मंत्री जी के ड्राइवर ने काला फीता लगा जताया न्यू पेंशन स्कीम का विरोध
1 सितंबर 2022 को नेशनल मूवमेंट फोर ओल्ड पेंशन स्कीम के तत्वावधान में बिहार राज्य के एनपीएस आच्छादित कर्मचारियों और अधिकारियों ने काला फीता लगाकर ब्लैक डे मनाया। इसी प्रक्रम में बिहार सरकार के अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण मंत्री के ड्राइवर ने भी कल अपने छाती पर काला रिबन लगाकर न्यू पेंशन का विरोध जताया और अपने काम के प्रति पूर्ण निष्ठा के साथ समर्पित रहा। यह समाचार www.operafast.com पर पढ़ रहे हैं।
जैसा कि आप जानते हैं कि बिहार में पुरानी पेंशन की समाप्ति 1 सितंबर 2005 को हुई थी और इसी दिन से कर्मचारियों और अधिकारियों के पेंशन पर काला अध्याय की शुरुआत हो गया था।
हम आपको बता दें कि कर्मचारियों और अधिकारियों को मिलने वाला न्यू पेंशन स्कीम के तहत कर्मचारियों के वेतन का 10 प्रतिशत काटकर और 14 प्रतिशत सरकार अपने तरफ से मिलाती है। इस प्रकार कुल 24 प्रतिशत को शेयर बाजार आधारित म्यूचुअल फंडों में निवेश करती है जो जोखिम भरा है। 60 साल के आयु में सेवानिवृत होने वाले कर्मचारियों को 1000 से 2000 तक पेंशन मिल रहा है जिससे उनका ब्लड प्रेशर और शुगर के दवा भी नही आती जबकि इसके उलट एक दिन के लिए भी सांसद, विधायक बने नेताओं को पुरानी पेंशन दिया जा रहा है। अगर कोई नेता विधान सभा , विधान परिषद, लोकसभा और राज्यसभा का चुनाव जीत लेता है तो उन्हें चार चार पुरानी पेंशन मिलता है ।
1 सितंबर को नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम बिहार के तत्वावधान में पूरे बिहार सरकार के न्यू पेंशन स्कीम से आच्छादित कर्मचारी और अधिकारी ने मिलकर अपने अपने ऑफिस में काम करते हुए आपने हाथ पर , छाती पर काला रिबन लगाकर एनपीएस का विरोध कर रहे थे। लगभग बिहार सरकार में काम करने वाले 40 से अधिक विभागों के कर्मचारी संगठनों ने एनएमओपीएस को अपना समर्थन दिया था।
नेशनल मूवमेंट ऑफ पेंशन स्कीम बिहार के प्रदेश अध्यक्ष श्री वरुण पांडे और उनके साथ काम करने वाले विभिन्न संगठनों के कर्मचारी अधिकारी ने एक साथ मिलकर पूरे बिहार में जागरूकता अभियान चलाकर समर्थन प्राप्त किया था जो काफी सफल रहा ।
ऊपर के फोटो में बिहार सरकार के अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण मंत्री के नेम बोर्ड लगे का के समीप में खड़े उनका ड्राइवर भी काला फीता लगाकर एनपीएस का विरोध जता रहा है जबकि वह अपने कर्तव्य पर पूर्ण रूप से समर्पित है। ऐसे में प्रश्न उठता है कि बिहार सरकार के सभी मंत्री विधायक के ऑफिस में काम करने वाले सरकारी कर्मचारी जिनकी नियुक्ति 1 जनवरी 2004 के बाद हुआ है उन सभी का पेंशन को समाप्त कर न्यू पेंशन स्कीम के तहत सेवानिवृत्ति के उपरांत हजार ₹2000 की राशि दी जाती है जिनसे उनका बुढ़ापा संभावना तो दूर की बात इतने पैसे में उनके ब्लड प्रेशर और शुगर के दवा भी नहीं आ सकती है। ये समाचार पर पढ़ रहे हैं।
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