Monday, 22 February 2021

बेटे के गम में मां पिता और दो बहनों ने फांसी लगाकर आत्महत्या की

'मैं हनुमान प्रसाद सैनी, मेरी पत्नी तारा देवी, 2 बेटियां पूजा और अन्नू अपने पूरे होश में यह लिख रहे हैं। हमारे बेटे अमर का स्वर्गवास 27 सितंबर 2020 को हो गया था। हमने उसके बिना जीने की कोशिश की, लेकिन उसके बगैर जिया नहीं जाता। इसलिए हम चारों ने अपनी जीवन लीला खत्म करने का फैसला लिया है। अमर ही हम चारों की जिंदगी था। वही नहीं तो हम यहां क्या करेंगे। घर में किसी चीज की कमी नहीं है। जमीन है, घर है, दुकान है, नौकरी है। बस सबसे बड़ी कमी बेटे की है। उसके बिना सब बेकार है। हम पर किसी का कोई कर्ज बाकी नहीं है। प्रशासन से निवेदन है कि किसी भी परिवारवाले को परेशान न करें। ये हमारा अपना फैसला है। सुरेश (हनुमान के छोटे भाई), हम सब का अंतिम संस्कार परिवार की तरह ही करना। कबीर पंथ की तरह मत करना। सब अपने ​रीति रिवाज से करना और अमर का कड़ा और उसके जन्म के बाल हमारे साथ गंगा में बहा देना है। अमर की फोटो के पास सब सामान रखा है। सुरेश मेरे ऊपर किसी का कोई रुपया-पैसा बाकी नहीं है।' परिवार के मुखिया को राजस्थान में पूर्व भाजपा अध्यक्ष मदनलाल सैनी का भतीजा बताया जाता है। पड़ोसियों ने बताया कि कमरे में जिस लोहे के गर्डर से चारों के शव लटके मिले हैं, वह पहले नहीं था। उसे 4 दिन पहले ही मिस्त्री बुलाकर लगवाया गया था। यही नहीं, जिस रस्सी से चारों के शव लटके थे, वह एक ही रस्सी के टुकड़े थे और नई थी। आशंका है परिवार ने कई दिन पहले सुसाइड करने के बारे में सोच लिया था। बेटे की मौत के बाद हनुमान अक्सर अपने छोटे भाई सुरेश और घनश्याम से कहते थे कि मैं अब जिऊंगा नहीं। पुलिस ने बताया कि करीब पांच महीने पहले प्रसाद के इकलौते बेटे की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी, जिससे पूरा परिवार अवसाद में था ! https://cominghindinews.blogspot.com/2021/02/blog-post_618.html

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