Saturday 26 November 2022

जानें संविधान का असली निर्माता और विलक्षण प्रतिभा को........

 जानें संविधान का असली निर्माता को........


संविधान सभा और उसका गठन
आज 26 नवंबर है। संविधान दिवस, जिसे "राष्ट्रीय कानून दिवस" ​​​​भी कहा जाता है ।

संविधान ( 'सम्' + 'विधान' ), मूल सिद्धान्तों का एक समुच्चय है, जिससे कोई राज्य या अन्य संगठन को शासित किया जाता हैं। वह किसी संस्था को चलाने के लिये बनाया हुआ एक दस्तावेज है। यह प्रायः लिखित रूप में होता है। यह समाचार www.operafast.com पर पढ़ रहे हैं।

किसी भी देश का संविधान उस देश की राजनीतिक व्यवस्था, न्याय व्यवस्था तथा नागरिकों के हितों की रक्षा करने का एक मूल माध्यम होता है| इस माध्यम से उस देश के विकास की दिशा निर्धारित होता है |


संविधान, किसी भी देश का मौलिक कानून है, जो सरकार के विभिन्न अंगों की रूपरेखा और मुख्य कार्य का निर्धारण और कार्यान्वन करने में मुख्य भूमिका निभाता है।
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भारत में हर साल 26 नवंबर को भारत के संविधान को अपनाने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। 26 नवंबर 1949 को, भारत की संविधान सभा ने भारत के संविधान को अपनाया, और यह 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ। संविधान सभा में कुल सदस्यों की संख्या 389 था। संविधान के बनाने में इन 389 सदस्यों के साथ 15 महिला सदस्यों का भी हाथ था। सरोजनी नायडू संविधान सभा के उन सदस्यों में शामिल थी। जिन्होंने संविधान का निर्माण किया था।
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इस भारतीय संविधान निर्माण में सभी 389 सदस्यों ने अपनी भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण तरीके से निभाई ।

प्रारूप समिति 29 अगस्त 1947 को गठित की गई और संविधान सभा की अंतिम बैठक संविधान निर्माण के लिए 24 नवम्बर 1949 को आयोजित की गई। इस दिन 284 लोगों ने संविधान पर हस्ताक्षर किए।

संविधान का निर्माण प्रारूप समिति (ड्राफ्टिंग कमिटी) द्वारा किया गया था , जिसके अध्यक्ष डा. भीमराव अंबेडकर थे ! डा. भीमराव अंबेडकर के अलावा इस समिति में 6 सदस्य और थे , मतलब कि प्रारुप समिति के कुल सदस्यों की संख्या 7 थी ।समिति के अन्य 6 सदस्य थे -
के.एम.मुंशी,
मोहम्मद सादुला,
अल्लादी कृष्णस्वामी अय्यर,
गोपाल स्वामी अय्यंगार,
एन. माधव राव (उन्होंने बी.एल. मित्तर की जगह ली, जिन्होंने अस्वस्थता के कारण इस्तीफा दे दिया) ।
संविधान बनाने में 63,96,729 रुपये खर्च हुआ। संविधान सभा का गठन कैबिनेट मिशन की सिफारिश पर किया गया था जिसका दौरा 1946 मे किया था । संविधान सभा की पहली बैठक 9 दिसम्बर 1946 को नई दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन हाल में हुई थी। संविधान निर्माण की प्रक्रिया में कुल 2 वर्ष, 11 महीना और 18 दिन लगे।



कैबिनेट मिशन योजना के अनुसार संविधान सभा का चुनाव जुलाई, 1946 ई० हुआ. कुल 389 सदस्यों में से प्रांतों के लिए निर्धारित 296 सदस्यों के लिय चुनाव हुए ! इसमें कांग्रेस को 208, मुस्लिम लीग को 73 स्थान एवं 15 अन्य दलों के तथा स्वतंत्र उम्‍मीदवार निर्वाचित हुए ।
संविधान सभा के निर्वाचित सदस्य भारत के राज्यों से चुन कर आए थे ।

जिसमें डॉ राजेन्द्र प्रसाद, भीमराव अम्बेडकर, सरदार वल्लभ भाई पटेल, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, जवाहरलाल नेहरू, मौलाना अबुल कलाम आजाद आदि इस सभा के प्रमुख सदस्य थे।
सर्वप्रथम वर्ष 1934 में वामपंथी आंदोलन के प्रखर नेता M. N. Roy ने भारत में संविधान सभा के गठन का विचार रखा। वर्ष 1935 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (Indian National Congress) ने पहली बार आधिकारिक रूप से भारत में संविधान सभा के गठन की मांग की।

इस मिशन योजना के तहत जुलाई, 1946 ई० में संविधान सभा का हुए चुनाव में कुल 389 सदस्यों में से प्रांतों के लिए 296 सदस्यों चयनित हुए । इसमें कांग्रेस को 208, मुस्लिम लीग को 73 स्थान एवं अन्य तथा स्वतंत्र उम्‍मीदवार से कुल 15 निर्वाचित हुए ।

संविधान सभा के गठन के समय इसके सदस्यों की संख्या 389 थी, लेकिन 1947 के भारत-पाकिस्तान के बंटवारे के बाद इसके सदस्यों की संख्या 299 रह गई थी।

संविधान सभा में ब्रिटिश प्रांतों के 296 प्रतिनिधियों का विभाजन संप्रदाय के आधार पर हुआ। जिसमे 213 सामान्य, 79 मुसलमान और 4 सिख सदस्य थे।

ऐसे तो संविधान बनाने में 2 वर्ष 11 महीने और 18 दिन लग गए और संविधान बनाने 6396729 रूपये भी खर्च हुए लेकिन भारतीय संविधान में 10 देशों के प्रावधान को कॉपी करके अपने संविधान में समावेश किया है साथ ही अंग्रेजों के द्वारा 1935 बनाए गए भारत शासन अधिनियम के अधिकांश भाग को शामिल कर लिया गया है।

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