Thursday, 1 September 2022

एनपीएस के विरुद्ध में सरकारी कर्मियों ने पूरे बिहार में मनाया काला दिवस

 


एनपीएस के विरुद्ध में सरकारी कर्मियों ने पूरे बिहार में मनाया काला दिवस


नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम, (पुरानी पेंशन की बहाली हेतु प्रतिबद्ध राष्ट्रीय संगठन) बिहार के द्वारा दिनांक 1 सितंबर 2022 को राज्य में नई पेंशन योजना लागू होने के दिन को काला दिवस के रूप में मनाया गया और इस अवसर पर बिहार राज्य के अंतर्गत एनपीएस से आच्छादित सभी सेवा, संवर्ग के अधिकारियों, कर्मचारियों द्वारा काला बिल्ला लगाकर प्रतीकात्मक रूप से विरोध करते हुए अपने कार्यों का निष्पादन किया गया। ये समाचार www.operafast.com पर पढ़ रहे हैं।




बिहार राज्य के लगभग 2.5 लाख राज्यकर्मियों के द्वारा नई पेंशन स्कीम के विरुद्ध काला बिल्ला लगाकर सरकारी कार्यों को संपादित किया जा रहा हैं।



राज्य के प्रशासन का आधार स्तंभ बिहार प्रशासनिक सेवा, पुलिस मेंस एसोसिएशन, तमाम स्वास्थ्य विभाग, बीडीओ संघ, सीओ संघ, सचिवालय सेवा, वित्त सेवा, अभियंता सेवा, जेल विभाग, सहित 40 से भी अधिक संघों के द्वारा इस कार्यक्रम को समर्थन दिया जाना यह बताता है कि यह मुद्दा कितना महत्वपूर्ण हैं, इसलिए सरकार से हमारा विनम्र अनुरोध है की यथाशीघ्र इस मामले पर सहानुभूति पूर्वक विचार करते हुए निर्णय लें।



इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष वरुण पांडेय द्वारा बताया गया की 1 सितंबर को ब्लैक डे के रूप में पूरे प्रदेश भर के सभी कार्यालयों में मनाया गया। उनके द्वारा एनएमओपीएस बिहार के इस मुहिम में शामिल सभी सरकारी सेवकों के प्रति आभार व्यक्त की गई। श्री पांडेय द्वारा बताया गया कि बिहार प्रशासनिक सेवा संघ, बिहार पुलिस मेंस एसोसिएशन सहित लगभग 40 सेवा संघ एनएमओपीएस के इस कार्यक्रम के सहभागी बनें । अब तक मुख्य रूप से जिन सेवा संघ का समर्थन एनएमओपीएस को प्राप्त हो चुका है ।


उनमें बिहार प्रशासनिक सेवा संघ, बिहार पुलिस मेंस एसोसिएशन ,बिहार सचिवालय सेवा संघ, बिहार ग्रामीण विकास सेवा संघ, बिहार वित्त सेवा संघ, बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ (गोप गुट), बिहार नगर सेवा संघ, बिहार राजस्व सेवा संघ, बिहार अभियंत्रण सेवा संघ, अवर अभियंता सेवा संघ,बिहार कारा कर्मचारी संघ, बिहार सांख्यिकी सेवा संघ, विभिन्न शिक्षक संघ, बिहार स्टेट इलेक्ट्रिसिटी एम्पलाइज एसोसिएशन, बिहार स्वास्थ्य सेवा संघ, बिहार पशु चिकित्सा सेवा संघ, बिहार स्टेट सिविल कोर्ट एम्पलाई एसोसिएशन, बिहार पुलिस चतुर्थवर्गीय कर्मचारी संघ, बिहार सहकारिता प्रसार पदाधिकारी सेवा संघ, बिहार राज्य भूमि एवं बंदोबस्त संबंधित कर्मचारी संघ, बिहार सांख्यिकी सेवा संघ, बिहार सहकारी अंकेक्षण पदाधिकारी संघ,बिहार राज्य सरकारी मोटर यान चालक संघ, बिहार डेंटल हेल्थ सर्विस एसोसिएशन, बिहार प्राथमिक शिक्षक सेवा संघ , बिहार राज्य औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान कर्मचारी संघ, बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी संघ पटना, बिहार राज्य कारा कर्मचारी संघ (लिपिक संवर्ग) बिहार कृषि समन्वयक कार्य समिति इत्यादि है।



प्रदेश महासचिव शशि भूषण के द्वारा बताया गया कि एनएमओपीएस का यह मुहिम पूरी तरह सफल रहा और यह प्रतीकात्मक विरोध राजधानी पटना से बाहर निकलकर सुदूर क्षेत्रों में स्थित कार्यालयों में भी देखने को मिला। हमारे पास विभिन्न कार्यालयों से जो तस्वीरें प्राप्त हो रही है उनमें देखा जा रहा है कि सुदूर क्षेत्र में स्थित प्रखंड कार्यालय, बाढ़ नियंत्रण कार्यालय, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जैसे जगहों से पर कार्यरत पदाधिकारियों, कर्मचारियों द्वारा इस प्रतीकात्मक विरोध में हिस्सा लिया गया और अपनी तस्वीरें साझा की गई।




प्रदेश उपाध्यक्ष संजीव तिवारी द्वारा बताया गया कि अपने पूरे सेवाकाल में किसी एक मुद्दे पर तमाम सरकारी सेवक संवर्गों, संगठनों को इस तरह से एकजुट होते हुए मैंने पहले कभी नहीं देखा। उन्होंने बताया कि राज्य प्रशासन के आधार स्तंभ बिहार प्रशासनिक सेवा, बिहार पुलिस सेवा, बिहार वित्त सेवा, बिहार विद्युत सेवा, बिहार स्वास्थ्य सेवा, बिहार सचिवालय सेवा जैसे संगठनों से जुड़े लोगों ने इस आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया है, इसलिए इस आंदोलन की गंभीरता को समझते हुए राज्य सरकार को यथाशीघ्र इस पर सहानुभूति पूर्वक विचार करना चाहिए. उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि राजस्थान, छत्तीसगढ़ और झारखंड के बाद बिहार की संवेदनशील सरकार निश्चित रूप से इस मामले में कोई सकारात्मक फैसला लेगी।




प्रदेश विधिक सलाहकार शंकर प्रसाद सिंह द्वारा एनएमओपीएस की इस मुहिम में समर्थन देने वाले सभी संगठनों के प्रति आभार व्यक्त किया गया।



प्रदेश मुख्य प्रवक्ता श्री संतोष कुमार द्वारा बताया गया कि अगर शीघ्र ही सरकार के तरफ से कोई सकारात्मक संदेश प्राप्त नहीं होता है तो राज्य कार्यकारिणी की बैठक बुलाकर अगली रणनीति के संबंध में निर्णय लिया जाएगा लेकिन पुरानी पेंशन बहाल होने तक चैन से नहीं बैठना है और इस हेतु उनके द्वारा तमाम सरकारी सेवकों से आह्वान किया गया।


पुलिस संवर्ग




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