1 अप्रैल से बदल जाएगी सरकार की पेंशन स्कीम!
जानें इससे जुड़े सभी सवालों के जवाब
नए वित्त वर्ष यानी 1 अप्रैल 2019 से नेशनल पेंशन स्कीम यानी NPS में बड़े बदलाव होने जा रहे हैं. इस स्कीम में खाता खुलवाने वालों को बड़ी छूट मिलेगी. आइए जानें इससे जुड़े सभी 10 सवालों के जवाब...
नए वित्त वर्ष यानी 1 अप्रैल 2019 से नेशनल पेंशन स्कीम यानी NPS में बड़े बदलाव होने जा रहे हैं. इस स्कीम में खाता खुलवाने वालों को टैक्स में पूरी तरह से छूट मिलेगी. सरकार ने NPS को PPF की तरह EEE यानी एग्जेंप्ट-एग्जेंप्ट-एग्जेंप्ट का दर्जा दिया है. साथ ही, NPS के तहत सरकार की ओर से दिया जाने वाला योगदान बढ़ाकर 14 फीसदी कर दिया है. इससे पहले यह 10 फीसदी था. हालांकि कर्मचारियों का न्यूनतम योगदान 10 फीसदी ही रहेगा. आपको बता दें कि अब सरकारी के साथ-साथ प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाला कोई भी कर्मचारी अपनी मर्जी से इस योजना में शामिल हो सकता है. रिटायरमेंट के बाद कर्मचारी एनपीएस का एक हिस्सा निकाल सकते हैं और बाकी रकम से रिटायरमेंट के बाद रेगुलर इनकम के लिए एनुइटी ले सकते हैं !
(1) सवाल: कितनी पेंशन कितनी मिलेगी ?
जवाब: यह सबसे अहम सवाल है कि एनपीएस में पेंशन कितनी मिलेगी? यह इस बात पर निर्भर करता है कि 60 साल का होने पर आप कितनी रकम की एन्युटी खरीदते हैं. जितनी ज्यादा रकम की एन्युटी खरीदेंगे, उतनी ही ज्यादा रकम हर महीने पेंशन की मिलेगी. एन्युटी इस बात पर कि निर्भर करती है कि आपकी पेंशन वेल्थ कितनी है.
उदाहरण के लिए यदि आपके एन्युटी प्लान पर 5 फीसदी भी रिटर्न मिलता है तो हर माह करीब 23000 रुपये प्रतिमाह पेंशन मिलेगी.
(2) सवाल: अगर स्कीम बंद किया तो क्या होगा?
जवाब: 60 साल से पहले जितना फंड बना है, उसके कम-से-कम 80 प्रतिशत हिस्से की आपको इरडा द्वारा मान्यता प्राप्त इंश्योंरेस कंपनी से लाइफ एन्युटी लेनी होगी. इससे ही हर महीने पेंशन मिलेगी. बाकी बची 20 फीसदी रकम आप कैश ले सकते हैं. 60 से पहले मौत होने पर नॉमिनी को पूरी पेंशन वेल्थ दे दी जाती है !
(3) सवाल: रिटायरमेंट पर कितना पैसा मिलेगा?
जवाब: एक उदाहरण से समझिए कि किसी व्यक्ति की उम्र 30 वर्ष है और वह एनपीएस में प्रत्येक माह 5,000 रुपये निवेश कर रहे हैं. यदि आपको निवेश पर औसतन 10% रिटर्न मिलता है तो रिटायरमेंट तक यानि 60 वर्ष की उम्र तक एनपीएस फंड करीब 1 करोड़ 14 लाख रुपये हो जायेगा. इस स्कीम की नियमों के मुताबिक रिटायरमेंट के समय आपको कुल फंड का कम से कम 40 फीसदी अन्युटी प्लान को परचेज करने में खर्च करना पड़ेगा. इसके बाद बचा हुआ पैसा आपको लंप सम अमाउंट के तौर पर मिल जाएगा. ऐसे में यदि आप 50 प्रतिशत का एन्युटी प्लान खरीदते हैं तब भी आपको करीब 57 लाख के करीब रिटायरमेंट के समय मिलेगा !
(4) सवाल: एक अप्रैल 2019 से स्कीम में क्या बदलने वाला
जवाब: 1 अप्रैल से NPS में पैसा लगाने वालों को पूरी तरह टैक्स छूट मिलेगी. दरअसल सरकार ने NPS को PPF की तरह EEE यानी एग्जेंप्ट-एग्जेंप्ट-एग्जेंप्ट का दर्जा हासिल है. इसके अलावा NPS के तहत सरकार की ओर से दिया जाने वाला योगदान बढ़ाकर 14 फीसदी कर दिया है. इससे पहले यह 10 फीसदी है. हालांकि कर्मचारियों का न्यूनतम योगदान 10 फीसदी ही रहेगा. NPS में बदलाव एक अप्रैल 2019 से लागू होंगे !
(5) सवाल: मौजूदा समय में क्या नियम है?
जवाब: एक्सपर्ट्स बताते हैं कि NPS नियमों के मुताबिक, कर्मचारी रिटायरमेंट के समय कुल जमा फंड में से 60 फीसदी पैसा निकाल सकता है. बाकी बची 40 फीसदी रकम पेंशन योजना में चली जाती है. इस हिसाल से NPS में पैसा लगाने वालों की जमा राशि में से रिटायरमेंट के समय 60 फीसदी में से 40 फीसदी टैक्स फ्री होती है, जबकि शेष 20 फीसदी पर टैक्स देनदारी बनती है, लेकिन अब यह पूरी राशि टैक्स फ्री होगी !
(6) सवाल: क्या होता है EEE दर्जा
जवाब: एक्सपर्ट्स बताते हैं कि EEE मतलब पूरी तरह से टैक्स छूट होती है. इसका मतलब साफ है कि स्कीम में पैसा लगाने वालों को उसके ब्याज और मैच्योरिटी पीरियड पूरा होने पर मिलने वाला पैसे पर टैक्स नहीं देना होता है. मौजूदा समय में यह छूट सिर्फ PPF में पैसा लगाने वालों को मिलती है !
(7) सवाल: क्या प्राइवेट कर्मचारी भी इस स्कीम में शामिल हो सकते हैं?
जवाब: नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) एक रिटायरमेंट सेविंग अकाउंट है, जिसे भारत सरकार ने 1 जनवरी 2004 को लॉन्च किया था. इस तारीख के बाद जॉइन करने वाले सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए यह योजना अनिवार्य है. 2009 के बाद से इस योजना को प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले लोगों के लिए भी खोल दिया गया है. जिसके चलते प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाला कोई भी कर्मचारी जिसकी उम्र 18 से 60 साल के बीच है, अपनी मर्जी से इस योजना में शामिल हो सकता है !
(8) सवाल: इस योजना के तहत कैसे खुलाता है खाता
जवाब: नेशनल पेंशन स्कीम खाता आप किसी भी सरकारी और प्राइवेट बैंक में खुलवा सकते हैं. देश के लगभग सभी सरकारी और प्राइवेट बैंकों को पीओपी बनाया गया है, इसलिए किसी भी बैंक की नजदीकी ब्रांच में अकाउंट खुलवाया जा सकता है. इस योजना में दो तरह के अकाउंट होते हैं. टियर 1 और टियर 2. हर ग्राहक को एक परमानेंट रिटायरमेंट अकाउंट नंबर कार्ड उपलब्ध कराया जाता है, जिस पर 12 अंकों का एक नंबर होता है. ये नंबर सभी लेनदेन में काम आता है.
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) में घर बैठे ऑनलाइन एक अकाउंट खोलकर आप अपने फ्यूचर को सिक्योर कर सकते हैं. हम बात कर रहे हैं न्यू पेंशन स्कीम यानी एनपीएस अकाउंट की. इसके जरिए आप 60 साल की उम्र के बाद रिटायरमेंट फंड और मंथली पेंशन सुनिश्चित कर सकते हैं. आप मिनिमम 500 रुपये के निवेश से एनपीएस अकाउंट खोल सकते हैं.
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) में घर बैठे ऑनलाइन एक अकाउंट खोलकर आप अपने फ्यूचर को सिक्योर कर सकते हैं. हम बात कर रहे हैं न्यू पेंशन स्कीम यानी एनपीएस अकाउंट की. इसके जरिए आप 60 साल की उम्र के बाद रिटायरमेंट फंड और मंथली पेंशन सुनिश्चित कर सकते हैं. आप मिनिमम 500 रुपये के निवेश से एनपीएस अकाउंट खोल सकते हैं.
(9) सवाल: इस स्कीम में कितना पैसा हर महीने देना होता हैं ।
जवाब: 18 साल से 65 साल तक की उम्र का कोई भी व्यक्ति मिनिमम 500 रुपए से एनपीएस अकाउंट खुलवा सकता है. टियर 1 NPS अकाउंट खुलवाने के लिए मिनिमम 500 रुपए रुपये जरूरी है जबकि टियर 2 एनपीएस अकाउंट खुलवाने के लिए मिनिमम 1000 रुपये जरूरी है !
(10) सवाल: खाता खुलवाने के लिए कौन से डॉक्युमेंट चाहिए?
जवाब: ऑनलाइन एनपीएस अकाउंट खोलने के लिए आपके पास आधार या पैन होना जरूरी है. आधार में आपका करंट एड्रेस और मोबाइल नंबर होना चाहिए. इसके अलावा आपका पैन बैंक अकाउंट से लिंक होना चाहिए. आपके पास नेट बैकिंग की सुविधा होनी चाहिए. साथ ही डेबिट या क्रेडिट कार्ड होना चाहिए. आपके पास पासपोर्ट साइज का फोटोग्रॉफ होना चाहिए साथ ही अपने सिग्नेजर की स्कैन्ड इमेज होनी चाहिए.
This comment has been removed by a blog administrator.
ReplyDeleteThis comment has been removed by a blog administrator.
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
DeleteThis comment has been removed by a blog administrator.
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
DeleteThis comment has been removed by the author.
Delete