कुछ दिनों पूर्व पटना डाकबंगला चौराहा पर तिरंगा झंडा लेकर नौकरी की मांग कर रहे सीटेट बीटेट अभ्यर्थियों पर पटना के लॉ एंड ऑर्डर ADM के के सिंह ने बर्बरता पूर्वक पिटाई की थी। यह समाचार www.operafast.com पर पढ़ रहे हैं।
वह एक युवा था ... हाथ में तिरंगा पकड़ शांतिपूर्ण विरोध जलूस में शामिल हो अपना सरकारी नौकरी का अधिकार मांग रहा था ... उसका कहना था कि उसने टीचर एलीजिबिल्टी टेस्ट को उत्तीर्ण कर लिया है .... लेकिन वह पिछले तीन वर्षों से बेरोज़गार है ... इसलिए उसे रोजगार के रूप में अध्यापक की सरकारी नौकरी दी जाय ...!
जुलूस आगे बढ़ी ... सामने हनक और दम्भ में अकड़े डिप्टी कलेक्टर और पुलिसकर्मी मौजूद थे ... पुलिसकर्मी पीछे पड़ गए ... डिप्टी कलेक्टर आगे आये और लगे उस युवक पर डंडा बरसाने .... डंडा उस युवक पर पड़ा ... तिरंगे पर पड़ा ... फिर तिरंगे पर पड़ा ... फिर तिरंगे पर ... पद की हनक में तिरंगे के सम्मान का क्या वजूद ... लड़का नीचे गिरा ... डंडा बरसता रहा ... लेकिन उस लड़के ने तिरंगे को नहीं गिरने दिया ... एक पुलिस कर्मी को अचानक होश आया ... वह लड़के के हाथ से तिरंगा छीन लड़के पर डंडा बरसाने लगा ... डिप्टी कलेक्टर और पुलिस ने पशुओं से भी बद्त्तर तरीक़े से उसे सड़क पर लिटा कर पीटा ... ।
सभ्यता का चोग़ा पहने माननीय युवा उपमुख्य मंत्री ने संवाददाताओं के सामने खेद प्रकट करते कहा कि -" हमें खेद है ...जो हुआ है वह नहीं होना चाहिए था । "
वह एक युवा उपमुख्य मंत्री ... जो इस टेस्ट के लिए एलिजिबल भी नहीं ... ने संवाददाता के तीखे सवालों से अपना पिंड छुड़ाने के लिए झल्लाते हुए कहा ,
“ अब क्या करें ...? जाँच के लिए कमेटी बिठा तो दी है ...।”
वह युवक अस्पताल में पड़ा कराह रहा है ... नव सुशासन की व्यवस्था और डंडों की मार से घायल बेचारा । इधर सुशासन कुमार हमेशा की तरह मौन ... चेहरे पर कुटिल मुस्कान सजाए ।
इस मामले की जांच कर रहे पटना के उप विकास आयुक्त ने पत्र लिखकर पटना समाहरणालय के डीएम को बताया है कि टीईटी अभ्यर्थियों द्वारा आयोजित प्रदर्शन में एक व्यक्ति की पिटाई की वीडियो वायरल होने से संबंधित जांच सह सुनवाई करते हुए सभी संबंधित पदाधिकारी, दंडाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी, प्रभारी पदाधिकारी, जिला नियंत्रण कक्ष से अधोहस्ताक्षरी एवम नगर पुलिस अधीक्षक पटना द्वारा संयुक्त रूप से सबकी बात को गौर से सुना गया।
लेकिन उक्त बैठक में अभियुक्त अपर समाहर्ता के के सिंह (लॉ एंड ऑर्डर) द्वारा लिखित पत्र देकर सुनवाई में पक्ष रखने हेतु समय की मांग की है।
जैसा कि आप जानते हैं कि थानाध्यक्ष कोतवाली थाना को घटना स्थल का सीसीटीवी फुटेज के साथ उपस्थित रहने का निर्देश दिया गया था। थानाध्यक्ष, कोतवाली थाना भी सीसीटीवी फुटेज को लेकर समय की मांग किया है। उनका कहना है कि डाक बंगला चौराहा के आसपास घटना स्थल का वीडियो तलाशा जा रहा है।
हम आपको बता दें कि पटना में हुए शिक्षक अभ्यर्थी के ऊपर बर्बरतापूर्ण हुए लाठीचार्ज तथा तिरंगे के हुए अपमान पर पटना डीएम ने संज्ञान लिया था , एडीएम के के सिंह के बर्बरतापूर्ण करवाई पर।
अब इस बात पर जानकारों का कहना है कि हर बात पर जांच ! यह क्या तमाशा है या टाइम पास है करने का तरीका है। पिक्चर और वीडियो में साफ साफ नजर आ रहा है वीडियो चल रही है । डीएम साहब पिटाई कर रहे हैं बेचारा छात्र मार खा रहा है फिर जांच क्यों ? तुम करवाई करो ना ! जिला प्रशासन के अधिकारी को तिरंगे के साथ छात्र को लाठी बरसाना बहुत गंदी बहुत निंदनीय कार्य किया है उसे जेल में डाल देना चाहिए ऐसे अधिकारी को ।इतना अहंकार इन्हें आता कहां से है ? जनता के टैक्स से ही इनके घर का खर्च चलता है, और जनता से इतनी नफ़रत ! बर्खास्त करें इन्हें।
जांच पड़ताल शुरू होने पर कुछ सीटेट बीटेट पास अभ्यर्थियों का कहना है कि सब लीपापोती हो रहा है जांच का मतलब ही होता है समय देना,मतलब सब समझता है।
ये पब्लिक है ये सब जानती है। यही बिहार है। जहां साक्ष्य के बाद भी कार्रवाई के लिए दर दर भटकना पड़ता है। मैं तेजस्वी यादव जी से पूछना चाहता हूं कि कहां है आपकी कार्रवाई वाली सरकार।
कुछ लोगों ने सिस्टम पर उंगली उठाते हुए कहा कि जिस घटना को पूरा दुनिया देखा है।उसे जांच किया जा रहा है। खरीद और बिक्री मे परेशानी हो रहा है पदाधिकारी साहेब को इसीलिए पांच दिन का लिया है ।
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