सचिवालय सेवा के पदों पर होगी संबिदा पर बहाली, नियमित कर्मियों में रोष
बिहार सरकार द्वारा सचिवालय सेवा के प्रशाखा पदाधिकारी एवं अवर सचिव के पदों पर सेवानिवृत्त पदाधिकारियों के 146 पदों पर नियोजन हेतु आवेदन आमंत्रित किये
हैं जिससे इस सेवा के नियमित कर्मियों एवम पदाधिकारियों में भारी रोष व्याप्त है। यह समाचार www.operafast.com पर पढ़ रहे हैं।
विदित हो कि सचिवालय सेवा के प्रोन्नति के पद संयुक्त सचिव,उपसचिव एवम अवर सचिव पूर्णतः रिक्त हैं तथा इन पदों पर अहर्ता पूरी करने के बावजूद प्रोन्नति नही मिल रही है। इससे सेवा के सदस्य पहले से ही खफा है।
इधर इन पदों पर प्रोन्नति के बजाए सेवानिवृत्त लोगो को नियोजित किये जाने की सूचना से प्रोन्नति की आस लगाए कार्मिकों में रोष चरम पर पहुंच चुका है एवम वे आर पार के मूड में हैं।उनका कहना है कि जब अन्य सभी सेवाओ में उच्चतर पद का कार्यकारी प्रभार दिया जा रहा है तो हमारी सेवा में हमे उच्चतर पद का प्रभार अथवा प्रोन्नति न देकर सेवानिवृत्त लोगो का शत प्रतिशत नियोजन क्यो किया जा रहा है।उनका कहना है कि इससे हमारी कार्य क्षमता और दक्षता प्रभावित हो रही है जिसका दुष्प्रभाव हमारे मानसिक स्वस्थ्य , सामाजिक प्रतिष्ठा तथा आर्थिक स्थिति पर पड़ रहा है।
सामान्य प्रशासन विभाग के द्वारा प्रकाशित विज्ञापन का विरोध करते हुए सचिवालय सेवा के पदाधिकारियों ने बताया कि सामान्य प्रशासन विभाग के संकल्प संख्या 10,000 स्पष्ट रूप में उल्लेखित है कि नियमित नियुक्तियों का कोई उचित विकल्प नहीं हो सकता है परंतु नियमित नियुक्तियों में संभावित अपरिहार्य विलंब की अवधियों में कार्य प्रभावित नहीं हो इसके लिए अन्य विकल्पों का ध्यान देना आवश्यक है। इसी परिपेक्ष्य में नियमित नीतियों के पदों का संविदा नियोजन का प्रावधान संकल्प ने किया गया है।
जैसा कि आप सब जानते हैं कि प्रशाखा पदाधिकारी एवं एवं अवर सचिव के पद कुल कोटि का पद नही है बल्कि ये दोनों ही पदोन्नति का पद है।
यदि सरकार प्रोन्नति के पदों पर संविदा नियोजन तत्काल रद्द कर प्रोन्नति अथवा उच्चतर पद का कार्यकारी प्रभार नही देती है तो व्यापक आंदोलन होगा जिसके लिए सरकार जिम्मेवार होगी।
सामान्य प्रशासन विभाग के द्वारा प्रकाशित विज्ञापन का विरोध करते हुए सचिवालय सेवा के पदाधिकारियों ने बताया कि सामान्य प्रशासन विभाग के संकल्प संख्या 10,000 स्पष्ट रूप में उल्लेखित है कि नियमित नियुक्तियों का कोई उचित विकल्प नहीं हो सकता है परंतु नियमित नियुक्तियों में संभावित अपरिहार्य विलंब की अवधियों में कार्य प्रभावित नहीं हो इसके लिए अन्य विकल्पों का ध्यान देना आवश्यक है। इसी परिपेक्ष्य में नियमित नीतियों के पदों का संविदा नियोजन का प्रावधान संकल्प ने किया गया है।
जैसा कि आप सब जानते हैं कि प्रशाखा पदाधिकारी एवं एवं अवर सचिव के पद कुल कोटि का पद नही है बल्कि ये दोनों ही पदोन्नति का पद है।
यदि सरकार प्रोन्नति के पदों पर संविदा नियोजन तत्काल रद्द कर प्रोन्नति अथवा उच्चतर पद का कार्यकारी प्रभार नही देती है तो व्यापक आंदोलन होगा जिसके लिए सरकार जिम्मेवार होगी।
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