एनएमओपीएस (पुरानी पेंशन बहाली हेतु प्रतिबद्ध राष्ट्रीय संगठन) बिहार के तत्वावधान में पूर्व से चल रहे हस्ताक्षर महा अभियान के तहत प्रदेशभर के विभिन्न जिलों से आए प्रतिनिधियों से प्राप्त लगभग एक लाख हस्ताक्षर की प्रति के साथ माननीय मुख्यमंत्री से राज्य में पुरानी पेंशन बहाली हेतु अनुरोध किया गया। यह समाचार www.operafast.com पर पढ़ रहे हैं।
प्रदेश अध्यक्ष वरुण पांडेय द्वारा बताया गया कि विभिन्न जिलों से प्रतिनिधि के माध्यम से अथवा इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से हस्ताक्षर की प्रति प्राप्त हुई है, जिसे संकलित कर आवेदन के साथ संलग्न किया गया है l
प्रदेश महासचिव श्री शशि भूषण द्वारा बताया गया कि एनएमओपीएस के बैनर तले हम लोग लगातार लोकतांत्रिक तरीके से सरकार के समक्ष अपनी मांग रख रहे हैं और उम्मीद करते हैं कि शीघ्र ही बिहार की संवेदनशील सरकार भी पुरानी पेंशन बहाल करने की दिशा में समुचित कार्रवाई करेगी।
नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम के तत्वाधान में बिहार राज्य के नई पेंशन प्रणाली से आच्छादित राज्य कर्मियों एवं राज्य सरकार के व्यापक हित को ध्यान में रखते हुए बिहार में पुरानी पेंशन लागू करने के संबंध में मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार को आज एक ज्ञापन दिया गया।
माननीय मुख्यमंत्री को दिए गए ज्ञापन में 1 सितंबर 2005 से बिहार राज्य के कर्मचारियों पदाधिकारियों हेतु लागू पुरानी पेंशन योजना को समाप्त किए जाने तथा इससे उत्पन्न कठिनाइयों के तरफ ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा गया कि बिहार में राज्य कर्मियों के लिए 1 सितंबर 2005 से केंद्र की तर्ज पर नई पेंशन योजना लागू की गई है जिसके तहत उन कर्मचारियों को वेतन से 10% राशि की कटौती की जाती है तथा 14% की राशि राज्य सरकार अपनी तरफ से अंशदान के रूप में उसमें जो पीएफआरडीए के तहत एनएसडीएल नामक एक एजेंसी को भेजती है ।
एक सामान आकलन के अनुसार बिहार में इस समय 2,00,000 से अधिक एनपीएस अच्छादित सरकारी सेवक हैं और राज्य सरकार को नई पेंशन प्रणाली के तहत प्रतिवर्ष एनएसडीएल के पास जमा करना पड़ता है एनएसडीएल द्वारा इस राशि को निवेश शेयर बाजार में किया जाता है जो सेवानिवृत्ति के उपरांत निवेशित 60% राशि कर्मी को दी जाती है । तथा शेष 40% राशि को अनिवार्य रूप से किसी पेंशन फंड में डाल दी जाती है उसी 40% की राशि पर उन कर्मियों का फिक्स्ड पेंशन तय होता है। जो की ऊंट के मुंह में जीरे के समान है। अर्थात यह राशि उनके वेतन का 10% से भी कम होती है , यही कारण है कि भारतीय पेंशन व्यवस्था को दुनिया में सबसे बुरा पेंशन व्यवथा माना गया है।
उस ज्ञापन में एनएमओपीएस के बिहार प्रदेश अध्यक्ष श्री वरुण पांडेय ने बताया है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एक संवेदनशील जन नेता होने के नाते सेवानिवृत्ति की अगली तिथि से कर्मियों को अगर वेतन का मात्र 10% पेंशन के ऊपर प्राप्त हो तो जीवन यापन कितना कठिन हो जाता है उक्त राशि से गौरवपूर्ण जीवन जीना संभव नहीं है इसके अभी नई पेंशन व्यवस्था में बहुत सारी खामियां हैं जिसके कारण सरकारी सेवकों द्वारा देशभर में इसका विरोध किया जा रहा है जिसके तहत को देखते हुए राजस्थान छत्तीसगढ़ दिखाते हुए नई व्यवस्था को अपने राज्य में पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू है। अपने दिए गए ज्ञापन में आगे लिखा है कि अगर एनपीएस को बदलकर पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू कर दी जाएगी तो राज्य सरकार द्वारा प्रत्येक वर्ष एनएसडीएल में 2 अरब रुपया जमा करने के बदले उस राशि का उपयोग राज्य के विकास कार्यों में किया जा सकेगा । राज्य के कर्मियों का 10% राशि का योगदान जीपीएफ में होगा उसका भी उपयोग राज्य के विकास कार्यों में किया जा सकेगा।
विदित है कि 2021-2022 में बिहार सरकार द्वारा नई पेंशन योजना के तहत कुल 2,310,97,93,613/- दो हजार 310 करोड़ 97 लाख 93 हजार 6 सौ तेरह रुपए पीएफआरडीए में जमा किया गया है ।
अपने पत्र में आगे लिखा है कि NPS से अच्छादित सरकारी कर्मियों के हजारों हजार हस्ताक्षर को संलग्न करते हुए आग्रह किया है कि इस संबंध में पहल करते हुए राज्य सरकार के कर्मियों एवं राज्य सरकार के व्यापक हित में पुरानी पेंशन व्यवस्था को लागू करने की कृपा की जाए।
प्रदेश उपाध्यक्ष संजीव तिवारी द्वारा राज्य भर के सभी एनपीएस से आच्छादित पदाधिकारियों कर्मचारियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया गया और बताया गया कि इसमें सभी संगठनों का भरपूर सहयोग प्राप्त हुआ है जिसके कारण हम लोग इतनी अधिक संख्या में हस्ताक्षर प्राप्त करने में सफल रहे हैं.
प्रदेश मीडिया प्रभारी हलवंत सिंह द्वारा बताया गया कि यदि शीघ्र सरकार द्वारा हमारी मांगों पर सकारात्मक निर्णय नहीं लिया गया तो हम लोग राज्य कार्यकारिणी की बैठक कर अगले कार्यक्रम के संबंध में निर्णय लेंगे।
इस अवसर पर मुख्य रूप से संगठन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनिरुद्ध प्रसाद, मुख्य प्रवक्ता संतोष कुमार, विधिक सलाहकार, शंकर प्रसाद सिंह, बिहार पुलिस अनुसचिवीय संघ के संयुक्त सचिव नीरज मिश्र, गोप गुट के नेता कृष्ण नंदन सिंह,राजेश कुमार, रामेश्वर भारती, इत्यादि एनपीएस कर्मीगण मौजूद रहे।
उस ज्ञापन में एनएमओपीएस के बिहार प्रदेश अध्यक्ष श्री वरुण पांडेय ने बताया है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एक संवेदनशील जन नेता होने के नाते सेवानिवृत्ति की अगली तिथि से कर्मियों को अगर वेतन का मात्र 10% पेंशन के ऊपर प्राप्त हो तो जीवन यापन कितना कठिन हो जाता है उक्त राशि से गौरवपूर्ण जीवन जीना संभव नहीं है इसके अभी नई पेंशन व्यवस्था में बहुत सारी खामियां हैं जिसके कारण सरकारी सेवकों द्वारा देशभर में इसका विरोध किया जा रहा है जिसके तहत को देखते हुए राजस्थान छत्तीसगढ़ दिखाते हुए नई व्यवस्था को अपने राज्य में पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू है। अपने दिए गए ज्ञापन में आगे लिखा है कि अगर एनपीएस को बदलकर पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू कर दी जाएगी तो राज्य सरकार द्वारा प्रत्येक वर्ष एनएसडीएल में 2 अरब रुपया जमा करने के बदले उस राशि का उपयोग राज्य के विकास कार्यों में किया जा सकेगा । राज्य के कर्मियों का 10% राशि का योगदान जीपीएफ में होगा उसका भी उपयोग राज्य के विकास कार्यों में किया जा सकेगा।
विदित है कि 2021-2022 में बिहार सरकार द्वारा नई पेंशन योजना के तहत कुल 2,310,97,93,613/- दो हजार 310 करोड़ 97 लाख 93 हजार 6 सौ तेरह रुपए पीएफआरडीए में जमा किया गया है ।
अपने पत्र में आगे लिखा है कि NPS से अच्छादित सरकारी कर्मियों के हजारों हजार हस्ताक्षर को संलग्न करते हुए आग्रह किया है कि इस संबंध में पहल करते हुए राज्य सरकार के कर्मियों एवं राज्य सरकार के व्यापक हित में पुरानी पेंशन व्यवस्था को लागू करने की कृपा की जाए।
प्रदेश उपाध्यक्ष संजीव तिवारी द्वारा राज्य भर के सभी एनपीएस से आच्छादित पदाधिकारियों कर्मचारियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया गया और बताया गया कि इसमें सभी संगठनों का भरपूर सहयोग प्राप्त हुआ है जिसके कारण हम लोग इतनी अधिक संख्या में हस्ताक्षर प्राप्त करने में सफल रहे हैं.
प्रदेश मीडिया प्रभारी हलवंत सिंह द्वारा बताया गया कि यदि शीघ्र सरकार द्वारा हमारी मांगों पर सकारात्मक निर्णय नहीं लिया गया तो हम लोग राज्य कार्यकारिणी की बैठक कर अगले कार्यक्रम के संबंध में निर्णय लेंगे।
इस अवसर पर मुख्य रूप से संगठन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनिरुद्ध प्रसाद, मुख्य प्रवक्ता संतोष कुमार, विधिक सलाहकार, शंकर प्रसाद सिंह, बिहार पुलिस अनुसचिवीय संघ के संयुक्त सचिव नीरज मिश्र, गोप गुट के नेता कृष्ण नंदन सिंह,राजेश कुमार, रामेश्वर भारती, इत्यादि एनपीएस कर्मीगण मौजूद रहे।
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