BSNL के बाद इस टेलीकॉम कंपनी में सबसे बड़ी हिस्सेदार होगी केंद्र सरकार
अगर देखा जाय तो jio के सामने एयरटेल ही अडिग रूप से डटा खड़ा है । इनके साथ दूसरी कंपनी है आदित्य बिड़ला समूह की वोडाफोन आइडिया । और उनकी हालत इतनी खस्ताहाल है कि इनपर सिर्फ ब्याज बकाया के नाम पर 16 हजार करोड़ रूपए है । जिसे चुकाने के लिए अपनी सर्विसेज और टैरिफ प्लान को महंगा करना पड़ा । कर्ज के घोर अंधेरा में डूबी प्रमुख मोबाइल सर्विस कंपनी वोडाफोन आइडिया (वीआईएल) की नैया पार केंद्र सरकार लगा सकती है। उसका पालनहार बन सकती है । इसके लिए वीआईएल ने सरकार को ब्याज के रूप में चुकाए जाने वाले 16 हजार करोड़ रुपये को इक्विटी में बदलने का फैसला किया है, जो कंपनी में लगभग 36 फीसदी हिस्सेदारी के बराबर होगा।
वीआईएल ने बताया कि यदि योजना पूरी हो जाती है, तो सरकार कंपनी के सबसे बड़े शेयरधारकों में एक बन जाएगी।
इस कंपनी पर कर्ज के रूप में 1.95 लाख करोड़ रुपए बकाया है । 10 जनवरी, 2022 को कंपनी की निदेशक मंडल की हुई बैठक में स्पेक्ट्रम नीलामी किस्तों और एजीआर बकाया से संबंधित कुल ब्याज देनदारी को इक्विटी में बदलने की मंजूरी दी है। इस देनदारी का सकल वर्तमान मूल्य (एनपीवी) लगभग 16 हजार करोड़ रुपये होने की अनुमान लगाया जा रहा है।
सरकार होगी सबसे बड़ा शेयर धारक
कल कंपनी के निदेशक मंडल की हुई बैठक के अनुसार योजना को पूर्ण किया जाता है तो वोडाफोन आइडिया में सरकार की हिस्सेदारी बाकी हिस्सेदारों से ज्यादा होगी, जो करीब 35.8 प्रतिशत होगी । अन्य हिस्सेदारों में वोडाफोन समूह की हिस्सेदारी 28.5 प्रतिशत और आइडिया बिड़ला ग्रुपन्की हिस्सेदारी 17.8 प्रतिशत रह जायेगी ।
निदेशक मंडल के द्वारा लिए गए फैसले में सरकार को 10 रुपए प्रति शेयर की दर से आवंटन किया जाएगा । इसके लिए प्रस्ताव पर दूरसंचार विभाग से मंजूरी लेनी बाकी है ।
जैसा की आप जानते है कि वोडाफोन आइडिया लिमिटेड एक भारतीय दूर संचार कम्पनी है । जिसका हेड क्वार्टर मुंबई और गांधी नगर में है । ये पूरे भारत में GSM ऑपरेटर है जो 2G, 4G, 4G+, VoLTE aur VoWifi की सेवाए दे रही है । वोडाफोन आइडिया के संस्थापना कुमार मंगलम बिड़ला ने 31अगस्त 2018 को किया था । इस कंपनी का सीईओ रविन्द्र टक्कर है । वोडाफोन आइडिया ग्रुप की कर्मचारियों की संख्या 13,520 है ।
आपका न्यूज़ बहुत अच्छा लगता है सर जी थैंक यू
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