Friday, 30 June 2023

कुरान पर एक छोटी सी डॉक्यूमेंट्री बनाओ, फिर देखो क्या होता है। हाईकोर्ट ने आदिपुरुष के निर्माताओं को फटकारा...

कुरान पर एक छोटी सी डॉक्यूमेंट्री बनाओ, फिर देखो क्या होता है। हाईकोर्ट ने आदिपुरुष के निर्माताओं को फटकारा...

 फिल्म आदिपुरूष को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में 2 PIL दायर किया गया है, ये PIL फिल्म आदिपुरूष के आपत्ति जनक सीन और कुछेक डायलॉग्स को लेकर है। इस संबंध में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय सूचना एवम प्रसारण मंत्रालय और केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड ( सेंसर बोर्ड ) को नोटिस जारी किया है और जवाब मांगते हुए पूछा है कि किस आधार पर इस फिल्म को आपने पास किया है।इन दोनों संस्थाओं को हाईकोर्ट ने शपथ पत्र दायर करने को कहा है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के अनुसार इस फिल्म को certify करना बहुत बड़ा ब्लंडर था। इस फिल्म के वजह से बहुत लोगों को भावनाएं आहत हुई है। ये समाचार www.operafast.com पर पढ़ रहे हैं।


इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान और श्री प्रकाश सिंह ने इस मामले को गंभीरता से सुनवाई करते हुए आदिपुरुष फिल्म के निर्माताओं की मानसिकता को सवालों के घेरे में खड़ा किया है। आखिर इतिहास को तोड़ मरोड़ को ये साबित क्या करना चाहते है। इनके लिए ये सिर्फ कमाई का जरिया भर है। हाईकोर्ट के जस्टिस ने सुनवाई करते हुए कहा कि कुरान या बाइबिल जैसे पवित्र ग्रंथों को ऐसे नही छुआ जाना चाहिए। सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति ने कहा जिस तरह से आदिपुरुष फिल्म में रामायण के किरदारों को दिखाया गया है, उससे स्पष्ट है कि लाखों लोगों की भावनाएं आहत हुई होगी। इस तरह के घटनाओं पर रोक लगाने को जरूरत है।

उच्च न्यायालय ने कहा कि विगत कुछ वर्षों में कई फिल्में आई जिनमें हिंदू देवी देवता का मजाक उड़ाया गया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि अगर हमने अभी अपना मुंह बंद कर लिया तो पता नही क्या क्या होगा। जजों के बेंच ने एक फिल्म के सीन्स को याद करते हुए कहा कि एक फिल्म में भगवान शिव को त्रिशूल लेकर दौड़ते हुए दिखाया गया था। क्या अब इसी तरह के फिल्म बनेंगे ? क्या इसी तरह के दृश्य दिखाए जायेंगे, जिसमें लोगों की भावनाएं आहत हो। जब फिल्में कारोबार करता है तो निर्माता कमाता है।


इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सख्त टिपण्णी करते हुए कहा कि मन लीजिए आपने कुरान पर एक छोटी सी डॉक्यूमेंट्री बना दी। जिसमें आपने कुछ गलत दृश्य जो़डकर दिखा दिया। तब देखिए क्या क्या होगा। एक स्पष्ट करना जरूरी है कि ये किसी एक धर्म के बारें में नही है। संयोग है कि ये मामला रामायण से जुड़ा हुआ है। न्यायपालिका तो हर धर्म का है। किसी भी धर्म को गलत तरीके से नहीं दिखाना है। कानून सबके लिए बराबर है। कानून की व्यवस्था बनी रहनी चाहिए।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने टिप्पणियां तो जरूर की लेकिन अब तक कोई फैसला नहीं सुनाया है।

हाईकोर्ट के जजों ने आदिपुरुष फिल्म के किरदारों के कपड़े के बारे में सवाल उठाते हुए पूछा कि क्या इन किरदारों के कपड़े रामायण में राम लक्ष्मण सीता हनुमान या रावण से मिलता जुलता है, नही न। राम लक्ष्मण या सीता मां का सम्मान करने वाले कभी भी इस फिल्म को नही देख सकता।

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1 comment:

  1. सेंसर बोर्ड के लोगों को पैसे लेकर कुछ भी पास करने की आदत हो चुकी है।
    और कोर्ट का ये कहना कि कुरान या बाइबिल के साथ ऐसा मजाक हुआ तो क्या क्या होगा ये बताता है कि खुद अपने देश का हाइकोर्ट को भी डर है कि कहीं फिर से कोई सर तन से जुदा जैसे फतवे ना जारि कर दे।
    वाह रे नसीबा ये हम हिंदूओं का ही देश है ना।

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