इनकम टैक्स की पुरानी व्यवस्था होगी खत्म, अपनानी होगी New Tax Plan
अभी तक सभी सरकारी कर्मचारी पुरानी व्यवस्था के अनुसार ही अपनी आय पर इनकम टैक्स देते थे । लेकिन अब वो दिन लदने वाला है। अब आपके सेविंग्स पर कोई भी छूट या रिबेट नही मिलने वाला है।
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सरकार का कहना है कि महंगाई लगातार बढ़ रहा है और ऐसे में कर दाताओं को 70 तरह की मिलने वाली छूट को बंद किया जाएगा । रेवेन्यू सेक्रेटरी तरुण बजाज के अनुसार पुरानी इनकम टैक्स के प्रति करदाताओं का आकर्षण घटाने की जरूरत है । यह न्यूज www.operafast.com पर पढ़ रहे हैं।
जब पुरानी tax व्यवस्था के प्रति आकर्षण घटेगा तो निश्चित ही नई टैक्स व्यवस्था अपनाने के लिए प्रोत्साहित होंगे।
नई व्यवस्था के अनुसार 5 लाख से 7.5 लाख रुपये वार्षिक आमदनी वाले टैक्स पेयर्स को 10 प्रतिशत टैक्स देना पड़ता है। पुरानी tax व्यवस्था में इतनी ही आय पर 20 प्रतिशत टैक्स देना पड़ता है। हालांकि, सेक्शन 87ए के तहत मिलने वाली रिबेट के चलते सालाना 5 लाख रुपये तक की इनकम वाले लोगों को नई या पुरानी व्यवस्था में कोई टैक्स नहीं देना पड़ता है।
कर दाताओं के हित के लिए नया टैक्स स्लैब 2020-2021 से आया
सरकार ने वित्त वर्ष 2020-21 के बजट में टैक्स की नई व्यवस्था लेकर आई थी । सरकार का कहना है कि टैक्स की यह व्यवस्था काफी आसान है। इंडिविजुअल करदाताओं के लिए इसमें टैक्स रेट कम है। लेकिन, उन्हें स्टैंडर्ड डिडक्शन और सेक्शन 80 C की सुविधा नहीं मिलती है। स्टैंडर्ड डिडक्शन और सेक्शन 80 C की सुविधा से टैक्स का बोझ कम हो जाता है ।
स्टैंडर्ड डिटेक्शन और सेविंग के बाद 8.5 लाख रूपए तक कोई टैक्स नही
राजस्व सचिव बजाज ने बताया कि सरकार ने पर्सनल इनकम टैक्स में कमी लाने के लिए नई व्यवस्था पेश की थी। लेकिन, बहुत कम लोगों ने इसमें दिलचस्पी दिखाई है। इसकी वजह यह है कि लोगों को लगता है कि किसी व्यवस्था में वह 50 रुपये भी कम टैक्स चुकाएंगे तो वे उसी व्यवस्था का इस्तेमाल करना चाहते हैं। देश में 80सी और स्टैंडर्ड डिडक्शन का इस्तेमाल करने वाले 8-8.5 लाख सालाना इनकम वाले लोगों को कोई टैक्स नहीं चुकाना पड़ता है ।
क्या है कारण
इसका कारण है कि आपके पास 80 C के तहत 1.5 लाख रुपए तक की एलआईसी, PPF, सुकन्या जैसे कई tax सेवर प्लान में इन्वेस्ट कर रखा है । इसके अलावे 50,000 रुपए तक अलग से न्यू पेंशन योजना में इन्वेस्टमेंट पर छूट मिल जाती है । सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को अलग से 50,000 तक स्टैंडर्ड डिडक्शन भी दे रखा है । जितना पीपीएफ या NPS में डेडक्ट होता है उसका 14% सरकार भी जमा करती है । ये सभी मिलाकर कर्मचारी करीब 3.5 लाख रुपए कुल आय से कम करा लेता है । और जैसे ही उनका टैक्सेबल इनकम 5 लाख से कम होता है, उनका पूरी आय tax फ्री हो जाता है । इसलिए गवर्नमेंट employee को पुरानी व्यवस्था हो अच्छा लगता है।
उन्होंने कहा कि यही वजह है कि लोग नई व्यवस्था का इस्तेमाल नहीं करना चाहते। इसलिए जब तक हम पुरानी व्यवस्था का आकर्षण नहीं घटाएंगे, लोग नई व्यवस्था को अपनाने के लिए आने नहीं आएंगे। जब तक हम ऐसा नहीं करेंगे, हम अपने टैक्स रेट को आसान नहीं बना सकेंगे ।
Good knowledge sir
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