बिहार राज्य व्यवहार न्यायालय कर्मचारी संघ अपनी मांगो के समर्थन मे दिनांक 1 जुलाई 2024 से सभी जिला के कर्मचारी अपनी चार मांगों के पूर्ति होने तक कार्य से अलग (हडताल) रहने का निर्णय लिया है।
वो चार मांगे जिसके लिए बिहार राज्य व्यवहार न्यायालय के सभी कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे।
1. वेतन विसंगति
2. विभिन्न संवर्गो की ससमय पदोन्नति
3. अनुकम्पा
4. स्टेट कैडर
बिहार राज्य व्यवहार न्यायालय के अध्यक्ष श्री राजेश्वर तिवारी के द्वारा उच्च न्यायालय निवंधक के माध्यम से मुख्य न्यायधीश , उच्च न्यायालय पटना को चार पन्नों के लंबित मांग को सौंपा गया है।
जिसमें उनके द्वारा बिहार सरकार द्वारा व्यवहार न्यायालय कर्मचारियों के साथ भेदभावपूर्ण रवैया को उजागर किया गया है।जिसमें माननीय उच्च न्यायालय, पटना के स्थायी समिति के द्वारा वेतन विसंगति दूर करने हेतु किये गये अनुशंसा को लागू नहीं किया जा रहा है, जिसके कारण पूरे बिहार के न्यायालयों में कार्यरत कर्मचारीगण में राज्य सरकार के प्रति काफी आक्रोश की भावना जागृत हो गयी है। इसलिए जिला न्यायालयों के कर्मचारियों के द्वारा बार-बार राज्य संघ पर हड़ताल पर जाने हेतु दबाव दिया जा रहा है।व्यवहार न्यायालय कर्मचारियों द्वारा स्नातक योग्यता के अनुरूप वेतन की मांग की जा रही है, जिसके आलोक में माननीय उच्च न्यायालय, पटना के द्वारा सी०डब्लू० जे०सी० संख्या 5156/1994 में दिनांक 07.10.1997 को आदेश पारित कर राज्य सरकार को अनुपालन करने हेतु निर्देशित किया गया था, जिसका अनुपालन राज्य सरकार के द्वारा ससमय नहीं किया गया।
व्यवहार न्यायालय कर्मचारियों को वर्षों से किसी भी प्रकार की एवं किसी भी संवर्ग को कोई पदोन्नत्ति का लाभ नहीं मिल पा रहा है, जिसके कारण कर्मचारीगण बिना पदोन्नत्ति के ही सेवानिवृत्त हो रहे हैं। इसके कारण उन्हें आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जबकि राज्य सरकार के द्वारा अपने कर्मचारियों को पूर्व के नियम को सिथिल करते हुए सामुहिक रूप से पदोन्नत्ति प्राप्त करा दिया गया है। हमारे चतुर्थवर्गीय कर्मी वांछित योग्यता एवं अनुभव रखते हुए भी चतुर्थवर्ग से ही सेवानिवृत्त हो रहे हैं।
वर्षों से व्यवहार न्यायालय के मृत कर्मचारियों के आश्रितों को अनुकम्पा के आधार पर नियुक्ति नहीं हो पा रही है, जिसके कारण मृत कर्मचारियों के आश्रितों की आर्थिक स्थिति दयनीय हो गई है। जबकि राज्य सरकार अपने विभाग में मृत कर्मचारियों के आश्रितों को तत्काल नियुक्ति प्रदान कर मृत कर्मचारी के आश्रितों को राहत प्रदान करती है।
संघ के अध्यक्ष श्री तिवारी एवम सचिव सत्यार्थ सिंह का कहना है कि वह उपरोक्त मांगों को अनुापालन नहीं करने के कारण जिला अदालत के कर्मचारियों में आक्रोश की भावना को देखते हुए संघ के द्वारा कार्यकारिणी की बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि न्यायालय कर्मचारीगण राज्य सरकार के विरूद्ध कठोर आंदोलन करेगी। व्यवहार न्यायालय के कर्मचारीगण अपने आप को बहुत ही संवेदनशील समझते हैं। इनके द्वारा किये जानेवाले कार्यवाही से लोकतंत्र के महापर्व चुनाव कार्य में बाधा उत्पन्न न हो इसलिए चुनाव के पश्चात् दिनांक 01 जुलाई, 2024 से बिहार जिला अदालत के सभी कर्मचारीगण द्वारा अपनी मांगों की पूर्ति तक अपने-अपने कार्यों से अलग रहने का निर्णय लिया गया है।
Hartal pr jana chahiye
ReplyDeleteNice
ReplyDeleteI am with employee association.
ReplyDeleteअबकी बार करे पुकार
सबकी मांगे हो साकार।।