अगर आप यात्रा के दौरान कम पैसों में AC coach का आनंद लेना चाहते हैं तो भारतीय रेलवे लाया है आपके लिए 3rd क्लास इकोनॉमिक्स श्रेणी। ट्रेन के इस कोच में आपको सामान्य श्रेणी से 2.4 गुना ज्यादा पैसा देना होगा। मतलब अगर जनरल कोच का किराया 100 रुपया है तो 3rd इकोनॉमी में आपको 240 रुपए देने होंगे और इस तरह आप कम पैसे में ही एसी कोच का मजा ले सकेंगे। ये समाचाार गूगल पर उपलब्ध है। गूगल पर OPERAFAST HINDI NEWS
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इससे भारतीय रेलवे का कुछ ज्यादा आमदनी भी हो जाएगी तथा यात्रियों को सहूलियत भी प्रदान हो जाएगी । अगर भारतीय रेलवे का ये नया प्लान सक्सेसफुल रहा तो धीरे-धीरे लंबी दूरी वाले सभी ट्रेनों से स्लीपर कोच को हटाकर थर्ड क्लास इकोनॉमिक्स श्रेणी के कोच लगाए जाएंगे। ऐसा करने से रेलवे ट्रेनों को स्पीड भी बढ़ा सकेगा।
जैसा कि आप जानते हैं कि भारतीय रेलवे ने कई सारे विकास के कार्य किए है। भारतीय रेलवे उच्च गुणवत्ता युक्त कई सारी ट्रेन चला रही है जिसमें बंदे भारत एवं तेजस एक्सप्रेस प्रमुख है। भारतीय रेलवे ने अपने व्यस्ततम मार्ग पर भी नई यात्री ट्रेनों की सौगात दी है। क्योंकि पहले की अपेक्षा ट्रेनों की स्पीड बढ़ाई गई है।
अगर देखा जाए तो भारतीय रेलवे कई रूटों पर दोहरीकरण का अपना कार्य पूरा कर लिया है। काफी पुराने हो चुके रेलवे ट्रैक को बदल चुका है। कई किलोमीटर लंबे इलेक्शन का काम पूरा कर लिया गया है जिससे डीजल इंजन के बदले इलेक्ट्रिक से चलने वाली इंजन का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस कारण ट्रेनों की लेटलतीफी में कमी आई है इस आधार पर भारतीय रेलवे कहीं सामान्य श्रेणी के रेलगाड़ी को हटाकर उसी स्थान पर मेल एक्सप्रेस या स्पेशल ट्रेनों को संचालित कर रही है साथ साथ कई ट्रेनों के नंबर बदलकर सुपर फास्ट कर दिए गए हैं, सुपरफास्ट ट्रेनों के स्टॉपेज भी कम है।
जैसा कि आप जानते हैं कि भारतीय रेलवे ने कई सारे विकास के कार्य किए है। भारतीय रेलवे उच्च गुणवत्ता युक्त कई सारी ट्रेन चला रही है जिसमें बंदे भारत एवं तेजस एक्सप्रेस प्रमुख है। भारतीय रेलवे ने अपने व्यस्ततम मार्ग पर भी नई यात्री ट्रेनों की सौगात दी है। क्योंकि पहले की अपेक्षा ट्रेनों की स्पीड बढ़ाई गई है।
अगर देखा जाए तो भारतीय रेलवे कई रूटों पर दोहरीकरण का अपना कार्य पूरा कर लिया है। काफी पुराने हो चुके रेलवे ट्रैक को बदल चुका है। कई किलोमीटर लंबे इलेक्शन का काम पूरा कर लिया गया है जिससे डीजल इंजन के बदले इलेक्ट्रिक से चलने वाली इंजन का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस कारण ट्रेनों की लेटलतीफी में कमी आई है इस आधार पर भारतीय रेलवे कहीं सामान्य श्रेणी के रेलगाड़ी को हटाकर उसी स्थान पर मेल एक्सप्रेस या स्पेशल ट्रेनों को संचालित कर रही है साथ साथ कई ट्रेनों के नंबर बदलकर सुपर फास्ट कर दिए गए हैं, सुपरफास्ट ट्रेनों के स्टॉपेज भी कम है।
भारतीय रेलवे शयनयान श्रेणी के कोच को अपडेट कर बेहतरीन सुविधाएं देने का प्रयास कर रही है।
भारतीय रेलवे के स्लीपर क्लास में यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए यह खुशखबरी है कि थर्ड क्लास एसी कोच के बदले उन्हें थर्ड क्लास इकॉनमी श्रेणी के कोच भी लंबी दूरी की ट्रेनों में जोड़े जा रहे हैं। इसमें 3rd AC के मुकाबले कम पैसे का भुगतान करना होगा। लेकिन सुविधाएं हू बहु समान रहेगी। अब आप थर्ड क्लास इकोनॉमी श्रेणी में सफर का मजा लेते हुए अपने गंतव्य तक जा सकते है। क्योंकि इसमें 3rd AC का सारे फीचर मौजूद है। इसमें खाने पीने के लिए टेबल है, बोतल रखने की जगह है, कंप्यूटर लैपटॉप रखने के साथ साथ मोबाइल चार्जिंग फैसिलिटी भी है।
अगर आप थर्ड एसी इकोनॉमिक्स श्रेणी में टिकट बुक कराना चाहते हैं तो आईआरसीटीसी के वेबसाइट पर जाकर यह सीट बुक कर सकते हैं जिसमें कम पैसों के साथ अच्छी सुविधा मिलेगी । यह कोच लंबी दूरी के ज्यादा कोचों वाली ट्रेनों में उपलब्ध है।
What is 3rd class economy ?
इसमें प्रत्येक बर्थ के लिए अलग-अलग एसी वेंट, नया डिज़ाइन की गई सीट और बर्थ, फोल्डेबल स्नैक टेबल, वॉटर होल्डर और व्यक्तिगत रीडिंग लाइट और यूएसबी पोर्ट के साथ मोबाइल चार्जिंग पॉइंट के साथ आता है। रेलवे अब तक 21 लाख से ज्यादा यात्रियों को उनके गंतव्य तक 3rd क्लास इकोनॉमी कोच से पहुंचा चुका है।
What is difference between 3AC and 3E ?
3E कोच 3AC कोच की तरह ही हैं, केवल प्रत्येक डिब्बे में बर्थ की संख्या में अंतर है। 3A क्लास में हर कंपार्टमेंट में 6 बर्थ और 2 साइड बर्थ होती हैं, लेकिन 3E क्लास में 3 साइड बर्थ होती हैं, जिससे हर कंपार्टमेंट में कुल 9 बर्थ होती हैं।
Can we sleep in AC 3 economy ?
भारतीय रेलवे के विभिन्न रिपोर्टों के अनुसार इस सप्ताह से यात्रियों को थर्ड एसी इकोनॉमी क्लास के डिब्बों में यात्रा करने वाले यात्रियों को बेडरोल प्रदान करने का निर्णय लिया है। अभी तक, थर्ड एसी इकोनॉमी क्लास कोच में बेडरोल उपलब्ध नहीं कराए जाते हैं।
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