Saturday, 30 March 2024

व्यवहार न्यायालय संघ के कर्मचारी 01 अप्रैल को मनायेंगे ब्लैक डे

व्यवहार न्यायालय संघ के कर्मचारी 01 अप्रैल को मनायेंगे ब्लैक डे (Black Day)

पटना: 30/03/2024
बिहार सरकार के द्वारा माननीय सर्वोच्च न्यायालय एवं माननीय उच्च न्यायालय, पटना के आदेश का अनुपालन नहीं करने के कारण व्यवहार न्यायालय कर्मचारीगण के द्वारा 1 जुलाई 2024 से अनिश्चित काल कार्य से अलग रहने एवं 1 अप्रैल 2024 को ब्लैक डे मनाये जाने का निर्णय लिया गया है।





इस संबंध में बिहार राज्य व्यवहार न्यायालय संघ के अध्यक्ष श्री राजेश्वर तिवारी जी ने बताया कि पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीश को निबंधक के माध्यम से पत्र दे दिया गया है। बिहार सरकार के द्वारा पूरे राज्य के व्यवहार न्यायालय कर्मचारियों के साथ भेदभावपूर्ण रवैया अपना रही है। राज्य सरकार न तो माननीय सर्वोच्च न्यायालय का आदेश का अनुपालन कर रही है और न ही माननीय उच्च न्यायालय के आदेश का ही अनुपालन कर रही है। जबकि माननीय उच्च न्यायालय पटना द्वारा कई पत्र निर्गत कर इसके अनुपालन हेतु निर्देश दिया गया है, परन्तु राज्य सरकार अब तक कोई सकारात्मक कार्यवाही नहीं कर रही है। इसलिए राज्य के व्यवहार न्यायालय के कर्मचारीगण के द्वारा 01 जुलाई 2024 से अपनी चार सूत्री माँगों के पूर्ति तक न्यायालय कार्य से अलग रहने का निर्णय लिया गया है। जिसकी सूचना पत्र 15 दिनांक 16.3. 2024 के द्वारा श्रीमान् एवं सभी सबंधित विभागों को दे दिया गया था।


उन्होंने अपनी बातों को दोहराते हुए एक बार फिर कहा कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अपने आदेश दिनांक 09.10.2009 द्वारा व्यवहार न्यायालय कर्मचारीयों को शेट्टी कमीशन की सभी अनुसंशाओं को 01 अप्रैल 2003 से ही लागू करने का निर्देश दिया गया था। जिसका अनुपालन राज्य सरकार द्वारा अभी तक नहीं किया गया है। इसलिए भी बिहार व्यवहार न्यायालय कर्मचारी संघ के द्वारा 1 अप्रैल 2024 को ब्लैक के के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया है। इस दिन राज्य के सभी न्यायालयों के कर्मचारीगण विरोधस्वरूप अपने कार्यों का निष्पादन काली प‌ट्टी लगाकर करेगें।
1 अप्रैल 2003 के पुर्व वेतनमान विसंगति को छोड़कर अन्य मामले जैसे  व्यवहार न्यायालय में नियमित समय पर नियुक्त पदोन्नति एवम अनुकम्पा के अधार पर नियुक्त होता था उसके पश्चात से असमानता की स्थिति उत्पन्न हुआ है  आज स्थिति है कि एक कर्मचारी को चार से पाँच पदो का प्रभारी बनाया जा रहा है और समय पर कार्य सम्पादित नहीं किए जाने पर प्रशासन के द्वारा  प्रताड़ित किया जा रहा है जिसके कारण कर्मचारी मानसिक तनाव के कारण कई रोग से ग्रसित हो रहे तो कुछ सामाजिक प्रतिष्ठा के कारण आत्महत्या तक विचार उत्पन्न कर रहे है तो कुछ कर भी रहे है इसलिए 1 अप्रैल 2024 को ब्लैक डे मनाने का निर्णय लिया।


Friday, 29 March 2024

बिहार में 2 आईएएस अधिकारी का तबादला

बिहार में 2 आईएएस अधिकारी का तबादला

पटना- दिनांकः, 29.03.2024



1. श्री शशांक शेखर सिन्हा, भा०प्र०से० (2011), विशेष सचिव, जल संसाधन विभाग, बिहार, पटना को स्थानांतरित करते हुए अगले आदेश तक विशेष सचिव, स्वास्थ्य विभाग, बिहार, पटना के पद पर पदस्थापित किया जाता है।

         श्री सिन्हा अगले आदेश तक अपर मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी, बिहार स्वास्थ्य सुरक्षा समिति, पटना के अतिरिक्त प्रभार में रहेंगे।

2. श्री नवीन, भा०प्र०से० (2013), अपर सचिव, संसदीय कार्य विभाग, बिहार, पटना अगले आदेश तक अपर सचिव, जल संसाधन विभाग, बिहार, पटना के अतिरिक्त प्रभार में रहेंगें।


2. श्री नवीन, भा०प्र०से० (2013), अपर सचिव, संसदीय कार्य विभाग, बिहार, पटना अगले आदेश तक अपर सचिव, जल संसाधन विभाग, बिहार, पटना के अतिरिक्त प्रभार में रहेंगे।

Sunday, 17 March 2024

अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर जाएंगे व्यवहार न्यायालय संघ के कर्मचारी

मांगों को लेकर  हड़ताल पर जाएंगे व्यवहार न्यायालय संघ के कर्मचारी

बिहार राज्य 
व्यवहार न्यायालय कर्मचारी संघ अपनी मांगो के समर्थन मे दिनांक 1 जुलाई 2024 से सभी जिला के कर्मचारी अपनी चार मांगों के पूर्ति होने तक कार्य से अलग (हडताल) रहने का निर्णय लिया है।




वो चार मांगे जिसके लिए बिहार राज्य व्यवहार न्यायालय के सभी कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे।

1. वेतन विसंगति

2. विभिन्न संवर्गो की ससमय पदोन्नति

3. अनुकम्पा

4. स्टेट कैडर

बिहार राज्य व्यवहार न्यायालय के अध्यक्ष श्री राजेश्वर तिवारी के द्वारा उच्च न्यायालय निवंधक के माध्यम से मुख्य न्यायधीश , उच्च न्यायालय पटना को चार पन्नों के लंबित मांग को सौंपा गया है।

जिसमें उनके द्वारा बिहार सरकार द्वारा व्यवहार न्यायालय कर्मचारियों के साथ भेदभावपूर्ण रवैया को उजागर किया गया है।जिसमें माननीय उच्च न्यायालय, पटना के स्थायी समिति के द्वारा वेतन विसंगति दूर करने हेतु किये गये अनुशंसा को लागू नहीं किया जा रहा है, जिसके कारण पूरे बिहार के न्यायालयों में कार्यरत कर्मचारीगण में राज्य सरकार के प्रति काफी आक्रोश की भावना जागृत हो गयी है। इसलिए जिला न्यायालयों के कर्मचारियों के द्वारा बार-बार राज्य संघ पर हड़ताल पर जाने हेतु दबाव दिया जा रहा है।व्यवहार न्यायालय कर्मचारियों द्वारा स्नातक योग्यता के अनुरूप वेतन की मांग की जा रही है, जिसके आलोक में माननीय उच्च न्यायालय, पटना के द्वारा सी०डब्लू० जे०सी० संख्या 5156/1994 में दिनांक 07.10.1997 को आदेश पारित कर राज्य सरकार को अनुपालन करने हेतु निर्देशित किया गया था, जिसका अनुपालन राज्य सरकार के द्वारा ससमय नहीं किया गया।

व्यवहार न्यायालय कर्मचारियों को वर्षों से किसी भी प्रकार की एवं किसी भी संवर्ग को कोई पदोन्नत्ति का लाभ नहीं मिल पा रहा है, जिसके कारण कर्मचारीगण बिना पदोन्नत्ति के ही सेवानिवृत्त हो रहे हैं। इसके कारण उन्हें आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जबकि राज्य सरकार के द्वारा अपने कर्मचारियों को पूर्व के नियम को सिथिल करते हुए सामुहिक रूप से पदोन्नत्ति प्राप्त करा दिया गया है। हमारे चतुर्थवर्गीय कर्मी वांछित योग्यता एवं अनुभव रखते हुए भी चतुर्थवर्ग से ही सेवानिवृत्त हो रहे हैं।

वर्षों से व्यवहार न्यायालय के मृत कर्मचारियों के आश्रितों को अनुकम्पा के आधार पर नियुक्ति नहीं हो पा रही है, जिसके कारण मृत कर्मचारियों के आश्रितों की आर्थिक स्थिति दयनीय हो गई है। जबकि राज्य सरकार अपने विभाग में मृत कर्मचारियों के आश्रितों को तत्काल नियुक्ति प्रदान कर मृत कर्मचारी के आश्रितों को राहत प्रदान करती है।

संघ के अध्यक्ष श्री तिवारी एवम सचिव सत्यार्थ सिंह का कहना है कि वह उपरोक्त मांगों को अनुापालन नहीं करने के कारण जिला अदालत के कर्मचारियों में आक्रोश की भावना को देखते हुए संघ के द्वारा कार्यकारिणी की बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि न्यायालय कर्मचारीगण राज्य सरकार के विरूद्ध कठोर आंदोलन करेगी। व्यवहार न्यायालय के कर्मचारीगण अपने आप को बहुत ही संवेदनशील समझते हैं। इनके द्वारा किये जानेवाले कार्यवाही से लोकतंत्र के महापर्व चुनाव कार्य में बाधा उत्पन्न न हो इसलिए चुनाव के पश्चात् दिनांक 01 जुलाई, 2024 से बिहार जिला अदालत के सभी कर्मचारीगण द्वारा अपनी मांगों की पूर्ति तक अपने-अपने कार्यों से अलग रहने का निर्णय लिया गया है।