Thursday, 8 December 2022

Kisan Rail, 50% सब्सिडी के साथ कर रहा फल सब्जियों की ढुलाई, जानें बुकिंग प्रक्रिया, route और किराया


किसान रेल क्या है ? जाने इसकी बुकिंग प्रोसेस..

भारत के केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा केंद्रीय बजट 2020-2021में घोषणा की गई थी कि दूध, मांस और मछली सहित शीघ्र खराब होने वाली वस्तुओं के लिए निर्बाध आपूर्ति हेतु राष्ट्रीय शीत आपूर्ति श्रृंखला का निर्माण भारतीय रेलवे पीपीपी व्यवस्था के माध्यम से करेगी और इसके लिए किसान रेल की स्थापना कर एक्सप्रेस के कोच और मालगाड़ियों के वैगन को कोल्ड प्रशितित किया जाएगा। किसानों में प्रमुख्तः विशेष रूप से छोटे और सीमांत किसानों को अक्सर अपनी उपज बेचने में बहुत ही मुश्किल का सामना करना पड़ता है। यह समाचार www.operafast.com पर पढ़ रहे हैं।


 किसान रेल चलाने से पहले किसानों को बाजार की दूरी और सस्ते वाहनों की अनुपलब्धता जैसे कारकों का सामना करने के कारण परिवहन , परागमन के परिणाम स्वरूप उत्पादन को नुकसान पहुंच रहा था।

किसान रेल चलाने उद्देश्य:

किसान रेल सेवा चलाने के पीछे फलों, सब्जियों, मांस, पोल्ट्री, मत्स्य और डेयरी उत्पादों के उत्पादन या अधिशेष क्षेत्रों से खपत या कमी वाले क्षेत्र, और पारगमन के दौरान न्यूनतम क्षति सुनिश्चित करने के लिए तेजी से आवाजाही करना ही किसान रेल चलाने का मुख्य लक्ष्य है।

किसानों को सक्षम बनाने के लिए किसान रेल द्वारा रेलवे के विशाल नेटवर्क का उपयोग करके दूर-दराज तक पहुंच प्राप्त करके बड़ा और अधिक आकर्षक बाजार उपलब्ध करवाना । ऐसे बाजारों तक पहुंच से किसान अपनी उपज को बेहतर कीमत पर बेचने में सक्षम होंगे जो 'किसानों का आय दोगुना' करने के सरकार के विजन को पूरा करने में काफी मददगार साबित होगा। किसान रेल किसानों और वास्तविक व्यापार के मामले में सुधार कर सक्षम बना सकता है।



किसान रेल की मुख्य विशेषताएं

भारतीय रेलवे का विशाल नेटवर्क दूर-दराज के गांवों के किसानों को इससे जुड़ने में सक्षम बनाता है । मुख्य एवम बड़े बाजार उपलब्ध होने से अपनी कृषि उपज बेचने पर समय की बचत होती है और किसानों को अपने खराब होने वाले सामानों को अधिक दूरी और बड़े बाजारों में ले जाने के लिए प्रोत्साहित करता है । किसानों को माल ढुलाई में फलों और सब्जियों के परिवहन के लिए 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है (खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय द्वारा वहन किया जा रहा है) । किसान रेल मल्टी कमोडिटी, मल्टी कंसाइनर, मल्टी कंसाइनी की अवधारणा पर आधारित हैं। कम उपज वाले छोटे किसानों को बिना किसी बिचौलिए के उनकी खेप के परिवहन में मदद करता है। बुक की जा सकने वाली मात्रा की कोई न्यूनतम सीमा नहीं है, जिससे बड़े और दूर के बाजार में छोटे किसान पहुंच सकें।

बुकिंग प्रक्रिया क्या है ?

किसानों को रेलवे स्टेशनों के अपने निकटतम स्टेशन के मुख्य पार्सल पर्यवेक्षक से संपर्क करना होगा । बुकिंग करने से पहले यह सुनिश्चित किया जाता है कि पैकिंग की स्थिति दोषपूर्ण न हो। आपके समान को बुकिंग करते समय तौला जाता है और निर्धारित पार्सल दरों (पी-स्केल) के अनुसार शुल्क लगाया जाता है। माल ढुलाई पर 50% की सब्सिडी किसानों को अग्रिम रूप से दी जाती है (अर्थात उनसे वास्तविक मूल्य का केवल आधा शुल्क लिया जाता है)। सब्सिडी का वहन खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय द्वारा ऑपरेशन ग्रीन्स के तहत किया जा रहा है ।

हालांकि, इस योजना की लोकप्रियता और किसानों की मांग को देखते हुए अब सब्सिडी सभी फलों और सब्जियों तक बढ़ा दिया गया है। सभी किसान रेल सेवाएं निर्धारित समय सारणी के अनुसार चल रही हैं। नॉमिनेटेड स्टेशनों पर लोडिंग अनलोडिंग सुचारू रूप से करने के लिए प्रर्याप्त समय दिया गया है ।



किसान रेल की स्वीकृति या सच्चाई

बड़ी संख्या में किसानों ने फलों और फलों के परिवहन के लिए किसान रेल सेवाओं का लाभ उठाकर शिमला मिर्च, केला, आलू, टमाटर, मिर्च, अदरक, लहसुन, प्याज, संतरे सहित सब्जियां सेब, खरबूजे, अमरूद, पपीता, अनार, अंगूर, फूलगोभी, कीवी आदि का ढुलाई किया है।

फलों और सब्जियों के अलावा, फूल, डेयरी उत्पाद, अंडे और मछली आदि जैसे अन्य नाशवान वस्तुओं का परिवहन कर किसान रेल सेवाएं भी माध्यम के रूप में लोकप्रियता प्राप्त कर रही हैं।

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