Monday, 28 February 2022

पुरानी पेंशन योजना के लिए बिहार में प्रदर्शन , मध्यप्रदेश में भी तैयारी

 

पुरानी पेंशन योजना के लिए बिहार में प्रदर्शन , मध्यप्रदेश में भी तैयारी

राजस्थान और झारखंड सरकार के अपने राज्यों में कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन व्यवस्था को लागू करने का ऐलान करने के बाद अन्य राज्यों में भी कर्मचारियों के बीच काफी रोष देखा जा रहा है उनका कहना है कि अटल बिहारी वाजपेई ने नई पेंशन व्यवस्था लागू कर जो गलतियां की उस गलतियों को वर्तमान सरकार क्यों नहीं सुधार पा रही है। इसी को देखते हुए भारत के अन्य राज्यों के कर्मचारी भी पुरानी पेंशन को मांग को लेकर अपने अपने राज्य सरकारों पर धरना प्रदर्शन के साथ दवाब बनाने में जुट गए हैं। ये खबर आप www.operafast.com पर पढ़ रहे हैं।

इसी क्रम में बिहार सरकार के शिक्षा विभाग के शिक्षक और कर्मचारी पुरानी पेंशन की मांग के लिए जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय के पास पहुंच कर प्रदर्शन करने के बाद उच्च पदाधिकारियों को ज्ञापन सौंपा। कर्मचारियों ने अपने लिए पुरानी पेंशन योजना लागू करने के लिए गुहार लगाई। सबसे बड़ी अचरज की बात ये रही कि शिक्षक कर्मचारियों ने जिस पदाधिकारी से अपने पुरानी पेंशन की गुहार लगा रहे थे, वे मान्यवर भी न्यू पेंशन योजना के तहत ही कार्य कर रहे है ।




इसी आलोक में मध्य प्रदेश के भी सरकारी कर्मचारी आगामी 13 मार्च को इस मुद्दे पर बड़ा प्रदर्शन करने की तैयारी में जुट गए हैं और जुटे भी क्यों नही, उनका जीवन का सवाल है । बिना पेंशन के बुढ़ापा कैसे कटेगी । इसको लेकर सियासत भी शुरू हो गई है । तो आइए जानते हैं कि ये पुरानी पेंशन का मामला क्या है और पुरानी पेंशन की मांग क्यों उठ रही है ।



पुरानी पेंशन योजना की शुरुआत

भारत मे सरकारी कर्मचारियों के लिए पेंशन सबसे पहले सन 1881 में रॉयल कमीशन की अनुशंसा पर शुरू की गई तथा भाजपा की सरकार में अटल बिहारी वाजपेयी जी की अनुशंसा पर सन 2004 में पेंशन खत्म की गई.., अर्थात 123 वर्षो तक देश मे पेंशन लागू रही..., इन 123 वर्षो में देश मे अकाल पड़े.., महामारियां आयी.., देश का बंटवारा हुआ.., युद्ध हुए.., प्रति व्यक्ति आय अत्यंत कम थी लेकिन देश निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर रहा...!



2004 में ये कुतर्क देकर पेंशन खत्म की गई कि पेंशन के रहते देश तरक्की नही कर सकता..., पेंशन खत्म होने के बाद इन 17 सालों में कौन सा चमत्कार हो गया...??

आर्थिक वृद्धि दर माइनस 23 तक जा पहुंची..., कोरोना महामारी के आगे घुटने टेक दिए..., मरीजों को ऑक्सीजन तक उपलब्ध नही की जा सकी.., विदेशी कर्ज़ कई गुना बढ़ चुका है..., बेरोजगारी चरम पर हैं...!

देश की तरक्की के लिए पेंशन पर नही..., नेताओं के भ्रष्टाचार और विलासिता पर रोक लगाना जरूरी है..., दलाली और सार्वजनिक संसाधनों की लूट पर रोक लगाना जरूरी है...!

निजीकरण / निगमीकरण पर रोक लगाना जरूरी है...!

नेताओं के लिए पेंशन और व्ही आई पी सुविधाओं पर रोक लगाना जरूरी है...!


देश का पहला राज्य बना राजस्थान जिसने राजस्थान राज्य में एनपीएस काला कानून खत्म करने का साहस किया देश के एनपीएस कार्मिकों के संघर्ष को नमन । राजस्थान में जिस तरह से पुरानी पेंशन बहाल करने का निर्णय अशोक गहलोत ने लिया है, वो एक ऐतिहासिक निर्णय कहा जायेगा ।



नये पेंशन से आच्छादित कर्मचारियों ने जिला शिक्षा कार्यालय पर प्रदर्शन के दौरान कहा कि जैसे एक राज्य राजस्थान में विजय मिली है महाराष्ट्र सरकार पुरानी पेंशन देने के लिए प्रतिबद्ध है, झारखंड सरकार ने भी पुरानी पेंशन देने के लिये कमर कस ली है ठीक वैसे ही कल हर राज्य में विजय मिलेगी ।

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