Sunday, 28 February 2021

NPS : बुढ़ापे की लाठी

                     

        न्यू पेंशन स्कीम (NPS)का कार्य प्रणाली


एनपीएस भारत सरकार द्वारा सेवानिवृत्ति के बाद वित्तीय रूप से सुरक्षित करने के उद्देश्य से शुरू की गई सेवानिवृत्ति बचत योजना है।   वैसे एन आर आई भी अपना अकाउंट खुलवा सकते हैं जिस व्यक्ति की आयु 18 वर्ष से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए।


1 जनवरी 2004 के बाद आने वाले कर्मचारियों के लिए न्यू पेंशन स्कीम की  कार्य योजना को केंद्र सरकार द्वारा अंजाम की दिया गया  था ! यह NPS एनपीएस प्रणाली  आर्मी फौज को छोड़कर सभी कर्मचारियों के लिए अनिवार्य रूप से उपलब्ध करवाया गया है , न्यू पेंशन स्कीम की देखरेख का जिम्मेवारी एनएसडीएल की है और एनएसडीएल ने पेंशन संबंधित देखरेख के लिए  नेशनल रिकॉर्ड कीपिंग एजेंसी यानी सीआरए को नियुक्त किया है ! यही सीआरए कर्मचारियों के  प्राप्त होने वाले  एकमुश्त वेतन से 10% की योगदान को विभिन्न  शेयर , बॉन्ड में निवेश किया जाता है !



एनपीएस के तहत भारत में CRA एक ऐसा एजेंसी है जो ग्राहकों का रिकॉर्ड मेंटेनेंस, प्रशासन का कार्य,  कस्टमर सर्विस उपलब्ध करवाता है ! इसके लिए ग्राहकों को एक स्थाई रिटायरमेंट खाता संख्या उपलब्ध करवाता है जिसे आप PRAN कह सकते हैं ! एनपीएस में केंद्र सरकार का भी 10 परसेंट से 14 पर्सेंट तक योगदान होता है और केंद्रीय या राज्य कर्मचारी का वर्तमान अंशदान 10 पर्सेंट होता है !


वित्त मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना 2019 के अनुसार एनपीएस के तहत  ग्राहकों को निवेश की जाने वाली कंपनी का प्रकार निवेश का पैटर्न चयन करने का अधिकार टायर वन के तहत दिया गया है अगर आप निवेश का प्रकार या पैटर्न चयन नहीं करते है तो पेंशन नियामक प्राधिकरण  के तहत मौजूदा 3 पेंशन योजनाओं में निवेश किया जाएगा जो स्टेट बैंक ऑफ इंडिया प्राइवेट फंड , एल आई सी पेंशन फंड , यूटीआई पेंशन फंड है ! जो पेंशन नियामक प्राधिकरण द्वारा देख रेख की जाती है !


ग्राहक नीचे बताई गई किसी भी निवेश योजना का चयन कर सकता है:


1. डिफ़ॉल्ट योजना - निवेश एलआईसी, यूटीआई और एसबीआई की चूक योजनाओं में पूर्वनिर्धारित अनुपात में किया जाएगा।

2. स्कीम जी - योगदान का 100% सरकारी बांड और संबंधित उपकरणों में निवेश किया जाएगा।

3. स्कीम एलसी 50 - जीवन चक्र फंड जहां कैप टू इक्विटी निवेश कुल संपत्ति का 50% है।

4. स्कीम एलसी 25 - जीवन चक्र फंड जहां कैप टू इक्विटी निवेश कुल संपत्ति का 25% है।

रिटायरमेंट के बाद वैसे कर्मचारी जिनका एनपीएस मैं कटौती हो रही थी  वे 60% की राशि निकाल सकते हैं   और  शेष 40% की राशि से  कोई भी  वार्षिक पेंशन बीमा का चयन कर सकते हैं !

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एनपीएस प्रणाली पूर्ण रूप से शेयर मार्केट पर डिपेंड करता है इसमें कितना Return मिलेगा या नहीं मिलेगा यह कहा नहीं जा सकता ! क्योंकि शेयर मार्केट में निवेश किया गया धन  जोखिमों से भरा होता है इसमें निवेश करने से पहले सोच समझकर निवेश करें

Friday, 26 February 2021

सरकारी बस कर्मचारी हड़ताल पर



 तमिलनाडु में राज्य परिवहन बस के कर्मचारी आज रात्रि 25 फरवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं इस तरह से आज तमिलनाडु परिवहन की हड़ताल के दूसरे दिन है !


परिवहन कर्मचारियों की मुख्य मांगे, जिसमें 14 वीं वेतन समझौते को तत्काल लागू करने, राज्य परिवहन निगमों को पर्याप्त धन देने, सेवानिवृत्त होने वाले पेंशनों के तत्काल भुगतान सहित विभिन्न मांगों पर जोर दिया गया है। कर्मचारियों, और सेवानिवृत्त कर्मचारियों की समस्याओं का तत्काल समाधान की मुख्य मांगे शामिल है !

राज्य परिवहन यूनियनों के अनुसार यह हड़ताल अनिश्चितकालीन जारी रहेगी !


यूनियनों के अनुसार, तमिलनाडु भर में परिवहन कर्मचारियों ने कल आधी रात से अपनी हड़ताल शुरू कर दी। इस संघर्ष का नेतृत्व लिट्टे, सीटू, एचएमएस, एटक कर रहे हैं। अन्ना संघ और उसकी सहयोगी 9 यूनियनों ने संघर्ष में हिस्सा नहीं लिया।


सरकारी बस कर्मचारियों की हड़ताल चेन्नई विल्लुपुरम तिरुचिरापल्ली मदुरई कोयंबटूर सहित कई शहरों में दैनिक यात्री को संघर्ष का सामना करना पड़ रहा है !


दैनिक यात्री के साथ साथ शैक्षिक संस्थानों में जाने वाले लोग भी परेशान देखें गए कई लोग जल्दी बाजी में रेल स्टेशन और मेट्रो स्टेशन पर जाते दिखे बस कर्मचारियों की अचानक हड़ताल से ऑटो रिक्शा और टैक्सी का किराया समान रूप से ज्यादा नजर आया ग्यारहवीं क्लास की एक छात्रा कृष्णा ने फोन कर बताया कि उस से 4 किलोमीटर की ऑटो किराया ₹200 लिया गया !दूसरे दिन की हड़ताल के कारण प्रत्येक बस स्टॉप पर प्रतीक्षा कर रहे यात्रियों को लेने के लिए शेयर ऑटो चालकों में प्रतिस्पर्धा थी !


रिश्ते सुधारने की कवायद




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Thursday, 25 February 2021

भारत के पड़ोसी देश और उनके रिश्ते

 

           भारत के पड़ोसी देश और उनके रिश्ते

2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद भारत पाकिस्तान और चीन के बीच आपसी सौहार्द्र और मधु संबंध की उम्मीदें की जा रही थी ! नरेन्द्र मोदी ने शुरुआत में अपने सभी पड़ोसी देशों के साथ संबंध बेहतर करने की दिशा में काफी प्रयास भी किए। इसी सिलसिले में चीन के राष्ट्रपति को निमंत्रण देकर बुलाने पर जिस तरह से स्वागत किया गया  और 14 है समझौते पर हस्ताक्षर किया गया जिसमें औद्योगिक पार्क, मानसरोवर के नए रास्ते रेलवे में सहयोग समेत 14 समझौते पर हस्ताक्षर किए ! 


जिस तरह से मोदी ने उनकी आगवानी की, उससे लगा कि दोनों देशों के बीच सम्बन्ध सुधरेगा। इस यात्रा के दौरान कैलाश मानसरोवर के नए मार्ग और रेलवे में सहयोग समेत 12 समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए।  हालांकि उसी दौरान चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के करीब 1000 जवान पहाड़ी से जम्मू कश्मीर के चुमार क्षेत्र में घुस आए थे। भारत ने चीनी राष्ट्रपति के सामने यह मुद्दा उठाया लेकिन अपनी तरफ से वार्ता में कोई खलल नहीं पड़ने दिया।


18 जून साल 2017 को डोकलाम पर सीमा विवाद को लेकर एक बार पिर से दोनों देशों के बीच तनाव शुरू हुआ और यह लगभग 73 दिनों तक चला। 

 वहीं चीन ने अपनी सम्प्रभुता की बात दोहराते हुए कहा कि उन्होंने सड़क अपने इलाके में बनाई है। इसके साथ ही उन्होंने भारत भारतीय सेना पर "अतिक्रमण" का आरोप लगाया।

भारत में कोविद -19 वायरस का नए स्ट्रेन

चीन का कहना था कि भारत 1962 में हुई हार को याद रखे।अंततः भारत ने भी बोल दिया कि चीन याद रखें कि भारत की स्थिति पहले जैसी नहीं है इस पर काफी विवाद हुआ था ! विवाद धीरे धीरे कर समाप्त हो गया !  इसी तरफ से भारत और पाकिस्तान का संबंध में विवादों से भरा हुआ है जिसे सुधारने के लिए प्रधानमंत्री अचानक रूस ,अफगानिस्तान होते हुए पाकिस्तान जा पहुंचे थे ! वहां के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को जन्मदिन की बधाई दी थी !

पाकिस्तान में उन्होंने नवाज शरीफ के साथ बातचीत की जिस दौरान दोनों नेताओं ने दोनों देशों के लोगों के व्यापक हितों के लिए शांति की खातिर रास्ते खोलने का फैसला किया !  लेकिन पाकिस्तान ने भी अपने कश्मीर  कश्मीर का राग अलापना बंद नहीं किया ! इस पर भारत ने भी साफ साफ कह दिया था कि साहब अगर हमें बात करनी है तो हम सिर्फ़ वो बात करेंगे कश्मीर का जो हिस्सा पाकिस्तान के पास है, उसके अलावा हम पाकिस्तान से कोई बात नहीं करेंगे

  (संबलपुर डिविजन में कार्यरत मेरे दोस्त नीरज कुमार गुड्स गार्ड द्वारा कल के पोस्ट पर कमेंट करके भारत और उसके पड़ोसी देश की रिश्ते पर कुछ लिखने को कहा था 15 घंटा के बमुश्किल मेहनत  करके हमने लिखा हूं आप भी कमेंट करके कल के लिए कुछ सुझाव दें !)

Please read and give suggestions 


Tuesday, 23 February 2021

सचमुच अच्छे दिन आ गए " !

सचमुचअच्छे दिन आ गए " ! 

पेट्रोल की बढ़ती कीमत को देखते हुए ऐसा लग रहा है कि " सचमुच अच्छे दिन आ गए " ! जी हां, वही अच्छे दिन ! 
जिसके बारे में अक्सर भारतीय जनता पार्टी के लोग और कई बार श्री नरेंद्र मोदी जी अपनी सभाओं में भी अच्छे दिन का जिक्र कर चुके हैं ! सुरसा के मुंह की तरह पेट्रोल और डीजल की कीमतें लगातार बढ़ती जा रही है जनता त्राहिमाम कर रही है पेट्रोल की दरें कहीं-कहीं 3 अंकों को छू चुकी है ! 

विपक्षीी पार्टियों को इस पर सरकार के घेरने के लिए एक अच्छा मुद्दा मिल गया है शिवसेना ने कल ही मुंबई में सभी पेट्रोल पंपों पर क्या यही अच्छे दिन है के बैनर लगाया तो वही सत्ता पक्ष के जाने-माने एक नेता ने भी राम का राज्य की तुलना रावण की लंका और सीता की नेपाल से कर दी ! 

भारत के रिजर्व बैंक के गवर्नर शशिकांत दास ने भी पेट्रोल पर लगाया गया भारत सरकार तथा राज्य सरकार के टैक्सों को कम करने का आवाहन करना पड़ा ! जो लोग पेट्रोल के कीमत ₹100 के आसपास होने पर जो शोर मचा रहे हैं उन्हें सोचना चाहिए कि हमारे प्रधानमंत्री जी और भाजपा को जनता ने पूर्ण बहुमत दिया है अगर वह चाहे तो पेट्रोल की कीमत ₹500 भी कर सकते हैं लेकिन ऐसा नहीं कर सकते , क्योंकि देश हित के साथ-साथ जनता हित की बातें को अनदेखी नहीं किया जा सकता ! 
अगरर ठीक से आकलन किया जाए तो यह पता चलेगा कि 2021 में पेट्रोल और डीजल की कीमतें क्रमश छह से सात रुपया की बढ़ोतरी हो गई ! 

यही सरकार 2014 के पहले मनमोहन सरकार द्वारा पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ाने पर सो मचाया करती थी जो एक लाइन में कह देती है कि पेट्रोल और डीजल की कीमत हमारे हाथ पर नहीं है इसका मूल्य का निर्धारण कंपनियां संबंधित कंपनियों के द्वारा किया जाता है ! मैं अपने हिंदी न्यूज़ ब्लॉक cominghindinews.blogspot.com के माध्यम से सरकार से निवेदन करता हूं कि कोरोना महामारी ने जनता के आय का साधन को समाप्त कर दिया है कई तरह की business चौपट हो गए हैं इसलिए उनके हितों को देखते हुए पेट्रोल और डीजल की कीमत कुछ हद तक कम किया जाए !

Monday, 22 February 2021

बेटे के गम में मां पिता और दो बहनों ने फांसी लगाकर आत्महत्या की

'मैं हनुमान प्रसाद सैनी, मेरी पत्नी तारा देवी, 2 बेटियां पूजा और अन्नू अपने पूरे होश में यह लिख रहे हैं। हमारे बेटे अमर का स्वर्गवास 27 सितंबर 2020 को हो गया था। हमने उसके बिना जीने की कोशिश की, लेकिन उसके बगैर जिया नहीं जाता। इसलिए हम चारों ने अपनी जीवन लीला खत्म करने का फैसला लिया है। अमर ही हम चारों की जिंदगी था। वही नहीं तो हम यहां क्या करेंगे। घर में किसी चीज की कमी नहीं है। जमीन है, घर है, दुकान है, नौकरी है। बस सबसे बड़ी कमी बेटे की है। उसके बिना सब बेकार है। हम पर किसी का कोई कर्ज बाकी नहीं है। प्रशासन से निवेदन है कि किसी भी परिवारवाले को परेशान न करें। ये हमारा अपना फैसला है। सुरेश (हनुमान के छोटे भाई), हम सब का अंतिम संस्कार परिवार की तरह ही करना। कबीर पंथ की तरह मत करना। सब अपने ​रीति रिवाज से करना और अमर का कड़ा और उसके जन्म के बाल हमारे साथ गंगा में बहा देना है। अमर की फोटो के पास सब सामान रखा है। सुरेश मेरे ऊपर किसी का कोई रुपया-पैसा बाकी नहीं है।' परिवार के मुखिया को राजस्थान में पूर्व भाजपा अध्यक्ष मदनलाल सैनी का भतीजा बताया जाता है। पड़ोसियों ने बताया कि कमरे में जिस लोहे के गर्डर से चारों के शव लटके मिले हैं, वह पहले नहीं था। उसे 4 दिन पहले ही मिस्त्री बुलाकर लगवाया गया था। यही नहीं, जिस रस्सी से चारों के शव लटके थे, वह एक ही रस्सी के टुकड़े थे और नई थी। आशंका है परिवार ने कई दिन पहले सुसाइड करने के बारे में सोच लिया था। बेटे की मौत के बाद हनुमान अक्सर अपने छोटे भाई सुरेश और घनश्याम से कहते थे कि मैं अब जिऊंगा नहीं। पुलिस ने बताया कि करीब पांच महीने पहले प्रसाद के इकलौते बेटे की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी, जिससे पूरा परिवार अवसाद में था ! https://cominghindinews.blogspot.com/2021/02/blog-post_618.html