Thursday, 8 December 2022
हिमाचल में NPS हुआ क्लीन बोल्ड, पहली कैबिनेट में OPS बहाली का रास्ता साफ
हिमाचल में NPS हुआ क्लीन बोल्ड, पहली कैबिनेट में OPS बहाली का रास्ता साफ
हिमाचल प्रदेश चुनाव में पुरानी पेंशन एक बड़ी मुद्दा बनकर सामने आई थी। यही पुरानी पेंशन के मुद्दे के बलबूते कांग्रेस ने भाजपा को हराकर बहुमत हासिल कर लिया है। या यह कहिए कि हिमाचल प्रदेश में न्यू पेंशन स्कीम क्लीन बोल्ड हो गया और पुरानी पेंशन स्कीम जीत गया। यह समाचार www.operafast.com पर पढ़ रहे हैं।
आज हिमाचल प्रदेश में सुबह से ही आवश्यक मतगणना केंद्रों पर वोटों की गिनती चल रही थी जिसमें टाइप करें चुनाव आयोग ने 10,000 कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई थी। हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भाजपा और प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने 68 सीटों पर चुनाव लड़ा है। वहीं आप ने भी 67 सीटों पर भाग्य आजमाया ।
जैसा कि आप जानते हैं कि हिमाचल प्रदेश में चुनाव प्रचार के दौरान भारतीय जनता पार्टी ने राज नहीं रिवाज बदलेंगे जैसे नारे लगाया था। लेकिन कांग्रेस के पुरानी पेंशन के मुद्दे पर पिछड़ गया और कांग्रेसी विधानसभा के 40 सीटों पर चुनाव जीतकर बहुमत हासिल कर लिया।
हिमाचल प्रदेश में विधानसभा के चुनाव में भाजपा की सीटों की संख्या कम होती देखकर निवर्तमान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर राज्यपाल को इस्तीफा सौंप दिया उन्होंने मीडिया से कहा लोकतंत्र की सबसे बड़ी खासियत है कि जनमत का सम्मान होना चाहिए हमने जनमत का सम्मान किया है और इस्तीफा राज्यपाल को सौंप दिया हूं अब मैं किसी भी प्रकार के टिप्पणी करना नहीं चाहता हूं तब हम देखेंगे कि हमारी कहां कमी रह गई थी। कई बार ऐसा होता है एक दो मुद्दों के कारण चुनावों की धारा प्रभावित होता है।
कांग्रेस पार्टी ने महाराष्ट्र छत्तीसगढ़ राजस्थान की तरह हिमाचल प्रदेश में भी चुनाव के दौरान पुराने चुनावी प्रचार में पुरानी पेंशन योजना को लागू करने का भरोसा राज्य के पेंशन विहीन कर्मचारियों को दिया है। इस पर पूरे प्रचार के दौरान राजनीति होती रही। भाजपा ने जनता को संबोधित करते हुए बार-बार कहा कि कांग्रेस हिमाचल प्रदेश में कभी भी पुरानी पेंशन स्कीम लागू नहीं करेगी। जबकि कांग्रेश ने अपनी बातों को दोहराते हुए कहा कि किसी के अफवाह में ना आए कांग्रेसी एक ऐसी पार्टी है जो सत्ता में आने के बाद कर्मचारियों को पुरानी पेंशन वापस देगी।
विदित हो कि पुरानी पेंशन योजना के तहत सरकार के द्वारा कर्मचारियों के सेवानिवृत्ति के उपरांत अंतिम मूल वेतन का 50% और महंगाई भत्ता देती थी । जबकि न्यू पेंशन स्कीम में कर्मचारियों के वेतन से 10% कटौती करके पेंशन फंड में जमा करती है साथ ही साथ राज्य सरकार भी अपने अंश के तौर पर 14% का योगदान देती है। इस प्रकार दोनों का अंश मिलाकर कुल 24% शेयर बाजार के हवाले कर देती है। और कर्मचारियों के सेवानिवृत्ति के उपरांत 1000-2000 रुपए कर्मचारियों के खाते में पेंशन के रूप में आता है। जो ऊंट के मुंह में जीरा साबित होता है इस हजार 2000 रुपए से ब्लड प्रेशर और शुगर की दवा भी नहीं आता है।
हिमाचल प्रदेश राज्य में लगभग 2.5 लाख सरकारी कर्मचारी हैं उनमें से 1.5 लाख कर्मचारी नई पेंशन योजना के अधीन आते हैं। इस न्यू पेंशन स्कीम का विरोध नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम, अटेवा, एनपीएसईए जैसे कर्मचारी संघों के द्वारा शिमला, मंडी, कांगड़ा, और सोलन में किया जा रहा है।
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