बिहार सरकार के अजीबो गरीब योजना को सुनकर आप हैरान हो जाएंगे। सरकार ऐसे तो बेरोजगारों और गरीबों के हित में कई योजनाएं बनाती रही है उसमें कुछ सफल तो बाकी असफल होते हैं। लेकिन इस बार जिस तरह की योजना सामने आई है वह आप सुनेंगे तो अपने दांतो तले उंगली दबा लेंगे। आप कहेंगे कि सरकार ऐसा भेदभाव कैसे कर सकती है। यह समाचार www.operafast.com पर पढ़ रहे हैं ।
तो आइए हम आपको सरकार की इस योजना के बारे में बताते हैं। इस बार सरकार ने एक योजना शराबियों के लिए भी बनाई है। और यह योजना गरीब और अमीर शराबियों को लेकर है। जी हां आपने बिल्कुल सुना यह योजना वैसे अमीर लोगों के लिए है जो वीआईपी टाइप के है। मतलब कि वैसे लोग जो सरकारी कर्मचारी है या फिर कोई नेता या समाज के प्रतिष्ठित लोग ।
अगर इन लोग शराब पीते हुए पकड़े जाते हैं तो उन्हें मामूली जेल में बंद नहीं किया जाएगा बल्कि उनके लिए एक वीआईपी जेल बनाई जाएगी। जहां पर सुविधा दी गई है कि वहां दो बेड लगा होगा। एक बेहतरीन सोफा, टेबल और इसके साथ साथ खाने पीने की व्यवस्था बिल्कुल टॉप लेवल की गई जाएगी। साथ में एक प्रशिक्षित कुत्ता भी जेल के बाहर रखा जाएगा। वह जेल की सुरक्षा करेगा और हैरान करने वाली बात यह है कि जो प्रशिक्षित कुत्ता जेल के लिए रखा गया है उसके लिए भी एक कॉटेज बनाया जा रहा है।
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इस वीआईपी जेल में राज्य के वीआईपी लोग रहेंगे और इसके साथ रहेगा वीआइपी कुत्ता। वीआईपी कुत्ता जेल की निगरानी करेगा उसके लिए भी एक वीआईपी कॉटेज बनाया गया है। आपको बता दे कि वीआईपी जेल में राज्य के वीआईपी लोग रहेंगे और इसके साथ-साथ जो वीआइपी कुत्ता जेल की निगरानी करेगा उसके लिए कॉटेज रहेगा। यह स्पेशल सुविधा फिलहाल समस्तीपुर के जेल में लाई गई है और मुख्यालय के आदेश पर किया गया है।
अगर बिहार सरकार की कोई प्रतिष्ठित नौकरी करने वाले कर्मचारी हो या राज्य के विधायक, नेता कोई भी अगर शराब पीते हुए पकड़ा जाता है ऐसे लोगों को सरकारी सुविधा पर समस्तीपुर के वीआईपी जेल में रखे जायेंगे। उनके आराम करने के लिए से एक बेडरूम उपलब्ध करवाया जायेगा। एक बड़ा सा बेहतरीन सोफा टेबल खाने पीने की व्यवस्था बेहतरीन की जाएगी। साफ शब्दों में कहें तो बात यही है कि सरकार अब शराबियों के बीच भेदभाव करना शुरू कर चुकी है। यानी के शराब पीते हुए अगर कोई व्यक्ति पकड़ा जाता है तो उसे सीधे साधारण से जेल में बंद नहीं किया जाएगा जैसे मौजूदा समय में जेल होती है वैसे जेलों में बंद नहीं किया जाएगा । बल्कि उनके लिए राजकीय वीआईपी लोगों के लिए एक अलग से व्यवस्था की गई है इन वीआईपी लोगों को 24 घंटे के लिए जेल में बंद किया जाएगा।
इस वीआईपी जेल में राज्य के वीआईपी लोग रहेंगे और इसके साथ रहेगा वीआइपी कुत्ता। वीआईपी कुत्ता जेल की निगरानी करेगा उसके लिए भी एक वीआईपी कॉटेज बनाया गया है। आपको बता दे कि वीआईपी जेल में राज्य के वीआईपी लोग रहेंगे और इसके साथ-साथ जो वीआइपी कुत्ता जेल की निगरानी करेगा उसके लिए कॉटेज रहेगा। यह स्पेशल सुविधा फिलहाल समस्तीपुर के जेल में लाई गई है और मुख्यालय के आदेश पर किया गया है।
अगर बिहार सरकार की कोई प्रतिष्ठित नौकरी करने वाले कर्मचारी हो या राज्य के विधायक, नेता कोई भी अगर शराब पीते हुए पकड़ा जाता है ऐसे लोगों को सरकारी सुविधा पर समस्तीपुर के वीआईपी जेल में रखे जायेंगे। उनके आराम करने के लिए से एक बेडरूम उपलब्ध करवाया जायेगा। एक बड़ा सा बेहतरीन सोफा टेबल खाने पीने की व्यवस्था बेहतरीन की जाएगी। साफ शब्दों में कहें तो बात यही है कि सरकार अब शराबियों के बीच भेदभाव करना शुरू कर चुकी है। यानी के शराब पीते हुए अगर कोई व्यक्ति पकड़ा जाता है तो उसे सीधे साधारण से जेल में बंद नहीं किया जाएगा जैसे मौजूदा समय में जेल होती है वैसे जेलों में बंद नहीं किया जाएगा । बल्कि उनके लिए राजकीय वीआईपी लोगों के लिए एक अलग से व्यवस्था की गई है इन वीआईपी लोगों को 24 घंटे के लिए जेल में बंद किया जाएगा।
समस्तीपुर उत्पाद अधीक्षक शैलेंद्र कुमार चौधरी ने ये जानकारी मीडिया वालों को दी है उन्होंने बताया कि मुख्यालय की तरफ से आदेश आया है कि राज्य के प्रतिष्ठित और जनप्रतिनिधियों के लिए स्पेशल जेल बनाया जाए और उस जेल में एसी सोफा टीवी की व्यवस्था होगी, जहां पर बड़े आराम से सरकारी कर्मचारी और विधायक उसके साथ-साथ नेता लोग भी वहां आराम से रह पाएंगे। चाय कॉफी के साथ साथ अच्छी खाने की भी व्यवस्था हो कि वो बिल्कुल घर वाला फिल हो। यह व्यवस्था इस तर्ज पर हो कि घरवाला फील्ड यानी कि राज्य के सरकारी कर्मियों और जनप्रतिनिधियों को ऐसा नहीं लगे कि वह जेल में बैठे हुए बल्कि उन्हें ऐसा लगे कि वह फाइव स्टार होटल में है।
ठीक इसके उलट गरीब लोगों को अगर शराब पीते पकड़ा जाने पर उसके दरवाजे पर लिखा जायेगा कि मैं पियक्कड़ हूं। जिससे इन पियक्कड़ लोगों के बातें में समाज के सभी लोगों को इस बात का पता चल जाए कि अमुक व्यक्ति शराबी है और इसके पीछे की मंशा भी यही है कि समाज में उसकी इज्जत नहीं मिल पाए कि अमुक व्यक्ति शराब पीता है उससे बातचीत करना छोड़ दें और देश के साथ सरकार को बदनामी ना हों। कुल मिलाकर इन लोग शराब पीना छोड़ दें।
ठीक इसके उलट गरीब लोगों को अगर शराब पीते पकड़ा जाने पर उसके दरवाजे पर लिखा जायेगा कि मैं पियक्कड़ हूं। जिससे इन पियक्कड़ लोगों के बातें में समाज के सभी लोगों को इस बात का पता चल जाए कि अमुक व्यक्ति शराबी है और इसके पीछे की मंशा भी यही है कि समाज में उसकी इज्जत नहीं मिल पाए कि अमुक व्यक्ति शराब पीता है उससे बातचीत करना छोड़ दें और देश के साथ सरकार को बदनामी ना हों। कुल मिलाकर इन लोग शराब पीना छोड़ दें।
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