन्नति के कालावधि में कि संशोधन मांग

व्यवहार न्यायालय कर्मचारी संघ ने विभागीय पदोन्नति के कालावधि में कि संशोधन मांग
बिहार राज्य व्यवहार न्यायालय कर्मचारी संघ के द्वारा व्यवहार न्यायालय के संयोजक केन्द्रीकृत चयन और नियुक्ति समिति -सह-जिला एवं सत्र न्यायाधीश पटना को एक ज्ञापन दिया गया जिसमें बिहार राज्य व्यवहार न्यायालय के कर्मचारियों को पदोन्नती मे सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित एवं पूर्व के नियमावली 2017 के कालावधि के अनुसार आवेदन के प्रक्रिया शुरू करने से संबंधित है। यह समाचार www.operafast.com पर पढ़ रहे हैं।



बिहार व्यवहार न्यायालय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष श्री राजेश्वर तिवारी ने बताया कि पत्रांक 125-162 Conv. दिनांक 20.03.2023 के द्वारा व्यवहार न्यायालय के वर्ग C के कर्मियों को उच्चतर वेतनमान (सहायक संवर्ग) में पदोन्नति हेतु आवेदन की मांग की गई है। जिसमें कालावधि 11 वर्ष निर्धारित किया गया है। जिसके संबंध में कहना है कि यह आदेश पुर्ण रूप से नैसर्गिक न्यायसंहिता तथा माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार गठित शेट्ठी कमिशन के अनुशंसा के विपरीत है। क्योंकि उक्त अनुशंसा में समुह-घ को सहायक संवर्ग में पदोन्नती हेतु कालावधि तीन वर्ष पुरी करने पर योग्यता एवं वरीयता के अधार पर पदोन्नती देने का निर्देश दिया गया है। साथ ही पूर्व के व्यवहार न्यायालय कर्मचारी नियमावली 1992, 1998, 2002, 2009 एवं 2017 के अवलोकन से ज्ञात होता है कि समूह घ के कर्मियों को सहायक संवर्ग में पदोन्नती की कालावधि तीन एवं पाँच वर्ष किया गया था। अतः उन्हें वर्ष 2022 के नियमावली से एक भी कर्मी की नियुक्ति नहीं है, इसलिए 2022 नियमावली के अनुसार पदोन्नति करना नैसर्गिक न्याय के विपरीत है।

संघ के कर्मचारियों द्वारा दिया गया ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि कालावधि 11 वर्ष करने से बहुत से योग्य कर्मचारी इसमें भाग लेने से बंचित हो जायेगें जिससे उनके अधिकारो का हनन होगा। यह विदित है कि बिहार के किसी भी जिला में विगत पन्द्रह वर्षो से समुह घ को सहायक संवर्ग में पदोन्नती हेतु परीक्षा का आयोजन नही किया गया है।

उन्होंने एक छाया प्रति को संलग्न करते हुए आग्रह करते है कि माननीय उच्च न्यायालय पटना के द्वारा पत्रांक 18524-55 दिनांक 19.10.1985 निर्गत कर व्यवहार न्यायालय कर्मियों की शेक्षणिक योग्यता स्नातक कर दी गई एवं वर्ग चार से वर्ग तीन में पदोन्नति की कालावधि 5 वर्ष किया गया है।

विदित है कि व्यवहार न्यायालय में सहायक संवर्ग के पदोन्नती की कलावधि नियमावली 2022 के अनुसार राज्य सरकार के अनुरूप किया गया है, जबकि माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार गठित शेटटी कमीशन के अनुसंसा में पाँच वर्ष रखा गया है जिसके अनुरूप में 2017 के नियमावली में लागु किया गया था। ज्ञात सूत्रों के अनुसार राज्य सरकार एवं माननीय उच्च न्यायालय द्वारा माननीय सर्वोच्च न्यायालय में शपथ पत्र दाखिल कर अवगत कराया गया है कि बिहार राज्य में शेट्टी कमीशन की अनुसंसा को हुबहु दिनांक 01.04.2003 के प्रभाव से लागू किया गया है इसलिये भी सभी संवर्गो में पदोन्नी की कालावधि पाँच वर्ष ही रखा जाए।

उन्होंने जिला एवम सत्र न्यायधीश महोदय से अगर करते हुए कहा कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार गठित शेट्टी कमीशन की अनुसंसा एवं 2017 नियमावली के अनुरूप दिनांक 20.03.2023 को निर्गत पत्र में संशोधन करते हुए वर्ग ग के कर्मियों को सहायक संवर्ग (उच्चतर वेतनमान) में पदोन्नति की कालावधि पूर्व के नियमावली के अनुसार तीनवर्ष साथ ही साथ अन्य सभी संवर्गो मे पदोन्नती की कालावधि 5 वर्ष किया जाए जिससे कि सभी वर्ग ग योग्य अभ्यर्थीयो को परीक्षा में भाग लेने का अवसर मिल सके तथा अन्य कर्मियो को भी ससमय पदोन्नती प्रदान किया जा सके।

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