Monday, 28 February 2022

पुरानी पेंशन योजना के लिए बिहार में प्रदर्शन , मध्यप्रदेश में भी तैयारी

 

पुरानी पेंशन योजना के लिए बिहार में प्रदर्शन , मध्यप्रदेश में भी तैयारी

राजस्थान और झारखंड सरकार के अपने राज्यों में कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन व्यवस्था को लागू करने का ऐलान करने के बाद अन्य राज्यों में भी कर्मचारियों के बीच काफी रोष देखा जा रहा है उनका कहना है कि अटल बिहारी वाजपेई ने नई पेंशन व्यवस्था लागू कर जो गलतियां की उस गलतियों को वर्तमान सरकार क्यों नहीं सुधार पा रही है। इसी को देखते हुए भारत के अन्य राज्यों के कर्मचारी भी पुरानी पेंशन को मांग को लेकर अपने अपने राज्य सरकारों पर धरना प्रदर्शन के साथ दवाब बनाने में जुट गए हैं। ये खबर आप www.operafast.com पर पढ़ रहे हैं।

इसी क्रम में बिहार सरकार के शिक्षा विभाग के शिक्षक और कर्मचारी पुरानी पेंशन की मांग के लिए जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय के पास पहुंच कर प्रदर्शन करने के बाद उच्च पदाधिकारियों को ज्ञापन सौंपा। कर्मचारियों ने अपने लिए पुरानी पेंशन योजना लागू करने के लिए गुहार लगाई। सबसे बड़ी अचरज की बात ये रही कि शिक्षक कर्मचारियों ने जिस पदाधिकारी से अपने पुरानी पेंशन की गुहार लगा रहे थे, वे मान्यवर भी न्यू पेंशन योजना के तहत ही कार्य कर रहे है ।




इसी आलोक में मध्य प्रदेश के भी सरकारी कर्मचारी आगामी 13 मार्च को इस मुद्दे पर बड़ा प्रदर्शन करने की तैयारी में जुट गए हैं और जुटे भी क्यों नही, उनका जीवन का सवाल है । बिना पेंशन के बुढ़ापा कैसे कटेगी । इसको लेकर सियासत भी शुरू हो गई है । तो आइए जानते हैं कि ये पुरानी पेंशन का मामला क्या है और पुरानी पेंशन की मांग क्यों उठ रही है ।



पुरानी पेंशन योजना की शुरुआत

भारत मे सरकारी कर्मचारियों के लिए पेंशन सबसे पहले सन 1881 में रॉयल कमीशन की अनुशंसा पर शुरू की गई तथा भाजपा की सरकार में अटल बिहारी वाजपेयी जी की अनुशंसा पर सन 2004 में पेंशन खत्म की गई.., अर्थात 123 वर्षो तक देश मे पेंशन लागू रही..., इन 123 वर्षो में देश मे अकाल पड़े.., महामारियां आयी.., देश का बंटवारा हुआ.., युद्ध हुए.., प्रति व्यक्ति आय अत्यंत कम थी लेकिन देश निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर रहा...!



2004 में ये कुतर्क देकर पेंशन खत्म की गई कि पेंशन के रहते देश तरक्की नही कर सकता..., पेंशन खत्म होने के बाद इन 17 सालों में कौन सा चमत्कार हो गया...??

आर्थिक वृद्धि दर माइनस 23 तक जा पहुंची..., कोरोना महामारी के आगे घुटने टेक दिए..., मरीजों को ऑक्सीजन तक उपलब्ध नही की जा सकी.., विदेशी कर्ज़ कई गुना बढ़ चुका है..., बेरोजगारी चरम पर हैं...!

देश की तरक्की के लिए पेंशन पर नही..., नेताओं के भ्रष्टाचार और विलासिता पर रोक लगाना जरूरी है..., दलाली और सार्वजनिक संसाधनों की लूट पर रोक लगाना जरूरी है...!

निजीकरण / निगमीकरण पर रोक लगाना जरूरी है...!

नेताओं के लिए पेंशन और व्ही आई पी सुविधाओं पर रोक लगाना जरूरी है...!


देश का पहला राज्य बना राजस्थान जिसने राजस्थान राज्य में एनपीएस काला कानून खत्म करने का साहस किया देश के एनपीएस कार्मिकों के संघर्ष को नमन । राजस्थान में जिस तरह से पुरानी पेंशन बहाल करने का निर्णय अशोक गहलोत ने लिया है, वो एक ऐतिहासिक निर्णय कहा जायेगा ।



नये पेंशन से आच्छादित कर्मचारियों ने जिला शिक्षा कार्यालय पर प्रदर्शन के दौरान कहा कि जैसे एक राज्य राजस्थान में विजय मिली है महाराष्ट्र सरकार पुरानी पेंशन देने के लिए प्रतिबद्ध है, झारखंड सरकार ने भी पुरानी पेंशन देने के लिये कमर कस ली है ठीक वैसे ही कल हर राज्य में विजय मिलेगी ।

Sunday, 27 February 2022

TOP TEN MODEL Of CAR IN INDIA



TOP 10 CAR MODEL IN INDIA


भारत में बिकने वाली कार की बात की जाए तो अभी तक कुल 17 तरह के कार का मॉडल है जिसमे पॉपुलर मॉडल में Boleno, Thar, Swift, Punch, XUV700 जैसे कई कारें है । भारत में टॉप ब्रांड की कारें मारुति सुजुकी, महिंद्रा और टाटा की है । अगर आप कार खरीदना चाहते हैं तो आपको सबसे पहले कार की लिस्ट बनाने होंगे और उसमे पैसे के हिसाब से जो बेहतर होगा उसे खरीद सकते हैं। ऐसे इंडिया में बहुत से इलेक्ट्रिक कारें भी उपलब्ध है। आप ये न्यूज़ www.operafast.com पर पढ़ रहे हैं ।

अगर पैसे की बात करे तो न्यू दिल्ली के हिसाब से टॉप 10 कार की कीमत देख सकते हैं ।


Top 10 Cars in India

Model Price in New Delhi


1. Maruti Baleno
Rs. 6.35 - 9.49 Lakh



2. Mahindra Thar
Rs. 13.17 - 15.53 Lakh


3. Maruti Swift
Rs. 5.90 - 8.77 Lakh


4. Mahindra XUV700 Rs. 12.95 - 23.79 Lakh


5. Tata Punch
Rs. 5.64 - 9.18 Lakh


6. Mahindra Scorpio
Rs. 13.18 - 18.14 Lakh

7. Toyota Fortuner
Rs. 31.39 - 43.43 Lakh


8. Hyundai Creta
Rs. 10.23 - 17.94 Lakh


9. Tata Nexon
Rs. 7.39 - 13.73 Lakh


10 .Mahindra Bolero
Rs. 8.99 - 9.99 Lakh


Best Car Model





1. SKODA RAPID


TSI Matte Edition (Petrol) (Base Model)
Ex-Showroom
Price Rs.11,99,000
RTO Rs.1,81,350
Insurance Rs.48,381O
thers Rs.11,990
On-Road Price :Rs.14,40,721


2. MARUTI BOLENO




Maruti Suzuki Baleno Price

Maruti Suzuki Baleno price starts at ₹ 6.35 Lakh and goes upto ₹ 9.49 Lakh. The price of Petrol version for Baleno ranges between ₹ 6.35 Lakh - ₹ 9.49 Lakh.



3.


MARUTI THAR

The Mahindra Thar price is ₹ 13.17 Lakh and MARUTI Suzuki Gypsy price is ₹ 6.50 Lakh. The Mahindra Thar is available in 1997 cc engine with 1 fuel type options: Petrol and Maruti Suzuki Gypsy is available in 1298 cc engine with 1 fuel type options: Petrol. Gypsy provides the mileage of 11.96 kmpl.


4. MARUTI SWIFT




Variants On- Road Price
Swift VXI Rs. 7.78 Lakh
Swift Plus DT Rs. 10.09 Lakh
Swift VXI AMT Rs. 8.35 Lakh
Swift ZXI AMT Rs. 9.12 Lakh



5. Mahindra XUV700






Mahindra XUV700 Price

Mahindra XUV700 price starts at ₹ 12.96 Lakh and goes upto ₹ 23.80 Lakh. The price of Petrol version for XUV700 ranges between ₹ 12.96 Lakh - ₹ 22.04 Lakh and the price of Diesel version for XUV700 ranges between ₹ 13.47 Lakh - ₹ 23.80 Lakh.


7. Mahindra Scorpio






Ex-Showroom Price Rs.1,331,500
RTO Rs.2,01,225
Insurance Rs.78,028
Others Rs.13,315
On-Road Price Rs.16,24,068

8.  Toyota Fortuner




Ex-Showroom Price                                        Rs.3,389,000
RTO                Rs.5,09,850
Insurance    Rs.1,55,133
Others          Rs.33,890
On-Road Price Rs.40,87,873

9. Hyundai Creta



Hyundai Creta Price

Hyundai Creta price starts at ₹ 10.22 Lakh and goes upto ₹ 17.93 Lakh. The price of Petrol version for Creta ranges between ₹ 10.22 Lakh - ₹ 17.93 Lakh and the price of Diesel version for Creta ranges between ₹ 10.69 Lakh - ₹ 17.84 Lakh.


10. TATA Nexon


Tata Nexon Price

Tata Nexon price starts at ₹ 7.39 Lakh and goes upto ₹ 13.74 Lakh. The price of Petrol version for Nexon ranges between ₹ 7.39 Lakh - ₹ 12.44 Lakh and the price of Diesel version for Nexon ranges between ₹ 8.60 Lakh - ₹ 13.74 Lakh.








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Saturday, 26 February 2022

ये विदेशी नाम वाला 42 ब्रांड शुद्ध भारतीय है ।


 
शुद्ध भारतीय 42 ब्रांड, जिसे आप विदेशी समझकर खरीदते हैं ।




अगर आप कोई भी सामान खरीदने बाजार जाते है और ब्रांड्स का नाम विदेशी देखकर आकर्षित हो जाते है लेकिन वो ब्रांड पूर्ण रूप से भारतीय है । क्योंकि भारतीयों में विदेशी कल्चर और विदेशी ब्रांड्स प्रति खास आकर्षण देखा जाता है। उनकी मानसिकता ऐसी बन गयी है कि जिस उत्पाद पर विदेशी नाम लिखा हो, उसे झट से खरीद लेते हैं, क्योंकि उनका मानना ये है कि विदेशी वस्तुएँ हमारे देश में बने प्रोडक्ट्स से ज्यादा अच्छी होती हैं। ये समाचार आप www.operafast.com पर पढ़ रहे हैं ।




यही वजह है कि बहुत-सी भारतीय ब्रांड्स ने अपना नाम बदलकर विदेशियों जैसा नाम रख लिया ताकि धड़ल्ले से बिक रहे विदेशी प्रोडक्ट्स के बीच उनका ब्रैंड मार्केट में अपनी जगह बना पाए और बता दें कि उनका ये नुस्खा काम भी करने लगा। नाम बदलने पर उन ब्रैन्ड्स की सेल में तीव्रता से बढ़ोतरी हुई। लोग देसी चीजों को विदेशी समझ कर खरीदने लगे।







तो चलिए आज हम आपको ऐसे प्रसिद्ध ब्रांड्स के बारे में बताते हैं, जो नाम से विदेशी हैं, पर असल में भारत में ही बने हैं।

Louis P


ये कम्पनी जेन्ट्स के लिए नए ट्रेंडी क्लॉथ बनाती है, इस स्वदेशी कम्पनी को वर्ष 1989 में आदित्य बिरला ग्रुप की कंपनी Madura Fashion & Lifestyle ने स्टार्ट किया था।


Peter England


Peter England आयरलैंड में स्थापित की गई है पर इस कंपनी के मालिक भी आदित्य बिरला ग्रुप हैं। इसकी शुरुआत भी वर्ष 1997 में Madura Fashion & Lifestyle द्वारा ही हुई थी।

Jaguar Cars


वर्ष 1936 में इंग्लैंड की कंपनी Jaguar Cars लिमिटेड द्वारा इसे शुरू किया गया था, परन्तु वर्तमान में इसके ओनर टाटा ग्रुप है।

Da Milano

लेदर से निर्मित प्रोडक्ट्स बनाने वाली इस कम्पनी को 1936 में मलिक फै़मिली द्वारा स्टार्ट किया गया था।

Allen Solly

नाम भले ही विदेशी हो, पर इस फ़ैशन ब्रांड के ओनर भी आदित्य बिरला ग्रुप ही हैं।


Monte Carlo

इस कम्पनी का मालिकाना हक Oswal Woollen Mills Limited कंपनी के पास है और इसकी पैरेंट कंपनी नाहर ग्रुप है।


American Swan


इस ब्रांड की ओनर भी एक स्वदेशी कम्पनी है, जिसका नाम है The American Swan Lifestyle Company.


Hi Design

यह ब्रांड लेदर से निर्मित प्रोडक्ट्स बनाने के लिये काफी फेमस है, बता दें कि 1978 में स्थापित की गई इस कम्पनी के ओनर दिलीप कपूर हैं।


Royal Enfield


इस कम्पनी की शुरुआत भी भारत में ही 1955 में हुई थी। इसके मालिक Enfield India Ltd है।


Lakme

लेडीज के लिए गुणवत्ता युक्त सौंदर्य उत्पाद बनाने वाली इस इंडियन ब्रांड को जे.आर.डी. टाटा ने वर्ष 1952 में शुरू किया था।

East India Company


East India Company इसकी स्थापना 16वीं सदी में British Empire कंपनी द्वारा हुई थी, पर वर्तमान में यह भारतीय कम्पनी है, जिसके ओनर संजीव मेहता हैं।


Amrut singal malt

यह Whisky की एक ब्रांड है, जिसकी पैरेंट कंपनी का नाम Amrut Distilleries है, जो कि कोई विदेशी नहीं, बल्कि भारतीय कंपनी है।


Franco leone

इस इंडियन ब्रांड को 1989 में विशाल भांबरी ने स्टार्ट किया था।


Van Huesen

यह फ़ैशन ब्रांड USA व India में प्रसिद्ध है। इसे 18वीं सदी में Phillips Family द्वारा शुरू किया गया था। अब इसकी ओनरशिप आदित्य बिरला ग्रुप के पास है।


Munich Polo

इस इंडियन कम्पनी की मालिक Munich Polo लिमिटेड कंपनी है। यह ब्रांड चिल्ड्रन वियर्स बनाती है।

Flying Machine

डेनिम के उत्पाद बनाने वाली इस कम्पनी की पेरेंट कम्पनी Arvind Limited है। यह भी स्वदेशी ब्रांड है, जिसके ओनर संजय लालभाई हैं।


And Designs

यह ब्रांड House of Anita Dongre Limited कंपनी द्वारा 1995 में स्टार्ट की गई थी, जो कि एक भारतीय कम्पनी ही है।


La OPALA

इस भारतीय कम्पनी की ओनरशिप La Opala RG Limited के पास है। यह Tableware उत्पाद बनाने का काम करती है।


Larsen and Toubro Limited

वर्ष 1938 में भारत में शुरू की गई इस कम्पनी की पेरेंट कम्पनी का नाम Henning Holck-Larsen and Soren Kristian Toubro है।


Cafe Cofee Day

यह कम्पनी भी 1996 में Coffee Day Enterprises Limited ने द्वारा इंडिया में ही स्टार्ट की गई थी।


OLD Monk

हमारे देश में ही 1954 में Mohan Meakin ने इसकी शुरुआत की थी। यह रम का एक प्रसिद्ध ब्रांड है।


Micromax

राहुल शर्मा, विकास जैन, सुमित अरोड़ा व राजेश अग्रवाल ने मिलकर वर्ष 2000 में मोबाइल फोन बनाने वाली इस कम्पनी की शुरूआत की।



Britains


यह फेमस भारतीय कम्पनी बेकरी उत्पाद बनाती है, जिसे वाडिया ग्रुप ने1892 में स्थापित किया था।


MRF

इसके ओनर का नाम K. M. Mammen Mappillai हैं। यह कम्पनी टायर्स बनाती है। 1946 में इसे शुरू किया गया था।



Ferns N Petals


Ferns N Petals भी एक इंडियन कम्पनी है, जो 1994 में स्थापित हुई। इसके ओनर विकास गुटगुटिया हैं।


Raymond



Raymond Group द्वारा इस फ़ैशन ब्रैन्ड की शुरुआत की गयी थी, जो कि एक इंडियन ब्रांड है।


West side


इस कम्पनी के मालिक भी टाटा ग्रुप है।


Park Avenue

यह ब्रांड फ़ॉर्मल वियर के लिए प्रसिद्ध है, जिसकी ओनरशिप रेयमंड ग्रुप ने ले रखी है।


Knotty Derby and Arden shoes


इस भारतीय कंपनी की ओनरशिप Sumanglam Impex Private Limited के पास है, यह कम्पनी अच्छी क्वालिटी के जूते बनाती है।


The Collective


The Collective को 2008 में आदित्य बिरला नूवो ने शुरू किया था।


Planet Fashion


Planet Fashion

फ़ैशन रिटेल स्टोर है। ये फैशन स्टोर्स की एक चेन है, जिसके मालिक आदित्य बिरला ग्रुप है।


Red wolf

इसकी ओनरशिप 2011 से भारत में Independent Label को मिली, उसी साल से यह ब्रांड हमारे देश में स्टार्ट हुई थी।


I Ball


I Ball mobile यह
 भारतीय कम्पनी इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद निर्मित करती है, जिसके मालिक संदीप परसरामपुरिया हैं।


Karbonn

2009 में शुरू की गई इस कम्पनी के ओनर प्रदीप जैन हैं। यह ब्रांड मोबाइल फ़ोन व उससे जुड़े अन्य प्रोडक्ट्स बनाती है।


LAVA


हरिओम राय, विशाल सहगल, सैलेंद्र नाथ राय और सैलेश राय ने मिलकर इस कम्पनी को वर्ष 2009 में स्थापित किया था। यह इंडियन कम्पनी भी मोबाइल फ़ोन व उससे सम्बंधित उत्पाद बनाया करती है।


EVERYDAY


यह कम्पनी बैटरी, लैंप, चाय इत्यादि बनाती है, इस स्वदेशी कंपनी के ओनरशिप बी.एम. खैतान ग्रुप को प्राप्त है।


ANCHOR


इस कम्पनी की शुरुआत Panasonic Corporation द्वारा वर्ष 1963 में की गई थी। ये भारतीय कम्पनी बिजली तथा उससे संचालित होने वाले प्रोडक्ट बनाती है।


Intex



साल 1996 में स्थापित की गई इस कम्पनी के मालिक नरेंद्र बंसल हैं। यह मोबाइल व इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद बनाती है।



Videocon



यह इंडियन कम्पनी भी इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों का निर्माण करती है, इसे वेणुगोपाल धूत ने 1979 में शुरू किया था।


Ken star

इसकी ओनरशिप Kitchen Appliances India Limited के पास है। यह भी भारतीय ब्रांड है, जो घरेलू प्रोडक्ट्स बनाया करती है।


Voltas

इंज़ीनियरिंग प्रोडक्ट व घरेलू उत्पाद का प्रोडक्शन करने वाली इस ब्रांड के मालिक टाटा ग्रुप है।


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Friday, 25 February 2022

Masters Day celebrated in the memory of com Sivan Pillai who was selflessly devoted to the cadre.

 

Masters Day celebrated in the memory of com Sivan Pillai who was selflessly devoted to the cadre.


If I die, my family alone will suffer. But, if I fear to die, 32000 families of Station Maters will suffer” (Before the commencement of the Indefinite Fast at New Delhi in 1987)


Great achievements are usually born of great sacrifice, and is never the result of selfishness. you are reading this news on www.operafast.com .

From the heavenly abode, help us to follow your passion, be prepared to work hard and sacrifice, and, above all, don't let anyone limit your dreams.

On this Masters Day, we realised, "True love is selfless. It is prepared to sacrifice".



Today Masters Day is being celebrated by AISMA of Southern Railway Tiruchirappalli Division. This Masters Day is celebrated every year on 25 February in the memory of Sri P Shivam Pillai.




On this occasion a donation of Rs 3000/- was given to Anbu Illam on behalf of AISMA TJ branch which runs a school for mentally retired children.

Similarly, a donation of Rs.3000/- was also given Ezhuchi School, Kondur from AISMA CUPJ branch.

DEC/AISMA/TPJ also donated Rs.5000/- to CSI ANBU ILLAM, a school & home run for mentally retarded children to arrange for NV meals on 25.02.2022 in commemoration of MASTERS' DAY to honour the architect of AISMA- Com.P.Sivan Pillai.




पी सिवन पिल्लई का जन्म 03-05-1942 को श्री परमेश्वरन पिल्लई और श्रीमती कमलाक्षी अम्मा के घर हुआ था। उनके पिता राशन की दुकान चलाते थे। सिवन पिल्लै उनके 6 लड़कों और 4 लड़कियों के 10 बच्चों में से पांचवें थे। वे स्थानीय स्कूल अवित्तम थिरुनल हाई स्कूल मनकोम्बु से पढ़ाई की शुरुआत किए थे । इसी तरह पढ़ते हुए 1958 में मैट्रिक पास किए थे । परिवार बहुत मामूली और अपरिष्कृत था और इसलिए उनकी पहली प्राथमिकता नौकरी ढूंढना थी।






तदनुसार, उन्हें केरल की राज्य सरकार के अधीन - सांख्यिकीय विभाग में 1962 में एक एलडीसी की नौकरी मिली। लेकिन, सिवन पिल्लई अतृप्त जिज्ञासा के व्यक्ति थे। वह हमेशा अपने दिल में नवीनतम ज्ञान के लिए कुछ जलते अंगारे रखते थे। इसलिए उन्होंने 1964 में स्टेशन मास्टर के रूप में अपनी नौकरी बदल ली।


P Sivan Pillai was born on 03-05-1942 to Shri Parameswaran Pillai and Smt Kamamlakshi Amma. His father ran a ration shop. Sivan Pillai was the fifth of their 10 children of 6 boys and 4 girls. He went to the local school Avittam Thirunal High School Mankombu – and passed out his SSLC in 1958 with flying colours. The family was very modest and unsophisticated and therefore his first priority was finding a job. Accordingly, he received a job  an LDC in the statistical department under the state government of Keralm. That was in 1962.


But, Sivan Pillai was a man of insatiable curiosity. He was always keeping some burning embers for the latest knowledge in his heart. Therefore he got his job changed as a Station Master in 1964. Sivan Pillai’s initial appointment was as an LR ASM at Madurai Station (MDU).




Sivan Pillai got married to Smt. Lalitha Bai, daughter of Shri Vasudeva Panicker and Smt Janaki Amma on 13-9-1968. Later he was transferred to Kollam (QLN) again as an LR ASM. In spite of all these, he continued his studies as a private candidate, passing PDC in 1970. While working at Kallal station, Sivan Pillai got elected as the Divisional Secretary of AISMA of MDU Division. In 1974 he was removed from service for having participated and led the General Strike. He was reinstated only in 1977. The removal scenario repeated again in 1982 and finally for a third time on 31-03-1988.




Though Sivan Pillai’s personal life was very tumultuous with supercharged association activities, the burning desire of conquering the Everest of knowledge and wisdom made him receive MA in Political Science from the University of Mysore in 1984 and LLB Degree in 1989. The life was too miserable during those days. But he continued his relentless fight for the cause of Station Masters in various capacities including as the Secretary General of AISMA. Having been removed from Railway service and also having got the Law Degree, he enrolled as a lawyer on 13-01-1990 and started practice at the Central Administrative Tribunal, Ernakulam.



इसके बाद उन्हें LR ASM के रूप में फिर से कोल्लम (QLN) में स्थानांतरित कर दिया गया। इन सबके बावजूद उन्होंने निजी उम्मीदवार के रूप में अपनी पढ़ाई जारी रखी, 1970 में पीडीसी पास किया। कल्लाल स्टेशन पर काम करते हुए, सिवन पिल्लई एमडीयू डिवीजन के आइस्मा के संभागीय सचिव के रूप में चुने गए। 1974 में सामान्य हड़ताल में भाग लेने और नेतृत्व करने के लिए उन्हें सेवा से हटा दिया गया था। उन्हें केवल 1977 में बहाल किया गया था। हटाने का परिदृश्य 1982 में फिर से दोहराया गया और अंत में 31-03-1988 को तीसरी बार।




हालांकि सिवन पिल्लई का निजी जीवन सुपरचार्ज्ड एसोसिएशन गतिविधियों के साथ बहुत ही उथल-पुथल वाला था, ज्ञान और ज्ञान के एवरेस्ट पर विजय प्राप्त करने की ज्वलंत इच्छा ने उन्हें 1984 में मैसूर विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में एमए और 1989 में एलएलबी की डिग्री प्राप्त की। जीवन बहुत दयनीय था। वो दिन। लेकिन उन्होंने AISMA के महासचिव सहित विभिन्न पदों पर स्टेशन मास्टरों के लिए अपनी अथक लड़ाई जारी रखी। रेलवे सेवा से हटाए जाने और कानून की डिग्री प्राप्त करने के बाद, उन्होंने 13-01-1990 को एक वकील के रूप में दाखिला लिया और केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण, एर्नाकुलम में अभ्यास शुरू किया।




The utter devotion and sacrifice, the continuous journeys he undertook and the bohemian-type culinary habits had, by this time, weakened his body beyond repair. On 25-02-1994 he was taken to Krishna Nursing Home, Ernakulam in a very critical condition where he breathed his last after some time.

His Family

Sivan Pillai and Smt Lalitha have three children. His wife is a living symbol of utter devotion and sacrifice. She had never asked for any comfort in her life. When Sivan Pillai was grossly engrossed in Association activities forgetting his family and personal matters, it was she who ran the family. Their eldest daughter is Shylaja (Mini) who is married to Mr Suresh Kumar. Their second offspring is a boy – Parameswaran – who is an engineer and married to Sreeja. Their third and last child is Maya, married to Umashankar who is a lawyer at Alapuzha.




Smt Lalitha Bai has been living in their family home at Mankombu keeping the warm memories of her courageous consort who was living embodiment of Sacrifice and Commitment to the ideals he upheld – the welfare of the whole Station Masters on the Indian Railway.

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यूक्रेन हमारा एक दुश्मन है जिसने कभी भारत का..

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यूक्रेन हमारा एक दुश्मन है जिसने कभी भारत का साथ नही दिया ।

यूक्रेन हमारा एक दुश्मन है जिसने कभी भारत का साथ नही दिया ।

सोवियत रूस का भाग रहे यूक्रेन पर वर्तमान समय में रूस के हमले से दुनिया का वैश्विक परस्थितियाँ तेजी से बदल रहा है अगर यही स्थिति रही तो विश्व के ज्यादातर देशों के बीच ध्रुवीकरण की कोशिश तेज हो जायेगी। जिसका परिणाम दुनिया के हर देश को भुगतना पड़ सकता है। ये न्यूज़ आप www.operafast.com पर पढ़ रहे हैं।




यूक्रेन भारत से मदद मांगा है । अगर भारत इस विश्व संकट मे एक बडी भूमिका नहीं निभा सकता तो उसे विश्व शक्ति बनने का ख्वाब भी नहीं देखना चाहिए।

भारत जैसे विकासशील देश को इस युद्ध को रोकने के उपाय करने चाहिए। इस समय corona से अर्थव्यवस्था खराब है, यदि युद्ध लंबा चलता रहा तो पेट्रोल डीजल के दाम बहुत बढ़ जाएगा जिससे अर्थव्यवस्था और बिगड़ेगी। लेकिन देखा जाए तो युक्रेन ने कभी भी भारत का समर्थन नहीं किया था । जब मोदी जी ने कश्मीर से धारा 370 खत्म की थी तो यूक्रेन ने इसका विरोध किया था। और तो और भारत की आपत्ति के बावजूद यूक्रेन ने पाकिस्तान को आधुनिक तोप भी मुहैया करवाई थी।


लेकिन सवाल उठता है कि भारत को इस विवाद में रूस का पक्ष लेना चाहिए या यूक्रेन का ?

यह बेकार का प्रश्न है... किसी भी देश को हमेशा सिर्फ अपना पक्ष लेना चाहिए ।

यह पक्ष लेना, ना लेना ना तो मित्रता के परसेप्शन से चलता है ना अतीत में हुए लाभ-हानि, समर्थन-विरोध के गणित से । अंतरराष्ट्रीय संबंधों में मित्रता शब्द का उतना ही महत्व है जितना वेश्या के कोठे पर प्रेम का । अंतरराष्ट्रीय संबंध सिर्फ अल्पकालिक या दीर्घकालिक लाभ के गणित से चलते हैं, और यह गणित लगाने के लिए मोदीजी अधिक सक्षम व्यक्ति हैं ।

पक्ष लेने में लाभ हो तो पक्ष लिया जाए, अन्यथा निष्पक्ष रहने के लिए बहुत अधिक शक्ति चाहिए होती है। द्वितीय विश्वयुद्ध में यूरोप में सिर्फ एक देश था जो निष्पक्ष था, स्विट्जरलैंड । क्योंकि वह निष्पक्ष रहना अफ्फोर्ड कर सकता था।आर्थिक रूप से भी सक्षम था, सामरिक रूप से भी, और उसे विश्वास था कि युद्ध का जो भी परिणाम हो ।


जो हमारे देश को करना है वह यह कि अपने आप को सामरिक रूप से मजबूत करना है । सरकार इस दिशा में लगातार काम कर रही है। जो काम हमें करना है वह यह कि अपने आपको मानसिक रूप से मजबूत करना है । संघर्ष के लिए और कष्ट उठाने के लिए । हो सकता है कल को दाल महँगी हो जाये, पेट्रोल 200 रुपये लीटर मिले, रेल का भाड़ा तीन गुना हो जाये । तब आप सर झुका के, दाँत भींच के, मुठ्ठी तान के जमे रहते हैं या आपको 300 यूनिट फ्री बिजली याद आती है...इसी पर निर्भर करता है कि हमारा क्या बनेगा ।


यूरोपियन देश यूक्रेन में बड़ी बड़ी शानदार बिल्डिंगें है । चमचमाती हुई सड़कें और लंबी लक्जरी कार गाडियां हैं सड़कों पर साइकिल तो क्या दोपहिया वाहन भी दिखाई नहीं देते क्योंकि सबके पास महंगी लक्जरी गाडियां जो है अच्छे मेडिकल कॉलेज भी है।

युनिवर्सिटी है तभी तो मेडिकल शिक्षा के लिए भारत के हजारों छात्र यूक्रेन में पढ़ाई कर रहें हैं यानि यूक्रेन में चारों तरफ संपन्नता है अगर नहीं है तो सामरिक शक्ति ,मजबूत सेना , अत्याधुनिक हथियार और वहां की जनता में राष्ट्रवादी भावना यही कारण है कि मात्र दो घंटे में रुस ने यूक्रेन को घुटनों पर लाकर खड़ा कर दिया यूक्रेन के सैनिक भाग खड़े हुए हैं। यूक्रेन के राष्ट्रपति आम लोगों से युद्ध लड़ने की अपील कर रहें हैं ।

इसके लिए सारी पाबंदियां भी हटा दी गई है। यूक्रेन आम नागरिकों को युद्ध लड़ने के लिए हथियार देने की बात भी कह रहा है पर मजाल यूक्रेन का एक भी नागरिक युद्ध लड़ने को तैयार हुआ हो , क्योंकि यूक्रेन के नागरिकों में इजराइल के नागरिकों की तरह राष्ट्रवाद की भावना ही नहीं है।

वह तो एशो आराम की जिन्दगी जीने के आदी हो चुके हैं। यूक्रेन के स्कूल कालेज, युनिवर्सिटी, बाजार, दुकान,आफिस सब बन्द कर दिये गये हैं। सब कारोबार चौपट हो गया है। कारखाने फैक्ट्री सब बन्द हो गये
सब कारोबार चौपट हो गया है कारखाने फैक्ट्री बंद हो गई लोग रोजगार तो क्या अपनी जान बचाने के लिए सिमित संख्या में मौजूद बंकरों में छुप रहें हैं । अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशनों में शरण ले रहें हैं। यानि सब कुछ होते हुए भी यूक्रेन आज जिंदगी की भीख मांग रहा है।

 भारत के उन लोगों को सोचना चाहिए जो राष्ट्रवाद और राष्ट्रवादियों को गाहे बगाहे गालियां देते रहते हैं तथा सिर्फ महंगाई, बेरोजगारी और आलू प्याज टमाटर तथा मुफ्त की योजनाओं को ही देश के विकास का पैमाना मान बैठे हैं।  अभी कुछ ही दिनों पहले  राहुल गांधी ने कहा था कि सेना की मजबूती अत्याधुनिक हथियारों के जखीरे इकट्ठा करने से देश का विकास नहीं होता । राहुल गांधी जैसे विपक्षी नेता को रुस यूक्रेन युद्ध से शाय़द थोड़ी सोचने समझने की शक्ति आ जाये , क्योंकि  किसी भी देश के विकास का रास्ता उसकी सैनिक ताकत, सीमाओं की मजबूत सुरक्षा और अत्याधिक हथियारों से होकर निकलता है।


ये वही यूक्रेन है जो

1) कश्मीर मुद्दे पर UNO में भारत के खिलाफ वोट दिया था।

2) यूक्रेन ने परमाणु परीक्षण मुद्दे पर UNO में भारत के खिलाफ वोट दिया था।

3) यूक्रेन ने UNO की सिक्योरिटी कौंसिल में भारत की स्थायी सदस्यता के खिलाफ वोट किया था।

4) यूक्रेन पाकिस्तान को हथियार सप्लाई करता है।

5) यूक्रेन अल कायदा को समर्थन देता है।


युक्रेन से भारतीय होने के नाते कोई भी सहानुभूति नही होनी चाहिए और उसका कारण भी है।


युक्रेन ने भारत का कभी भी साथ नही दिया। जब हमारे उपर प्रतिबन्ध लगा तो UNO मे उसने प्रतिबन्ध के पक्ष मे वोट किया।



इसके पास यूरेनियम का बाद भंडार था फिर भी बार बार मांगे जाने पर भी इसने कभी भी देना तो दूर हमारे तत्कालीन PM को अवहेलना तक किया था। सीधे मुँह बात तक नही किया, जबकि भारत अपनी ऊर्जा के लिए यूरेनियम खोज रहा था।



अब उसका क्या होता है इसपर मेरा कोई भी मत नही है। हां उसके नागरिको के साथ सहानुभूति अवश्य है। कमज़ोर युक्रेन (जो की अपने आप बना) के साथ वही हो रहा है तो नेहरू जी के समय 1947 से पहले और उसके बाद हुआ। अर्थात विभाजन और देश के सीमा पर अतिक्रमण।


इसलिए जो लोग यूक्रेन के समर्थन में दुबले हो रहे है उनको समझना चाहिए कि यूक्रेन हमारा एक दुश्मन है जिसने कभी भारत का साथ नही दिया ।





👉 Know who is sivan pillai and his secrifice.

Thursday, 24 February 2022

Apply online for Admission in (KVS) Kendiya Vidyalya

 

केंद्रीय विद्यालय में नामांकन के लिए ऑनलाइन आवेदन
Apply Online


जो माता पिता अपने बच्चों को केंद्रीय विद्यालय में कक्षा 1 में नामांकन करवाना चाहते है वो निम्न दिशा निर्देश के अनुसार नामांकन करवा सकते है । सबसे पहले ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर रजिस्ट्रेशन करें ।उसके बाद दिशा निर्देश के अनुसार नामांकन के लिए आवेदन ऑनलाइन भरें।


"केंद्रीय विद्यालय में अपने बच्चों का प्रवेश दिलाने की सोच रहे अभिभावकों के लिए बड़ी खबर है ! संगठन ने पहली कक्षा में दाखिले की आयु सीमा को बढ़ा दिया है. नया नियम 2022-23 शैक्षणिक सत्र से लागू हो जाएगा ।
नामांकन शेड्यूल जारी
कक्षा एक के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन प्रोसेस 28 फरवरी से 21 मार्च 2022 तक चलेगी। पहली से तीसरी सिलेक्शन लिस्ट 25 मार्च से 8 अप्रैल 2022 के बीच जारी होगी. कक्षा दूसरी के लिए रजिस्ट्रेशन प्रोसेस 8 से 16 अप्रैल 2022 तक चलेगी, कक्षा दो के बाद 21 से 28 अप्रैल 2022 तक रजिस्ट्रेशन प्रोसेस चलेगी। 9वीं तक की कक्षाओं में नामांकन प्रक्रिया की अंतिम तिथि 30 जून 2022 रखी गई है ।"


"
नए नियम के मुताबिक अब पहली कक्षा में 6 वर्ष के आयु के छात्रों को ही प्रवेश दिया जाएगा. इससे पहले यह उम्र पांच साल थी. वहीं, KVS ने नए सत्र 2022-23 के लिए दाखिले की तिथियां जारी कर दी हैं. इसके अनुसार , इस कक्षा में प्रवेश के लिए आगामी 28 फरवरी, 2022 से रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। नामांकन फॉर्म ऑनलाइन भराए जाएंगे।"

 केंद्रीय विद्यालय का पोर्टल विशेष रूप से शैक्षणिक सत्र 2022-2023 में भारत के केन्द्रीय विद्यालयों में कक्षा 1 में प्रवेश के लिए है। यह न्यूज आप www.operafast.com पर पढ़ रहे हैं ।

This portal is exclusively for applying for admission to Std 1 in Kendriya Vidyalayas all over India for the academic year 2022-2023.


शैक्षणिक सत्र 2022-2023 के लिए कक्षा 1 में प्रवेश के लिए पंजीकरण एवं ऑनलाइन आवेदन 28 Feb 2022 10:00 IST से शुरू होगा।

Registration and submission of online application for admission to Std 1 for the academic year 2022-2023 will start on 28 Feb 2022 10:00 IST.





online फार्म भरने के लिए यहां क्लिक करें (Click here for online form )

दिए गए निर्देश शैक्षणिक सत्र 2022-2023 के लिए कक्षा -1 में प्रवेश हेतु ऑनलाइन पंजीकरण एवं आवेदन से संबंधित हैं। इन निर्देशों के शेष भाग में, "विद्यालय" का अर्थ केंद्रीय विद्यालय है।

कृपया यहाँ पर उपलब्ध केविसं के प्रवेश नियमों, विनियमों और दिशानिर्देशों को ध्यानपूर्वक पढ़कर इनसे भलीभाँति परिचित हों जायें ।

(Age Group for Class 1 to 9)



आपको सलाह दी जाती है कि एक बच्चे के लिए एक ही विद्यालय में कई आवेदन जमा न करें। यदि एक ही केंद्रीय विद्यालय में एक ही बच्चे के लिए कई पंजीकरण फॉर्म जमा किए जाते हैं, तो केवल अंतिम पंजीकरण फॉर्म स्वीकार किया जाएगा।

डबल शिफ्ट केंद्रीय विद्यालय में प्रत्येक शिफ्ट को प्रवेश के उद्देश्य के लिए अलग विद्यालय के रूप में माना जाएगा।

आवेदन पत्र को सुचारू रूप से एवं त्वरित भरने के लिए, कृपया निम्नलिखित तैयार रखें:

* भारतीय सिम कार्ड वाला एक मान्य

* मोबाइल नंबर,

* एक वैध ईमेल पता,

* प्रवेश के इच्छुक बच्चे का एक डिजिटल फोटोग्राफ या फोटो का स्कैन ( अधिकतम 256KB साइज का JPG फ़ाइल),

* बच्चे के जन्म प्रमाण पत्र का स्कैन (अधिकतम 256KB का JPEG या PDF फ़ाइल),

* सरकार द्वारा जारी ई डबल्यू एस /बी पी एल प्रमाण पत्र का विवरण यदि आप आर्थिक रूप से कमजोर/ गरीबी रेखा के नीचे ( ई डबल्यू एस /बी पी एल ) वर्ग के अंतर्गत आवेदन कर रहे हैं,

माता / पिता के स्थानांतरण का विवरण जिनकी सेवा श्रेणी ( यदि लागू है) का आवेदन पत्र में उपयोग किया जाना है।


आवेदन पत्र जमा करने में दो मुख्य चरण शामिल हैं

पोर्टल पर पंजीकरण करना : सफल पंजीकरण पर, आपको एक यूनिक लॉगिन कोड प्राप्त होगा। कृपया अपने यूनिक लॉगिन कोड को ध्यानपूर्वक लिख लें ।

आवेदन भरना और जमा करना:

पंजीकरण के बाद प्राप्त लॉगिन कोड का उपयोग लॉगिन करने एवं ऑनलाइन आवेदन पत्र भरने के लिए किया जायेगा । आप भारत में स्थित तीन अलग - अलग विद्यालयों के चयन बिना प्राथमिकता दिए कर सकते हैं। आवेदन पत्र भरने के बाद, इसे "सबमिट एप्लीकेशन" (आवेदन जमा करें) बटन पर क्लिक करके जमा करना होगा। सफलतापूर्वक जमा होने पर, आपको एक यूनिक एप्लिकेशन सबमिशन कोड प्राप्त होगा , जो कि लॉगिन कोड से भिन्न होगा । आपको मूल दस्तावेजों की एक सूची भी दिखाई जाएगी जो कि प्रवेश के समय आपको विद्यालय में (विद्यालय द्वारा प्रोविशनल प्रवेश दिये जाने पर) प्रस्तुत करनी होगी। कृपया अपना एप्लिकेशन सबमिशन कोड और प्रवेश के समय प्रस्तुत किए जाने वाले दस्तावेजों की सूची को ध्यानपूर्वक लिख लें

5 a. और 5 b. दोनों चरणों के पूरा होने के बाद ही आवेदन प्रक्रिया पूरी होती है। केवल चरण 5 a. को पूरा करने मात्र से आपका आवेदन केविसं में जमा नहीं होगा ।

जब तक आपको ऑनलाइन प्रवेश पोर्टल से एप्लीकेशन सबमिशन कोड प्राप्त नहीं होता है तब तक आपका आवेदन जमा (सबमिट) नहीं हुआ है और आपका आवेदन विवरण केविसं को दिखाई नहीं देगा।

पंजीकरण पूरा करने और आवेदन जमा करने के लिए एक बार इस्तेमाल किये जाने वाला पासवर्ड (ओटीपी) का उपयोग करना होता है जो पंजीकरण के समय दिए गए मोबाइल नंबर पर एसएमएस द्वारा भेजा जाता है। आपको सलाह दी जाती है कि अपने स्वयं के मोबाइल नंबर (भारतीय सिम कार्ड वाला ) से ही पंजीकरण करें न कि रिश्तेदारों, दोस्तों, एजेंटों, साइबर-कैफे संचालकों या किसी अन्य के मोबाइल नंबर से ।

पंजीकरण के समय प्रदान किए गए विवरण को बाद में आवेदन पत्र में नहीं बदला जा सकता। अतः कृपया इन विवरणों को उपलब्ध दस्तावेजी साक्ष्य (जैसे जन्म प्रमाण पत्र) के अनुसार सही दर्ज करें।

आवेदन फॉर्म में, आवेदकों को (संभवत: आंशिक रूप से भरे हुए) डाटा सुरक्षित रखने में मदद करने के लिए और बाद में आवेदन फार्म पुन: भरने के लिए एक "सेव एप्लीकेशन" बटन प्रदान किया गया है।


ध्यान दें कि ‘सेव एप्लिकेशन’ बटन पर क्लिक करके फ़ॉर्म डाटा को केवल सहेजा जाता है जिससे आप बाद में इसे भरना जारी रख सकें । "सेव एप्लीकेशन" बटन दबाने से फार्म डाटा केविसं में जमा नहीं होता है। केविसं में फ़ॉर्म जमा करने का एकमात्र तरीका है कि "सबमिट एप्लिकेशन" बटन पर क्लिक करें एवं "एप्लिकेशन सबमिशन कोड" प्राप्त करें ।

एक बार आवेदन पत्र जमा हो जाने और एप्लीकेशन सबमिशन कोड प्राप्त होने के बाद, जमा किए गए आवेदन फॉर्म को संशोधित नहीं किया जा सकता है।

यदि आपको पता चलता है कि आपके आवेदन में गलत जानकारी दर्ज हो गई है, तो आपके पास जमा किये आवेदन को रद्द करने का विकल्प है। जमा किए गए आवेदन को रद्द करने के लिए एक ओटीपी का उपयोग होता है जो आपके पंजीकृत मोबाइल नंबर पर भेजा जाता है। यह प्रक्रिया एक जमा किये आवेदन को गलती से रद्द करने से रोकने के लिए है। एक बार रद्द कर दिया गया आवेदन मान्य नहीं हो सकता, एवं उस आवेदन के लिए प्राप्त "एप्लिकेशन सबमिशन कोड" भी अमान्य हो जाता है। रद्द किए गए आवेदन पत्र का डेटा केविसं को उपलब्ध नहीं होगा ।

यदि आप जमा किए गए आवेदन को रद्द करते हैं, तो आप आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि से पहले अपने उसी लॉगिन कोड का उपयोग करके फिर से आवेदन कर सकते हैं। यह एक नया आवेदन माना जायेगा, इसलिए इसे भरने के बाद पुनः जमा करना होगा, नया आवेदन फॉर्म जमा करने पर नया "एप्लिकेशन सबमिशन कोड" प्राप्त होगा ।

केविसं एवं आवेदन किए गए विद्यालय के साथ किसी भी तरह के संचार के लिए केवल आपके एप्लिकेशन सबमिशन कोड (न कि लॉगिन कोड) का ही उपयोग किया जाना चाहिए ।

ऑनलाइन फॉर्म में लाल * चिह्नित सभी फ़ील्ड अनिवार्य हैं, एवं इनको भरना आवश्यक है। पोर्टल आपको तब तक आगे बढ़ने की अनुमति नहीं देगा, जब तक सभी अनिवार्य फ़ील्ड भरीं नहीं जातीं ।


2. सामान्य दिशा निर्देश

पोर्टल खोलने के बाद, फॉर्म भरने के निर्देश प्रदर्शित होंगे । पंजीकरण और फ़ॉर्म भरने से पहले प्रत्येक उपयोगकर्ता को ये निर्देश पढ़ने अनिवार्य हैं । उपयोगकर्ता के इन निर्देशों को पढ़ने के बाद घोषणा चेकबॉक्स (यह प्रमाणित करना कि उपयोगकर्ता ने सभी निर्देशों को पढ़ा और समझा है) पर क्लिक करने पर ‘प्रोसीड (आगे बढ़ें)’ बटन उपलब्ध हो जाएगा। प्रोसीड बटन को दबाने पर उपयोगकर्ता को साइन अप / साइन इन पेज के लिए निर्देशित किया जाएगा ।



प्रथम बार उपयोगकर्ता के लिए, पोर्टल में पंजीकरण/ साइन अप करना आवश्यक है। साइन अप करने के लिए बच्चे की निम्न जानकारी भरी जानी चाहिए।

बच्चे का प्रथम नाम : यह एक अनिवार्य जानकारी है । पहले नाम में केवल अंग्रेजी वर्णमाला के अक्षर , स्पेस( खाली स्थान ) या डॉट (.) ही मान्य हैं, एवं पहला अक्षर अंग्रेजी का अक्षर होना अनिवार्य है । यहां दर्ज किए गए डाटा को साइन अप करने के बाद संशोधित नहीं किया जा सकता है ।

बच्चे का मध्य नाम : मध्य नाम में केवल अंग्रेजी वर्णमाला के अक्षर , स्पेस( खाली स्थान ) या डॉट (.) ही मान्य हैं , एवं पहला अक्षर अंग्रेजी का अक्षर होना अनिवार्य है । यहां दर्ज किए गए डाटा को साइन अप करने के बाद संशोधित नहीं किया जा सकता है।

बच्चे का उपनाम : उप नाम में केवल अंग्रेजी वर्णमाला के अक्षर , स्पेस( खाली स्थान ) या डॉट (.) ही मान्य हैं , एवं पहला अक्षर अंग्रेजी का अक्षर होना अनिवार्य है । यहां दर्ज किए गए डाटा को साइन अप करने के बाद संशोधित नहीं किया जा सकता है ।

अभिवावकों को बच्चे का प्रथम, मध्य और उपनाम जन्म प्रमाण पत्र (या अन्य स्वीकार्य दस्तावेज, जो कि बच्चे के नाम को प्रमाणित करते हैं) में दिए गए अनुसार ही भरने की सलाह दी जाती है।

क्या बच्चा दिव्यांग श्रेणी में है ? यह एक अनिवार्य जानकारी है । यदि लागू हो तबकृपया ‘हाँ’ चुने, अन्यथा ‘नहीं’ चुने। यह जानकारी साइन-अप के बाद संशोधित नहीं की जा सकती है । यदि आप यहाँ हाँ विकल्प चुनते हैं, एवं यदि विद्यालय द्वारा बच्चे को प्रोविशनल प्रवेश दिया जाता है, तब प्रवेश के समय विद्यालय में विकलांगता प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना होगा । इस तरह के प्रमाण के लिए निम्न लिखित स्वीकृत हैं :-

विकलांग बच्चे के संबंध में भारत सरकार के दिनांक 04.05.1999 के कार्यालय ज्ञापन संख्या 36035/85/स्था./(एससीटी) में परिभाषित सिविल सर्जन/पुनर्वास केंद्र अथवा किसी सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी प्रमाण-पत्र जिसमें बच्चे की विकलांगता प्रमाणित (जहां भी लागू हो) की गई हो ।

उन मामलों में जहां बच्चे की विकलांगता प्राचार्य द्वारा स्वयं स्पष्ट रूप से देखी जा सकती है उस स्थिति में बिना किसी प्रमाण-पत्र के विकलांगता मानी जाए । तथापि अभिवावक को सक्षम अधिकारी से प्रमाण-पत्र प्राप्त करने की सलाह देते हुए इसे बाद में जमा करने के लिए कहा जाए।



बच्चे की जन्मतिथि 

: यह एक अनिवार्य जानकारी है । कृपया इसे सक्षम प्राधिकारी द्वारा आपके बच्चे के लिए जारी किए गए जन्म प्रमाण पत्र के अनुसार ही दर्ज करें । यह जानकारी साइन-अप के बाद संशोधित नहीं की जा सकती है । बच्चे के उम्र 5-7 वर्ष के बीच होनी चाहिए ।




अगर किसी बच्चे के माता/पिता / दादा /दादी / नाना/ नानी केविसं के कर्मचारी हैं या थे, तो उपयुक्त विकल्प का चयन करें। अन्यथा "लागू नहीं" विकल्प का चयन करें।



ईमेल पता :

 यह एक अनिवार्य जानकारी है और साइन-अप के बाद इसे बदला नहीं जा सकता। कृपया एक वैध ईमेल पता डालें। यदि आवश्यक हुआ तो केविसं/विद्यालय द्वारा आगे संपर्क करने के लिए इसका प्रयोग किया जाएगा ।

मोबाइल नम्बर

 यह एक अनिवार्य फ़ील्ड है और साइन-अप के बाद इसे बदला नहीं जा सकता। कृपया भारतीय सिम कार्ड वाला वैध मोबाइल नंबर ही दर्ज करें। इस मोबाइल नंबर का उपयोग पंजीकरण प्रक्रिया, आवेदन पत्र को जमा करने के दौरान तथा यदि आप जमा आवेदन को रद्द करना चाहते हैं, तो ओटीपी भेजने के लिए किया जाएगा। इसके अलावा आवश्यकता होने पर इस नंबर का उपयोग केविसं / विद्यालय द्वारा आगे संपर्क करने के लिए भी किया जाएगा। इसलिए, आपको सलाह दी जाती है कि आप अपना स्वयं का मोबाइल नंबर ही दें, न कि मित्र, रिश्तेदार, एजेंट्स, साइबर कैफे संचालक या अन्य किसी का ।


ऊपर दिखाया गया कैप्चा कोड दर्ज करें: यह एक अनिवार्य फील्ड है। आगे बढ़ने के लिए आपको कैप्चा कोड दर्ज करना ही होगा। यदि आप दिखाया गया कैप्चा कोड समझने में असमर्थ हैं, तो एक नया कैप्चा कोड उत्पन्न करने के लिए कैप्चा कोड के बगल में दो अर्ध-गोलाकार तीर के साथ बने बटन को दबा सकते हैं।


रजिस्टर बटन पर क्लिक करने के बाद ऊपर दिए गए मोबाइल नंबर पर एसएमएस द्वारा एक बार इस्तेमाल किये जाने वाला पासवर्ड (ओटीपी) भेजा जाएगा। यह ओटीपी केवल 15 मिनट के लिए वैध होगा।

ओटीपी दर्ज करें: यह एक अनिवार्य फ़ील्ड है। दर्ज किए गए मोबाइल नंबर को सत्यापित करने के लिए आपके मोबाइल में एसएमएस द्वारा प्राप्त ओटीपी को सही ढंग से यहाँ दर्ज करें । अपने मोबाइल पर प्राप्त ओटीपी को सही ढंग से दर्ज करने के बाद, वेरीफाई बटन पर क्लिक करें।


आवेदन पत्र भरना

आवेदन पत्र भरने के लिए नीचे दिए गए official website पर क्लिक करें

Official website

प्रवेश आवेदन पत्र को 5 खंडों में विभाजित किया गया है, प्रत्येक को एक अलग टैब के तहत व्यवस्थित और प्रस्तुत किया गया है। विभिन्न खंड / टैब शीर्षक निम्नलिखित हैं:

मूलभूत जानकारी,

अभिभावक की जानकारी,

विद्यालय का चुनाव करना,

दस्तावेज़ अलपोड करना ,

घोषणा और फार्म जमा करना


माता एवं पिता के विवरण

: कम से कम एक अभिभावक का शीर्षक, पूर्ण नाम, राष्ट्रीयता, आवासीय पता, देश, राज्य और निवास का शहर भरना अनिवार्य है। आवेदन पत्र तब तक जमा नहीं होगा जब तक कि यह जानकारी भर न दी जाए । महत्वपूर्ण: माता पिता में से जिसकी भी सेवा श्रेणी के तहत विद्यालय में प्रवेश की मांग की जा रही है, उस अभिभावक का विवरण भरना अनिवार्य होगा। ऐसे मामलों में जहां एक अभिभावक की सेवा श्रेणी के अंतर्गत एक विद्यालय में प्रवेश की मांग की जा रही है, और दूसरे अभिभावक की सेवा श्रेणी के तहत अन्य विद्यालय में प्रवेश की मांग की जा रही हो, तो दोनों माता-पिता के विवरण भरना अनिवार्य होगा।

शीर्षक : उपयुक्त विकल्प चुने। यह एक अनिवार्य फील्ड है ।

पूरा नाम : पूरा नाम दर्ज करें । यह एक अनिवार्य फील्ड है ।

राष्ट्रीयता : उपयुक्त विकल्प चुने। यह एक अनिवार्य फील्ड है ।

निवास का देश : उपयुक्त विकल्प चुने। यह एक अनिवार्य फील्ड है ।

निवास का राज्य : उपयुक्त विकल्प चुने। यह एक अनिवार्य फील्ड है ।

निवास का शहर : शहर का नाम दर्ज करें । यह एक अनिवार्य फील्ड है ।

आवासीय पता : वर्तमान पता दर्ज करें । यह एक अनिवार्य फील्ड है ।

निवास का पिनकोड :निवास का पिनकोड दर्ज करें ।

निवास का टेलीफोन नं: फोन नंबर दर्ज करें।

व्यक्तिगत मोबाइल नंबर :मोबाइल नंबर दर्ज करें ।

व्यक्तिगत ई.मेल पता :ईमेल पता दर्ज करें ।

यदि अभिवावक कार्यरत हैं, तो निम्नलिखित जानकारी भी भरी जाए :

व्यवसाय :व्यवसाय भरें ।

संगठन : अपने कार्यालय का नाम भरें जहां आप कार्य कर रहे हैं ।

कृपया अगले टैब पर जाने से पूर्व दाएं कोने में ऊपर उपलब्ध सेव एप्लिकेशन बटन को दबाएं । दर्ज किए गए डाटा के सुरक्षित होने के बाद, आपको इसे फिर से दर्ज करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। कृपया ध्यान दें कि डाटा सुरक्षित करने का अर्थ यह नहीं है कि सभी सुरक्षित डाटा केविसं को उपलब्ध करा दिया गया है। डाटा को सुरक्षित रखने के बाद भी इसमें संशोधन किए जा सकते हैं। प्रवेश आवेदन पत्र पूरी तरह से भरे जाने के बाद, "घोषणा और जमा करें" सेक्शन में सबमिट एप्लीकेशन बटन क्लिक करने एवं एप्लिकेशन सबमिशन कोड प्राप्त होने के बाद ही , आपका आवेदन डाटा केविसं के समक्ष उपलब्ध होगा । अपने एप्लिकेशन डाटा को सुरक्षित रखने और अंत में इसे केविसं में जमा करने के बारे में और अधिक जानकारी के लिए कृपया सामान्य निर्देशों के बिंदु 10,11, 12 देखें।


इस टैब में, आप अधिकतम तीन केंद्रीय विद्यालय के विकल्प , बिना किसी वरीयता के, भर सकते हैं। अर्थात, आप एक ही ऑनलाइन आवेदन पत्र का उपयोग करके अधिकतम तीन अलग-अलग केंद्रीय विद्यालयों में आवेदन कर सकते हैं। चुने हुए विद्यालय के बीच वरीयता के बिना प्रत्येक विद्यालय पर अलग-अलग, स्वतंत्र रूप से और बराबरी से , विचार किया जाएगा। दूसरे शब्दों में, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप किस विद्यालय को "विद्यालय 1", "विद्यालय 2" या "विद्यालय 3" के रूप में चुनते हैं - उनमें से प्रत्येक के लिए आपके आवेदन को एक दूसरे से अलग और स्वतंत्र रूप से माना जाएगा। यदि आप तीन से कम विद्यालय में आवेदन करना चाहते हैं, तो आप विद्यालय के चुनाव करते समय अधिकतम दो टैब छोड़ सकते हैं। विद्यालय का कम से कम एक विकल्प दिया जाना अनिवार्य है ।


एक आवेदन में चुने गए प्रत्येक विद्यालय (तीन तक) द्वारा बच्चे के प्रवेश आवेदन पर स्वतंत्र रूप से विचार किया जाएगा । इस प्रकार कई विद्यालयों के लिए आवेदन या विद्यालयों का आवेदन पत्र में चयन करने का क्रम , आवेदन किये किसी भी विद्यालय में प्रवेश की संभावनाओं को प्रभावित नहीं करेगा।

विद्यालय 1 का राज्य चुनें : उपयुक्त फ़ील्ड चुनें | यह एक अनिवार्य फील्ड है |

विद्यालय चुनें : चुनें हुए राज्य में विद्यालय का चयन करें | यह एक अनिवार्य फील्ड है ।

विद्यालय श्रेणी : विद्यालय चुने जाने पर विद्यालय श्रेणी स्वत: प्रदर्शित हो जाएगी । इनकी चार श्रेणियां हैं। ये चार श्रेणियां निम्न हैं :

सिविल क्षेत्र के अंतर्गत केंद्रीय विद्यालय

रक्षा क्षेत्र के अंतर्गत केंद्रीय विद्यालय

परियोजना क्षेत्र के अंतर्गत केंद्रीय विद्यालय

उच्च शिक्षण संस्थानों क्षेत्र के अंतर्गत केंद्रीय विद्यालय

प्रत्येक विद्यालय केवल एक श्रेणी के अंतर्गत आता है।

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