भारत सरकार SAIL की अपनी हिस्सेदारी बेचेगी
भारत पेट्रोलियम, भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के बाद मोदी सरकार ऑफर फॉर सेल (ओएफएस) के जरिए स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया (सेल) में अपनी पांच फीसदी हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रही है. इससे सरकारी खजाने को 1,000 करोड़ रुपये मिलने की संभावना है. एक अधिकारी ने इस बात की जानकारी दी. डिपार्टमेंट ऑफ इंवेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट (दीपम) और इस्पात मंत्रालय के अधिकारियों ने सेल में हिस्सेदारी बेचने के लिए सिंगापुर और हांगकांग में रोडशो करने की योजना बनाई है.
चालू वित्त वर्ष में हो सकती है बिक्री : सरकार की कोशिश चालू वित्त वर्ष में सेल में अपनी हिस्सेदारी बेचने पर होगी क्योंकि उसकी नजर चालू वित्त वर्ष में 65,000 करोड़ रुपये के संशोधित विनिवेश लक्ष्य तक पहुंचने की है. सीपीएसई में हिस्सेदारी की बिक्री के जरिए चालू वित्त वर्ष में अब तक 34,000 करोड़ रुपये जुटाए गए हैं. मार्च के आखिर तक शेष 31,000 करोड़ रुपये जुटाया जाना है.
वित्त वर्ष 2020-21 के लिए सरकार ने सीपीएसई में हिस्सेदारी की बिक्री से 1.20 लाख करोड़ रुपये जमा करने का लक्ष्य रखा है. इसे साथ ही सरकार गार्डन रिच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (जीआरएसई) की 10 फीसदी हिस्सेदारी भी बेचने की योजना बना रही है. जीआरएसई में सरकार की 74.50 प्रतिशत की हिस्सेदारी है. र्तमान मार्केट वैल्यू के हिसाब से इससे सरकार को करीब 200 करोड़ रुपये मिल सकते हैं.
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