Tuesday, 31 August 2021

आपकी एक बोट की ताकत और भारत की बदलती तस्वीर

 

देशभर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का त्यौहार धूमधाम से मनाया गया ! देश की राजधानी दिल्ली में भी कृष्ण जन्माष्टमी की धूम है। हालांकि दिल्ली में कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए निवारक उपायों के तहत इस साल जन्माष्टमी के मौके पर भक्तों को धार्मिक स्थलों पर जाने की अनुमति नहीं है।


जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से वहां काफी कुछ बदल गया है। श्री कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर कश्मीर के प्रसिद्ध लाल चौक पर कुछ अलग ही नजारा देखने को मिला। दो साल के अंतराल के बाद कश्मीरी पंडितों ने सोमवार को यहां भगवान कृष्ण का जन्मदिन मनाने के लिए जन्माष्टमी जुलूस निकाला गया। इससे पहले यही लाल चौक स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर तिरंगे की रंग-बिरंगी रोशनियों से नहाया हुआ था। 


अधिकारियों ने बताया कि कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच जुलूस शहर के हब्बा कदल इलाके के गणपतियार मंदिर से शुरू हुआ और बरबरशाह के क्रालखुद से होते हुए ऐतिहासिक लाल चौक स्थित घंटाघर तक पहुंचा। उन्होंने कहा कि जुलूस अमीरकदल पुल को पार कर जहांगीर चौक से गुजरा और मंदिर लौट आया। पुरुषों, महिलाओं और बच्चों सहित भक्तों ने रथ के साथ नृत्य किया और लोगों के बीच मिठाई बांटी।

 लाल चौक में सोमवार को कृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर झांकियां निकाली गईं और उन झांकियों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं। बता दें कि कश्मीरी पंडितों ने दो साल के अंतराल के बाद यहां भगवान कृष्ण का जन्मदिन मनाने के लिए जन्माष्टमी जुलूस निकाला।


वर्षों के अंतराल के बाद जम्मू और कश्मीर के लाल चौक पर श्रद्धालुओं ने कृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव मनाया ! इस दौरान लोग भगवान की भक्ति में डूबकर नाचते भी नजर आए ! लोगों ने हाथी घोड़ा पालकी-जय कन्हैया लाल की नारे भी लगाए !

लोकतंत्र में आपकी एक वोट की ताकत क्या होती है ! शायद आपको पता हो, लेकिन जिस तरह से जम्मू कश्मीर के श्रीनगर शहर में पहले अलगाववादियों तथा आतंकवादियों के द्वारा दहशत मचाया जा रहा था, उसे धारा 370 हटाने के बाद बिल्कुल बदल गया है कश्मीर में अपना संविधान था , अपना झंडा था और साथ में दहशत का आतंक ! लेकिन आप की एक वोट की ताकत ने कश्मीर के श्रीनगर शहर के लाल चौक पर जहां तिरंगा झंडा फहराने तक भी विरोध होता था वहीं श्री जन्म कृष्ण अष्टमी के अवसर पर कल सोमवार को श्री कृष्ण भगवान का शोभायात्रा निकाला गया !

 कश्मीरी पंडितों ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सोमवार को दो साल के लंबे अंतराल के बाद भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव पर धूम-धाम से यात्रा निकाली. टंकी पोरा हब्बा कदल में स्थित इस्कॉन मंदिर के श्रद्धालुओं ने श्रीनगर के लाल चौक स्थित घंटाघर पर धूमधाम से भगवान की शोभा यात्रा निकाली! 

जम्मू और कश्मीर के लाल चौक पर श्रद्धालुओं ने भगवान कृष्ण की भव्य झांकी निकाली. बड़ी संख्या में इस कार्यक्रम में कश्मीरी पंडित शामिल हुए. कभी लाल चौक पर तिरंगा झंडा भी लेकर जाना मुश्किल था लेकिन कृष्ण जन्मोत्सव पर श्रद्धालु भक्ति-भजन के बीच नाचते नजर आए !

इस शोभा यात्रा में हरे रामा हरे कृष्णा संस्था के अनुयायियों ने भगवान कृष्ण का गुणगान करते हुए पूरे कश्मीर में माहौल को भक्तिमय बना दिया। भगवान श्री कृष्ण की शोभायात्रा कश्मीर के जिस-जिस बाजार से गुजरती गई वहां मौजूद लोगों ने दिल से उनका स्वागत किया। कश्मीरी पंडित राकेश रैना ने कहा कि आज वह शोभा यात्रा में शामिल होने पर स्वयं को काफी सौभाग्यशाली मानते हैं। कश्मीर में देर से ही सही लेकिन अब माहौल धीरे-धीरे बदल रहा है।शोभा यात्रा श्रीनगर के हब्बाकदल स्थित गणपथेयार मंदिर से निकली और शहर के सभी प्रमुख बाजारों से होते हुए संपन्न हुई।

कश्मीरी पंडितों ने आज जन्माष्टमी के मौके पर लाल चौक से शोभा यात्रा निकाली जो प्रमुख बाजारों से होते हुए श्रीनगर शहर में गुजरी। इस दौरान सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किए गए थे। स्थानीय लोगों ने भी शोभा यात्रा का स्वागत किया और इसे नए कश्मीर के लिए एक शुभ संकेत बताया।

श्रद्धालुओं में से एक वरिष्ठ नागरिक ने कहा कि दो साल बाद उन्हें श्रीनगर में जन्माष्टमी का जुलूस निकालने की अनुमति मिली। कोविड-19 के कारण 2020 में कोई जुलूस नहीं निकाला गया था, जबकि अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को निरस्त करने के मद्देनजर लगाए गए लॉकडाउन के कारण इस आयोजन को रद्द कर दिया गया था। देखकर मन प्रफुल्लित हो उठा लेकिन वर्तमान समय में भारत सरकार के अधीन कार्य जनता के सर पर निजीकरण,महंगाई,बेरोजगारी,शिक्षा व्यवस्था, स्वास्थ व्यवस्था व संवैधानिक अधिकार को तार तार करके इन सभी को दरकिनार करके यह सब कहा तक सही है।

आखिरकार सरकार के कोई भी मंत्री अथवा भाजपा शासित राज्य के मुख्यमंत्री इस मुद्दे पर अपना मुख क्यों मुड़ रहे है।


बीजेपी नेता शौर्य डोभाल ने भी ट्वीट किया. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को क्रेडिट देते हुए लिखा कि 1992 में जिस लाल चौक पर तिरंगा लहराना, जान का जोखिम माना जाता था, वहां लोग कृष्ण जन्माष्टमी की धूम मचा रहे हैं. उन्होंने कहा कि उसी जगह पर हिंदु समुदाय के लोग अपनी धार्मिक गतिविधियों को करने में सक्षम हैं. यह पीएम मोदी के कुशल नेतृत्व में भी संभव हो पाया है ! मेरा देश नया है, आगे बढ़ रहा है !