हम सब हिंदू सदियों से अपनी रीति रिवाजों और संस्कारों को मानते चले जा रहे हैं। क्योंकि हम इसलिए ऐसा करते हैं क्योंकि हमारे पूर्वजों ने भी ऐसा करते आ रहे थे और कहीं ना कहीं इसके पीछे वैज्ञानिक तर्क भी है। संस्कार के लिए किए जाने वाले पूजा-पाठ, यज्ञ, मंत्र उच्चारण आदि का वैज्ञानिक महत्व साबित किया जा चुका है । अगर मंत्र की बात किया जाए तो यह एक संस्कृत शब्द है जो व्यवस्थित क्रम में मस्तिष्क और मन को संतुलित करता है। मंत्र का प्रभाव इतना असरकारक होता है कि आप अगर चाहे तो देवी-देवताओं को अपने बस में करवा कर अपना काम निकलवा सकते हैं तो चलिए आज हम कुछ ऐसे मंत्र का चर्चा करते हैं जिसे हर हिंदू को मंत्र जाप करना चाहिए। ये आप www.operafast.com पर पढ़ रहे हैं।
ये 15 मंत्र जो....हर हिंदू को सीखना और बच्चों को सिखाना चाहिए।
1. भगवान शंकर को खुश करने के लिए महा मृत्युंजय मंत्र
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे,
सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् ,
उर्वारुकमिव बन्धनान्,
मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् !!
2. श्री गणेश भगवान का मंत्र
वक्रतुंड महाकाय,
सूर्य कोटि समप्रभ
निर्विघ्नम कुरू मे देव,
सर्वकार्येषु सर्वदा !!
3. श्री विष्णु/ हरि का मंत्र
मङ्गलम् भगवान विष्णुः,
मङ्गलम् गरुणध्वजः।
मङ्गलम् पुण्डरी काक्षः,
मङ्गलाय तनो हरिः॥
4. श्री ब्रह्मा जी का मंत्र
ॐ नमस्ते परमं ब्रह्मा,
नमस्ते परमात्ने ।
निर्गुणाय नमस्तुभ्यं,
सदुयाय नमो नम:।।
5. श्री कृष्ण भगवान का मंत्र
वसुदेवसुतं देवं,
कंसचाणूरमर्दनम्।
देवकी परमानन्दं,
कृष्णं वन्दे जगद्गुरुम।
6. श्री राम का मंत्र
श्री रामाय रामभद्राय,
रामचन्द्राय वेधसे ।
रघुनाथाय नाथाय,
सीताया पतये नमः !
7. मां दुर्गा के लिए
ॐ जयंती मंगला काली,
भद्रकाली कपालिनी ।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री,
स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।
8. मां महालक्ष्मी के लिए
ॐ सर्वाबाधा विनिर्मुक्तो,
धन धान्यः सुतान्वितः ।
मनुष्यो मत्प्रसादेन,
भविष्यति न संशयःॐ ।
9. माँ सरस्वती मंत्र
ॐ सरस्वति नमस्तुभ्यं,
वरदे कामरूपिणि।
विद्यारम्भं करिष्यामि,
सिद्धिर्भवतु मे सदा ।।10. माँ महाकाली के लिए
ॐ क्रीं क्रीं क्रीं,
हलीं ह्रीं खं स्फोटय,
क्रीं क्रीं क्रीं फट !!
11. श्री हनुमान जी के लिए
मनोजवं मारुततुल्यवेगं,
जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठं।
वातात्मजं वानरयूथमुख्यं,
श्रीरामदूतं शरणं प्रपद्ये॥
12. श्री शनिदेव के लिए
ॐ नीलांजनसमाभासं,
रविपुत्रं यमाग्रजम ।
छायामार्तण्डसम्भूतं,
तं नमामि शनैश्चरम् ||
13. श्री कार्तिकेय के लिए
ॐ शारवाना-भावाया नम:,
ज्ञानशक्तिधरा स्कंदा ,
वल्लीईकल्याणा सुंदरा।
देवसेना मन: कांता,
कार्तिकेया नामोस्तुते ।
14. श्री काल भैरव मंत्र
ॐ ह्रीं वां बटुकाये,
क्षौं क्षौं आपदुद्धाराणाये,
कुरु कुरु बटुकाये,
ह्रीं बटुकाये स्वाहा।
15. गायत्री मंत्र
ॐ भूर्भुवः स्वः,
तत्सवितुर्वरेण्यम्
भर्गो देवस्य धीमहि
धियो यो नः प्रचोदयात् ॥
खुद भी सीखे और परिवार / बच्चों को भी सिखायें !
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