रविवार दिनांक 16 जून 2024 को एस एन बैंकट हॉल गायघाट पटना में बिहार राज्य व्यवहार न्यायालय कर्मचारी संघ का कार्यकारणी की बैठक श्री राजेश्वर तिवारी की अध्यक्षता में संपन्न हुआ जिसमें बिहार राज्य व्यवहार न्यायालय कर्मचारी संघ के पदाधिकारी के साथ-साथ सैंकड़ों की संख्या में सभी जिला से आए हुए अध्यक्ष एवं सचिव के अलावा प्रतिनिधिगण शामिल हुए और अपनी चार सूत्री मांगों की पूर्ति हेतु न्यायालय के कर्मचारीगण 1 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल , सामूहिक अवकाश पर जाने के संबंध में विस्तृत रूप चर्चा हुआ और जिला के प्रतिनिधिगण द्वारा अपनी अपनी प्रतिक्रिया दी गई।
सर्वप्रथम अध्यक्ष श्री राजेश्वर तिवारी के द्वारा सभी जिलों से आए हुए प्रतिनिधियों का स्वागत किया गया उसके बाद बिहार राज्य व्यवहार न्यायालय कर्मचारी संघ के महामंत्री श्री सत्यार्थ सिंह ने राज्य संघ के द्वारा विगत दिनों में किए गए कार्यवाही माननीय मुख्य न्यायाधीश महोदय उच्च न्यायालय पटना के द्वारा दिए गए आश्वासन एवं विधि सचिव की अध्यक्षता में राज्य सरकार के साथ 29.05. 2024 को की बेतन विसंगती के निवारण हेतु बैठक में विस्तार से चर्चा की गई और उन्हें सारी बातों से अवगत कराया गया साथ ही साथ संघ के संरक्षक श्री अवधेश तिवारी जी के द्वारा दिनांक 29 मई 2024 को बैठक में राज्य संघ के द्वारा सरकार के समक्ष रखी गई बातों से अवगत कराया गया एवं संघ के संयोजक श्री अश्वनी कुमार के द्वारा प्रत्येक बिंदु पर प्रकाश डालते हुए सभी जिला से आए हुए प्रतिनिधियों ने भी अपनी बात रखी।
सर्वप्रथम औरंगाबाद व्यवहार न्यायालय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष श्री श्रीकांत जी के द्वारा अपनी बात रखी गई उसके बाद फिर गोपालगंज से श्री अजय कुमार, किशनगंज से श्री अजय कुमार, शिवहर से अरविंद कुमार, बांका से श्री संतोष कुमार, हाजीपुर से पवन कुमार नवादा से श्री सुभाष कुमार शर्मा, मोतिहारी से श्री राज प्रकाश जी, भभुआ से श्री प्रदीप कुमार पाडे, आरा से श्री निक्क जी, मुंगेर से आनन्द दुबे जी, बक्सर से राकेश कुमार अखौरी जी, बेतिया से ऑमतेश झा, सहरसा से शौश जी द्वारा एक मत से 1 जुलाई से हड़ताल का समर्थन किया गया एवं कहां गया कि माननीय उच्च न्यायालय द्वारा बार बार निर्देश के बावजूद राज्य सरकार के द्वारा अब तक कोई भी कार्यवाही नहीं की गई है पूरे राज्य के व्यवहार न्यायालय के कर्मचारियों के वेतन विसंगति का निराकरण नहीं किया जा रहा है जबकि व्यवहार न्यायालय कर्मचारी संघ के द्वारा सारी प्रतिक्रिया अपनाई जा चुकी हैं फिर भी राज्य सरकार द्वारा कोई कार्यवाही नही कर रही है अब एकमात्र विकल्प हड़ताल या सामूहिक अवकाश ही बचा है और हम सभी जिला के कर्मचारीगण हड़ताल का समर्थन क्रते हैं अतः हम सभी जिलों के कर्मचारी गण 1 जुलाई से अपनी मांगों की पूर्ति होने तक हड़ताल / सामूहिक अवकाश पर जाना चाहिए ।
वही कुछ जिलों के कर्मचारीगण जैसे खगड़िया से श्री संजीत कुमार मिश्रा जी, दरभंगा से श्री उमेश जी, बेगूसराय से श्री संजीव कुमार शाहिद जी, पूर्णिया से श्री महेश जी, कटिहार से मनीष जी, समस्तीपुर से मनोज कुमार, सीतामढ़ी से आशीष कुमार जी, जमुई से श्री हेमंत कुमार जी. मधुबनी से आदित्य जी. शेखपुरा से कुमार अजय जी, नवादा से सुशील कुमार, रोहतास सासाराम से श्री दिनेश कुमार जी, पटना से संजीव कुमार, भागलपुर से विजय कुमार, तथा गया से अभिषेक कुमार के द्वारा परिस्थिति के अनुसार निर्णय लेने हेतु राज्य संघ को अधिकृत किया गया।
इस बैठक में निर्णय लिया गया कि माननीय उच्च न्यायालय पटना के स्थायी समिति के अनुसंशा एवं न्यायिक आदेश के बाबजूद न्यायालय कर्मचारी वर्षों से वेतन विसंगति का निवारण नही कर रही हैं और वर्ग 3/4 के कर्मचारियों को पदोन्नति नहीं मिल रहा है। और साथ ही असामयिक कालक्लवित होने वाले कर्मचारियों के आश्रितों को अनुकपा के आधार पर नियुक्ति नहीं हो रहा है। जिसका लिखित प्रतिवेदन कभी माननीय उच्च न्यायालय पटना तो कभी बिहार सरकार के कार्यालय में संबंधित पदाधिकारी महोदय से मिलकर लिखित एवं मौखिक अनुरोध किया जाता रहा है जिसपर पदाधिकारी महोदय के द्वारा बार बार एक ही आश्वाशन दिया जाता है कि आप लोगो के मामले पर कार्यवाही / विचार किया जा रहा है। जिसके कारण कर्मचारियो में बार बार आश्वासन दिये जाने के कारण निराशा एवं आक्रोश की भावना जागृत हो गई है। इसलिए मुख्य न्यायधीश महोदय इस पर यथा शीघ्र संबंधित पदाधिकारी को निर्देश दिया जाना चाहिए ।
सर्वप्रथम औरंगाबाद व्यवहार न्यायालय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष श्री श्रीकांत जी के द्वारा अपनी बात रखी गई उसके बाद फिर गोपालगंज से श्री अजय कुमार, किशनगंज से श्री अजय कुमार, शिवहर से अरविंद कुमार, बांका से श्री संतोष कुमार, हाजीपुर से पवन कुमार नवादा से श्री सुभाष कुमार शर्मा, मोतिहारी से श्री राज प्रकाश जी, भभुआ से श्री प्रदीप कुमार पाडे, आरा से श्री निक्क जी, मुंगेर से आनन्द दुबे जी, बक्सर से राकेश कुमार अखौरी जी, बेतिया से ऑमतेश झा, सहरसा से शौश जी द्वारा एक मत से 1 जुलाई से हड़ताल का समर्थन किया गया एवं कहां गया कि माननीय उच्च न्यायालय द्वारा बार बार निर्देश के बावजूद राज्य सरकार के द्वारा अब तक कोई भी कार्यवाही नहीं की गई है पूरे राज्य के व्यवहार न्यायालय के कर्मचारियों के वेतन विसंगति का निराकरण नहीं किया जा रहा है जबकि व्यवहार न्यायालय कर्मचारी संघ के द्वारा सारी प्रतिक्रिया अपनाई जा चुकी हैं फिर भी राज्य सरकार द्वारा कोई कार्यवाही नही कर रही है अब एकमात्र विकल्प हड़ताल या सामूहिक अवकाश ही बचा है और हम सभी जिला के कर्मचारीगण हड़ताल का समर्थन क्रते हैं अतः हम सभी जिलों के कर्मचारी गण 1 जुलाई से अपनी मांगों की पूर्ति होने तक हड़ताल / सामूहिक अवकाश पर जाना चाहिए ।
वही कुछ जिलों के कर्मचारीगण जैसे खगड़िया से श्री संजीत कुमार मिश्रा जी, दरभंगा से श्री उमेश जी, बेगूसराय से श्री संजीव कुमार शाहिद जी, पूर्णिया से श्री महेश जी, कटिहार से मनीष जी, समस्तीपुर से मनोज कुमार, सीतामढ़ी से आशीष कुमार जी, जमुई से श्री हेमंत कुमार जी. मधुबनी से आदित्य जी. शेखपुरा से कुमार अजय जी, नवादा से सुशील कुमार, रोहतास सासाराम से श्री दिनेश कुमार जी, पटना से संजीव कुमार, भागलपुर से विजय कुमार, तथा गया से अभिषेक कुमार के द्वारा परिस्थिति के अनुसार निर्णय लेने हेतु राज्य संघ को अधिकृत किया गया।
इस बैठक में निर्णय लिया गया कि माननीय उच्च न्यायालय पटना के स्थायी समिति के अनुसंशा एवं न्यायिक आदेश के बाबजूद न्यायालय कर्मचारी वर्षों से वेतन विसंगति का निवारण नही कर रही हैं और वर्ग 3/4 के कर्मचारियों को पदोन्नति नहीं मिल रहा है। और साथ ही असामयिक कालक्लवित होने वाले कर्मचारियों के आश्रितों को अनुकपा के आधार पर नियुक्ति नहीं हो रहा है। जिसका लिखित प्रतिवेदन कभी माननीय उच्च न्यायालय पटना तो कभी बिहार सरकार के कार्यालय में संबंधित पदाधिकारी महोदय से मिलकर लिखित एवं मौखिक अनुरोध किया जाता रहा है जिसपर पदाधिकारी महोदय के द्वारा बार बार एक ही आश्वाशन दिया जाता है कि आप लोगो के मामले पर कार्यवाही / विचार किया जा रहा है। जिसके कारण कर्मचारियो में बार बार आश्वासन दिये जाने के कारण निराशा एवं आक्रोश की भावना जागृत हो गई है। इसलिए मुख्य न्यायधीश महोदय इस पर यथा शीघ्र संबंधित पदाधिकारी को निर्देश दिया जाना चाहिए ।