Friday, 20 January 2023

मालिक को वापस लौटने के आस में 73 साल से बंद है ये दुकान

मालिक को वापस लौटने के आस में 73 साल से बंद है ये दुकान

सोशल मीडिया पर एक मिट्टी का छोटा से बंद कमरा शेयर किया जा रहा है और बताया जा रहा है कि ये पाकिस्तान का है, साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि यह दो इंसानों की दोस्ती का मिसाल है। यह समाचार www.operafast.com पर पढ़ रहे हैं।



बताया जा रहा है कि यह बंद दुकान दीनानाथ की है जो हिंदुस्तान के बटवारे के पहले की है। यह दुकान का मालिक हिंदुस्तान और पाकिस्तान के बनने के वक़्त बहुत अफसोस के साथ यह दुकान छोड़कर हिंदुस्तान चला गया लेकिन जाते वक्त बहुत रोया और गाँव के लोगों को यह दिलासा दिलाया कि मैं वापिस आप लोगों के पास लौट आऊँगा। 

ये पाकिस्तान के लोरा लाई में मौजूद अभी तक वही ताला लगा है जो दुकानदार जाते वक्त लगाकर चाबी अपने साथ ले गया था। ये दुकान घरेलू जरूरतों के सामान जैसे साबुन, वाशिंग पाउडर, मस्टर्ड ऑयल , सोयाबीन, बिस्कुट, चॉकलेट इत्यादि बेचता था।

73 साल से यह दुकान बंद पड़ी है। मकान मालिक अब जो इस दुनियाँ में नही रहा, अपने बच्चों से वसीयत की थी कि इस दुकान का ताला तोड़ना नही। मैंने उस दुकानदार को जबान दी है कि यह दुकान तुम्हारे आने तक बन्द रहेगी।

मकान मालिक के औलादों ने आज तक उस ताले को हाथ तक नही लगाते।
हालाँकि उन्हें मालूम है की दुकानदार इस दुनियाँ में नही रहा लेकिन वफ़ा के यादगार के तौर पर अब तक यह दुकान दो इंसानों के बीच यादगार का अलामत है।

यह खबर मकामी और विदेशी मीडिया में बहुत जोरों से वाइरल हो रही है।

ये फोटो मानवता की पहचान का जीता जागता उदाहरण है।

आज की हालत धर्म/मजहब/पंत के नाम पर एक दूसरे के खून के प्यासे हो गए हैं।

आखिर हम किस दिन देश दुनिया के सरहदों से निकल कर मानवीय मूल्यों और गुणों से ओतप्रोत होंगे।

क्या कहने आजादी के 75 साल बाद भी दुकान का ताला नहीं तोड़ा गया। और इधर हम एक एक इंच के लिए संगीनों के साये में गुजर बसर कर रहे हैं।

मानवता को समर्पित यह ताला आज भी अपने आप में हमें सोचने को मजबूर कर दिया।

जब बात शोशल मीडिया की हो तो पोस्ट पढ़ने वाले भी मजे लेने से पीछे नहीं हटते। अब देखिए इस फोटो को लोग देखकर कुछ लोग बकवास करार दे रहे हैं उनका कहना है कि क्या बकवास कर रहे हैं जिन्होंने बंटवारे के समय इंसान और बच्चियाँ नहीं छोडी़, मकान पर कब्जा कर दिया तो वो दूकान छोड़ देंगे झूठ के अलावा कुछ नहीं। आखिर ताला लगवाने वाले कोन थे। जिसके कारण दीनानाथ को अपनी जन्म कर्म भूमि छोड़ कर भारत आना पड़ा। धर्म के आधार पर अखंड भारत का बटवारा करने वाले किस धर्म के लोग थे।

यह एक करिश्मा है कि इस देश के रखवाले अपने यहां के अल्पसंख्यकों उनकी बेटियों की आबरू व मंदिरों को नहीं छोड़ा लेकिन एक ताला जिस भी वजह से न तोड़ा हो । लेखक इस तिनके के सहारे पाप की नदी को पार करने की कोशिश कर रहा है । ये तो ठीक वैसे ही है जैसे अपना चेहरा साफ करने के लिए दर्पण को साफ करना। वही कुछ लोग कहते हैं कि इतना ही प्यार था तो उसे भागना क्यों पड़ा,,, सैकड़ों मंदिर स्कूल तोड़ दिये,, लाखों लोगों को बेघर कर दिया,,, और आज़ क्या यह सिलसिला बंद है???

सोशल मीडिया पर ये फोटो शेयर करने वालें कितने मासूम हैं।

उनको ये दुकान दिखी पर वे अनगिनत दुकानें मकान नजर नहीं आते जो जबरियां कब्जाए गए। यहां तक संपत्तियों में अवैध कब्जों के लिए लाखों हिंदुओं का कत्लेआम किया गया। वे हिंदू जो पाकिस्तानी मुसलमानों के साथ सैकड़ों सालों से हमजोली हमदामन का साथ का वादा करते थे। वाह खैर आपकी मासूमियत पर इतिहास को कुरबान किया जा सकता है।

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